सैनिकों के कल्याणार्थ प्रदेश में 7 दिसम्बर तक एक माह चलेगा धन-संग्रह पर्व

० आशा पटेल ० 
जयपुर ।'डिजिटल इंडिया अभियान' के तहत नागरिक अब पूर्ण रूप से सुरक्षित रूप में अपनी धनराशि पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिजनों के लिए स्वेच्छा से सहयोग कर सकेंगें। उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सहयोग राशि से पूर्व सैनिकों, विधवाओं एवं उनके आश्रितों की देखभाल के लिए प्रभावी स्तर पर कार्य होगा। उन्होंने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए आम जन को हर संभव सहयोग का आह्वान भी किया।
राज्यपाल और सैनिक कल्याण विभाग के संरक्षक कलराज मिश्र ने राजभवन में पूर्व सैनिकों की सहायतार्थ धन सहयोग के लिए निर्मित क्यूआर कोड स्कैन कर अपनी ओर से उसमें धनराशि स्थानांतरित कर इसकी शुरुआत की। प्रदेश में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों की सहायता के लिए अब आम जन क्यूआर कोड स्कैन कर डिजिटल रूप में धनराशि का सहयोग कर सकेंगें। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल  मिश्र ने कुछ समय पहले ही सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्देश दिए थे कि सैनिक कल्याण विभाग और अमलगमटेड फण्ड के स्तर पर प्रभावी सूचना तंत्र का विकास किया जाए ताकि शहीदों एवं पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता की जानकारी दूर-दराज के क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को अधिकाधिक हो सके। इसी संदर्भ में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा क्यूआर कोड निर्मित कर प्रदेश में यह पहल की गयी है।

राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह जसोल ने बताया कि देशभर में 7 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर सशस्त्र सेना के प्रतीक चिन्ह झंडे को बांट कर पूर्व सैनिको की सहायतार्थ धन संग्रह किया जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इसी संदर्भ में सोमवार से 7 दिसम्बर 2022 तक एक माह का धन-संग्रह पर्व मनाये जाने की पहल हुई है। इसके तहत राज्य के हरेक जिले में आम जन को प्रेरित कर पूर्व सैनिकों के कल्याणार्थ सहायता राशि एकत्रित की जाएगी। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर बी.एस.राठौड़, बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख मनोज गुप्ता सहित सैनिक कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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