लेखक व उद्यमी राम के शर्मा द्वारा लिखी पुस्तक 'कर्मा एंड यू' कोलकाता में लॉन्च

० संवाददाता द्वारा ० 
Kolkata :
 पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री अरूप विश्वाश ने कहा, सिटी ऑफ जॉय कोलकाता को साहित्य और किताबों का केंद्र बिंदु हमेशा मना जाता रहा हैं। यहां साहित्य की कई चर्चित किताबें पहले से उपलब्ध है। इस अद्भुत पुस्तक के लॉन्चिंग कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। प्रभा खेतान फाउंडेशन के साथ वर्षों से मेरा घनिष्ठ रूप से जुड़ाव रहा हैं। मैं शर्मा को उनके ज्ञान, अद्भुत विचारों, दृष्टि और नए विचारों से भरी इस तरह की तथ्यात्मक बेहतरीन और अतुलनीय पुस्तक लिखने के लिए उन्हें तहेदिल से बधाई देता हूं।

 राम के शर्मा द्वारा लिखी पुस्तक 'कर्मा एंड यू' क्रिएट योर ओन डेस्टिनी के लॉन्च मौके पर आयोजित समारोह में इस पुस्तक को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी। कोलकाता की गैर सरकारी सामाजिक संस्था 'प्रभा खेतान फाउंडेशन' (पीकेएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक को लॉन्च किया गया। पुस्तक के लॉन्चिंग मौके पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरूप विश्वाश (पश्चिम बंगाल सरकार में बिजली, आवास, युवा सेवा और खेल मंत्री) और विशिष्ट अतिथि संजीव पुरी (अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, आईटीसी) ने इस पुस्तक का विमोचन किया। इस भव्य कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमियों, साहित्य प्रेमियों, अध्यात्मवादियों के साथ अन्य गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। श्री सीमेंट लिमिटेड की ओर से उनके सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत शहर के आईटीसी रॉयल बंगाल में बड़े स्तर पर पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

इस मौके पर लेखक एवं उद्यमी राम के शर्मा ने कहा, 'मेरी यह किताब मनुष्य के जीवन या कर्म संबंधी स्थितियों के हर पहलू को छूती है। मैंने कर्म को अलग-अलग पहलुओं में विभाजित किया है और यह समझाने की कोशिश की है कि, यह आपके परिवार, बच्चों, रिश्तों, व्यवसाय और हर पहलुओं को कैसे प्रभावित करता है'। यद्यपि मार्केट में कर्म विषय पर कई पुस्तकें मौजूद हैं, उन्होंने कहा कि उनकी यह पुस्तक प्रकृति का अनुभवात्मक स्पर्श है, जिसमें उन्हों‍ने लंबे वर्षों के विविध जीवन के अनुभवों को शब्दों में पिरोया है। इसलिए इस पुस्तक को लोगों एक प्रकार से अपने जीवन का मार्गदर्शक भी मान सकते हैं।

नागपुर के अहसास महिला की सदस्या ज्योति कपूर ने 100 वर्ष पुरानी कंपनी बैद्यनाथ के प्रबंध निदेशक और लेखक राम के शर्मा के साथ इस चर्चा सत्र में इस पुस्तक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस पुस्तक के जरिए कैसे लेखक ने दर्शकों को एक चिंतनशील मनोदशा में गहराई तक गोता लगाने के लिए प्रेरित किया कि, कैसे व्यक्ति के कर्मों के चक्र का पहिया उनके कर्म और कार्यो पर प्रभाव डालता है, इस चर्चा सत्र में लेखक ने पुस्तक के कई विषयों पर प्रकाश डाला।

 विश्वाश ने कहा, 'कर्म हम सभी के दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा है। मनुष्य के रूप में, हर कोई सुबह से शाम तक अपने परिवार और समाज और खुद के लिए काम करता रहता हैं। अनजाने में हमसे होनेवाले कई ऐसे बुरे कर्म, हमारे परिवारों, समाज और यहां तक कि देश को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए हमें हमेशा अपने जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मक काम करने का प्रयास करना चाहिये।

आईटीसी के सीएमडी  संजीव पुरी ने कहा, यह एक आकर्षक पुस्तक है, जो जीवन की बेहद कठिन और जटिल विषय पर प्रकाश डालता है। इस पुस्तक में जीवन के कई कठिन पहलुओं को लेखक ने उनके दृष्टिकोण से सरल शब्दों में समझाया है। यह 'वैश्विक कर्म' और 'कॉर्पोरेट कर्म' की अवधारणाओं को पेश करके जीवन के व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्रों के सभी पहलुओं को शामिल करता है।' प्रभा खेतान फाउंडेशन को मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने व इसका अहम हिस्सा बनाने के लिए मैं तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।

इस कार्यक्रम में सुश्री ज्योति कपूर की मुक्त-प्रवाही चर्चा ने श्रोताओं को कर्म के विभिन्न पहलुओं, जैसे पारिवारिक कर्म, वैवाहिक कर्म, कॉर्पोरेट कर्म, धन के लिए कर्म, चिकित्सा कर्म, कर्म और भोजन, दैवीय कर्म आदि से परिचित कराया। यह पुस्तक सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए सार्थक कार्यों के माध्यम से अपने जीवन का नेतृत्व करने के लिए एक गाइड के समान है।

इस कार्यक्रम के आयोजक 'प्रभा खेतान फाउंडेशन' पिछले 80 के दशक की शुरुआत में स्वर्गीय डॉ. प्रभा खेतान द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी ट्रस्ट है। यह प्रदर्शन कला, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय क्षेत्र में हमेशा सेवामुलक कार्य करती रहती है।

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