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गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप ने एडवांस फ्लाइट कंट्रोल एक्चुएटर के लिए एडीए के साथ समझौता किया
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० संवाददाता द्वारा ० मुंबई : गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप की कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस का एयरोस्पेस व्यवसाय भारत सरकार द्वारा समर्थित राष्ट्रीय कार्यक्रमों में योगदान करने के लिए बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2025 के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर देश के आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ कर रहा है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के साथ हुआ यह समझौता देश के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम के लिए फ्लाइट कंट्रोल एक्चुएटर के देश में विनिर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता फ्लाइट-क्रिटिकल डीडीवी-आधारित सर्वो एक्चुएटर और संबंधित कार्यात्मक तत्वों (फंक्शनल एलिमेंट) के लिए कल-पुर्ज़े विकसित करने के लिहाज़ से एडीए के साथ गोदरेज की दो दशक लंबी साझेदारी पर आधारित है। यह सहयोग महत्वपूर्ण एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप इस समझौता ज्ञापन के तहत, एएमसीए के लिए फ्लाइट कंट्रोल एक्चुएटर का व्...
सतपक्ष पत्रकार मंच ने डीआईपीआर आयुक्त को सौंपा 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन
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० आशा पटेल ० जयपुर | पत्रकार संगठन 'सतपक्ष पत्रकार मंच' की ओर से सूचना एवं जन सम्पर्क आयुक्त सुनील शर्मा को सचिवालय स्थित उनके चेंबर में पत्रकार हितों से जुड़ा एक सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन में 2013 की विज्ञापन दरों में वृद्धि करने, प्रिंट मीडिया से जुड़े समाचार संस्थानों को प्रतिवर्ष न्यूनतम 6 लाख रूपए तक के अनिवार्य विज्ञापन देने,पत्रकार सुरक्षा कानून के यथाशीघ्र निर्माण,जयपुर के पत्रकारों की बहुप्रतिक्षीत 'पत्रकार आवास योजना' के त्वरित क्रियांवयन,वरिष्ठ पत्रकारों को दी जाने वाली सम्मान राशि को 15000 से बढ़ाकर 25000 करने, राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार सम्मान योजना के आवेदन पत्र से 10 साल के अधिस्वीकरण की अनुचित शर्त को हटाने , अधिस्वीकृत व स्वतंत्र पत्रकार की तर्ज पर 'पंजीकृत पत्रकार' नाम की एक नई श्रेणी सृजित करने, मीडिया कौंसिल के गठन एवं सरकार द्वारा पूर्व में घोषित 'राजस्थान जर्नलिस्ट हैल्थ स्कीम' को तुरंत प्रभाव से मूर्त रूप देने जैसी मांगों को रखा गया है । सतपक्ष पत्रकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल यादव एवं राष्ट्रीय उपाध्यक...
सहायता ने CMS फाउंडेशन के सहयोग से दिया जीवन रक्षा प्रशिक्षण
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० आशा पटेल ० जयपुर | सहायता संस्था द्वारा CMS फाउंडेशन के CSR के अंतर्गत वित्तीय सहयोग से चेयरपर्सन "पद्मश्री" डॉ माया टंडन के नेतृत्व में कानोडिया पी जी कॉलेज मे विद्यार्थियो को जीवन रक्षा प्रणाली मे प्रशिक्षित करने के लिए 2 प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सहायता संस्था की कोषाध्यक्ष डॉ नीरजा ग्रोवर ने Cardiac Arrest व Automated External Defibrillator (AED) एवं ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों व उनकी तुरंत मदद कैसे की जाये, पर विस्तार से चर्चा की । कार्यक्रम में सहायता संस्था के सीईओ मनीष संचेती द्वारा घायल की संभाल हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण बातें साझा की गई। उन्होंने बताया कि अगर दुर्घटना हो जाए तो आप पीड़ित के घरवालों को तुरंत संपर्क कर उन्हें घायल की स्थिति के बारे में बताकर बुला सकते है ,इसके लिए हमें अपने मोबाइल की लॉक स्क्रिन पर कम से कम In Case of Emergency नंबर लिखकर डालने चाहिए। प्रशिक्षण केम्प के कन्वीनर उदयवीर सिंह ने विद्यार्थियों को दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित की जीवन रक्षा से सम्बंधित उपायों जैसे CPR व Compression Only Life Support (कंप्रेशन ओनली ...
