tag:blogger.com,1999:blog-26901416902153926032024-03-19T14:17:13.659+05:30Qutub Mail"क़ुतुब मेल" दिल्ली से प्रकाशित,निष्पक्ष और स्वस्थ पत्रकारिता का सदैव समर्थक.
Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.comBlogger6110125tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-26314831600653718512024-03-19T10:02:00.003+05:302024-03-19T10:02:26.972+05:30अपने अस्तित्व की सुरक्षा से जूझती गौरैया <div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhjsM8xj9NVPdff4bs2lbN9j2yjxAF2i8M_e8AbyCEoFfI-hWEWiOX9hD-CCCVa3VSAUh8hyfnhF2peCr0cmBT6GXWjaviBZUkmGNKxN2JPqrJVL57meA1fHhvwDB5c5F5Zcr0FFAuSmFv3dUb-TX8aAY1JQQWnBi6iNo9jpg86qoG-SjlUpGxzQZtpaPx0" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="168" data-original-width="300" height="179" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhjsM8xj9NVPdff4bs2lbN9j2yjxAF2i8M_e8AbyCEoFfI-hWEWiOX9hD-CCCVa3VSAUh8hyfnhF2peCr0cmBT6GXWjaviBZUkmGNKxN2JPqrJVL57meA1fHhvwDB5c5F5Zcr0FFAuSmFv3dUb-TX8aAY1JQQWnBi6iNo9jpg86qoG-SjlUpGxzQZtpaPx0" width="320" /></a></div></b></div><b>० </b><b>श्याम कुमार कोलारे ० <br /></b><b><span style="color: #990000;"> "गौरैया की चहचहाहट से, भोर हुआ करती थी,<br />गौरैया से करलव से, दिन-रजनी से मिला करती थीl"<br /></span>एक समय था जब हमारा जीवन गांवो में बसा करता था l जहाँ हमारे चारों ओर ग्रामीण परिवेश में बसे जीव-जन्तु निवास करते थे, उन्मुक्त गगन में जब हम इन जीव-जंतुओं के इर्दगिर्द रहते तो जमीन से जुड़े हुए होने का यथार्त आनंद की अनुभूति करते थे l हम सभी को याद होगा कि उन जीवों में से एक नन्ही सी चिड़िया गौरैया भी हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हुआ करती थी, इसकी चहचहाहट से ही दिन की शुरुआत होती थी, और इनके करलब से ही दिन का प्रकाश शांत होता था l </b><div><b><br /></b></div><div><b>सभी के घर-आँगन की शोभा गौरैया हमारे आसपास अपना जीवन बड़े उमंग से व्यतीत करती थी l हमारे घर के नन्हे बच्चे गौरैया के पीछे-पीछे भागते-दौड़ते और साथ खेला करते थे l उस समय की कल्पना से ही मन में जैसे उमंग भर जाती हैl इस सुखद यादें अपने मन में रखे इस नन्हा सा जीव गौरैया को देख अब लगता है जैसे यह हमसे रूठ गयी है l बहुत-बहुत दिनों तक इसके दर्शन नहीं होते हैl उसकी चहचहाहट, करलब की ध्वनी को सुनने के लिए मन फिर से मचल उठता है l</b></div><div><b><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgFgWWCQw3H_yFJrf-vRDJhwFLoRyg7HerzBRiwu7oCtqqaCQ2-lHsJvfkFymP-DWQsajIrJtUbehmjEYlEf5icZufbrVodwyLHlIHOhfQGCltev7AH0osNX0sHLiUCB4IawdBmuEya4pVwoAB_2e_u2NkfWDm2wiTDtUcvvqralwN8x8c6AnpZJYOjDFjB/s600/Shyam%20Kumar%20Kolare.png" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="600" data-original-width="600" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgFgWWCQw3H_yFJrf-vRDJhwFLoRyg7HerzBRiwu7oCtqqaCQ2-lHsJvfkFymP-DWQsajIrJtUbehmjEYlEf5icZufbrVodwyLHlIHOhfQGCltev7AH0osNX0sHLiUCB4IawdBmuEya4pVwoAB_2e_u2NkfWDm2wiTDtUcvvqralwN8x8c6AnpZJYOjDFjB/w200-h200/Shyam%20Kumar%20Kolare.png" width="200" /></a></div><br /></b></div><div><b><br /></b></div><div><b> उसकी फुदक के साथ हमारे पैर भी थिरकने के लिए तरसने लगे l पता नहीं किसकी नजर लग गई; यह नन्ही साथी अब हमारे खेत-खलियान, घर-आँगन से अदृश्य होती जा रही है l रवि की फसल आते ही किसानो की यह नन्ही दोस्त चने, मटर के खेत में इल्लियाँ खाती नजर आती थी, किसानोपयोगी यह नन्हा जीव अपनी मित्रता निभाने के लिए जैसे बिन मजदूरी के मजदूर की भांति सुबह से अपने काम में बड़े परिश्रम से लग जाती थी l<br /><br />किसानो के इस दोस्त की संख्याँ दिन व दिन कम होते जा रहे है; यह हमारे लिए एक चिंता का विषय हैl हर साल 20 मार्च का दिन दुनियांभर में गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है l भारत और दुनियाभर में गौरैया पक्षी की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है l हर साल 20 मार्च को गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्ददेश के यह दिवस मनाया जाता है l गौरैया धरती में सबसे पुरानी प्रजाति में से एक है l गौरैया की लुप्त होती प्रजाति और कम होती आबादी बेहद ही चिंता का विषय है l पहली बार गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था, नेचर फॉरएवर सोसाइटी (भारत) और इको-सीस एक्शन फाउंडेशन (फ्रांस) के सहयोग से विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत की गई l<br /><br />पेड़ो की अंधाधुंध कटाई, आधुनिकरण, शहरीकरण और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से गौरैया पक्षी विलुप्त होने की कगार पर पहुँच गया है l गौरैया पक्षी की संख्याँ में लगातार कमी एक चेतावनी है कि प्रदूषण और रेडीएशन प्रकृति और मानव के ऊपर क्या प्रभाव डाल रही है l इसे दुरुस्त करने की नित्तांत आवश्यकता है l हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस एक ख़ास थीम “आई लव स्पैरो” के साथ मनाया जाता है l<br /><br />गौरैया के संरक्षण और बचाव के लिए हमें कुछ सरल सहयता कर इसे बचा सकते है l गौरैया आपके घर में घोसला बनाये, तो उसे हटायें नहीं l रोजाना आँगन, खिड़की, बहरी दीवारों पर दाना पानी रखें l गर्मियों में गौरैया के लिए पानी रखें l पेड़ों पर डिब्बे, मटके आदि टांगे जिसमे गौरैया घोसला बना सके l घरों, छत में घान, बाजरा की बाली लटकाकर रखे l यह हमारा एक नन्ही सी दोस्त का संरक्षण एवं बचाव के लिए प्यास कर सकते है l गौरैया हमारे पर्यावरण पर हमारे जीवन का एक जरुरी है, इसलिए इनकी रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है l<br />"न जाने यह करलव, अब शांत से लगते है<br />इसकी आबाज बिन, दिन सुने से लगते है l"</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-70957519346073098842024-03-19T09:56:00.002+05:302024-03-19T09:56:10.658+05:30देश में तालाबों के हालात बद्तर, जिम्मेदार कौन<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjzcF3IGpfBPpdzHvmG8cSkxzEhGRLjBeXR9f2FZiWRch_zZPRwsqFZbm307WUrh-5NSDG8tz67RJvPSipWfydCqlFU4ClJEAViNjnzMFisMfkVCx4aWL-2iFni8W3U5gOewEgjPnS2IR1_ChWu4fG0aZwrFy7Db4z17L6MqgpXw9pUEZ4bN6JyaAtrOFcX" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="183" data-original-width="275" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjzcF3IGpfBPpdzHvmG8cSkxzEhGRLjBeXR9f2FZiWRch_zZPRwsqFZbm307WUrh-5NSDG8tz67RJvPSipWfydCqlFU4ClJEAViNjnzMFisMfkVCx4aWL-2iFni8W3U5gOewEgjPnS2IR1_ChWu4fG0aZwrFy7Db4z17L6MqgpXw9pUEZ4bN6JyaAtrOFcX" width="320" /></a></div></b></div><b>० राम भरोस मीणा ० <br />हर वर्ष गर्मियां शुरू होते ही पानी की किल्लत जोरों से प्रारम्भ हो जाती है। कहीं पीने के पानी की समस्या है तो कहीं कृषि की सिंचाई के पानी की समस्या मुंह बाये खडी़ है। वैसे यह समस्या तो हर वर्ष दिसम्बर- जनवरी के आने के साथ ही प्रारंभ हो जाती है जो मई -जून आते-आते अपना असर दिखाने लगती है। पिछले एक - डेढ़ दशक से यह हर वर्ष विशेष रूप में दिखाई देने लगी है। जहां तक जल स्तर का सवाल है, देश में जल स्तर भी प्रति वर्ष लगातार तेजी से गिरता जा रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर इस सबका जिम्मेदार कौन है? प्रकृति, सरकार या स्वयं मानव ?</b><div><b><br /></b></div><div><b> इस समस्या पर चिंतन बहुत जरूरी है। क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति विशेष की समस्या नहीं है बल्कि यह तो सभी की समस्या है। इससे कोई अछूता नहीं है। तात्पर्य यह कि दावे कोई कुछ भी करे, हकीकत में इसकी मार से कोई बच ही नहीं सकता। वह चाहे मध्य प्रदेश हो, छत्तीसगढ़ हो, महाराष्ट्र हो, राजस्थान हो, हरियाणा हो या राजस्थान या फिर उत्तर प्रदेश ही क्यों न हो, देश का कोई राज्य, महानगर इस समस्या से अछूता नहीं है। राजस्थान को ही लें, यहां का पश्चिमी भाग रेतीले धोरों से आच्छादित है। नहर व नदियों के द्वारा ही यहां की कृषि ने काफी उपलब्धि हासिल की है</b></div><div><b><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi16Jt2BWrE9GGjM6-yyrULjVxyTiXZ2EBE5POlYoWu2hLR7PNy3zhYarU9Mxa56W_k4bdlCJVyfV0BLD1ODTXMy_0zr5Ph_3Uz6HXdkUIBepw_WxXsY39PmJOg4wBguQe8f3_e4YQ3UYDNEyGUqg9nOGVJXkXj5fen0KXdreTA8gFUlXw1sYc4mjtSc3e6" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img data-original-height="670" data-original-width="462" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi16Jt2BWrE9GGjM6-yyrULjVxyTiXZ2EBE5POlYoWu2hLR7PNy3zhYarU9Mxa56W_k4bdlCJVyfV0BLD1ODTXMy_0zr5Ph_3Uz6HXdkUIBepw_WxXsY39PmJOg4wBguQe8f3_e4YQ3UYDNEyGUqg9nOGVJXkXj5fen0KXdreTA8gFUlXw1sYc4mjtSc3e6=w138-h200" width="138" /></a></div></b></div><div><b>लेकिन पेयजल की समस्या यहां हमेशा से ही भयावह रूप में मौजूद रही है। दर असल जलापूर्ति में यहां के स्थानीय निकाय हमेशा ही नाकाम रहे हैं। राज्य के पूर्वी भाग में शुद्ध जल आपूर्ति का बाधित होना कोई नयी बात