बाजरा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रामबाण - मुरारी लाल मीणा

० आशा पटेल ०
 जयपुर -पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्रालय के साथ मिलकर मिलेट - बाजरा के प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए नियाम में संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुरारी लाल मीणा, राज्य मंत्री, राजस्थान कृषि विपणन विभाग, राजस्थान सरकार ने इस अवसर पर बताया की राजस्थान मिलेट - बाजरा के उत्पादन में देश प्रथम स्थान पर आता है। बाजरा राज्य में एक परंपरागत खाद्य के रूप में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से रोटी, राबड़ी एवं अन्य व्यंजनों के माध्यम से खाया जा रहा है तथा इसमें व्याप्त विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों यथा जिंक, आयरन, प्रोटीन एवं फाइबर इत्यादि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होते हैं। 

कोरोना के बाद स्वास्थ्य एक प्राथमिकता के रूप में देखा जा रहा है तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के विभिन्न प्रयासों पर लोगों का ध्यान केंद्रित है ताकि बिमारियों से बचा जा सके। कोरोना के वक्त ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रभाव मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार इत्यादि के प्रचलन के कारण देखा गया। राज्य सरकार बाजरे के उत्पादन एवं प्रसंस्करण के लिए प्रतिबद्ध है तथा कृषि विपणन विभाग ने राज्य में 100 बाजरा प्रसंस्करण इकाइयां लगाने का महत्वकांशी लक्ष्य रखा है जिसके तहत ऐसी इकाइयों को 50 लाख प्रति इकाई तक का वित्तीय अनुदान देने का निर्णय लिया गया है ताकि इस क्षेत्र में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिले ताकि बाजरे आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन बढे एवं लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके, श्री मीणा ने बताया। राज्य में मिलेट मिशन की स्थापना की जा चुकी है तथा इसपर आगामी समय में त्वरित गति से कार्य करने की योजना है 

जिसके लिए मीणा ने औद्योगिक जगत एवं अन्य संगठनों के सहयोग का आवाहन किया। उन्होंने बताया की मिलेट -बाजरे की खूबियों के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इनकी मांग व प्रचलन बढ़ा है तथा संयुक्त संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है एवं इस दौरान उनका विभाग भी इस विषय पर सक्रीय रूप से विभिन्न नवाचारों एवं कार्यक्रमों के द्वारा कार्य करेगा।

इस अवसर पर दिग्विजय ढाबरिया, अध्यक्ष, पीएचडी चैम्बर राजस्थान ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए उन्हें आश्वासन दिया की पीएचडी चैम्बर इस क्षेत्र में मिलेट मिशन के क्रियान्वयन एवं मिलेट -बाजरे पर आधारित 100 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लखसय को पूरा करने के लिए अपनी सक्रीय भागीदारी एवं सहयोग देने हेतु कृषि विभाग के साथ विभिन्न प्रकार के संगोष्ठियों, निवेश आकर्षित करने हेतु कार्यक्रमों एवं अन्य नवाचारों के माध्यम से कार्य करता रहेगा। ताकि राज्य में निवेश एवं रोजगार की संभावनाएं बढे तथा मिलेट एवं उस पर आधारित पदार्थों का राज्य से निर्यात को बढ़ाया जा सके एवं किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

 विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए रामअवतार मीणा निदेशक, एकीकृत बाल विकास सेवा निदेशालय, राजस्थान सरकार ने मिलेट-बाजरा एवं इस पर आधारित अन्य उत्पादों को विभाग की बच्चों एवं महिलाओं तथा राज्य में स्थित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ियों में प्रचिलित विभिन्न पोषाहार योजनाओं में सम्मलित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा की इससे निश्चित रूप से महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। मीणा ने बताया की उनके विभाग की इस सन्दर्भ में कई संवेदीकरण संगोष्ठियों एवं कार्यक्रम करने की योजना है।

कार्यक्रम में भाग लेते हुए डॉ. रमेश मित्तल, निदेशक, राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, डॉ. ए एस बलोदा, निदेशक, राजस्थान कृषि अनुसन्धान संस्थान, डॉ. सत्येन यादव, अध्यक्ष, हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, एमी लाल मीणा, आर्गेनिक फ़ूड एक्सपोर्टर, डाइटिशियंस, डॉक्टर्स एवं कृषि वैज्ञानिकों ने बाजरे की उन्नत किस्म के उत्पादन एवं उत्पादकता एवं मूल्य संवर्धन, सप्लाई चेन सिस्टम , स्टार्टअप्स की संभावनाओं डाइबिटीज़, हृदय रोग एवं मोटापा जैसी बिमारियों में बाजरे की उपयोगिता इत्यादि विषयों पर चर्चा की एवं प्रकाश डाला।

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