किताब उत्सव में अभिनेता-गीतकार पीयूष मिश्रा के पहले उपन्यास का होगा लोकार्पण

० योगेश भट्ट ० 
● देशभर के दिग्गज साहित्यकारों का होगा महाजुटान। जिनमें प्रमुख हैं, सुरजीत पातर, बद्रीनारायण, गायत्री बाला पाण्डा, अर्जुमंद आरा, गुरुदेव सिंह सिद्धू एवं भूपिंदर कौर प्रीत। ● किताब उत्सव में अभिनेता-गीतकार पीयूष मिश्रा के पहले उपन्यास का होगा लोकार्पण। ● चंडीगढ़ किताब उत्सव में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक भी अपने विचार रखेंगे। स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच आयोजित होंगी प्रतियोगिताएँ। ● दिल्ली, चण्डीगढ़, पंजाब, प्रयागराज आदि स्थानों से लेखक, विचारक व संपादक होंगे शामिल। ● राजकमल प्रकाशन अपने हीरक जयंती वर्ष में विभिन्न शहरों में आयोजित कर रहा है 'किताब उत्सव।'

नई दिल्ली।।राजकमल प्रकाशन 10 फरवरी से 14 फरवरी 2023 तक चंडीगढ़ के पंजाब कला भवन, सेक्टर 16 में 'किताब उत्सव' का आयोजन करने जा रहा है। पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देशभर के कई  दिग्गज साहित्यकार शामिल होंगे। इस दौरान राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित पुस्तकों के लोकार्पण होंगे और विभिन्न पुस्तकों और साहित्यिक व सांस्कृतिक विषयों पर परिचर्चा और बातचीत के तीन-तीन सत्र प्रति दिन आयोजित किए जाएंगे। उत्सव में राजकमल प्रकाशन समूह की पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। साथ ही स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी।

राजकमल प्रकाशन अपने 75वें वर्ष पर देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव आयोजित कर रहा है। इससे पहले वाराणसी, भोपाल और पटना में 'किताब उत्सव' का सफल आयोजन हो चुका है। चंडीगढ़ किताब उत्सव में हिन्दी के साथ-साथ पंजाबी और उर्दू के लेखक भी शिरकत करेंगे। इसमें साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हिन्दी कवि बद्रीनारायण, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता उड़िया कवि गायत्री बाला पाण्डा, साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित अर्जुमंद आरा और भूपिंदर कौर प्रीत पाठकों से रूबरू होंगे। इनके अलावा किताब उत्सव में पीयूष मिश्रा, हरमिंदर सिंह बेदी, गुरुदेव सिंह सिद्धू, सुरजीत सिंह पातर आदि साहित्यकार सम्मिलित होंगे। इस दौरान अभिनेता-गीतकार पीयूष मिश्रा के पहले उपन्यास का लोकार्पण होगा। यह एक संस्मरणात्मक उपन्यास है।

 चंडीगढ़ में आयोजित किए जाने वाले 'किताब उत्सव' को लेकर राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा, “देश की आजादी की पूर्वबेला में स्थापित राजकमल प्रकाशन अपनी शुरुआत से ही श्रेष्ठ पुस्तकों के जरिये समाज को बौद्धिक सांस्कृतिक रूप से उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। पचहत्तर वर्ष के अपने सफर में हमने अपने तमाम पाठकों, लेखकों और शुभेच्छुओं के स्नेह सहयोग से अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। 

इसके संतोष और अपने पाठकों, लेखकों और शुभेच्छुओं के विश्वास के बूते अब हम आने वाले पचहत्तर वर्ष के लिए अपने संकल्पों को साकार करने में जुटे हैं। हमारा संकल्प हर उम्र, हर वर्ग के लोगों तक देश-दुनिया का साहित्य पहुंचाना है। साहित्य से हमारा मतलब ज्ञान के लिए आवश्यक सभी विषयों और विधाओं की किताबें हैं।” उन्होंने कहा, “देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव का आयोजन हमारे इसी संकल्प का हिस्सा है।"

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