नहीं है। देश में 50 प्रतिशत बांध सूख गए हैं अथवा सूखने की स्थिति में हैं। वहीं 30 प्रतिशत मई जून तक सूखने की स्थिति में आ जाएंगे। राजस्थान में 342 बांध रीतें हैं, 340 बांधों में थोड़ा ही पानी बचा है। यदि हम ज़िले विशेष की बात करें तो पाते हैं कि अरावली पर्वत मालाओं से घिरे सरिस्का की वादियों में बसे अलवर जिले के सभी 90 प्रतिशत बांध सूख चुके हैं । साथ ही सरिस्का के वन्य जीवों के सामने पीने के पानी की किल्लत भी मुंह बाये खड़ी है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b>वर्तमान परिस्थितियों में राजस्थान सरकार ने मध्य प्रदेश से पानी मांगा है। हालात राज्य के किसी भी जिले के ठीक नहीं हैं। दक्षिण के राज्यों की स्थिति तो और भी बद्तर है। बंगलुरु की घटना इसकी जीती जागती मिसाल है। यहां असली समस्या पानी के प्रबंधन को लेकर है जिसपर सदैव उंगली उठती रही है। बिगड़ते हालातों में पानी की पूर्ति कैसे हो, यही सबसे बडा़ चिंता का विषय है। वह टैंकर से हो, ट्यूबवेल से हो, नहरों के द्वारा हो अथवा अन्य और किसी भी उपाय से हो, इसी में जिला प्रशासन और जलदाय विभाग उलझा रहता है और इसी उधेड़बुन में सारी मशीनरी उलझी रहतु है। </b></div><div><b><br /></b></div><div><b> इसी में उलझते हुए पानी की किल्लत के मुख्य कारणों और सार्थक प्रयासों को अमल में लाने के बारे में कोई नहीं सोचता। दर असल इसके बारे में और कोई ओर सोचेगा ही क्यों? वह तो केवल और केवल अपने बारे में ही सोच सोचकर दुबले हुए जा रहे हैं। वह तो दूसरे के बारे में आखिर सोचेंगे भी क्यों ? क्यों कि हमें तो अपना ही भला - बुरा सोचना है। बाकी जायें भाड़ में यह सोच अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। यह वर्तमान का यथार्थ है। देखने को मिल रहा है कि आज वैज्ञानिक चंद्रमा पर पानी की खोज कर रहे हैं लेकिन धरती पर पानी कम हो रहा है, इसकी चिंता किसी को नहीं है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> सबका आखिर में यही सोच रहता है कि मेरीऋजरूरत पूरी होती रहे, मुझे दूसरे से क्या मतलब। ऐसा मानकर वह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे होते हैं। दुख इस बात की है कि उनको पानी के मुख्य स्रोतों , नदी- नालों के बहाव क्षेत्रों में पैदा अवरोधों तथा उनके कारणों की कोई चिंता नहीं है। इस बाबत तो वह समझना ही नहीं चाहते। राजस्थान में जोहड़ - तालाबों की संस्कृति विश्व की महान जल प्रबंधन की परिचायक है। लेकिन हकीकत यह है कि सन 1980 के बाद से वहां जोहड़ एक- एक करके ग़ायब होते चले गये और आज हालत यह है कि वहां 95 प्रतिशत जोहड़-तालाब कहां ग़ायब हो गए, </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>इस बाबत सब मौन हैं। और तो और जो जोहड़ आज दिखाई भी दे रहे हैं, वो अनुपयोगी हैं या यह कहा जा सकता है कि वह भू गर्भ में पानी एकत्रित करने के लायक ही नहीं बचे हैं तो कुछ गलत नहीं होगा। दूसरी तरफ नदियां जो पानी को संजोए रखतींं थीं, उनके स्वयं के कंठ सूखे हैं, वे वेंटिलेटर पर सांसें गिन रहीं हैं या कैंसर जैसी बीमारियों की जकड़ में हैं। इसके लिए स्वयं व्यक्ति या सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उन्होंने ही उन्हें कूडे़ दान में तब्दील कर दिया है। नदियां आज स्वयं प्रजापालक नहीं, डायन बन कर रह गई हैं।<br /><br /> बदलते परिवेश में आज हम सबको केवल और केवल अपनी ही चिंता है। सरकारें भी अपने हित को सर्वोपरि मान योजना निर्माण में लगी रहती हैं, वह बात दीगर है कि उससे जनता का दुख-दर्द कितना दूर हो पाता है। राजस्थान के अलवर जिले में स्थित ऐतिहासिक जयसमंद बांध इसका प्रमाण है जो पानी के अभाव में हर साल सूखा रहता है, उसमें पानी लाने के लिए लाखों खर्च भी होतें है, सरकारी आदेश निकाले जाते हैं, अतिक्रमण हटाए जातें हैं,</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> लेकिन इस सबके बावजूद यह बांध पिछले दो दशकों से सूखा पडा़ हुआ है। उसका दिनों दिन जल स्तर गिरता जा रहा है, विदेशी मेहमान पक्षी भी यहां आना बंद हो गये हैं। बांध के सभी जीव जंतु, कीट- पतंगें छोड़ कर चले गये हैं या मर-खप गये, इसँबाबत सरकार का मौन समझ से परे है।आखिर उसकी चिंता किसे है जो इस समस्या के स्थाई निवारण हेतु प्रयास भी करे। खैर जो भी हैं, अब समय आ गया है कि हम अपने तालाबों को बचायें, नदियों को स्वतंत्र बहने दें, वन व पहाड़ी क्षेत्रों में हो रहे वैध या अवैध खनन को रोकें, नदी के बहाव क्षेत्र को अपशिष्टो से बचाने के साथ</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> जल संरक्षण के कार्यों में हम वैज्ञानिकों के साथ साथ समाज विज्ञानियों का भी हरसंभव सहयोग ले जिससे ग्राम कस्बे से लेकर देश के प्रत्येक शहर को पीने के पानी की समस्या से निजात दिलायी जा सके, तालाबों को पुनः पानी से भर सकेंआ सकें, नदियां बह सकें। अतः जल संरक्षण के कार्यों को सफल बनाने के लिए समाज व समाज विज्ञानियों कों अवश्य सहभागी बनायें ताकि तालाब जिंदा रह सकें।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-62958931197775337192024-03-19T09:49:00.002+05:302024-03-19T09:49:31.180+05:30यूईएम जयपुर, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा " अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjRZeSLRkYgZw8Ex6_U2ZatPKPOr0b6B64E6s5CZAVU_Z61OFLj5r19rn5LQSs34xVomUk_o1G-w6-4fM12Z4qNvgepWovelEgUEftxD7stVQrsUkKdZYF4IzvBZ_xfnNWAZrj9tfi3In51xtEsUqTQDwlFsoonN-S_qievAqaqNyanqP2Df_tMpR8HoRXu" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1067" data-original-width="1600" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjRZeSLRkYgZw8Ex6_U2ZatPKPOr0b6B64E6s5CZAVU_Z61OFLj5r19rn5LQSs34xVomUk_o1G-w6-4fM12Z4qNvgepWovelEgUEftxD7stVQrsUkKdZYF4IzvBZ_xfnNWAZrj9tfi3In51xtEsUqTQDwlFsoonN-S_qievAqaqNyanqP2Df_tMpR8HoRXu" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br />जयपुर | यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (यूईएम) के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट विभाग द्वारा "नेशनल ताईपेई यूनिवर्सिटी ऑफ बिजनेस", ताइवान के सहयोग से यूईएम-जयपुर स्थित कैंपस में दो दिवसीय "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन मैनेजमेंट फॉर बिजनेस एंड इंडस्ट्रियल ग्रोथ 2024" कॉन्फरेंस का आयोजन किया। कार्यक्रम में महानुभावों द्वारा कॉन्फरेंस की स्मारिका का अनावरण किया गया।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEj1ORUlViH2Kti09YVfjH_Ms-LjR_RImVzfaWJJUL34kgfpMV9wgemKOIzJpoOYXGIvpAWUS4jRtu7KDsPWdML6JnfOSnY99pvjoi83SxBLsXFqk_LqD5EZx1xO8DIgTCHgoCwUQwrWLw5av2QQ8VDxnbjeCLI0SldgJwPhxQMPrwpGOzFS2h0fOljFbmG1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1067" data-original-width="1600" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEj1ORUlViH2Kti09YVfjH_Ms-LjR_RImVzfaWJJUL34kgfpMV9wgemKOIzJpoOYXGIvpAWUS4jRtu7KDsPWdML6JnfOSnY99pvjoi83SxBLsXFqk_LqD5EZx1xO8DIgTCHgoCwUQwrWLw5av2QQ8VDxnbjeCLI0SldgJwPhxQMPrwpGOzFS2h0fOljFbmG1" width="320" /></a></div></b><div><b>मैनेजमेंट विभाग प्रमुख प्रो डॉ प्रीति शर्मा ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम के उपाध्यक्ष प्रो डॉ बिस्वजॉय चैटर्जी ने एक उपदेश भाषण दिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं में डॉ एलिजाबेथ इसलास लेओन जो पेरू के अंतर्राष्ट्रीय वक्ता हैं ने "एजुकेशन में एआई का वैश्विक परिदृश्य: ट्रेंड्स, चुनौतियाँ, और बेस्ट प्रैक्टिस" पर बताया; वेरोनिका थावोनेट, एक कॉर्पोरेट लीडरशिप एक्सपर्ट, ने "ब्रिजिंग विजन्स : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और मैनेजमेंट की जुड़ावट में उद्यमिता की उत्कृष्टता" पर चर्चा की और डॉ मुनिश जिंदल, होवर रोबोटिक्स ग्लोबल प्रेसिडेंट और मेंटोरक्स के संस्थापक और सीईओ ने "एक लोक नेता के रूप में, आप किस व्यवहार को प्रोत्साहित करने का इरादा रखते हैं? प्रोटैगोनिस्ट या एक दर्शक?" पर प्रस्तुति दी।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiJVA5RGoyMLSoBX8tsueFJJjM7HFvh3PaWPk7vo18bccLjn778lgTvPojf1dZPL-zUI4vZ5LLj-_wlGRq_-X_QtM3g0GswUo1HPU8TtVCFr5h4_ssiUxbLblNbcpSW7Fj_5GAh18HRoevA8kFmHAm0sgOXL9jkSNSfSyZBNnIYh5J3S55qIGwlOAOf5kRY" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1067" data-original-width="1600" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiJVA5RGoyMLSoBX8tsueFJJjM7HFvh3PaWPk7vo18bccLjn778lgTvPojf1dZPL-zUI4vZ5LLj-_wlGRq_-X_QtM3g0GswUo1HPU8TtVCFr5h4_ssiUxbLblNbcpSW7Fj_5GAh18HRoevA8kFmHAm0sgOXL9jkSNSfSyZBNnIYh5J3S55qIGwlOAOf5kRY" width="320" /></a></div></b></div><div><b>यूईएम जयपुर को स्कॉलर बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित किया गया जिसे डॉ. मुनीश जिंदल ने कुलपति प्रो डॉ. विश्वजॉय चटर्जी, प्रोफेसर डॉ. प्रीति शर्मा हेड स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के साथ छात्रों को भेंट किया। यूईएम जयपुर में एक यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया, जिसमें कॉन्फरेंस ने 17 स्थायी विकास लक्ष्यों को अपनाया।