आईआईटी बॉम्बे ने 1 करोड़ रुपये की स्टार्टअप सीड फंडिंग के साथ ई-यंत्र इनोवेशन चैलेंज लॉन्च किया

० योगेश भट्ट ० 
मुंबई :ई-यंत्र इनोवेशन चैलेंज (ईवाईआईसी) एक अनूठी वार्षिक प्रतियोगिता है जो छात्र टीमों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने और स्टार्टअप बनाने से पहले एमओओसी के माध्यम से महत्वपूर्ण कौशल में प्रशिक्षित करती है। इसे 2014 में शुरू किया गया था और इस साल ई-यंत्र इनोवेशन चैलेंज का 9वां साल है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान औसतन 2,000 छात्रों ने ई-यंत्र इनोवेशन चैलेंज में भाग लिया है।

समावेशी शहरी आधारभूत ढांचे के लिए समाधानों को तलाशने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे ने ई-यंत्र इनोवेशन चैलेंज (ईवाईआईसी 2022-23) लॉन्च किया है ई-यंत्र परियोजना की फंडिंग भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से की गई है और इसका आयोजन आईआईटी बॉम्बे के सीएसई विभाग में किया जाता है। इस वर्ष का थीम शहरी समावेशन और कृषि की मदद के लिए स्थायी और उन्नत तकनीकें (सस्टेनेबल एंड एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज फॉर हेल्पिंग अर्बन इनक्लूसिविटी एंड एग्रीकल्चर) है। यहां समावेशन का मतलब विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) की जरूरतों को पूरा करना है, जो हमारी आबादी का लगभग 2.2% (30 मिलियन लोग) हैं, लेकिन उन्हें अपेक्षाकृत कम समावेशी शहरी क्षेत्रों की वजह से पीछे रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

ई-यंत्र एक रोबोटिक्स पहुंच कार्यक्रम है जो युवा इंजीनियरों को तकनीक का उपयोग करके समस्याओं को हल करने में मदद करता है। यह एक परियोजना आधारित सीख (पीबीएल) दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए एक व्यावहारिक और अभ्यास के जरिए सीखने का अनुभव प्रदान करके पारंपरिक शिक्षा की मदद करता है। ई-यंत्र के विशेषज्ञ गाइड वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए युवा प्रतिभागियों की क्षमता को निखारने का काम करते हैं।

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