गढ़वाल हितैषिणी सभा,दिल्ली द्वारा मातृ भाषा उत्सव-2023

० योगेश भट्ट ० 
 नयी दिल्ली - गढ़वाल हितैषिणी सभा,दिल्ली के शताब्दी वर्ष के शुभ अवसर पर उत्तराखंडी भाषा सर्वधन हेतु 18- 25 आयु के उत्तराखण्ड मूल के युवा कवियों/छात्र -छात्राओं द्वारा स्वरचित ‘गढ़वाली-कुमाउंनी-जौनसारी भाषाओं के महत्व’ पर एक दिन का कार्यक्रम दो सत्रों में 14 मई को गढ़वाल भवन, दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। प्रतिभागी युवा कवि ( छात्र, छात्राएं) अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं एवं कोई भी अपना आईडी प्रूफ अवश्य सलग्न करें।

मातृभाषा परिचर्चा-वक्तव्य प्रतियोगिता के विषय - (विद्यार्थी किसी एक विषय पर संक्षिप्त वक्तव्य दे सकते हैं) 1. मातृभाषा से विमुख होता युवा 2. राष्ट्रीय शिक्षा नीति और मातृभाषाएं। 3. मातृभाषा के प्रचार-प्रसार में परिवार की भूमिका 4. आठवीं अनुसूची में गढ़वाली भाषा की दावेदारी। 5 . उत्तराखण्ड में मातृभाषा की स्थिति, आदि। 6 युवाओं द्वारा कविता पाठ। (कविता का विषय - पहाड़ों से ही संबंधित हो जैसे- पहाड़ की नारी, पहाड़ी सौंदर्य, पहाड़ी भूमि, पहाड़ी प्रवेश, कला, संस्कृति कविता पाठ की समय सीमा 3 मिनट निर्धारित है।)

छात्रों द्वारा प्रथम चरण - मातृभाषा परिचर्चा द्वितीय चरण - मातृभाषा काव्य महोत्सव मातृभाषा परिचर्चा - स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए वक्तव्य प्रतियोगिता। मातृभाषा काव्य महोत्सव मातृभाषा में स्वरचित काव्य प्रस्तुतियों के लिए खुला मंच। निर्णायक मंडल के सदस्य 1. बिहारी लाल जालंधरी 2. पृथ्वी सिंह केदार खंड़ी  3. दिनेश घ्यानी  4. रमेश घिडियाल  5. गिरीश बिष्ट हंसमुख 6. मंजुसा जोशी। कार्यक्रम की रूपरेखा  -उद्घाटन सत्र- दीप प्रज्ज्वलन, परिचय,अध्यक्ष गढ़वाल हितैषिणी द्वारा स्वागत भाषण प्रात: 11:00 बजे 

 द्वितीय सत्र- मातृभाषा परिचर्चा - विद्यार्थियों की वक्तव्य प्रतियोगिता दोपहर 12:30 बजे तक. भोजनावकाश - दोपहर 12:30 से 1:15 बजे तक . तृतीय सत्र - मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के उद्बोधन - विषय - मातृभाषा उन्नयन के माध्यम से एक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण - दोपहर 1:30 से 2:30 बजे तक . चतुर्थ सत्र - मातृभाषा काव्य महोत्सव, पुरस्कार वितरण एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ समापन समारोह

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