</b></div><div><b><br />पैनल विचार विमर्श में भाग लिया गया जैसे "हार्नेसिंग एआई फॉर स्ट्रैटेजिक डिसीजन-मेकिंग: मैनेजमेंट और बिजनेस में अवसर और चुनौतियाँ," जिसे डॉ नैंसी जूनेजा ने संचालित किया और "एआई-पावर्ड ऑटोमेशन: वर्कफोर्स डायनेमिक्स और संगठनात्मक संरचना को पुनर्निर्धारित करना," जिसे डॉ मुनिश जिंदल ने संचालित किया। दोनों पैनल चर्चाओं के बाद सभापतियों का सम्मान किया गया।</b></div><div><b><br /> डॉ मुनिश जिंदल द्वारा प्रोफेसर डॉ प्रीति शर्मा को वोवोमेन अवार्ड से सम्मानित करने के साथ हुआ उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया| यह संपूर्ण दुनिया भर में 62 वीं महिला के रूप में मिला है। परालल पेपर प्रस्तुतियाँ ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में हुईं जिसे डॉ मनीष सिंह, डॉ पवन शर्मा और प्रोफेसर सौरव बनर्जी ने अध्यक्षता की | डॉ राहुल शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।</b></div><div><b><br /> अमेरिका से राम सुब्रमणियम द्वारा ऑनलाइन की गई एक मुख्य उपन्यास से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने "आईटी की ओवरसाइज़ रोल इन मैनेजमेंट ड्यू टू एआई" पर बातचीत की। इसके बाद पेपर प्रस्तुतियाँ प्रोफेसर सौरव बनर्जी द्वारा अध्यक्षित की गई। दिन ने सम्मानित महान अतिथि राजदूत होन ए. ई. के. एल. गंजू, रिपब्लिक ऑफ यूनियन ऑफ कोमोरोस के कॉन्सुल जनरल का स्वागत किया। तीसरी पैनल चर्चा "एआई में विश्वास बनाना: व्यवसाय अनुप्रयोगों में पक्षपात को कम करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियाँ" पर हुई जिसे डॉ राहुल शर्मा ने संचालित किया जिसमें मिसेज ज्योति सिंह, राज कपूर, डॉ लिपिका शर्मा, प्रियंका सचदेवा, डॉ अनिल मेहता, अनय पाठक, और विवेक शर्मा शामिल थे।</b></div><div><b><br />इस कॉन्फरेंस का आयोजन प्रोफेसर डॉ प्रीति शर्मा और डॉ राहुल शर्मा ने किया जिनके सह-संयोजक के रूप में प्रोफेसर स्वेता पारीक ने सेवा प्रदान की। आयोजन सचिवों में डॉ मनीषा सिंह, डॉ पवन शर्मा, प्रोफेसर सौरव बनर्जी, श्रीमती रिशिता दास और रिद्धिम मुखर्जी शामिल थे। इन दो दिनों के मास्टर ऑफ सेरेमनीज़ मिसेज रिशिता दास और रिद्धिम मुखर्जी रहे।</b><br /></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-66936206815590740082024-03-19T09:42:00.001+05:302024-03-19T09:42:06.205+05:30सीएमए जयपुर चैप्टर को मिला "बैस्ट चैप्टर अवार्ड"<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg2OcVtiELpuE8VstWxzBbThX7hDMUeFVRaRtUS1UjpfTdBqok9PLSRPpO3yscAKIErmc7tPOFXMz3J25RvYqvY12lMMsaEQPgnD-yw5jrNKdc32Cafw0SF_sj0tfDILfnAus0hTKhBzYKDP0SA1SyJqCvAxO_1y5tzsBr3Au0p3MU6nhkgiM97PE7mMdWz" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="744" data-original-width="1116" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg2OcVtiELpuE8VstWxzBbThX7hDMUeFVRaRtUS1UjpfTdBqok9PLSRPpO3yscAKIErmc7tPOFXMz3J25RvYqvY12lMMsaEQPgnD-yw5jrNKdc32Cafw0SF_sj0tfDILfnAus0hTKhBzYKDP0SA1SyJqCvAxO_1y5tzsBr3Au0p3MU6nhkgiM97PE7mMdWz" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br /></b><div><b> जयपुर | दी इन्स्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया के द्वारा इन्दौर में आयोजित नेशनल चैप्टर्स मीट में सीएमए जयपुर चैप्टर को वर्ष 2022-23 के लिए केटेगरी ए चैप्टर मे बैस्ट चैप्टर अवार्ड से सम्मानित किया गया| चैप्टर की ओर से चेयरमैन सीएमए हरेन्द्र कुमार पारीक एवं एनआईआरसी के वाइस चेयरमैन सीएमए राकेश यादव ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। चैप्टर के चेयरमैन सीएमए हरेन्द्र कुमार पारीक ने बताया कि सीएमए स्टूडेन्ट, मेम्बर व प्रोफेशन के लिए विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि कैरियर काउंसलिंग प्रशिक्षण कक्षाएं, </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>मोटीवेशनल सेमीनार, इन्डस्ट्री विजिट, कैम्पस प्लेसमेंट, मेम्बर सेमिनार एवं बेहतर परीक्षा परिणाम आदि विविध गतिविधियों व साथ ही सदस्यों के तकनीकी ज्ञान में अभिवृद्धि और स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से विभिन्न वेबीनार व सेमीनार आदि सराहनीय कार्यों के लिए जयपुर चैप्टर को बैस्ट चैप्टर अवार्ड से सम्मानित किया गया |</b></div><div><b><br /> एनआईआरसी के वाइस चेयरमैन व जयपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन सीएमए राकेश यादव ने यह उपलब्धि हासिल करने का श्रेय प्रबंध कमेटी के सभी सदस्यों, स्टाफ और चैप्टर के सम्मानीय सदस्यों के अथक प्रयासों को दिया। गोरतलब रहे कि कुछ दिनों पूर्व ही जयपुर चैप्टर को उत्तर भारत रीजनल काउन्सिल द्वारा भी बैस्ट चैप्टर अवार्ड से सम्मानित किया गया था | </b><br /></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-30195588171071697672024-03-19T09:39:00.004+05:302024-03-19T09:39:20.876+05:30भारतीय प्रेस पत्रकार संघ ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन<div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2dJUCzdXYXyqWK7u8dAbdJjKuMKqkzjeTUqoBmvVtFyW-dXVII1zjg5-jU6kNO0ZFZ1tDxu83yK7ijrUGfodpdpzuIHXGMRYsy8CV4zKnZyMV3kqOoghg-oEhRtPuWub-R8u0fOCDoLDFzxedwNz7mCmac4osUHj66ka-yZskh8kBwpExjq2a-J7zsBTg/s1600/WhatsApp%20Image%202024-03-18%20at%205.18.10%20PM%20(1).jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1152" data-original-width="1600" height="230" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2dJUCzdXYXyqWK7u8dAbdJjKuMKqkzjeTUqoBmvVtFyW-dXVII1zjg5-jU6kNO0ZFZ1tDxu83yK7ijrUGfodpdpzuIHXGMRYsy8CV4zKnZyMV3kqOoghg-oEhRtPuWub-R8u0fOCDoLDFzxedwNz7mCmac4osUHj66ka-yZskh8kBwpExjq2a-J7zsBTg/s320/WhatsApp%20Image%202024-03-18%20at%205.18.10%20PM%20(1).jpeg" width="320" /></a></div><b>० आशा पटेल ० </b></div><b>जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है की मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकार समाज का महत्वपूर्ण घटक है। पत्रकारों के साथ राजस्थान सरकार हमेशा खड़ी है और पत्रकारों की विभिन्न समस्याएं उनके नोटिस में है। मुख्यमंत्री भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के प्रतिनिधिमंडल से सीएमआर में बात कर रहे थे। इस अवसर पर भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के अध्यक्ष अभय जोशी ने पत्रकारों की आवास समस्या के निस्तारण के साथ ही वंचित पत्रकारों के लिए नई आवास योजना, <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4zaxJsEndEBPbXfrdDdKY89Qhko4fnTrQwmVx-7ZWe4g3KPBvLxhqjrHLY5_SkjcVxcBbQHckhnmdgC8wNxIJwSJhx9BPicIbDON3wUYI4OKiWVCgOTwMG5LZdCjQw2zNpSD4hN3svjdmeiKR402vw8EN2GEzVsfFA-Qtoh11_Y0aaP0OhkWb2JoRgGIJ/s1280/WhatsApp%20Image%202024-03-18%20at%205.18.10%20PM.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1038" data-original-width="1280" height="260" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4zaxJsEndEBPbXfrdDdKY89Qhko4fnTrQwmVx-7ZWe4g3KPBvLxhqjrHLY5_SkjcVxcBbQHckhnmdgC8wNxIJwSJhx9BPicIbDON3wUYI4OKiWVCgOTwMG5LZdCjQw2zNpSD4hN3svjdmeiKR402vw8EN2GEzVsfFA-Qtoh11_Y0aaP0OhkWb2JoRgGIJ/s320/WhatsApp%20Image%202024-03-18%20at%205.18.10%20PM.jpeg" width="320" /></a></div></b><div><b>छोटे,लघु एवं मंझोले अखबारों को नियमित हर माह दो फुल पेज विज्ञापन जारी करने की पॉलिसी बनाने, वरिष्ठ पत्रकारों की पेंशन सहायता राशि बढ़ाकर पच्चीस हजार रूपए करने, पत्रकारों को पांच लाख तक की कैशलैस मेडिकल सुविधा देने, पत्रकार या उसके परिजन के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर मुख्यमंत्री सहायता कोष से पचास लाख तक की मदद, पत्रकारों को आसान शर्तो पर बिना ब्याज के तीस लाख तक का ऋण देने, रेलवे में सत्तर प्रतिशत छूट एवम राजस्थान रोडवेज की बसों में पत्रकारों को देश भर में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने सहित अन्य मांगे रखी।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> जोशी ने कहा की पत्रकार विपरीत परिस्थितियों में अपने पत्रकारिता के कार्य का जिम्मेदारी से निर्वाह कर रहे है अगर सरकार मानसिक और आर्थिक तौर पर योजनाओं के माध्यम से राहत देगी तो पत्रकार और भी बेहतर तरीके से अपने पत्रकारिता के कार्य को निष्पादित कर सकेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं का ज्ञापन पत्र भी सौंपा। जोशी ने राजस्थान में पत्रकारों की सुरक्षा एवं सम्मान के साथ पत्रकारों के साथ होने वाली किसी भी घटना पर पुलिस थानों को त्वरित कार्यवाही का सर्कुलर जारी करने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार जताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार आनंद शर्मा एवं वरिष्ठ पत्रकार ओमेंद्र दाधीच भी मौजूद थे।</b><br /><div class="ii gt" id=":sl" jslog="20277; u014N:xr6bB; 1:WyIjdGhyZWFkLWY6MTc5Mzg2ODI5NTg3NDU0NTUyMyJd; 4:WyIjbXNnLWY6MTc5Mzg2ODI5NTg3NDU0NTUyMyJd" style="background-color: white; color: #222222; direction: ltr; font-family: "Google Sans", Roboto, RobotoDraft, Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 0.875rem; margin: 8px 0px 0px; overflow-x: hidden; padding: 0px; position: relative;"><div class="a3s aiL " id=":sm" style="direction: initial; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; font-feature-settings: normal; font-kerning: auto; font-optical-sizing: auto; font-size: small; font-stretch: normal; font-variant-alternates: normal; font-variant-east-asian: normal; font-variant-numeric: normal; font-variant-position: normal; font-variation-settings: normal; line-height: 1.5; overflow: auto hidden; position: relative;"><div dir="ltr"><div class="gmail_quote"><div class="adL"></div></div></div><div class="adL"></div></div></div><div class="hq gt" id=":s3" style="background-color: white; clear: both; color: #222222; font-family: "Google Sans", Roboto, RobotoDraft, Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 0.875rem; margin: 15px 0px;"></div></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-80474658499289831382024-03-19T09:35:00.002+05:302024-03-19T09:35:25.678+05:30आईआईजीजे-रिसर्च एंड लेबोरेटरीज सेंटर ने जयपुर में मोती टेस्टिंग सेवा शुरू की<div><b><img height="214" src="https://mail.google.com/mail/u/0?ui=2&ik=73ed0cd39d&attid=0.0.1&permmsgid=msg-f:1793869366830236850&th=18e51aaf4f5f04b2&view=fimg&fur=ip&sz=s0-l75-ft&attbid=ANGjdJ-GuBRTyln8XNzqNN1QGBUqWD6glbUQMINdM-ZpNGeOKK8cJrW4KF4Mw8GlNi-Agsdhv0e9FVEK51AC4oxoEwM2v9O7NwjlMMyyYFTTuLqA7xio751D-MDFMEU&disp=emb&realattid=ii_18e519e984f4ce8e91" width="320" /></b></div><b>० आशा पटेल ० <br /> जयपुर | जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) की यूनिट आईआईजीजे-रिसर्च एंड लेबोरेटरीज सेंटर ने जयपुर में मोती टेस्टिंग की बहुप्रतीक्षित सेवा शुरू करने की घोषणा की है । विपुल शाह, अध्यक्ष (जीजेईपीसी), किरीट भंसाली, उपाध्यक्ष (जीजेईपीसी), श्री निर्मल कुमार बरडिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष (जीजेईपीसी राजस्थान क्षेत्र), डॉ. नवल किशोर अग्रवाल, बोर्ड के निदेशक (आईआईजीजे-आरएलसी), श्री अनिल संखवाल बोर्ड के निदेशक की उपस्थिति में (आईआईजीजे-आरएलसी), श्रीमती निरूपा भट्ट, सलाहकार (आईआईजीजे-आरएलसी) और पूर्व एमडी जीआईए इंडिया ने सेवा शुरू करने की घोषणा की । इस अवसर पर श्री विजय केडिया, श्री सुधीर कासलीवाल, श्री संजय काला, श्री विवेक काला, श्री अनिल विरानी, श्री बद्रीनारायण गुप्ता सहित व्यापार जगत के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।<br /><br /></b><div><b>जयपुर में आईआईजीजे-आरएलसी द्वारा मोती टेस्टिंग सेवा के शुभारंभ पर, जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री विपुल शाह ने कहा, "जयपुर में मोती पहचान सेवाओं की शुरुआत रत्न और आभूषण उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस अत्याधुनिक सुविधा के साथ हमारा लक्ष्य व्यापक और विश्वसनीय मूल्यांकन प्रदान करना, खरीदारी निर्णयों को सुविधाजनक बनाना और मोती व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा देना है। यह सेवा मानकों को आगे बढ़ाने और व्यापार समुदाय का समर्थन करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।<br /><br />बोर्ड के निदेशक डॉ. नवल किशोर अग्रवाल के अनुसार, “IIGJ-RLC अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से मोती टेस्टिंग की सेवाएं शुरू करने वाली उत्तर भारत की एकमात्र जेम टेस्टिंग लेबोरेटरी है | हैदराबाद और मुंबई के बाद, जयपुर मोतियों के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्रों में से एक है, और इस सेवा के माध्यम से अब स्थानीय स्तर पर सस्ती लागत और कम समय में मोती की टेस्टिंग रिपोर्ट व्यापारिओं को मिल सकेगी । हालाँकि, लेबोरेटरी अपने लॉजिस्टिक्स सपोर्ट से जयपुर के बाहर के बाजारों में सेवा देना जारी रखेगी”।<br /><br />श्री निर्मल कुमार बरडिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष राजस्थान क्षेत्र, जीजेईपीसी का कहना है कि, “पिछले 52 वर्षों से जीजेईपीसी लेबोरेटरी (जिसे पहले जीटीएल के नाम से जाना जाता था) रंगीन रत्नों और हीरों की टेस्टिंग के साथ उद्योग की सेवा कर रही है जिसे अब मोतियों तक बढ़ाया जाएगा। यह सेवा खरीदारों को त्वरित खरीदारी निर्णय लेने में सुविधा प्रदान करेगी, जिससे जयपुर और उसके आसपास मोती व्यापार को बढ़ावा मिलेगा” |<br /><br />इस टेस्टिंग सेवा में लूज़ मोती (सिंगल या पैकेट) और मोती की लाईनें शामिल होंगी | विश्लेषणों के आधार पर रिपोर्ट यह बताएगी कि परीक्षण किया गया मोती नेचुरल है या कल्चर्ड (बीड वाला या बिना-बीड वाला), वह वातावरण जहां यह बना है यानी मीठे पानी या खारे पानी में और पहचाने जाने योग्य उपचार (जैसे, कृत्रिम रंग संशोधन) ।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-73148020343035375302024-03-19T08:52:00.003+05:302024-03-19T08:52:37.165+05:30एक्सिस बैंक नेशनल कैंसर ग्रिड और टाटा मेमोरियल सेंटर को देगा सहायता और करेगा 100 करोड़ रुपये का योगदान<div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikMk-SZOXakvqzuEKN2oAX7-1WQu8y2wYOubkijqrsq91oySg60UvaRzfOh0z24m0uTxpsE-DwSjGR5bq0FNu51cBMYhtZGhpUNsRKXvz3l2uNaNUPSpNPgelOaEsjfhb0QY5NqOcd5243sCymnH_g8qDMb2QIlEg1kGY1flHw-g9VGhsk4VQkiaD5Yekj/s800/TMC%20MoU_DPR.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="533" data-original-width="800" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikMk-SZOXakvqzuEKN2oAX7-1WQu8y2wYOubkijqrsq91oySg60UvaRzfOh0z24m0uTxpsE-DwSjGR5bq0FNu51cBMYhtZGhpUNsRKXvz3l2uNaNUPSpNPgelOaEsjfhb0QY5NqOcd5243sCymnH_g8qDMb2QIlEg1kGY1flHw-g9VGhsk4VQkiaD5Yekj/s320/TMC%20MoU_DPR.jpg" width="320" /></a></div><b>० आशा पटेल ० </b></div><b> मुंबई | एक्सिस बैंक ने नेशनल कैंसर ग्रिड में 100 करोड़ रु का योगदान देने का वादा किया है। यह ग्रिड भारत में 300+ कैंसर केंद्रों का एक बड़ा नेटवर्क है जो देश में कैंसर देखभाल के मानक में सुधार के लिए काम कर रहा है। नेटवर्क का समन्वय टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल करता है जो टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) की एक इकाई है। 5 साल की यह साझेदारी कैंसर देखभाल की पहुंच बढ़ाने, कैंसर अनुसंधान को आगे बढ़ाने और एनसीजी से संबद्ध 300+ कैंसर केंद्रों में डिजिटल स्वास्थ्य अपनाने में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में काम करेगी।</b><div><b><br /></b></div><div><b> एक्सिस बैंक नेशनल ट्यूमर बायोबैंक, नेशनल कैंसर टेलीकंसल्टेशन नेटवर्क और ऑन्कोलॉजी-विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड जैसी प्रमुख परियोजनाओं की स्थापना में मदद करेगा, जो भारत में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये पहल देश भर में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के उपयोग सहित डिजिटल स्वास्थ्य अपनाने की प्रक्रिया बढ़ाने के भारत सरकार के प्रयासों के अनुरूप है।<br /><br />इस एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह में एक्सिस बैंक के उप प्रबंध निदेशक, राजीव आनंद और अन्य गणमान्य व्यक्ति - डॉ. सुदीप गुप्ता, निदेशक, टीएमसी; डॉ. सी. एस. प्रमेश, निदेशक, टीएमएच और संयोजक, एनसीजी; डॉ. मंजू सेंगर, प्रोफेसर एवं मेडिकल ऑन्कोलॉजी प्रमुख, टीएमएच; डॉ. निकेश आर. शाह, सीईओ, नेशनल कैंसर ग्रिड-कोइता सेंटर फॉर डिजिटल ऑन्कोलॉजी (एनसीजी-केसीडीओ); रिज़वान कोइता, निदेशक, कोइता फाउंडेशन; सुनीता राव, महाप्रबंधक, धन संचय, टीएमएच और सुरभि गोयल, सीओओ, कोइता फाउंडेशन मौजूद रहे।<br /><br />एक्सिस बैंक के उप प्रबंध निदेशक, राजीव आनंद ने कहा, “कैंसर अनुसंधान में क्रांति लाने और कैंसर देखभाल की उन्नति की दिशा में नेशनल कैंसर ग्रिड और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के साथ साझेदारी करना हमारे लिए बेहद गर्व का क्षण है। एक्सिस बैंक के व्यापक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व मिशन के अनुरूप है। यह गठबंधन मानवीय उद्देश्यों और सामाजिक कल्याण के प्रति एक्सिस बैंक के समर्पण की पुष्टि करता है।''<br /><br /></b></div><div><b>टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के निदेशक और नेशनल कैंसर ग्रिड के संयोजक डॉ. सी.एस. प्रमेश ने कहा, “हम उनके उदार योगदान के लिए एक्सिस बैंक के आभारी हैं। नेशनल कैंसर ग्रिड में कैंसर अनुसंधान, नवोन्मेष और डिजिटल स्वास्थ्य पहल को चलाने के लिए उनका समर्थन हमारे लिए महत्वपूर्ण है, जिसने देश भर में कैंसर के रोगियों को उच्च गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं।''एक्सिस बैंक, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और नेशनल कैंसर ग्रिड के बीच यह साझेदारी कैंसर देखभाल और अनुसंधान के क्षेत्र में लाखों लोगों के जीवन में एक ठोस बदलाव लाने का प्रयास करेगी।