भारत में सैंडविच जेनरेशन के 60%* लोगों को भविष्य की फाइनेंशियल सिक्योरिटी की चिंता
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० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली : भारत में सैंडविच जेनरेशन के लोग अपने माता-पिता और बच्चों की ज़िंदगी को हर संभव तरीके से सबसे बेहतर बनाने पर ध्यान देते हैं, फिर भी उन्हें ऐसा लगता है कि वे अपने भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। एडलवाइज लाइफ़ इंश्योरेंस की एक स्टडी के अनुसार, 60% उत्तरदाता इस बात से सहमत हैं कि, "चाहे मैं कितनी भी सेविंग या इन्वेस्ट कर लूँ, पर ऐसा लगता है कि ये भविष्य के लिए काफ़ी नहीं है। सामान्य तौर पर 35 से 54 साल की उम्र के लोगों को सैंडविच जेनरेशन कहा जाता है, जिनके कंधों पर दो पीढ़ियों – यानी अपने बुजुर्ग माता-पिता और बढ़ते बच्चों की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी होती है। जीवन बीमा कंपनी ने YouGov के साथ मिलकर देश के 12 शहरों में इस जेनरेशन के 4,005 लोगों का एक सर्वे किया, ताकि उनके नज़रिये, उनकी धारणा और वित्तीय तैयारी के स्तर को समझा जा सके इस मौके पर एडलवाइज लाइफ़ इंश्योरेंस के एमडी एवं सीईओ, सुमित राय ने कहा, "पिछले कुछ सालों में अपने ग्राहकों के साथ बातचीत के आधार पर हमने इस बात को करीब से जाना है कि, सैंडविच जेनरेशन के लोग क...
बुक माय शो फाउंडेशन की बुक ए चेंज पहल शुरू, हर किसी को संगीत और कला सीखने का मिलेगा मौका
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० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली : बुक माय शो फाउंडेशन की बुक ए चेंज पहल शुरू, हर किसी को संगीत और कला सीखने का मिलेगा मौका : 500 वंचितों को दी जाएगी छात्रवृत्ति। बुक माय शो फाउंडेशन की बुक अ चेंज पहल गैर-लाभकारी है, जो पूरे भारत में जरूरतमंद लोगों और समुदायों की मदद करती है। इसका लक्ष्य संगीत और प्रदर्शन कला के जरिए लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाना है। बुक अ चेंज ने नया म्यूजिक स्कॉलरशिप प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें 500 छात्रवृत्तियां दी जाएंगी। इसका मकसद जरूरतमंद लेकिन प्रतिभाशाली लोगों को अवसर देना और उन्हें सशक्त बनाना है। बुक अ चेंज न सिर्फ छात्रवृत्तियां देगा, बल्कि हिप-हॉप थिएटर, भारतीय शास्त्रीय गायन, मोबाइल म्यूजिक स्टूडियो जैसी पहल भी शुरू करेगा। साथ ही, पूरे भारत में जरूरतमंद लोगों को लाइव संगीत कार्यक्रम का अनुभव भी मिलेगा। बुक माय शो के साथ जुड़ा बुक अ चेंज लाखों मनोरंजन प्रेमियों की सामूहिक भावना से सार्थक बदलाव लाने का प्रयास करता है। हर टिकट खरीद पर सिर्फ 1 रुपये का दान देकर, उपभोक्ता संगीत के माध्यम से जीवन बदलने वाले इस आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं। इसक...
