संस्कृत के छात्र -छात्राएं राष्ट्र की मुख्य धारा की तकनीकी प्रौद्योगिकी में भी योगदान दें रहे हैं

० योगेश भट्ट ० 
नयी  दिल्ली मध्य वर्गीय तथा खेतिहर समाज से जुड़ी संस्कृत विद्यालय स्तर की छात्रा साक्षी कटारिया (रतलाम) ,प्रतिज्ञा उपाध्याय (कटनी),मनु राजौरिया ( नर्मदापुरम),रानु मिश्रा((टीकम गढ़)तथा साक्षी पटेल (बालाघाट) को एक नामी आईटी कंपनी ने अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आधार पर चयनित किया है तथा एक वर्ष ट्रेनिंग के बाद इन बालिकाओं को पृथक पृथक रुप में सलाना 2.20 लाख रुपये का पैकेज मिलना सुनिश्चित हुआ है । यह समाचार भी संस्कृत परिवार के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है ।उन्होंने यह भी कहा कि समय आ गया है कि संस्कृत के छात्र -छात्राओं तथा इस भाषा के सभी अनुरागी देश के बहुमुखी विकास के संवाहक बनने के लिए सक्रिय रुप से आगे आएं क्योंकि राष्ट्र निर्माण में संस्कृत तथा इस भाषा के अनुरागियों का सदा ही महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है ।

कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी का मानना है कि संस्कृत में अद्भूत ऊर्जा है । सच्चे मन से पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को यह देववाणी विपुल प्रतिष्ठा तथा बहुआयामी जीवनवृत्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है । संस्कृत के छात्र छात्राएं न केवल पारंपरिक अपितु आधुनिक ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा के परचम को फहरा रहें हैं । यही कारण है कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड के सभी छात्रों को समान अवसर देने की बात मजबूत ढंग से रखी गयी है ।कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने कुछ दैनिक समाचार पत्रों में संस्कृत के छात्र - छात्राओं के द्वारा संस्कृत की कीर्ति पताका को फहराने के समाचार छपने पर अपना तोष जताते हुए यह उदगार अभिव्यक्त किया है । साथ ही साथ यह भी कहा कि गुरुकुल , संस्कृत विद्यालय , महाविद्यालय तथा संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र तथा छात्राएं देश की मुख्य धारा की तकनीकी प्रौद्योगिकी में भी अपना योगदान दें रहे हैं ।

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