खेसारी लाल यादव और लाल बाबू पंडित की फिल्म "फ़रिश्ते" की डबिंग पूरी

० संवाददाता द्वारा ० 
मुंबई -भोजपुरी फिल्मो के निर्देशक लाल बाबू पंडित और सुपर स्टार खेसारीलाल यादव जब – जब साथ में कोई फ़िल्म लेकर आएं हैं, तब तब भोजपुरी बॉक्स ऑफिस पर धमाल देखने को मिला है। एक बार फिर से दोनों की जोड़ी एक खूबसूरत फ़िल्म ‘फरिश्ते’ लेकर आ रहे है। इस फ़िल्म की पूरी शूटिंग यूपी की राजधानी लखनऊ में हुई है। फ़िल्म की डबिंग मुंबई के ऑडियो लैब में खेसारी लाल यादव ने पूरी कर लिया है। फ़िल्म ‘फरिश्ते’ को लेकर लाल बाबू पंडित काफी रोमांचित हैं। उन्होंन अपनी फिल्म में अपने फेवरेट स्टार के अपोजिट नई अदाकारा मेघा श्री को इंट्रोड्यूस किया है। माना जाता है कि लाल बाबू पंडित की फिल्मों का एक सक्सेस मंत्र है कि वे अपनी हर फिल्म में नई फीमेल फेस लेकर आते हैं। वैसे लाल बाबू पंडित कहते हैं कि ‘फरिश्ते’ की कहानी नई है। नए ढंग से इसे बनाया है। अब तक की बनी मेरी सभी फिल्मों से यह अलग है। एक बार फिर खेसारीलाल यादव का जलवा हमारी फ़िल्म में दिखेगा। हमने अपनी फिल्म को लखनऊ में पूरी भव्यता के साथ शूट किया है। गाने भी एक से बढ़ कर एक होंगे। यह फिल्म साल 2023 में प्रदर्शित की जाएगी।
खेसारीलाल यादव ने भी कहा कि इंडस्ट्री में कई ऐसे निर्देशक हैं, जिनके साथ जब फिल्में करता हूँ तो आंख मूंद कर उन पर भरोसा कर लेता हूँ। ऐसे ही निर्देशक लाल बाबू पंडित हैं। अच्छे फ़िल्म मेकर हैं। लोगों की पसंद समझते हैं और सार्थक सिनेमा का निर्माण करते हैं। यूं कहूं तो वे खुद किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। हमारी फ़िल्म शानदार है। देखिएगा जरूर। निर्देशक लालबाबू पंडित मेरे साथ अभी तक सात फिल्मो का निर्देशन कर चुके है।  गंगोत्री स्टूडियो की बैनर से बनी फिल्म ‘फरिश्ते’ के निर्माता एस एस रेड्डी हैं। निर्देशक लालबाबू पंडित हैं।

 लेखक अरविंद तिवारी, हैं। डीओपी आर आर प्रिंस हैं। कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी हैं। संगीत कृष्णा बेदर्दी ,एक्शन दिलीप यादव का है। पीआरओ संजय भूषण पटियाला हैं। आर्ट रविन्द्र गुप्ता जी हैं। फ़िल्म में खेसारीलाल यादव के साथ मेघा श्री, पूजा गांगुली,अमित शुक्ला,श्रद्धा नवल ,खुसबु यादव, प्रकाश जैश, रिंकू भारती और सोनू पांडेय हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले