वर्ल्ड ब्राह्मण कन्वेंशन लंदन में आयोजित 14 देशों में होगी भगवान परशुराम की प्राण-प्रतिष्ठा

० योगेश भट्ट ० 
जयपुर। सर्व ब्राह्मण महासभा और यूनाइटेड ब्राह्मण फ्रंट यूके की और से ‘‘वर्ल्ड ब्राह्मण कन्वेंषन’’ का आयोजन लंदन की ब्रिटिश पार्लियामेंट में मेहंदीपुर बालाजी के महंत नरेश पुरी महाराज के सानिध्य में आयोजित हुआ। जिसमें देष-विदेष के ब्राह्मणों ने हिस्सा लिया। ब्राह्मण सर्वजन सुखाय की भावना के साथ कार्य करें और देश को आगे बढ़ाने मे ब्राह्मणों की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता है। ब्राह्मण समाज सदैव परहितकारी रहा है। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में और अपने पुरातन ज्ञान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ये विचार आज सर्व ब्राह्मण महासभा एवं युनाईटेड ब्राह्मण फ्रंट यूके की और से लंदन की ब्रिटिश पार्लियामेंट में ‘‘वर्ल्ड ब्राह्मण कन्वेंशन’’ के शुभारंभ के अवसर पर सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कहे।
मिश्रा ने बताया कि विश्व में पहली बार लंदन की ब्रिटिश पार्लियामेंट के अंदर ‘‘ग्लोबल ब्राह्मण लीडर्स’’ एकत्रित हुए और भारतीय ब्राह्मण समाज की तेजस्विता और विश्व भर में शांति और सामंजस्य पर चर्चा हुई। भारत कैसे ‘‘विष्व गुरू’’ बने इस पर एक शोध पत्र भी जारी किया गया। इस कन्वेंशन में ‘‘ब्राह्मणिकल वैल्यूज फॉर वर्ल्ड पीस एंड हार्मूनिज’’ पर भी चर्चा हुई साथ ही ब्राह्मण समाज के लिये आज गौरवशाली दिन है कि लंदन की ब्रिटिश पार्लियामेंट में ब्राह्मण समाज का झंडा बुलंद हुआ है।

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि लंदन में पांच बार के सांसद डाॅ. वीरेन्द्र शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज सनातन काल से सभी जाति समाज को साथ लेकर चला है और अब आवश्यकता इस बात की है कि बदली हुई परिस्थितियों में उसे स्वयं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। जब ब्राह्मण आगे बढेगा तो निश्चित रूप से देश का विकास होगा। इस अवसर पर मेहंदीपुर बालाजी के महंत नरेश पुरी महाराज ने कहा कि इस अवसर पर चिंतन करना चाहिए कि हम आखिरी छोर पर बैठे हुए ब्राह्मण की कैसे मदद कर सकते है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेहंदीपुर बालाजी में संस्कृत शिक्षा को बढावा देने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे है।

इस अवसर पर यू.के. के सांसद नवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि ये हम सबके लिये गौरव की बात है कि लंदन की संसद में ब्राह्मण समाज के इतिहास और संस्कृति की विरासत पर चर्चा कर रहे है। इस अवसर पर न्यूयॉर्क के इन्द्रजीत शर्मा ने कहा कि भारत का सांस्कृतिक इतिहास इस बात का साक्षी है कि सृष्टि के उदयकाल से लेकर आज तक ब्राह्मणों ने अपने अपूर्व चिंतन एवं तप से ज्ञान, विज्ञान अर्जित कर पूरी मानव सभ्यता को आगे बढ़ाने का काम किया हैं।

लंदन में हिन्दी के मशहूर साहित्यकार तेजेन्द्र शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण स्वयं के लिये नहीं राष्ट्र संस्कृति एवं मानवता के लिये जीता आया हैं। ब्राह्मण का मूल मंत्र रहा है ‘‘सर्वे भवन्तु सुखिन’’ समाज और राष्ट्र जब भी दिग्भ्रमित हुआ है, ब्राह्मण समाज उठ खड़ा हुआ है। इस अवसर पर लंदन के बीबीसी के पत्रकार रवि शर्मा ने कहा है कि हम सब मिलकर पुरे विश्व को एक दिशा दे सकते है। बर्मिंघम में मुख्य पुजारी विवेकानन्द शर्मा ने कहा कि लंदन में परशुराम जी की जय जयकार हो रही है और जल्दी ही हम यहां पर परशुराम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी करेगे।

इस अवसर पर न्यूजीलैंड के प्रतिनिधि दीपक जोशी, जापान के प्रवीण शर्मा, ऑस्ट्रेलिया के कपिल जोशी, कर्नाटक से विश्वराज सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर सर्व ब्राह्मण महासभा ने यह भी निश्चित किया है कि आगामी 2 वर्ष में परशुराम जयंती के पूर्व 14 देशों में भगवान परशुराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा कर पूर्जा अर्चना प्रारम्भ करवाई जायेगी। इस हेतु लंदन, अमेरिका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के मंदिर चिन्हित कर लिये गये है। इस अवसर पर यह भी निर्णय लिये गया किया विदेश आकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सहायता के लिये एक महासभा का अप्रवासी प्रकोष्ठ की गठित किया जायेगा।

इस अवसर पर सांसद वीरेंद्र शर्मा ने घोषणा की है कि जो भी विद्यार्थी सहायता के लिये आयेगा उसकी मदद करेगें। इस अवसर पर एक प्रस्ताव यह भी आया कि लंदन में एक गुरुकुल प्रारम्भ किया जाये। इस अवसर पर मेहंदीपुर बालाजी के महंत नरेश पुरी जी महाराज को ‘‘संत षिरोमणी’’ सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही देश-विदेश में पहले ब्राह्मण सांसद जो लगातार पांच बार जीते है उन्हें ‘‘ग्लोबल ब्राह्मण लीडर्स’’ सम्मान सम्मानित किया गया।

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