G20 की अध्यक्षता से भारत दुनिया के पर्यटन नक़्शे पर होगा

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली। आज़ादी के अमृत महोत्सव 'अमृत काल' में भारत की जी—20 की अध्यक्षता से भारत के पर्यटन क्षेत्र के तीव्र गति से वृद्धि करने की आशा है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा फिक्की और राजस्थान के पर्यटन विभाग के साथ आयोजित किए जा रहे 'ग्रेट इंडियन ट्रैवेल बाजार' यानी जीआईटीबी के 12वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में अरविन्द सिंह ने कहा कि "भारत की जी—20 अध्यक्षता ने पर्यटन क्षेत्र के लिए अद्वितीय अवसरों निर्मित किए हैं। आगे भी काफी बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है, जिससे भारत को विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि भारत की जी—20 अध्यक्षता में देश में इस वर्ष एक लाख से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों के आने की आशा है। वे स्मारकों और त्योहारों सहित हमारी संस्कृति की विविधता, समृद्धि और अनेकता से रूबरू हो पायेंगे। हम आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के एक प्रमुख चालक के रूप में इसकी क्षमता को पहचानते हुए अंतर्गामी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं, साथ ही हम देश में पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने की प्रक्रिया में हैं। जीआईटीबी राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव उषा शर्मा, फिक्की की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना सूरी और राजस्थान की पूर्व पर्यटन सचिव मीरा महर्षि की तिकड़ी द्वारा परिकल्पित, लॉन्च और पोषित मंच है। यह एक ऐसा मंच है, जो हमारे प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा।

रोजगार सृजन के लिए पर्यटन की क्षमता पर जोर देते हुए राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करने के साथ-साथ रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करता है, जिसने इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है। 2007 में जीआईटीबी की परिकल्पना करने के अपने अनुभव को याद करते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा, "हमने बी2बी को इस प्लेटफॉर्म का एक बहुत ही आंतरिक हिस्सा बनाने की आवश्यकता महसूस की, जहां सभी हितधारकों के लिए मूर्त परिणाम दिखें हैं।

जीआईटीबी को "सार्वजनिक निजी भागीदारी का आदर्श उदाहरण" बताते हुए गायत्री राठौर, प्रमुख सचिव - पर्यटन, कला और संस्कृति, राजस्थान सरकार ने कहा कि जीआईटीबी का उद्देश्य बाजार की अपेक्षाओं को समझने के लिए विचारों का आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए पर्यटन हितधारकों को एक मजबूत मंच प्रदान करते हुए भारत में अंतर्गामी पर्यटन को बढ़ावा देना है।

 अपने संबोधन में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा, "कोविड के दौरान हमारे भीलवाड़ा मॉडल ने लोगों की जान बचाई। उसी तरह हमारे मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देकर उसे बूस्टर डोज़ दिया है। आवभगत या मेहमान नवाजी हमारे मूल में और आसान नीति के रूप में हमारे समर्थन के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में होटल खुल रहे हैं, जो राजस्थान के गांवों में रोजगार सृजन को गति प्रदान कर रहे हैं।

इस अवसर पर फिक्की और नांगिया एंडरसन द्वारा 'इनबाउंड टूरिज्म इन इंडिया - अनलॉकिंग द पोटेंशियल' शीर्षक से तैयार एक ज्ञान-प्रपत्र (नॉलेज पेपर) भी जारी किया गया। जीआईटीबी के उद्घाटन में भारत में दक्षिण कोरिया गणराज्य के राजदूत चांग जाई-बोक, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और राजस्थान सरकार के अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुये। इसके अलावा होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (एचआरएआर), इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (IHHA) और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (RATO) के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

प्रदेश स्तर पर यूनियन ने मनाया एआईबीईए का 79वा स्थापना दिवस

वाणी का डिक्टेटर – कबीर