युवाओं को तम्बाकू से बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण है तम्बाकू विक्रेताओं के लिए लाइसेंस

० आशा पटेल ० 
जयपुर - तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत  एस.आर.के.पी.एस., राजस्थान एवं पान यूनियनो के संयुक्त तत्वाधान में तंबाकू मुक्त युवा पीढ़ी बनाने में तम्बाकू विक्रेताओं की भूमिका व वेंडर लाइसेंस प्रणाली लागू करने के लिए समीक्षा बैठक की गई जिसमें जयपुर पान मर्चेंट यूनियन, दी राजस्थान पान मर्चेंट यूनियन व पिंकसिटी पान यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

जयपुर पान मर्चेंट यूनियन के प्रधान पवन शर्मा ने बताया कोटपा 2003 कानून की पालना यूनियन के सदस्यों द्वारा शत-प्रतिशत की जा रही है मगर जो अनाधिकृत तंबाकू की दुकानें हैं उनके द्वारा कोटपा-2003 की पालना नहीं की जा रही है। साथ ही यूनियन अध्यक्ष रमेशचंद्र तंबोली ने बताया तंबाकू बिक्री के लिए वेंडर लाइसेंस होता है तो अच्छा प्रयास होगा साथ ही अनाधिकृत दुकाने बंद हो जाएंगी और किराना की दुकानों सहित दुग्ध डेयरीओ से तंबाकू की बिक्री पर रोक लगेगी जिससे तंबाकू बिक्री को नियंत्रित किया जा सकता है व युवा पीढ़ी की पहुँच तम्बाकू तक नहीं होगी।

पिंकसिटी पान मर्चेंट यूनियन के अध्यक्ष गुलाबचंद खोड़ा ने बताया अगर राजस्थान में वेंडर लाइसेंस प्रणाली लागू होती है तो अन्य जगह जैसे रिक्शा, साइकिल व अस्थायी दुकानों पर भी तम्बाकू बिकने पे रोक लगेगी। यह दुकाने कोटपा-2003 कानून की पालना भी नहीं करती हैं। साथ ही उन्होंने बताया की 2017 में भारत सरकार द्वारा तम्बाकू बिक्री के लिए लाइसेंसिंग प्रणाली लागू करने के लिए आदेशित किया गया था लेकिन राजस्थान में कहीं भी वेंडर लाइसेंस नहीं दिए गए हैं। दी राजस्थान पान मर्चेंट यूनियन के अध्यक्ष गोपाल ने सभी वक्ताओ की बातों से सहमत होते हुए कहा को नाबालिकों को तम्बाकू ना बेचना हमारी प्राथमिकता है व यूनियन से जुड़े सभी विक्रेता नाबालिकों को किसी प्रकार की बिक्री नहीं करते है साथ ही ई सिगरेट जैसे उत्पाद भी नहीं रखते हैं।

राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष व विषय विशेषज्ञ डॉ राकेश गुप्ता ने बताया तंबाकू से युवा पीढ़ी को बचाने के लिए वेंडर लाइसेंस प्रणाली जरूरी है व इससे हम स्वस्थ युवा पीढ़ी का निर्माण कर सकते हैं। एस.आर.के.पी.एस. से राजन चौधरी ने तम्बाकू विक्रेताओं को लाइसेंस की जरूरत बताते हुए कहा की वर्तमान में तम्बाकू कम्पनीया विक्रेताओं के माध्यम से कानून का उल्लंघन करती है जीससे विक्रेताओं को वित्तीय नुकसान होता और कोर्ट तक भी जाना पड़ता है अतः तम्बाकू कम्पनीयों की मनमानी खत्म करने के लिए यह कारगर कदम होगा। अंत में संस्था के प्रोग्राम मैनेजर हिरेन्द्र कुमार द्वारा पीपीटी के माध्यम से कोटपा-2003 कानून की जानकारी दी गई

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