मालवीय मिशन ने बीएचयू का स्थापना दिवस मनाया
० आशा पटेल ०
जयपुर | महामना मालवीय मिशन, जयपुर की कार्यकारिणी के सदस्यों ने बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी - बीएचयू का स्थापना दिवस मनाया । मालवीय मिशन के अध्यक्ष अनिरूद्ध सिंह, ने बताया कि 4 फरवरी, 1916 को बनारस में आजादी से पहले बीएचयू. का शिलान्यास , तत्कालीन वाइस रॉय लोर्ड हार्डिंग द्वारा सम्पन्न किया गया था। यह आयोजन, कई प्रांतो के गवर्नर, महाराजाओं, प्रख्यात विद्यानों, शिक्षाविदों व लगभग 5000 विद्यार्थियों व शिक्षा प्रेमियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया था ।
वाराणसी स्थित बीएचयू का अपना स्वर्णिम इतिहास है और आजादी से पहले स्थापित यह देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा विश्व विद्यालय है | इसका केम्पस इतना बड़ा है कि इसके लिए उस समय कई गांवों की जमीन को अवाप्त किया गया था | जयपुर में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम के दौरान सभी सदस्यों ने बी.एच.यू. के अपने अपने अनुभव साझा किये | कार्यक्रम के दौरान कार्यकारिणी के सदस्य एस.के.जोशी, बी.के. शर्मा, गिरधर गुप्ता, एल.के. महेश्वरी, अशोक हरित एवं राजेश पूनिया उपस्थित रहे। गिरधर गुप्ता, महासचिव ने आयोजन में सम्मिलित होने के लिये सभी को धन्यवाद किया ।
जयपुर | महामना मालवीय मिशन, जयपुर की कार्यकारिणी के सदस्यों ने बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी - बीएचयू का स्थापना दिवस मनाया । मालवीय मिशन के अध्यक्ष अनिरूद्ध सिंह, ने बताया कि 4 फरवरी, 1916 को बनारस में आजादी से पहले बीएचयू. का शिलान्यास , तत्कालीन वाइस रॉय लोर्ड हार्डिंग द्वारा सम्पन्न किया गया था। यह आयोजन, कई प्रांतो के गवर्नर, महाराजाओं, प्रख्यात विद्यानों, शिक्षाविदों व लगभग 5000 विद्यार्थियों व शिक्षा प्रेमियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया था ।
उन्होंने बताया कि मालवीय जी की सोच थी कि यदि भारत को उन्नति करनी है तो नई पीढ़ी को शिक्षित करना अत्यन्त आवश्यक है। इसलिये उन्होंने आर्ट्स, साइन्स, लॉ आदि विषयों के साथ-साथ, तकनीकी व आयुर्वेद की शिक्षा भी देने का निश्चय किया। अंग्रेज कभी नहीं चाहते थे कि हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना हो, परन्तु ये महामना की विद्यता एवं कुशल व्यवहार का ही परिणाम था कि उन्होंने न केवल एसेम्बली में बिल पास करवाया बल्कि वाइस रॉय लॉर्ड हार्डिंग के द्वारा शिलान्यास भी सम्पन्न कराया।
वाराणसी स्थित बीएचयू का अपना स्वर्णिम इतिहास है और आजादी से पहले स्थापित यह देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा विश्व विद्यालय है | इसका केम्पस इतना बड़ा है कि इसके लिए उस समय कई गांवों की जमीन को अवाप्त किया गया था | जयपुर में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम के दौरान सभी सदस्यों ने बी.एच.यू. के अपने अपने अनुभव साझा किये | कार्यक्रम के दौरान कार्यकारिणी के सदस्य एस.के.जोशी, बी.के. शर्मा, गिरधर गुप्ता, एल.के. महेश्वरी, अशोक हरित एवं राजेश पूनिया उपस्थित रहे। गिरधर गुप्ता, महासचिव ने आयोजन में सम्मिलित होने के लिये सभी को धन्यवाद किया ।
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