सर्जरी के बिना बंद फैलोपियन ट्यूब का आयुर्वेदिक उपचार

० नूरुद्दीन अंसारी ० 
डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि इंफर्टिलिटी का इलाज हर्बल दवाई और पंचकर्मा से किया जाता है। आयुर्वेद में उत्तरबस्ती चिकित्सा पंचकर्म पद्धति की सबसे बेहद लाभकारी है। उत्तर बस्ती थेरेपी (Uttar Basti) पंचकर्म की बढ़िया चिकित्सा विधि है। आयुर्वेद में बिना किसी चीर-फाड़ के इस विधि से फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने पर ठीक किया जाता है। उत्तर बस्ती में योनी के जरिए यूटरस और फैलोपियन ट्यूब में औषधीय तेल और हर्बस डाला जाते है। इस थेरेपी के समय महिला को किसी प्रकार से कोई दर्द नहीं होता और नेचुरल तरीके से फैलोपियन ट्यूब भी खुल जाती है। साथ ही आईवीएफ और लैप्रोस्कोपी के मुकाबले में उत्तर बस्ती में कम खर्च आता है और सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी सफलता दर भी आईवीएफ के मुकाबले ज्यादा है।
आज के समय में एक महिला के लिए प्रेगनेंट होना काफी मुश्किल हो गया है। आकड़ों के अनुसार, हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही हैं। कुछ महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है, जिसकी वजह से उनको कंसीव करने में दिक्कत आती है। ऐसी हालात का सामना कर रही थी दिल्ली की रहने वाली शालिनी, जिसकी शादी के दस साल बाद भी मां बनने की इच्छा पूरी नहीं हो पाई। शालिनी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या से पीड़ित थी, जिसकी कारण गर्भधारण में परेशानी आ रही थी। तीन महीने तक चली आयुर्वेदिक पद्धति से बिना सर्जरी के गर्भाशय की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का सफल इलाज किया गया है।

आशा आयुर्वेदा क्लिनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा के मुताबिक साल 2020 में कई डॉक्टरों ने शालिनी को टेस्ट ट्यूब बेबी की सलाह दी थी। इसके कुछ महीनों के बाद फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का पता चला, लेकिन वह उस समय हैरान रह गई जब निजी अस्पतालों के डॉक्टर ने उसे लेप्रोस्कोपी सर्जरी की सलाह दी गई। साथ ही इस पर करीब एक लाख रुपये तक का खर्च बताया गया था। इसके बावजूद ठीक होने की गारंटी नहीं थी। ऐसे में वह यूट्यूब के माध्यम से यहां के आयुर्वेदिक क्लिनिक पहुंची। यहां तीन महीने चलाए गए उपचार और थेरेपी के बाद बिना सर्जरी के ही सभी रिपोर्ट नार्मल आई है, जिसके बाद अब शालिनी के मां बनने का सपना पूरा हो होगा। दूसरी ओर शामनी ने सफल इलाज पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों का बहुत तहे दिल से आभार जताया है।

आयुर्वेदिक क्लिनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा ने बताया कि फैलोपियन ट्यूब ऐसी दो नलियां होती हैं जो गर्भाशय से अंडाशय में जाकर मिलती हैं, अगर किन्हीं कारणों से इन नलिकाओं में बाधा आती है, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को संतान सुख से प्राप्ति से वंचित होते है। उन्होंने बताया कि ट्यूब ब्लॉकेज का मुख्य कारण पेट में सूजन, पिछली सर्जरी, किसी तरह का इन्फेक्शन, हार्मोन की गड़बड़ी या किसी कारणवश गर्भपात भी हो सकता है। डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या को बहुत बड़ा न समझे। जैसे एलोपेथी साइंस में आईवीएफ एक रास्ता है वैसे आयुर्वेद में भी नेचुरल ट्रीटमेंट संभव है। इस समस्या से घबराना नहीं चाहिए क्योंकि सही समय पर सही तरीकों से समस्या को पहचान लिया जाए तो बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

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