मिलेट्स में रिसर्च में हमारा अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर- सीएम

० आशा पटेल ० 
जयपुर। 
राजस्थान में मिलेट्स पर रिसर्च के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। लगभग 42 कृषि महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। इससे युवा पीढ़ी को कृषि क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण कर भविष्य संवारने के अवसर मिल रहे हैं। हाल ही में वेटेनरी यूनिवर्सिटी की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों के सर्वांगीण विकास की योजनाएं लागू करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कृषक कल्याण और कृषि क्षेत्र विकास में राज्य सरकार ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। विधानसभा में दो बार पृथक कृषि बजट पेश कर पूरे देश में ऎतिहासिक पहल की। इसी का सुखद परिणाम है कि किसानों के साथ-साथ स्टार्टअप्स और उद्यमियों को आगे बढ़ने के सुअवसर मिले हैं। उन्होंने कहा कि किसानों और पशुपालकों को उचित सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।
गहलोत दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में आयोजित राजस्थान मिलेट्स कॉन्क्लेव-2023 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मिलेट्स की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और कृषि अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि अनुसंधान के परिणाम स्वरूप हरित क्रांति का आगाज हुआ, जिसके सफल नतीजे हमारे देश ने प्राप्त किए और हम खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान से किसानों को भविष्य के लिए अपनी फसल तैयार करने में लाभ मिलेगा। कॉन्क्लेव में मिलेट्स का बेहतर उत्पादन, प्रबंधन और विपणन करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण सुझाव सामने आएंगे।

 गहलोत ने कहा कि किसानों के लिए प्रतिमाह 2000 यूनिट निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराने का बजट प्रावधान किया है। इससे लगभग 12 लाख किसान लाभान्वित होंगे। घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 यूनिट निःशुल्क बिजली दिए जाने से लगभग एक करोड़ उपभोक्ताओं के बिजली बिल शून्य हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 1 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रहे हैं। इस बजट में न्यूनतम 1000 रुपए प्रतिमाह का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार को पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने राजकिसान सुविधा एप लॉन्च किया। इसमें योजनाओं के आवेदन और उनकी स्थिति जानी जा सकेगी।  गहलोत ने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 की सफलता की कहानियाें से संबंधित बुकलेट का विमोचन भी किया। इस दौरान ‘समृद्ध किसान-खुशहाल राजस्थान’ लघु फिल्म भी दिखाई गई। कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ से भूपेन्द्र सिंह, नागौर से श्रीमती पतासी देवी, जयपुर से दिनेश कुमार चौधरी, घासीराम जाट, भीलवाड़ा से विष्णु, बांसवाड़ा से कुरेश बागीदोरा, सीकर से हनुमान राम, अलवर से सूरजभान एवं जोधपुर से जितेन्द्र सिंह सांखला को एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (आत्मा योजना) में राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया।

 इसके बाद उन्होंने षि संबंधित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन करते हुए किसानों और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि मिलेट्स कुपोषण दूर करने में सहायक है। कोरोनाकाल में हुए शोध में भी इसकी महत्ता सामने आई। मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के सर्वांगीण विकास और कृषि को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास किए गए हैं। सरकार द्वारा गत 4 सालों में कृषि क्षेत्र में देशव्यापी नवाचार हुए हैं। उन्होंने कहा कि मिलेट्स फूड आज हर शादी समारोह में परोसे जा रहे हैं।

कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में फूड पार्क की स्थापना, कृषि संसाधनों पर सब्सिडी सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इनसे दूरगामी सफल परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि मिलेट्स में सबसे ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। कॉन्क्लेव में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव (क्रॉप) श्रीमती शुभा ठाकुर, प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार, कृषि विपणन निदेशक सीताराम जाट ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राजस्थान किसान आयोग अध्यक्ष महादेव सिंह खण्डेला, राजस्थान एग्रो इंडस्ट्री डवलपमेंट बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी, राजस्थान राज्य बीज निगम अध्यक्ष  धीरज गुर्जर, ओबीसी वित्त एवं विकास कॉर्पोरेशन अध्यक्ष पवन गोदारा, प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार शर्मा, आयुक्त  कानाराम, निदेशक कृषि विपणन सीताराम जाट सहित कृषि वैज्ञानिक, शोधकर्ता, वरिष्ठ कृषि अधिकारी और किसान उपस्थित रहे।

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