अल्पसंख्यकों के लिये बजट में उचित हिस्सा सुनिश्चित करे सरकार-जमाअते इस्लामी हिन्द

० आशा पटेल ० 
जयपुर - जमाअते इस्लामी हिन्द, राजस्थान की ओर से प्रदेश कार्यालय में राजस्थान सरकार के बजट-पूर्व चर्चा का आयोजन किया गया। चर्चा में प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन के अतिरिक्त प्रदेश महासचिव डॉ. मुहम्मद इक़बाल सिद्दीक़ी, प्रदेश सचिव नईम रब्बानी, सामाजिक कार्यकर्त्ता निदा हाशमी तथा जयपुर महिला सदन की अध्यक्ष डॉ. ज़ाहिदा शबनम ने भाग लिया। डॉ. ज़ाहिदा शबनम ने आश्वासन दिया कि वे अल्पसंख्यकों के मुद्दे सरकार तक पहुँचाएंगी। 

जमाअत के पदाधिकारियों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि राज्य के बजट में पिछले कई सालों से अल्पसंख्यकों के लिए आवंटित होने वाला बजट 0.06 से 0.09 प्रतिशत ही बना हुआ है जो उनकी जनसंख्या और आवश्यकताओं को देखते हुए बहुत कम है। जमाअत ने मांग की है कि आगामी बजट में इसे बढ़ाया जाए साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि स्वीकृत बजट का 100 प्रतिशत अल्पसंख्यकों के लिए ख़र्च किया जाए।

जमाअत ने मांग की कि मदरसों के आधुनिकीकरण पर समुचित ध्यान दिया जाए और उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये प्रयास किये जाएं तथा योग्य शिक्षकों को नियुक्त किया जाए ताकि मदरसों के विद्यार्थी धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर अन्य विद्यार्थियों के समकक्ष आ सकें। मदरसों में साफ़ सुथरे शोचालय तथा अन्य आधरभूत संरचनाओं (इंफ्रास्ट्रक्चर) की कमी को पूरा किया जाए साथ ही मदरसों में अकादमिक सहायता तथा निगरानी की उचित प्रक्रिया निर्धारित की जाए।

जमाअत ने मांग की कि जयपुर में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बनने वाले छात्रावास और कम्यूनिटी सेंटर के लिये ज़मीन का अलॉटमेंट शीघ्रातिशीघ्र किया जाए साथ ही जयपुर में ईसाई समुदाय कई वर्षों से क़ब्रिस्तान के लिये भूमि की मांग कर रहा है तथा अब स्थिति यह हो गई है कि शवों को दफनाने के लिये जगह नहीं बची है। तुरन्त प्रभाव से क़ब्रिस्तान के लिये ज़मीन अलॉट की जाए।

जमात ने सुझाव दिया है कि अल्पसंख्यक छात्र-वृत्ति योजना में निर्धारित छात्र-सीमा को समाप्त कर आवेदन करने वाले सभी छात्रों को छात्र-वृत्ति दी जाए। इसके साथ ही हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के लिए बंद की गई छात्रवृत्ति राज्य सरकार अपने बजट से प्रदान करे।

जमाअत ने अल्पसंख्यक छात्रों को कोचिंग हेतु छात्रवृत्ति आदि योजनाओं का व्यवस्थित रूप से क्रियान्वयन करने तथा फ्री कोचिंग योजना के लिये अच्छे कोचिंग संस्थानो ंकी सूची नये सिरे से बनाने और उसका प्रभावी ढंग से प्रचार करने की भी सलाह दी है। जमाअत ने राज्य में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के लिये उचित नीति बनाने और स्कूलों में उर्दू शिक्षकों सहित अल्पसंख्यकों से सम्बन्धित सभी विभागों में समस्त रिक्त पदों को तत्काल प्रभाव से भरने भी मांग की।

जमाअत ने मांग की कि केन्द्र सरकार की सूची में शामिल घुमंतू जातियों क़लंदर, मीरासी, फ़क़ीर आदि को राज्य सरकार की सूची में भी शामिल किया जाए ताकि ये लोग भी घुमंतू जातियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। राज्य में अल्पसंख्यक वित्त एवं सहकारी निगम को स्वरोज़गार करने वाले अल्पसंख्यकों/मुस्लिम लोगों तक पहुँच बढ़ाने के प्रयास करने चाहियें।

जमाअत ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि प्रदेश में साम्प्रदायिकता के मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए इस पर रोक लगाने के लिये प्रभावी उपाय किये जाएं तथा प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र बढ़ाने के लिये सरकारी स्तर पर कार्यक्रम बनाए जाएं तथा इसमें सामाजिक संगठनों एवं धर्मगुरुओं की भी सहायता ली जाए।

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