बाल लेखकों के लिए 'मुस्कान लिटफेस्ट फॉर चाइल्ड ऑथर्स' का आयोजन

० संवाददाता द्वारा ० 
नयी दिल्ली कानूनगो ने कहा, साहित्य समाज का दर्पण होता है। बाल लेखकों को साहित्य को बढ़ावा देने के लिए सही वातावरण और परवरिश प्रदान करना महत्वपूर्ण है, उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को सोशल मीडिया के बजाय लेखन और साहित्य में अधिक रुचि लेने की अत्यधिक जरूरत है।महानगर की गैर-लाभकारी संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से 'मुस्कान' पहल के तहत देश के कुछ प्रमुख सामाजिक , सांस्कृतिक, कॉर्पोरेट और साहित्यिक संगठन को लेकर पहली बार एक अनोखे साहित्य उत्सव 'मुस्कान लिटफेस्ट फॉर चाइल्ड ऑथर्स' का आयोजन किया गया। प्रभा खेतान फाउंडेशन और एजुकेशन फॉर ऑल ट्रस्ट के संयुक्त प्रयास से तीन दिवसीय इस साहित्यिक उत्सव का आयोजन दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) परिसर में किया गया।

इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ मुंजापारा महेंद्रभाई कालूभाई ने देश भर से इस कार्यक्रम में मौजूद 30 स्कूल जाने वाले युवा लेखकों के साथ बातचीत की। इस दौरान मंत्री ने कहा, 'मुस्कान', प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से एक ऐसा सुव्यवस्थित और विख्यात मंच हैं, जहां युवा प्रतिभाशाली लेखक अपने काम को प्रदर्शित कर अपना भविष्य और उज्वल कर सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने युवा लेखकों को सर्टिफिकेट देकर सभी का हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम में बच्चों के बीच सबसे लोकप्रिय और सम्मानित लेखक रस्किन बॉन्ड ने, एक संदेश में 'मुस्कान' पहल के माध्यम से बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के सराहनीय प्रयासों के लिए प्रभा खेतान फाउंडेशन के इस पहल की काफी सराहना की।

 तीन दिवसीय लिटफेस्ट का आयोजन आईजीएनसीए के सहयोग से और ज्ञान भागीदार के रूप में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और साहित्य अकादमी के सहयोग से संपन्न हुआ। श्री सीमेंट ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत इस आयोजन का समर्थन किया। महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर सच्चिदानंद जोशी (सदस्य सचिव, आईजीएनसीए के कार्यकारी और शैक्षणिक प्रमुख), के एन श्रीवास्तव (आईआईसी के निदेशक) और के श्रीनिवास राव (सचिव, साहित्य अकादमी) भी मौजूद थे।

इस कार्यक्रम के अगले चरण में प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से 'अहसास' की महिला सदस्य शिंजिनी कुलकर्णी द्वारा शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम 'उड़ान' प्रस्तुत किया गया। दिल्ली की अहसास वुमन हुमा खलील मिर्ज़ा और इंदौर की अहसास वुमन उन्नति सिंह ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर इसे सफल बनाया। सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की टीम प्रभा खेतान फाउंडेशन के तत्वावधान में इस देश के प्रमुख शहरों में अहसास वुमन नेटवर्क का हिस्सा हैं।

'प्रयास फाउंडेशन' की ओर से विकलांग बच्चों के साथ काम करने वाले डांसर और कोरियोग्राफर अविरूप सेनगुप्ता ने इस रंगारंग कार्यक्रम में मनमोहक प्रदर्शन प्रस्तुत किया। इस विशेष और बेहतरीन प्रदर्शन के लिए फाउंडेशन की ओर से कोलकाता से बच्चों को दिल्ली लाया गया था। इस आयोजन में बच्चों के साहित्य विषय पर आधारित पीकेएफ न्यूजलेटर 'प्रभा' के नए अंक को औपचारिक रूप से जारी किया गया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

राजस्थान चैम्बर युवा महिलाओं की प्रतिभाओं को पुरस्कार