</b><br /><div class="ii gt" id=":sh" jslog="20277; u014N:xr6bB; 1:WyIjdGhyZWFkLWY6MTc5Mzg3MDg3MDgzMzI2OTg4MSJd; 4:WyIjbXNnLWY6MTc5Mzg3MDg3MDgzMzI2OTg4MSJd" style="background-color: white; color: #222222; direction: ltr; font-family: "Google Sans", Roboto, RobotoDraft, Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 0.875rem; margin: 8px 0px 0px; overflow-x: hidden; padding: 0px; position: relative;"><div class="a3s aiL " id=":sg" style="direction: initial; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; font-feature-settings: normal; font-kerning: auto; font-optical-sizing: auto; font-size: small; font-stretch: normal; font-variant-alternates: normal; font-variant-east-asian: normal; font-variant-numeric: normal; font-variant-position: normal; font-variation-settings: normal; line-height: 1.5; overflow: auto hidden; position: relative;"><div dir="ltr"><div class="gmail_quote"><div lang="EN-IN" link="#0563C1" vlink="#954F72"><div><p class="MsoNormal" style="margin: 0px;"><u></u></p><div class="yj6qo"></div><div class="adL"></div></div><div class="adL"></div></div><div class="adL"></div></div></div><div class="adL"></div></div></div><div class="hq gt" id=":sv" style="background-color: white; clear: both; color: #222222; font-family: "Google Sans", Roboto, RobotoDraft, Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 0.875rem; margin: 15px 0px;"></div></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-28188130894414986952024-03-19T08:46:00.004+05:302024-03-19T08:46:47.527+05:30मुक्त मंच की चर्चा में : राजनीति और अपराध के गठबंधन से पेपरलीक बढ़ा<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhXnaJlAMI1xK5Yy0BQ6xZwj_oYIPnx2AMfdpIaHruqeoyFe9J-lXk28IxtpJQFc9Gps54oaJb_A-upZ_Tn701QbLriERREb_PoHWkXBPfeJ3CB2qHeDo5hzgMTvqtGmhAi61FkS66bPJicSXMoJ9Vb0btnz_COXHSpRHFeyI8tokeXewxE8rnsbGmtwUAy" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhXnaJlAMI1xK5Yy0BQ6xZwj_oYIPnx2AMfdpIaHruqeoyFe9J-lXk28IxtpJQFc9Gps54oaJb_A-upZ_Tn701QbLriERREb_PoHWkXBPfeJ3CB2qHeDo5hzgMTvqtGmhAi61FkS66bPJicSXMoJ9Vb0btnz_COXHSpRHFeyI8tokeXewxE8rnsbGmtwUAy" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br />जयपुर । प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक का नेक्सस और समाधान’ विषय पर मुक्त मंच की संगोष्ठी योगिनी डॉ॰ पुष्पलता गर्ग के सान्निध्य और भाषाविद डॉ. नरेंद्र शर्मा कुसुम की अध्यक्षता में हुई। संगोष्ठी का संयोजन ‘शब्द संसार’ के अध्यक्ष श्रीकृष्ण शर्मा ने किया। डॉ. कुसुम ने कहा कि हमारा लोकतंत्र लोग तंत्र बन कर रह गया है। परिणाम स्वरुप लोकतांत्रिक मूल्यों का पराभव होने लगा और देश नैतिकता के रास्ते को छोड़ ऐसे रास्ते पर चल पड़ा है जो लोक मंगल की ओर नहीं जाता।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjsv4vlebBwn5HeZS4a5YT8b7sBN28xeUDNTOJ1wkvIXOHtPsH3m3MaEVHFsbryUA-dLvyx7MWu5S6qQCeokO8e_6SzZrO39TgRi2RT6fgpAIXFWwAVpLbVD7pWrJ0FmmkK9pR-wlk5gSzC_KBqkJXCvgxg65P-sVVRtT4Nxc8q7F2N_HFw2tCoI6bUNaUY" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjsv4vlebBwn5HeZS4a5YT8b7sBN28xeUDNTOJ1wkvIXOHtPsH3m3MaEVHFsbryUA-dLvyx7MWu5S6qQCeokO8e_6SzZrO39TgRi2RT6fgpAIXFWwAVpLbVD7pWrJ0FmmkK9pR-wlk5gSzC_KBqkJXCvgxg65P-sVVRtT4Nxc8q7F2N_HFw2tCoI6bUNaUY" width="320" /></a></div></b><div><b>राजनीति और अपराध के अनुबंधन में परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग होना और एक आपराधिक गठबंधन द्वारा पेपर लीक कराना सहज कार्य बन गया हैं। यह व्यवस्था देश के सामाजिक ढांचे को तार तार कर रही है। युवकों में कुंठाएं जन्म ले रही हैं। न्याय के प्रति अनास्था बढ़ रही है। कंप्यूटर विज्ञान के प्रवीण श्री दामोदर चिराणिया ने कहा कि समाधान कई हैं बशर्ते नियत में पारदर्शिता हो। उन्होने कहा कि प्रत्येक परीक्षा के लिए परीक्षा तिथि को बंद लिफाफे में ही प्रश्न पत्र दिया जाए।</b></div><div><b><br />पूर्व बैंकर एवं चिंतक इंद्र भंसाली ने कहा सरकारी सेवाओं का आकर्षण इसलिए बढ़ रहा है कि एक साल में मात्र 40 हफ्ते ही काम करना होता है जबकि निजी सेवाओं में 12-12 घंटे कार्य के बावजूद उतनी आय नहीं होती। ऐसे में हम कौशल शक्ति बढ़ाएं ,स्किल्ड मैनपावर बढ़ाएँ | प्रोफेसर सुभाष गुप्ता ने कहा कि राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में राजनीतिक प्रतिनिधियों की बजाय निष्पक्ष ईमानदार व्यक्ति लगाएँ। अब तो प्रतियोगी परीक्षाओं को ही अंडर सोर्स कर दिया जाता है जो चिंताजनक है।</b></div><div><b><br />भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी रामस्वरूप जाखड़ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपरलीक होने रोकने के लिए सब्जेक्टिव, सेमी ऑब्जेक्टिव तथा ऑब्जेक्टिव प्रश्न पत्रों का सहारा लिया जा सकता है । आज टेक्नोलॉजी पर जितना खर्च हो रहा है उसका उपयोग प्रभावशाली ढंग से नहीं हो पा रहा है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी आर सी जैन ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की आयोजक संस्थाओं का भी राजनीतिकरण हो गया है। प्रश्न पत्र बनने से परीक्षार्थियों के हाथों में पहुंचने तक प्रश्न पत्र कई हाथों से होकर गुजरता है। बेहतर होगा कि यदि सभी परीक्षाएँ ऑनलाइन करें । डॉ. मंगल सोनगरा ने कहा कि हर परीक्षा के लिए पेपर्स के तीन सेट बनाए जाएं और किसी को पता ना हो कि कौन सा सैट खोला जाएगा।</b></div><div><b><br />मुख्य अतिथि आईएएस रिटा. अरुण ओझा ने कहा कि प्रश्न पत्र आधारित परीक्षा एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन गई है। पेपर सेट करने और उन्हें स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखने तक परीक्षा कक्ष में समय पर सुरक्षित पहुंचाना नैतिक पतन के चलते असंभव हो गया। संगोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी, अंशुमान ललित किंचन, सुमनेश शर्मा, डॉ. सुषमा शर्मा, पीसी योगी तथा डॉ. डीबी गुहा ने भी सहभागिता की । संयोजक श्री श्रीकृष्ण शर्मा ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के चयन बोर्ड की गत 19 वर्षों में 12029 परीक्षाएं हुई किंतु 10 वर्ष में 12 प्रमुख परीक्षाओं के पेपर ही लीक हो गए हैं।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> वर्ष 2005 से अब तक उपयुक्त परीक्षाओं में 3 करोड़ 28 लाख ने परीक्षाएं दी। इनके अंर्तगत 3 लाख 55 हजार नियुक्तियां हुई। पेपर लीक एक राज्य की समस्या नहीं यूपी,गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में भी लाखों परीक्षाओं का भविष्य अंधकार में चला गया। हजारों परीक्षार्थियों ने कर्ज लेकर तैयारी की और कई वर्षों में परीक्षाएं आयोजित होने से परीक्षार्थी एज बार भी हो गए। यह स्थिति भयावह है।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-2262178448667667532024-03-19T08:41:00.001+05:302024-03-19T08:41:04.888+05:30उदयपुर में फोर्टी वूमन विंग,16 महिलाओं को मिला चेंजमेकर्स अवार्ड<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg3E9_ccqHfbqvAbWIiUhPK7PjiNslnrHybRf8MACtDlc9dkZRllcuSYPMCtv6KHVZXPkWRs9p-KpXtO8s-uoloaFi4n5w3gBuRs3NFIc7enH7DAZjzJCioWHn3vRVPJN7g75Ci76jMPHg9osGoQFYVh8zDUzZFOZO_rU7d-W8RLr2N3KtHLI9tflZYourD" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="853" data-original-width="1280" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg3E9_ccqHfbqvAbWIiUhPK7PjiNslnrHybRf8MACtDlc9dkZRllcuSYPMCtv6KHVZXPkWRs9p-KpXtO8s-uoloaFi4n5w3gBuRs3NFIc7enH7DAZjzJCioWHn3vRVPJN7g75Ci76jMPHg9osGoQFYVh8zDUzZFOZO_rU7d-W8RLr2N3KtHLI9tflZYourD" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br />उदयपुर। राजसमन्द विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कहा कि महिलाओं को उन सभी महिलाओं से प्रेरणा लेनी चाहिये जो सफलता के झंडे गाड़ चुकी है। महिलाओं को सफलता प्राप्त करने के लिये कम्फर्ट जोन से बाहर आना होगा, तभी महिलायें हर गोल प्राप्त कर सकेंगी। उदयपुर में स्थापित हुई फोर्टी वूमन विंग के पदस्थापना दिवस समारोह एंव चेंज मेकर्स अवार्ड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। उन्होंने कहा कि संगठन हमें बहुत कुछ देता है। हमे ंभी उसे कुछ देने का प्रयास करना चाहिेय। देश में महिलाओं के लिये 3 हजार सरकारी योजनाएं बनी हुई है। हर क्षेत्र में बहुत स्कोप है,उनका पता होना चाहिये।