अ भा किसान सभा ने की जुनैद और नासिर के हत्यारों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग

० आशा पटेल ० 
जयपुर। अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) और अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन (AIAWU) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के भरतपुर में घाटमिका गाँव का दौरा किया। प्रतिनिधि मंडल ने घाटमिका गांव में जुनैद और नासिर के परिवारों के साथ मिलकर एकजुटता व्यक्त की, जिन्हें बजरंग दल आरएसएस के तथाकथित गौरक्षक दल द्वारा, प्रताड़ित किए जाने के बाद क्रूरतापूर्वक ज़िंदा जला दिया गया था।प्रतिनिधि मंडल ने गांव के अल्पसंख्यक समुदाय के दो नौजवानों को जिंदा जला कर मार दिये जाने की इस वीभत्स घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुये केन्द्र और राज्य सरकार से ऐसे साम्प्रदायिक तत्वों के ख़िलाफ़ कठोर कार्यवाही की मांग की।
भाजपा-आरएसएस की अराजक गुंडावाहिनी बजरंग दल और तथाकथित गौरक्षा दल के आपराधिक तत्वों द्वारा किए गए इस वीभत्स हत्याकांड ने राज्य में कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है और साम्प्रदायिक तत्वों के दुस्साहस को भी उजागर कर दिया है।प्रतिनिधि मंडल में शामिल AIKS और AIAWU के नेताओं ने शोक संतप्त परिवारों के साथ सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त की और हादसे से सहमे हुए भयभीत ग्रामीणों का समर्थन करते हुये जुनैद और नासिर के हत्यारों विशेष रूप से मोनू मानेसर और उसके गिरोह को सजा मिलने तक कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ने का विश्वास दिलाया।
अखिल भारतीय किसान सभा ने प्रारंभिक सहायता के रूप में जुनैद और नासिर की पत्नियों साजिदा और परमीना को एक-एक लाख रुपये की राशि का चैक भी सौंपा किसान सभा के नेताओं ने बताया कि दोनों मृतक नौजवान छोटे किसान परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।जुनैद के परिवार के पास 1 बीघा से भी कम जमीन है और नासिर के परिवार के पास भी केवल 2 बीघा जमीन है। जीविकोपार्जन के लिए जुनैद खेती किसानी के अलावा गांव में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता था, जिसे कि कोरोना महामारी के समय में बंद करना पड़ा था।

जबकि नासिर एक ट्रक पर ड्राइवर का काम करता था।भाजपा -आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करके राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मेवात क्षेत्र में गौ-तस्करी का हौवा खड़ा किया जा रहा है।
गौतस्करी के हौवा को मुस्लिम युवकों को टारगेट करके उन्हें झूठा फंसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।पिछले कुछ सालों से तथाकथित हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा मेवात क्षेत्र में गाय के नाम पर आतंक फैलाते हुए कई लोगों की हत्यायें कर दी गई हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि मेव मुसलमान बिरादरी खेती किसानी करने वाले उत्कृष्ट पशुपालक डेयरी किसान हैं जो मुख्यत: दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं।

उपरोक्त मामले में सच्चाई यह है कि गुंडा गैंग का शिकार हुए जुनैद और नासिर एक पारिवारिक सामाजिक कार्य के बाद हरियाणा से घर लौट रहे थे तभी अचानक उनका अपहरण कर लिया गया। अपहरण के पश्चात उनके साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट करके प्रताड़ित किया गया। और उसके बाद नृशंसतापूर्वक जिंदा जला दिया गया। 
सबसे शर्मनाक और खोफनाक बात यह है कि हरियाणा पुलिस ने मारपीट से बुरी तरह से घायल दोनों पीड़ितों को अस्पताल लेकर जाने के बजाय उन्हें अपराधियों के ही हवाले कर दिया।

अभी नयी जानकारी यह भी सामने आ रही है कि उपरोक्त आरोपी हरियाणा पुलिस के लिए मुखबिरी का काम भी कर रहे हैं।यह जानकारी मेवात क्षेत्र में मोनू मानेसर जैसे असामाजिक तत्वों को हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए अतिरिक्त-कानूनी संरक्षण का संकेत है।परिजनों से मुलाकात करने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने गांव में चल रहे धरने में शामिल होकर वहां उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित किया।प्रतिनिधि मंडल ने मृतकों के दोनों परिवारों में से प्रत्येक को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई, हरियाणा पुलिस के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और गौ-रक्षक/गौरक्षक समूहों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। अखिल भारतीय किसान सभा ने राष्ट्रीय राजधानी के इतने करीब एक क्षेत्र में इतनी नृशंस हत्या की घटना घटने के बावजूद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की खमोशी की भी कड़े शब्दों में निंदा की है।

घाटमीका गाँव में दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव वीजू कृष्णन,अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के संयुक्त सचिव विक्रम सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के वित्त सचिव पी. कृष्ण प्रसाद, AIKS के उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव डॉ.संजय"माधव"शामिल थे।प्रतिनिधि मंडल में सीटू के हरियाणा के नेता सतबीर सिंह,पी.सुंदरैया ट्रस्ट के शुभजीत डे, काले खान सरपंच व अख्तर हुसैन शामिल थे।

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