भारत में ओरल तम्बाकू के अनुमानित 200 मिलियन यूज़र्स

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली -  ईटी ग्लोबल बिज़नेस समिट 2023 में फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) के सीईओ, जैसेक ओल्कज़ैक ने सभी के लिए एक बेहतर, ज्यादा सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं टेक्नॉलॉजी का उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया।  नई दिल्ली में आयोजित इस शिखर समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। इस शिखर वार्ता में पूरे विश्व से सीईओ, राष्ट्राध्यक्षों, वैचारिक नेतृत्वकर्ताओं, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और कॉर्पोरेट अध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया। यहाँ भारत को सुपर पॉवर बनने की ओर अग्रसर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया क्योंकि स्वतंत्रता के बाद अगले 25 सालों के अमृतकाल में भारत अपने पुराने वैभव को फिर से प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।

 ‘सस्टेनेबल इकॉनॉमी फॉर द ग्रेटर गुड’ विषय पर बोलते हुए ओल्कजै़क ने ‘एक परिवार’ के रूप में सामूहिक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए विश्व में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दशकों में विस्तृत उद्योगों (जैसे ऊर्जा और ऑटोमोटिव) में शोध में किए गए निवेशों के साथ दुनिया में इनोवेशन बहुत तेजी से बढ़ा है, जिससे सभी के लिए आधुनिक और सस्टेनेबल भविष्य का विकास संभव हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच गठबंधन के साथ विज्ञान और टेक्नॉलॉजी मुश्किल चुनौतियों को हल करने वाले समाधानों की पहचान करने की कुंजी साबित हुई है। और इसको अपनाए जाने से हम सभी के जीवन में सुधार आएगा।’’

 ओल्कज़ैक ने धूम्रपान-रहित भविष्य की ओर पीएमआई की प्रतिबद्धता, और बेहतर विकल्प प्रस्तुत करने के लिए विज्ञान, टेक्नॉलॉजी एवं कमर्शियलाईज़ेशन में 10बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के निवेश का उल्लेख भी किया। ओल्कज़ैक ने कहा, ‘‘हम उपभोक्ताओं और उद्योग के स्तर पर बेहतर समाधानों को अपनाने में तेजी लाने के लिए नीतियाँ डिज़ाईन करने का कोई भी प्रयास अधूरा नहीं छोड़ रहे हैं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘अब हम अपने उत्पादों पर आते हैं। हर कोई जानता है कि धूम्रपान करने से बीमारी होती है। और धूम्रपान को त्यागने से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। लेकिन ज्यादातर लोग बीमारी होने के मुख्य कारण को नहीं जानते हैं। समस्या दहन के साथ शुरू होती है, 

जिसके कारण धुएं में अत्यधिक मात्रा में नुकसानदायक कैमिकल्स होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में निवेश ने दहन की जगह नियंत्रित हीटिंग का उपयोग संभव बना दिया है, जो काफी कम तापमान पर होता है। इतने कम तापमान पर, ये उत्पाद काफी कम मात्रा में नुकसानदायक कंपाउंड बनाते हैं। इसमें ये 95 प्रतिशत तक कम होते हैं।’’ उन्होंने पीएमआई के हीटेड तम्बाकू उत्पादों पर किए गए क्लिनिकल और नॉन-क्लिनिकल अध्ययनों एवं 2008 से इस बारे में प्रकाशित 450 से ज्यादा समकक्षी-समीक्षित प्रकाशनों एवं पुस्तक अध्यायों के बारे में भी बताया।

विभिन्न औद्योगिक सेक्टर्स के बीच तुलना करते हुए श्री ओल्कज़ैक ने चुनौती का समाधान स्रोत पर करने के बारे में बताया, ताकि नुकसान करने वाले स्रोतों को दूर किया जा सके और सुरक्षित विकल्पों की पहचान की जा सके। नुकसान कम करने के इसी सिद्धांत का उपयोग लकड़ी से जलने वाले चूल्हे की जगह गैस के ईंधन से खाना बनाने, या फिर दहन इंजन पर चलने वाले वाहनों की जगह बेहतर वाहनों के विकास के लिए किया गया था, और अब यह तम्बाकू पर भी लागू होता है।

 जापान का उदाहरण लेते हुए उन्होंने बताया कि देश में हीटेट तम्बाकू उत्पादों की शुरुआत से किस प्रकार वहाँ पिछले कुछ सालों में सिगरेट की बिक्री में औसत 1.8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की गिरावट दर्ज हुई है। हीटेड तम्बाकू उत्पादों की उपलब्धता के विस्तार के साथ लगभग 35 प्रतिशत सिगरेट पिछले 7 सालों में हीटेड तम्बाकू उत्पादों से बदल दिए गए हैं। जापान से मिले नए विश्लेषण में सीओपीडी के लिए हॉस्पिटलाईज़ेशन में गिरावट देखने के मिली है। इसके अलावा देश में स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा एक वित्तपोषित शोध में अव्यस्कों द्वारा इन उत्पादों को अपनाए जाने के नगण्य मामले सामने आए। ओल्कज़ैक ने कहा, ‘‘इसी तरह के आँकड़े कई यूरोपीय देशों में भी देखने में आ रहे हैं।’’

भारत में ओरल तम्बाकू के उपयोग के बारे में अपने विचार रखते हुए श्री ओल्कज़ैक ने बताया कि भारत में ओरल तम्बाकू के अनुमानित 200 मिलियन यूज़र्स को किस प्रकार आधुनिक, सुरक्षित तम्बाकू उत्पाद दिए जा सकते हैं। वैज्ञानिक और टेक्नॉलॉजी की प्रगति का लाभ उठाने वाले ये उत्पाद आज मौजूद हैं, और इनका जनस्वास्थ्य पर काफी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, जो स्कैंडिनेविया में देखने को मिला  उन्होंने बताया कि पीएमआई का समाज को सबसे बड़ा योगदान स्वास्थ्य पर सिगरेट के पड़ने वाले असर की मौलिक समस्या का समाधान करने में है। कंपनी के पूरे इतिहास में यह सिगरेट बाजार में एक मुख्य दिग्गज की भूमिका निभाती रही है। अब कंपनी स्वेच्छा से इसे पीछे छोड़ते हुए उन व्यस्कों को विकल्प प्रदान कर रही है, जो अन्यथा धूम्रपान जारी रखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज के इन इनोवेटिव, विज्ञान-आधारित उत्पादों के लिए उतनी ही इनोवेटिव नीतियों की जरूरत है, ताकि धूम्रपान करने वाले लोग कम नुकसानदायक उत्पादों के उपयोग की ओर प्रोत्साहित हों। यहीं से भारत शेष दुनिया के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकता है। जी20 के अध्यक्ष के रूप में यह उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बन सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तम्बाकू उद्योग में इनोवेशन एक वास्तविकता है। हमें खुद से एक सवाल पूछना चाहिए: हम यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि इनोवेशन का उपयोग लोगों की सेवा के लिए हो? दूसरे शब्दों में हम जनस्वास्थ्य बेहतर बनाने में तेजी लाने और भारत में लाखों धूम्रपान करने वालों की सिगरेट से दूरी बनाने के लिए टेक्नॉलॉजी, विज्ञान एवं इनोवेशन का उपयोग कैसे करेंगे? समाज की समस्याओं का समाधान करने में भारत द्वारा इनोवेटिव समाधानों का उपयोग करने के इतिहास के साथ मुझे विश्वास है कि भारत भविष्य में तम्बाकू के लिए प्रगतिशील नीतियों में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनेगा।’’

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