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi-EWs5IciqXC7GLWJgsAVakDaxISya-GWtCWMRlpzCH-OCJk38SIVvTAPAAmLjK-xUoztxD-DNkPH1xrnTwm9xzmBWM51z3cywrwWpQ20hyqQardHdZQz5D-EUUgY1VI5Q7FySQYTaswRcsHXD2M8N0LCDfJ6NGOvNqFQo_dCWFXbvUM2r7iyAVBd3q6W8" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="853" data-original-width="1280" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi-EWs5IciqXC7GLWJgsAVakDaxISya-GWtCWMRlpzCH-OCJk38SIVvTAPAAmLjK-xUoztxD-DNkPH1xrnTwm9xzmBWM51z3cywrwWpQ20hyqQardHdZQz5D-EUUgY1VI5Q7FySQYTaswRcsHXD2M8N0LCDfJ6NGOvNqFQo_dCWFXbvUM2r7iyAVBd3q6W8" width="320" /></a></div>समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान फोर्टी के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि वूमन में महिलायें हर क्षेत्र में आगे निकल रही है। देश की महिलायें जोश-खरोश के साथ आगे बढ़ रही है। हमें उन्हें व्यापार की मुख्य धारा में लाना है। जीएसटी लगने के बाद देश में सबसे ज्यादा फोर्टी ने राजस्थान में 176 सेमिनार करवायी थी। फोर्टी जयपुर की वूमन विग की महासचिव ललिता कुच्छल ने उदयपुर वूमन विंग की अध्यक्ष शिखा सिंघल,उपाध्यक्ष शिखा मोटावत,सचिव डॉ. हर्षा कुमावत, संयुक्त सचिव सोनू जैन एवं सलाहकार मीता पंवार को अतिथियों के हाथों पिन पहनवाकर पदस्थापित कराया।</b><div><b><br /></b></div><div><b> इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महिला खुद की ताकत है। यह महिलाओं का जमाना है। 7 वर्ष पूर्व 9 सदस्याओं के साथ जयपुर वूमन विंग की स्थापना हुई और आज इसके 300 सदस्य बन चुके है। इन्हें मिला चेंज मेकर्स अवार्ड- समारोह में दीप्ति किरण माहेश्वरी,सुरेश अग्रवाल, प्रवीण सुथार, ललिता कुच्छल ने अलका शर्मा,अंजली दुबे,संगीता मूंदड़ा,दिव्यानी वर्डिया,डॉ. ममता लोढ़ा, मंजूला बोर्दिया,डॉ.शिल्पा गोयल, डॉ. रागिनी अग्रवाल,श्रद्धा गटट्ानी, श्वेता फगड़िया,सुनीता भण्डारी,विजयश्री जगत,साक्षी सेाजतिया,शिखा सक्सेना को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।</b></div><div><b><br /> नव निर्वाचित अध्यक्ष शिखा सिंघल ने कहा कि महिलाओं को जीवन में सीखने ंकी ललक अंतिम श्वांस तक रखनी चाहिये। सभी को साथ ले कर चलने में ग्रोथ होती है। महिलाओं को फोर्टी मंच से समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास किया जायेगा। उदयपुर वूमन विंग की सचिव डॉॅ. हर्षा कुमावत ने कहा कि उदयपुर में इस विंग की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य उदयपुर की महिला एन्टरप्रिन्योर महिलाओं की समस्याओं का इस मंच के माध्यम से समाधान निकालना है। महिलायें एक दूसरे के सहयोग के बिना संभव नहीं है। अंत में सचिव डॉ. हर्षा कुमावत ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हिमांशी जैन ने किया।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-81688139648088545512024-03-19T08:35:00.005+05:302024-03-19T08:35:39.524+05:30ट्रेंड कर रहा मनी मेराज का गाना "कहां से हुनर लईलू हो दिलवा तोड़ के<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjZIx5mltqUOp3NtKSHcxP6pTDMJhPEcYXeLnS1JO1ftdG5Q9TYdo1MLrelg5RhXUBY0Z8cCptB3lPz8A5DEITQEqD-U-PtBk1SeNVtvr_3Vurkh83v9aogwsCfId1-HMZpkxx9cmsP61m-zcGIK0fwAjg26LHk62Wq3t8g2yCn8dx3frRFxW1nKCFl7qLc" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="821" data-original-width="1492" height="176" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjZIx5mltqUOp3NtKSHcxP6pTDMJhPEcYXeLnS1JO1ftdG5Q9TYdo1MLrelg5RhXUBY0Z8cCptB3lPz8A5DEITQEqD-U-PtBk1SeNVtvr_3Vurkh83v9aogwsCfId1-HMZpkxx9cmsP61m-zcGIK0fwAjg26LHk62Wq3t8g2yCn8dx3frRFxW1nKCFl7qLc" width="320" /></a></div></b></div><b><div><b>० संत कुमार गोस्वामी ० </b></div>मुंबई - रिलीज हुआ सैड सॉन्ग "कहां से हुनर लईलू हो दिलवा तोड़ के" ने रिलीज के 9वें दिन में ही गाने टॉप 10 में ट्रेंड कर रहा है। मनी मेराज इन दिनों ट्रेडिंग स्टार है और उनके गाने खूब वायरल भी हो रहे हैं। <br />मनी मेराज ने अपने इस वायरल गाने को लेकर कहा कि ट्रेड के साथ चलना आसान नहीं होता, लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि मैं एक नया ट्रेंड सेट करूं इसके अनुसार मैं अलग-अलग गाने करता हूं और यह लोगों का प्यार और आशीर्वाद है कि उन्हें मेरे गाने पसंद आ रहे हैं। <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgX6gJpLhvM50Iqv9ek45mvNmVMlGWf_BfQABLM6PfNYg9yjx9pX4ssjtS9gAiU-UFwJFrQMpzXkztXQ1RYBuIiZrQMSd6w4JcKQHAstetG-s2Sl7e1TNda1lzXxTFzOuIwLFerxWnGmtmcMpAWp3Gp_KZVJuYcKRlgPmzxTVzV81bPvCFzMbo8WYcYAnKp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="758" data-original-width="1600" height="152" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgX6gJpLhvM50Iqv9ek45mvNmVMlGWf_BfQABLM6PfNYg9yjx9pX4ssjtS9gAiU-UFwJFrQMpzXkztXQ1RYBuIiZrQMSd6w4JcKQHAstetG-s2Sl7e1TNda1lzXxTFzOuIwLFerxWnGmtmcMpAWp3Gp_KZVJuYcKRlgPmzxTVzV81bPvCFzMbo8WYcYAnKp" width="320" /></a></div></b><div><b>मेरा यह गाना काफी वायरल हुआ है और उस पर अभी तक 750 K से अधिक रील का रिकॉर्ड भी बना। यह उपलब्धि मेरे लिए प्रेरणादायक रही। मेरा नया गाना सैड सॉन्ग "कहां से हुनर लईलू हो दिलवा तोड़ के" आपके समक्ष है आप इस गाने को भी खूब प्यार और आशीर्वाद दें और इस गाने को चार्टबस्टर बनाएं। इस गाने को चांद जी ने अपनी आवाज दी है जबकि गीतकार इमरान भाई हैं और संगीतकार अंकुश कुमार हैं। कोरियोग्राफर साहिल राज हैं।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg4UmKWRO17WTxTkJ0sYkoQOkl9k76B3LpcyqrMhfS7XI6i1XZpa99_ENyemZgsjPZUZOcliEfr3Jwe3ysIEyx_cGypO2fyojRHQ7-najLSh3URwW503gdY6OP-Si8BCXlEbiBnFBOvT49GAlCIfYFQH0ix2i0QtNB7CJOOovG1W-qAEH4FLYqeLAkKtXB_" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="906" data-original-width="1560" height="186" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg4UmKWRO17WTxTkJ0sYkoQOkl9k76B3LpcyqrMhfS7XI6i1XZpa99_ENyemZgsjPZUZOcliEfr3Jwe3ysIEyx_cGypO2fyojRHQ7-najLSh3URwW503gdY6OP-Si8BCXlEbiBnFBOvT49GAlCIfYFQH0ix2i0QtNB7CJOOovG1W-qAEH4FLYqeLAkKtXB_" width="320" /></a></div></b></div><div><b>त्रिमूर्ति म्यूजिक द्वारा मनी मेराज का पिछला गाना लवर को धोखा दो के 100 मिलियन सक्सेस पर उन्हें एक फॉर्च्यूनर गिफ्ट किया गया साथ ही इस गाने के सिंगर चांद भाई को कंपनी द्वारा एक बुलेट गिफ्ट की गई। मनी मेराज इन दिनों युवाओं के फेस हैं और उनके गाने हर वर्ग के युवाओं में खूब लोकप्रिय होते हैं इस वजह से जब भी उनका कोई गाना रिलीज होता है तो वह देखते ही देखते वायरल हो जाता है। मनी मेराज की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता का ही अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके गाने पर रील भी जमकर बनते हैं और लोग उनके गाने को एंजॉय भी खूब करते हैं।<br /><br /> त्रिमूर्ति म्यूजिक के मालिक कुमार आलम ने रिल्स क्रिएटरों को एक बड़ा ऑफर भी दिया है जिन क्रिएटर का व्यू इस गाने पर सबसे ज्यादा रहेगा उन्हें आईफोन 15 प्रो मैक्स, दूसरे स्थान पर आने वाले को सैमसंग और तीसरे स्थान पर आने वाले को डिजिटल वॉच कंपनी की तरफ से गिफ्ट दिया जाएगा</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-6657451007820462212024-03-19T08:29:00.002+05:302024-03-19T08:29:19.230+05:30इस सदी के अंत तक बढ़ेगा भारी जल संकट<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEieyz2xKEnCnS7AfSs6_i_PFZosaJPUcPjTTbN_Tq4uB7k_4BtoPrAgZt-J5POFw45GJh_1agt2hFeEygY-PGXdUgcPNYKJsR9SYoYJx59_D7bAuwCcB_oGxy5EoMKI_WPwA_PWdZMD6ns5Wxsh0i8A0CwQwnwSUjlNtqebe0mIB-ZZOHRd9r7iOh7Cmsai" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="160" data-original-width="314" height="163" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEieyz2xKEnCnS7AfSs6_i_PFZosaJPUcPjTTbN_Tq4uB7k_4BtoPrAgZt-J5POFw45GJh_1agt2hFeEygY-PGXdUgcPNYKJsR9SYoYJx59_D7bAuwCcB_oGxy5EoMKI_WPwA_PWdZMD6ns5Wxsh0i8A0CwQwnwSUjlNtqebe0mIB-ZZOHRd9r7iOh7Cmsai" width="320" /></a></div></b></div><b>० सुरेश भाई ० <br />वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 21वीं शदी के अंत तक जल ढूंढने पर भी मुश्किल से प्राप्त होगा।यही कारण है कि लगभग 100 मिलियन लोग जल की कमी की सीमा पर खड़े हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ और नीति आयोग के अनुसार भविष्य में पानी की कुल उपलब्धता के चलते आपूर्ति दुगना बढ़ सकती है।इसलिए सचेत किया जा रहा है कि भारत की 40 फीसदी आबादी को 2030 तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं होगा।यह संकेत एक तरह से सही साबित इसलिए भी है कि जलस्रोत और नदियां प्रदूषण,अतिक्रमण,शोषण की मार झेल रही है। ध्यान रहे कि भारत में दुनिया की 18 फ़ीसदी आबादी रहती है। जहां केवल चार फ़ीसदी साफ पानी है। इसमें से भी 80 फीसदी पानी कृषि के लिए उपयोग किया जा रहा है।ऐसे में यदि पानी को बचाने के प्रयास नहीं हुए तो जन जीवन संकट में पड़ जाएगा।<br /><br />बीते दिनों भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल निकायों की गणना भी की गई थी।जिसके अनुसार देश में कुल 24,24,540 जल निकाय है। इसमें सबसे अधिक 7.47 लाख तालाब व जलाशय पश्चिम बंगाल में है।सबसे कम 134 सिक्किम में है। और 188 चंडीगढ़, 893 दिल्ली, 993 अरुणाचल में है।इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 245000, आंध्र प्रदेश में 190777, उड़ीसा में 181837, असम में 172492, झारखंड में 107598, तमिलनाडु में 106957 जल निकाय है।