नेशनल रियल एस्टेट डवलपमेंट काउंसिल और मण्डल के बीच हुआ एमओयू साइन

० आशा पटेल ० 
जयपुर । केंद्रीय एजेंसी नेशनल रियल एस्टेट डवलपमेंट काउंसिल राजस्थान आवासन मंडल के सहयोग से आगामी 2 वर्षों में 'निपुण' (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर प्रमोशन ऑफ अपस्किलिंग ऑफ निर्माण वर्कर्स) कार्यक्रम के तहत राज्य के 20 हजार निर्माण श्रमिकों को ऑन साइट कौशल प्रशिक्षण देगी। इसके लिए दोनों संस्थाओं ने एक महत्त्वपूर्ण एमओयू साइन किया। आवासन मंडल के मुख्यालय 'आवास भवन' में हुए एमओयू के दौरान नरेडको के वाइस प्रेसिडेंट अशोक पाटनी, डिप्टी डायरेक्टर नीलाभ गंगवार और आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा, सचिव श्रीमती अल्पा चौधरी, वित्तीय सलाहकार श्रीमती संजय शर्मा, निदेशक कानून लेखराज जाग्रत, मुख्य अभियंता (प्रथम) केसी मीणा, (मुख्यालय) मनोज गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक अनिल माथुर सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

नरेडको के वाइस प्रेसिडेंट अशोक पाटनी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के लिए काउंसिल ने राजस्थान आवासन मंडल को नोडल एजेंसी बनाया है। मंडल के सहयोग से पहले चरण में मंडल के अधीन प्रदेश भर में चल रही 150 से अधिक परियोजनाओं से जुड़े हजारों श्रमिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके पश्चात प्रदेश की अन्य संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर नीलाभ गंगवार ने 'निपुण' के तहत दिए जा रहे अन्य फायदों को भी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद निर्माण श्रमिकों को 3 साल के लिए 2 लाख रुपए का निःशुल्क दुर्घटना बीमा भी करवाया जाएगा।

आयुक्त अरोड़ा ने बताया कि नवाचारों की कड़ी में आवासन मंडल ने देशभर में पहली ऐसी संस्था बन जाएगा जो सरकारी, गैर सरकारी, देहाड़ी पर आने वाले, बिल्डरों के निर्माण श्रमिकों को नरेडको के सहयोग से प्रोफेशनल तरीके से प्रशिक्षित कराएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण चल रहे काम के दौरान ऑन साइट ही दिया जाएगा, जिससे निर्माण कार्य भी बाधित नहीं होगा।पवन अरोड़ा ने बताया कि प्रशिक्षण समाप्ति पर श्रमिकों को नरेडको द्वारा प्रमाण पत्र एवं 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इसमें मंडल पर कोई भी वित्तीय भार नहीं आएगा। इस प्रशिक्षण की सबसे बड़ी खास बात यह है कि प्रशिक्षण लेने के बाद श्रमिक अकुशल से कुशल की श्रेणी में आ सकेंगे, जिससे उनके मानदेय में भी बढ़ोतरी होगी।

आयुक्त ने कहा कि अब तक उपेक्षित रहे श्रमिक तबके की ओर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। उनकी सुविधाओं एवं सुरक्षा के लिये भी कोई खास बंदोबस्त नहीं किया गया। ऐसे में मण्डल ने नरेडको से पहल कर यह खास कदम प्रदेश के निर्माण श्रमिकों के लिए उठाया। उन्होंने बताया कि कौशल प्रशिक्षण से ना केवल श्रमिकों के जीवन में सुधार आएगा बल्कि कार्य क्षमता और गुणवत्ता भी पहले से बेहतर हो सकेगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले