एनपीए ऋणधारकों के लिए वरदान साबित हो रही ई-ओटीएस स्कीम : दीपक आचार्य

० योगेश भट्ट ० 
औरंगाबाद। पंजाब नैशनल बैंक की नई ई-ओटीएस स्कीम वैसे ऋणधारकों के लिए वरदान साबित हो रही है जिनके लोन एनपीए हो गए हैं तथा उनका क्रेडिट स्कोर खराब हो गया है। पंजाब नेशनल बैंक के मंडल प्रमुख दीपक आचार्य ने कहा कि वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम यानी ओटीएस स्कीम पहले से भी पंजाब नैशनल बैंक में लागू थी लेकिन ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे ज्यादा सरल बनाते हुए नई ई-ओटीएस स्कीम लॉन्च की गई है जो वैसे ऋण धारकों के लिए वरदान साबित हो रही है जिनके ऊपर 10 लाख तक के ऋण बकाया है और यह ऋण एनपीए हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसकी प्रक्रिया बहुत आसान, पारदर्शी तथा निष्पक्ष है और इसका फायदा उठाकर एनपीए लोनधारक अपना क्रेडिट स्कोर ठीक कर सकते हैं। 

यह बैंक तथा ऋण धारक दोनों के लाभ की स्कीम है। इस स्कीम की विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि पहले की ओटीएस स्कीम में बैंक द्बारा ग्राहकों को बुलाया जाता था और बुलाने के बाद बकाया ऋण के संबंध में बारगेनिग होती थी और इस बारगेनिग के बाद एक समझौते की राशि तय की जाती थी जिसका भुगतान करने के पश्चात ही ऋण धारकों को नो ड्यूज प्रमाण पत्र अथवा सैंक्शन लेटर मिल पाता था। ऋण के भुगतान करने के पश्चात बाद में नो ड्यूज लेटर या सैंक्शन लेटर देने के लिए बुलाया जाता था। लेकिन नई ओटीएस स्कीम में सब कुछ बदल गया है। इसमें ऋणधारकों को उनके मोबाइल में इंस्टॉल 'पीएनबी वन मोबाइल ऐप'’ के माध्यम से यह सूचना घर बैठे मिल जाएगी कि उनका कितनी राशि का ऋण एनपीए हो चुका है और इस ऋण के लिए कितनी राशि भुगतान करने पर वे ऋण मुक्त हो सकते हैं।

 इस बकाया राशि को ऋणधारक आइएमपीएस, आरटीजीएस अथवा एनईएफटी के माध्यम से एक मुश्त जमा करवा सकते हैं अथवा इस राशि का अंशत: भुगतान कर अगले 3 माह के अंदर इस राशि का पूर्ण भुगतान कर सकते हैं। दोनों ही परिस्थितियों में उनका तत्काल नो ड्यूज सर्टिफिकेट अथवा सैंक्शन लेटर जेनरेट हो जाएगा जो उनको मोबाइल ऐप से भी प्राप्त हो जाएगा तथा इसे वे बैंक से भी प्राप्त कर सकेंगे। मंडल प्रमुख ने बताया कि यह योजना पूरी तरह पारदर्शी है क्योंकि इसमें कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा। जो समझौते की राशि निर्धारित की जाएगी वह सभी के लिए एक समान और तयशुदा होगी। इससे ग्राहकों को यह भरोसा होगा की उन्हें सर्वोत्तम ऑफर बैंक के द्बारा प्रदान किया गया है। 

उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी शर्त यह है कि ऋणधारक अपने खाते को एक मोबाइल नंबर से रजिस्टर्ड किए रखें तथा केवाईसी अपडेट कराएं ताकि उनका खाता फ्रीज ना हो। फ्रीज खाते से कोई भुगतान नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में वैसे ऋण धारकों को इस योजना से आच्छादित किया जा रहा है जिनका 1० लाख रुपये तक का लोन 31 मार्च 2०22 तक एनपीए हो गया था और तब से अब तक एनपीए की स्थिति में ही है। अर्थात 1 अप्रैल 2०22 के पहले के 1० लाख रुपये तक के एनपीए लोन के मामले को ही इस योजना के तहत पात्र माना गया है। इसके बाद के एनपीए खाते को इस योजना में अभी तक सम्मिलित नहीं किया गया है।

 मंडल प्रमुख आचार्य ने कहा कि यह योजना बैंक तथा ऋणधारक दोनों के लिए लाभदायक है क्योंकि अगर किसी व्यक्ति का ऋण न चुका पाने की वजह से क्रेडिट स्कोर खराब हो गया है तो पंजाब नैशनल बैंक ही नहीं, कोई भी बैंक उसे ऋण नहीं देगा क्योंकि क्रेडिट स्कोर का ठीक होना नए ऋण देने के लिए जरूरी शर्त है। ऐसी स्थिति में अगर किसी छोटी अमाउंट को लेकर भी किसी ऋणधारक का क्रेडिट स्कोर खराब हो गया है तो उसके लिए भविष्य में नया ऋण लेने के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं और बैंक भी अपने एक संभावित ग्राहक से हाथ धो बैठता है क्योंकि बैंक भी खराब क्रेडिट वाले ग्राहक को भविष्य में लोन देकर उनके साथ व्यवसाय नहीं कर सकता।

 लेकिन ओटीएस स्कीम में सेटलमेंट हो जाने के पश्चात ऐसे ऋणधारकों का क्रेडिट स्कोर ठीक हो जाएगा और बैंक ऐसे ऋण धारकों के साथ भविष्य में भी अपने व्यावसायिक संबंध बना सकता है तथा अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकता है। वहीं दूसरी ओर ग्राहक भी भविष्य में अपना व्यवसाय और लोन लेकर विस्तार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 1० लाख तक के ऐसे सभी एनपीए अकाउंट को क्लियर करने की योजना है। उन्होंने बताया कि इस योजना को लेकर ग्राहकों में खासा उत्साह है और लोग इसमें खासी रूचि ले रहे हैं।

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