</b><div><b><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgxVZ4bJWDZBmOonrBoVlJ9jk-p6j56SpgywBnQHfWgmETI0wPdMOOHAcJpBHapijoiFQRYKaovYvwNrM__J97F8ILP1gbv7rzXiq0MUjOxAhOA73Sxg43MkDtXvMdcwyejWQeTXpLiJsYDB5IoLL30SG3dBM6e10Rs4S3o9cQk9Ymh6mCo5-wKCjv-_Ily" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img data-original-height="237" data-original-width="235" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgxVZ4bJWDZBmOonrBoVlJ9jk-p6j56SpgywBnQHfWgmETI0wPdMOOHAcJpBHapijoiFQRYKaovYvwNrM__J97F8ILP1gbv7rzXiq0MUjOxAhOA73Sxg43MkDtXvMdcwyejWQeTXpLiJsYDB5IoLL30SG3dBM6e10Rs4S3o9cQk9Ymh6mCo5-wKCjv-_Ily=w198-h200" width="198" /></a></div></b><div><b>आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक टैंक है ।तमिलनाडु में सबसे अधिक झीलें हैं।जिसमें देश के कुल जल निकायों का 63फीसदी भाग है।महाराष्ट्र जल संरक्षण योजनाओं में अव्वल बताया गया है। इस गणना में तालाब 59.5, टैंक 15.7, जलाशय 12.1 प्रतिशत है। जल संरक्षण योजनाएं में लीकेज टैंक 9.3, झीलें 0.9, और अन्य संरचनाएं 2.5 प्रतिशत है। जिसमें बताया गया है कि निजी संस्थाओं के पास 55.2 प्रतिशत और सार्वजनिक स्वामित्व में 44.8 प्रतिशत जल निकाय है।</b></div><div><b><br />भारत के कुल जल निकायों में से 97.1प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में है और 2.9 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में है। इसके साथ ही 9.6 और 2 प्रतिशत क्रमशः आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी है।इन आंकड़ों के अनुसार 16.3 फीसदी यानी 3,94,500 जल स्रोत ऐसे हैं जिन्हें उपयोग में नहीं लाया जा रहा है।यदि इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो इनमें तेजी से भर रही गाद के कारण विलुप्ति के कगार पर खड़े हैं। यहां अतिक्रमण के कुल आंकड़े 95.4 प्रतिशत में 75 प्रतिशत तक अतिक्रमण हो चुका है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b>अनेकों झीलें अतिक्रमण का सामना कर रही है। कुछ राज्यों के उदाहरण है कि उत्तर प्रदेश में 15301, तमिलनाडु में 8366, आंध्र प्रदेश में 3920 जलाशय व झीलें अतिक्रमण से प्रभावित है। इसका कारण है कि बढ़ती लापरवाही और अनियंत्रित दोहन के चलते जल स्रोतों को बचाना एक चुनौती बन गई है। इसका उदाहरण हमारे देश में है।जहां सन् 1960 में बेंगलुरु में 262 झीलों में से अब 10 ही रह गई है। यहां पर लगभग 1200 नलकूप सूख गए हैं।बेंगलुरु को लगभग 2600 एमएलडी पानी की जरूरत है लेकिन कावेरी से मात्र 407 एमएलडी पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है।बेंगलुरु में गंभीर जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है। इसी तरह 2001 में अहमदाबाद की 137 झीले कम हो गई है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> इंदौर जल अभाव क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां पर प्रशासन ने नलकूप खनन पर रोक लगा दी है ।क्योंकि यहां प्राकृतिक रूप से जितना पानी उपलब्ध है। उसके मुकाबले 19.3 प्रतिशत अधिक उपयोग हो रहा है। उत्तराखंड में तेजी से प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं। 461 जल स्रोत ऐसे जिसमें 76 प्रतिशत से अधिक पानी सूख चुका है। 1290 जल स्रोतों में 51-75 पानी सूख चुका है।2873 जलस्रोत ऐसे हैं जिसमें 50 प्रतिशत पानी कम हो चुका है। यहां दिनों- दिन बढ़ रही इस गंभीर स्थिति के बारे में नीति आयोग पहले से कह चुका है कि हिमालय क्षेत्र के राज्यों में लगभग 60 प्रतिशत से अधिक जलस्रोत सूख गये है।जिस पर ऊपरी अदालतें कई बार राज्य सरकारों को अतिक्रमण रोकने का आदेश देती है।लेकिन कार्यवाही बहुत धीमी गति से चलती है। <br /><br />केंद्रीय भूजल बोर्ड के आंकड़ों में भी बताया गया है कि देश के 700 जिलों में से 256 ऐसे हैं जहां भूजल का स्तर आतिशोषित हो चुका है। तीन चौथाई ग्रामीण परिवारों के पास पीने योग्य पानी की पहुंच नहीं है। उन्हें असुरक्षित स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा भूजल दोहन करने वाला देश बन गया है। जो कुल जल का 25 प्रतिशत है। देश में 70 प्रतिशत जलस्रोत दूषित है।जिसके कारण लोग तरह-तरह के रोगों से ग्रसित है। </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>प्रमुख नदियां प्रदूषण के कारण मृत्युप्राय: हो चुकी है। जिस तरह से दुनिया का पहला जल विहीन शहर दक्षिणी अफ्रीका का कैप्टाउन बन गया है। इस तरह की स्थिति हिमालय से लेकर मैदानी क्षेत्रों में रह रहे अनेको गांव व शहरों में इसके संकेत दिखाई दे रहे हैं। भारत में पहली बार हुए जल निकायों की गणना में चौंकाने वाली बात यह भी है कि इसमें 78 फ़ीसदी मानव निर्मित है और 22 फीसदी यानी 5,34,077जल निकाय प्राकृतिक है। इसका अर्थ है कि प्राकृतिक स्रोत तेजी से गायब हो गए हैं। और मानव निर्मित जल संरचना में यदि सीमेंट का इस्तेमाल अधिक किया गया होगा तो वहां पर भी जल स्रोतों के सूखने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती है।<br /><br />जल संकट के इन आंकड़ों से पता चलता है कि भविष्य में जल संसाधनों के सही नियोजन, विकास,उपयोग की दिशा में कदम बढ़ाने पड़ेंगे।जल, जंगल, जमीन की एकीकृत नीतियां बनानी पड़ेगी। चुनावी घोषणा पत्रों में स्वच्छ जल वापसी का मुद्दा शामिल करवाना होगा। राज समाज के बीच ऐसी जीवन शैली बने जिसमें जल संरक्षण के लिए पर्याप्त स्थान हो। खासकर बरसात के समय अधिक से अधिक जल संरक्षण की आवश्यकता है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> ऐसी योजनाएं बिल्कुल न चलायी जाए जहां जल का अधिक शोषण है। जिसके परिणाम स्वरूप बाजार के द्वारा बंद बोतलों का पानी गांव तक पहुंच रहा है। प्रकृति और मानव के बीच में जल ही जीवन के रिश्ते की डोर बनी रहे। इस प्रयास को राज-समाज मिलकर नहीं करेंगे तो 21वीं शदी के अंत तक धरती पर" बिन पानी सब सून" वाली उक्ति सच साबित हो सकती है।</b></div></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-30296558228127826102024-03-19T08:24:00.003+05:302024-03-19T08:24:24.365+05:30राजस्थान गौरव’’ सम्मान से 31 विभूतियां अलंकृत<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEj1De480T_2vGgnwNTRHTqcnPY6BDT5xIvwe9Xz9i7Av-wdN50cCoGCjKnMlJUmJcAwNqbdKiGkenhNOOTZ4DCGieMkxQDA_QR9RCATA5M2j_miT3LjiU7ZX9Ws7n-pq6IwgslunmMRiXZecxKxjjCQ1tRyNAfjYzQtV5PcOKHdlM-ZK0zh3TBYjtQQHj_k" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="611" data-original-width="600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEj1De480T_2vGgnwNTRHTqcnPY6BDT5xIvwe9Xz9i7Av-wdN50cCoGCjKnMlJUmJcAwNqbdKiGkenhNOOTZ4DCGieMkxQDA_QR9RCATA5M2j_miT3LjiU7ZX9Ws7n-pq6IwgslunmMRiXZecxKxjjCQ1tRyNAfjYzQtV5PcOKHdlM-ZK0zh3TBYjtQQHj_k" width="236" /></a></div></b></div><b>० योगेश भट्ट ० <br />जयपुर । ‘‘संस्कृति युवा संस्था’’ की ओर से 30 वर्ष से अनवरत आयोजित हो रहे राजस्थान गौरव सम्मान समारोह आयोजित हुआ। जिसमें प्रदेश की 31 लब्ध प्रतिष्ठित प्रतिभाओं को ‘‘राजस्थान गौरव‘‘ के अलंकरण से विभूषित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित करना अपने आप में एक अतुलनीय कार्य है और संस्कृति युवा संस्था</b><div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiKZB7kJde1DMmY2ySSzcYRD2-Xfmlgl1FZEgj9ReDJh0inb9RcSpE9PcWr_tfFiwgRBgZAkIcBLwKN1kfyOob1DxHOqyfkziI1adAxtKDTfksYl66gav3qn4JQG16sMuajFf1tOA_Yp1Ui_0Sr4dpNo52eirzNxxjHC3O6uLFM9x8bu1DHp9Pewm6DaNxQ" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="269" data-original-width="800" height="108" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiKZB7kJde1DMmY2ySSzcYRD2-Xfmlgl1FZEgj9ReDJh0inb9RcSpE9PcWr_tfFiwgRBgZAkIcBLwKN1kfyOob1DxHOqyfkziI1adAxtKDTfksYl66gav3qn4JQG16sMuajFf1tOA_Yp1Ui_0Sr4dpNo52eirzNxxjHC3O6uLFM9x8bu1DHp9Pewm6DaNxQ" width="320" /></a></div></b><b>पिछले 30 वर्षों से राजस्थान की विभिन्न प्रतिभाओं को गरिमापूर्ण तरीके से ‘‘राजस्थान गौरव’’ के अलंकरण से विभूषित कर रही है। ये अपने आप में एक अनूठा कार्य है। उन्होने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का दायित्व युवाओं पर है और जिन्हे आज सम्मानित किया गया है ये सब प्रतिभायें राजस्थान का नाम रौशन कर रही है।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjvYgCzqUDDQsmvR8MAUQnNzz2TZgnpMr5_qlf9zIj0FOKqTyKHUscIqLzYOAHRl1bxT2gHqBIhjPPmvyXGenJS-GHX28NtGECzypUmWH4spdeNafhniKLeLNSGV-hqlQInOhKolkeJQClOBwlmkiTo-NEYkv9koFq1NFj8oLeUUAfCbDqu_r1395ryRWLK" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="566" data-original-width="800" height="226" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjvYgCzqUDDQsmvR8MAUQnNzz2TZgnpMr5_qlf9zIj0FOKqTyKHUscIqLzYOAHRl1bxT2gHqBIhjPPmvyXGenJS-GHX28NtGECzypUmWH4spdeNafhniKLeLNSGV-hqlQInOhKolkeJQClOBwlmkiTo-NEYkv9koFq1NFj8oLeUUAfCbDqu_r1395ryRWLK" width="320" /></a></div></b><div><b>इस अवसर पर संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कहा कि व्यक्तित्व का सम्मान समाज का दायित्व हैं और इस प्रकार के आयोजनों में ऐसी प्रतिभाओं जो प्रदेश में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत में राजस्थान का नाम रौशन कर रही हैं वे भी प्रोत्साहित होगी और उनके पद चिन्हों पर चलकर युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन मिलेगा। राजस्थान की परम्परा में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वाली कर्मभूमि रही हैं और राजस्थान गौरव से सम्मानित हो रही प्रतिभाओं ने जो प्रदेश का नाम रौशन किया हैं उससे सम्पूर्ण प्रदेश गौरवान्वित है।