जयपुर में हुई बुलडोज़र करवाई

० आशा पटेल ० 
जयपुर।अशोक गहलोत सरकार का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ जब रीट (आरईईटी) परीक्षा पेपर लीक मामले में आरोपित और इसके कथित सरगना की सम्पत्ति के एक हिस्से को बुलडोजर से गिरा दिया गया | इस हिस्से में आरोपित का कोचिंग सेंटर चलता था। पीयूसीएल की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कानून के माध्यम से यह तय किए बिना कि क्या वह व्यक्ति किसी मामले में वाक़ई अपराधी है, कार्रवाई करना या जेडीए की नोटिस को चुनौती देने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने का मौका दिए बिना या अधिकारियों द्वारा सुने जाने के बिना किसी को दंडित करना, यह बताता है कि कार्यपालिका ख़ुद ही सुनवाई कर रही, फ़ैसला दे रही और फ़ैसले को लागू कर रही है |

हिसाब बराबर करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल, ‘इंसाफ़’ का दिखावा है और कानून का खुला उल्लंघन है | यही नहीं, संविधान की शपथ लेकर सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को इस तरह की मनमानी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती | आरोपी सुरेश ढाका के बारे में पीयूसीएल के पास कोई जानकारी नहीं है | हालांकि, हम पूछना चाहते हैं कि सर्विस रोड पर बिल्डिंग बनाने देने के लिए किस पर कार्रवाई की गई थी? जेडीए ने बिल्डिंग क्यों बनने दी? निरीक्षक और अन्य अधिकारी कहां थे? क्या उनके खिलाफ अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में चूक के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई? हम चाहते हैं कि पारदर्शिता बरती जाए और अवैध निर्माण होने देने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए|

राजस्थान सरकार ने उस कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी बेरहमी से निशाना बनाया है | उन्हें बिना संस्थान के सड़क पर ला खड़ा कर दिया गया है | उनका पैसे का नुकसान भी हुआ और वक़्त भी बर्बाद हुआ. उनके इस नुक़सान की भरपाई सरकार नहीं करेगी|

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