नई तकनीक से एम्स में पार्किंसंस के 200 मरीजों को फ्री इलाज मिलेगा
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली: मेडिकल क्षेत्र में हर बीमारी के इलाज के लिए नई-नई तकनीको का आविष्कार हो रहा है. इन तकनीकों से मरीजों के इलाज को सुविधाजनक और अधिक असरदार बनाया जा रहा है. दिल्ली एम्स ने न्यूरो संबंधी बीमारी पार्किंसन और ट्रेमर्स (कंपन) का नई तकनीक से इलाज की पहल शुरू की है. इस तकनीक से न्यूरो संबंधी बीमारियों के मरीजों को जल्दी लाभ मिलता है. साथ ही लंबे समय तक दवाई भी नहीं खानी पड़ती है. दिल्ली एम्स में न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि यह नई तकनीक है. अभी तक पार्किंसन और ट्रेमर्स जैसी बीमारियों के इलाज के लिए सिर्फ दवाई ही विकल्प थी. अब इनके इलाज के लिए एक अत्याधुनिक इनसाइटेक एमआर-गाइडेड एचआईएफयू (मैग्नेटिक रेजोनेंस-गाइडेड फोकस्ड अल्ट्रासाउंड) तकनीक भी आ गई है. इस तकनीक से इलाज की शुरूआत के लिए एम्स में मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. अगले 6 महीने में यह मशीन एम्स में लग जाएगी और इस तकनीक से न्यूरो संबंधी समस्याओं के मरीजों को इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी. मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि शुरूआत में एम्स में 200 मरीजों को इस...
बाल विवाह मुक्त भारत बनाने में धर्मगुरु व नागरिक समाज संगठन करें सहयोग : डॉ वीरेंद्र कुमार
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० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं व विवाह संपन्न करने वाले पुरोहितों से बाल विवाह के खात्मे के लिए सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आह्वान करते हुए कहा कि सबके मिले- जुले प्रयासों से अतीत में भारत ने सती प्रथा जैसी कई कुप्रथाओं का सफलतापूर्वक उन्मूलन किया है। ऐसे में कोई कारण नहीं कि हम बाल विवाह की बुराई को देश से खत्म नहीं कर पाएं। वे आकांक्षी जिला एवं प्रखंड कार्यक्रम के अंतर्गत एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) की बाल अधिकार कार्यकर्ताओं की चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। एवीए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है। डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा, “हम वो देश हैं जिसने एक बार कुछ ठान लिया तो फिर कुछ भी असंभव नहीं है। हमने सती प्रथा जैसी कई कुरीतियों का खात्मा किया है। ऐसे में हमें पूर्ण विश्वास है कि बाल विवाह का भी खात्मा होगा। देश...
चीलाराय - चीफ पेट्रोन ऑफ आसामिज लैंग्वेज, कल्चर एंड ग्रेट असम" का विमोचन
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में 16 वीं शताब्दी में कोच वंश के शासन में मुख्य सेनापति रहे वीर चीलाराय पर लिखी पुस्तक "चीलाराय - चीफ पेट्रोन ऑफ आसामिज लैंग्वेज, कल्चर एंड ग्रेट आसाम" का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक शुभ्रा ज्योति भोराली उपस्थित थे। भोराली की यह पुस्तक वीर चीलाराय पर लिखी उनके समाचार पत्रों में लिखे लेखों का संकलन है। पिछले एक दशक से वह इस पर काम कर रहे हैं और "आसोमी" नामक संस्था के फाउंडर भी है। इस पुस्तक में उन्होंने विस्तार से बताया है कि कैसे चीलाराय ने अपनी शक्ति और निपुणता से कोच वंश का विस्तार किया और पूर्वी भारत का पहला सनातनी हिंदू साम्राज्य स्थापित किया और मुगलों को आगे बढ़ने से रोका। कोच वंश का साम्राज्य अभी के असम,मेघालय,मणिपुर,नागालैंड,सिक्किम,भूटान,आधा पश्चिम बंगाल, कुछ हिस्सा अब के बांग्ला- देश,म्यांमार,नेपाल और बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ था। पुस्तक के अनुसार,वीर चीलाराय अपने बड़े भाई नर नारायण (उस समय के शासक) के प्रधान सेनापति थे। कोच वंश के शासन काल में भाषा,संस्कृति,कला और संगीत काफी समृद्ध हुआ। इसक...