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjC9JwVAz3I14q7wgd8etiku1D346u5k86SoBYscVIZxw8SzmneQE4NxDVUd4ko9rsqdMcwzSrEml_Rm7uz8E6Q8G7EF4eFhnruJ0g0dsh-SrBZFOOK23e-yeOxxEk9PikD1QShvec47wqJpffAJ9cJ-BvKdTIIqxQ7Uptjgprjrm-_q_Wjb6bD7RCkrYOW" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="345" data-original-width="800" height="138" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjC9JwVAz3I14q7wgd8etiku1D346u5k86SoBYscVIZxw8SzmneQE4NxDVUd4ko9rsqdMcwzSrEml_Rm7uz8E6Q8G7EF4eFhnruJ0g0dsh-SrBZFOOK23e-yeOxxEk9PikD1QShvec47wqJpffAJ9cJ-BvKdTIIqxQ7Uptjgprjrm-_q_Wjb6bD7RCkrYOW" width="320" /></a></div>प्रधान संरक्षक एडवोकेट एच.सी. गणेशिया ने संस्कृति द्वारा किये जा रहे कार्यो की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृति द्वारा देश के युवाओं को भारतीय संस्कृति की तरफ पुनः आकर्षित करने के लिए जो प्रयास किये जा रहे हैं वे सराहनीय हैं और युवाओं को पाश्चात्य संस्कृति का मोह छोड भारतीय संस्कृति का संवाहक बनना चाहिए। संस्था की गतिविधियों की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक सौम्यता मिश्रा ने बताया कि संस्था देश की सबसे बडी मैराथन का आयोजन पिछले 15 वर्षो से अनवरत जारी है। जिसमें देश विदेश के धावक भाग लेते है। इस बार की मैराथन में एक लाख 25 हजार धावकों ने भाग लिया जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiFkuQKxM96Wf4HRnKgPoElsP7k0hPNzUJ_tTOhsGcSN3aht_3lqJTIKf_krqnFw_lX3A6I99Kun5WVVSTwSJ4o6tCX3bjwtWzune9viBeDbEahTTqfBlK8fyE6v45QFyTprCPqIP5hFZpuwqmFQIp0Q5ODeBymE0VmuTLEK99uYYoCPZ1I1O88nEQPMz1y" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="495" data-original-width="800" height="198" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiFkuQKxM96Wf4HRnKgPoElsP7k0hPNzUJ_tTOhsGcSN3aht_3lqJTIKf_krqnFw_lX3A6I99Kun5WVVSTwSJ4o6tCX3bjwtWzune9viBeDbEahTTqfBlK8fyE6v45QFyTprCPqIP5hFZpuwqmFQIp0Q5ODeBymE0VmuTLEK99uYYoCPZ1I1O88nEQPMz1y" width="320" /></a></div></b></div><div><b>इसके अतिरिक्त देश विदेश की प्रतिभाओं को लंदन की पार्लियामेंट, फ्रांस की सीनेट और अमेरिका के यूनाइटेड नेशन में संस्कृति युवा संस्था भारत गौरव सम्मान का आयोजन कर रही है। साथ ही नव संवत्सर का स्वागत, वर्ल्ड हैल्थ फेस्टिवल, नववर्ष की शुरुआत दारू नहीं दूध से करें जैसे अभियान पिछले 30 वर्षो से अनवरत जारी है। संस्था के संरक्षक गोविन्द पारीक ने जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान गौरव सम्मान समारोह समिति ने 30 वर्षो के सभी चयनों में पारदर्शिता अपनाई है। इस अवसर पर राजस्थान गौरव से 31 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया हैं।</b></div><div><b><br />इस अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष मोदी, एस.के. फाइनेंस के डायरेक्टर यश सेतिया, महावीर कैंसर चिकित्सालय की चेयरपर्सन अनिला कोठारी, भारतीय पुलिस सेवा के डीजी क्राईम राजीव कुमार शर्मा, घुड़सवार एवं स्वर्ण पदक विजेता सुश्री दिव्या कृति सिंह राठौड़, वैल्यूअर फेब टैक्स प्रा.लि. के डायरेक्टर हर्ष पी चमारिया, राष्ट्रदूत से राजेश शर्मा, राज्य प्रशासनिक सेवा से योगेश कुमार श्रीवास्तव, योग के क्षेत्र से शत्रुघ्न सिंह, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्टेªड गुंजन गोयल, समाज सेवा से राजेश जैन, </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>चिकित्सा से डाॅ. कृष्ण गोपाल कुमावत, सह आचार्य एवं विभागाध्यक्ष फार्माकोलॉजी डाॅ. प्रियंका कुमावत, खाटू श्याम मंदिर के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान, दैनिक नवज्योति के संपादक हर्ष चौधरी, रूंगटा हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. रासबिहारी रूंगटा, दैनिक भास्कर से आलोक खंडेलवाल, राजस्थान पत्रिका से हर्षित जैन, समाज सेवा से रतन कुमार रूंगटा, उद्योगपति एवं गौसेवक शंकर कुलेरिया, फस्ट इंडिया से सुश्री श्वेता मिश्रा, जी राजस्थान न्यूज से काशीराम चौधरी, </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>थेवा कला से पवन राजसोनी, मूर्तिकार राजकुमार पंडित, आर्ट से अंशुल जैन, डेल्टा ऑटो कॉर्प प्रा.लि. के फाउंडर एण्ड सीईओ अंकित अग्रवाल, समाज सेवा से नरेश कुमार कौशिक, अस्तित्व उड़ान की संस्थापिका अनीता मीना, चिकित्सा से डॉ. अनुभूति भारद्वाज, समाज सेवा से सेवा आचार्य भरत नागदा, बैंकिंग क्षेत्र से नरेन्द्र सिंह शेखावत को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, दुपट्टा देकर सम्मानित किया गया। संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, प्रदेश महासचिव सुनील कुमार जैन, प्रदेश अध्यक्ष गौरव धामाणी ने अतिथियों का स्वागत किया। अंत में संरक्षक गोविन्द पारीक ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। </b><br /></div></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-44618623817830036212024-03-19T08:16:00.004+05:302024-03-19T08:16:17.726+05:30घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ और ‘डू यू नो दिस सोंग ?’ का मंचन<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjm5ZJLsLWnAOjuB8JH9W_p3MudIR7E02jt-XbC0TveH23nQC7JSa6xINNTgwfTxH_c-iScLB8evTed_t3UbFalW3oB1lfnd-S50nSraPwYjEzwvbDbScempnnjqLSyt-1I5bMT_YhVb9r1eNrrD0I_vk4ohzCENCQiJ14-jjlJ4f361abVjf-msww9AM8k" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="788" data-original-width="1181" height="214" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjm5ZJLsLWnAOjuB8JH9W_p3MudIR7E02jt-XbC0TveH23nQC7JSa6xINNTgwfTxH_c-iScLB8evTed_t3UbFalW3oB1lfnd-S50nSraPwYjEzwvbDbScempnnjqLSyt-1I5bMT_YhVb9r1eNrrD0I_vk4ohzCENCQiJ14-jjlJ4f361abVjf-msww9AM8k" width="320" /></a></div></b></div><b>० योगेश भट्ट ० <br />नई दिल्ली । दिल्ली में चल रहे मेटा थिएटर फेस्टिवल में देशभर से प्राप्त 390 नाटकों में से चुने गये बेहतरीन 10 नाटकों का मंचन हो रहा है । 19 वे मेटा फेस्टिवल में नाटकप्रेमियों का उत्साह देखने लायक है, दो नाटकों का मंचन हुआ, पहला नाटक मोहित ताकालकर द्वारा निर्देशित ‘घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ का प्रदर्शन श्री राम सेंटर में किया गया और दूसरा नाटक मल्लिका तनेजा द्वारा निर्देशित ‘डू यू नो दिस सोंग?’ का मंचन कमानी सभागार में आयोजित किया गया।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjhEinoBnr1H__uIq6lWVkTC3l3TYD9NhccfpGLGBKcC3BJ5rZIagjmvTtbSxL8nqB9bxuENcEBfSpxc7_nqWZ2EGUX3KqJexYyRMdtZ16LfJvgra6DOxi0YH_pa1BcgDw25GQkX9BsrwX86A7movY1BXjLPGyqexPdTKypBpWjMcR1cgMIoJyoa1ZyPsTn" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1006" data-original-width="1512" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjhEinoBnr1H__uIq6lWVkTC3l3TYD9NhccfpGLGBKcC3BJ5rZIagjmvTtbSxL8nqB9bxuENcEBfSpxc7_nqWZ2EGUX3KqJexYyRMdtZ16LfJvgra6DOxi0YH_pa1BcgDw25GQkX9BsrwX86A7movY1BXjLPGyqexPdTKypBpWjMcR1cgMIoJyoa1ZyPsTn" width="320" /></a></div></b><div><b>‘घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ नाटक की कहानी फासीवादी शासन द्वारा शासित एक उजाड़ परिदृश्य में, फ़िरोज़ा और आदित्य, एक युगल, जीवन के अर्थ, प्रेम और राजनीति को जानने की खोज में निकलते हैं। कहानी उनके रिश्ते को गैर-रैखिक रूप से उजागर करती है, क्योंकि एक सख्त कानून दैनिक शब्द उपयोग को 140 तक सीमित करता है। फिरोजा, एक सरकारी वकील, और आदित्य, एक संगीत कलाकार, कानून की चिंताओं के बीच संवाद करने के लिए संघर्ष करते हैं, सवाल करते हैं कि क्या वे अराजकता को दूर कर सकते हैं ।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgR5HEg1QRLAfE99S_7_jyDDPJKAR1E_Z_EcelCum2SG3hMBSr5EE1IqCBCgVh0Rfs1s0I4zaDRicgnrVGwtLOL3kWUcLnmqSpvlARBF-jvwSb_TpI-IAKqCbCE6quSujpuf5C_UiOJ3gtl5V73QZd2-EHa80C7-oweZiguSojuUMBIHKIaW_VAP15sTZE7" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1066" data-original-width="1600" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgR5HEg1QRLAfE99S_7_jyDDPJKAR1E_Z_EcelCum2SG3hMBSr5EE1IqCBCgVh0Rfs1s0I4zaDRicgnrVGwtLOL3kWUcLnmqSpvlARBF-jvwSb_TpI-IAKqCbCE6quSujpuf5C_UiOJ3gtl5V73QZd2-EHa80C7-oweZiguSojuUMBIHKIaW_VAP15sTZE7" width="320" /></a></div>मोहित ताकालकर का यह नाटक एक पुरुष और एक महिला के बीच प्रेम की राजनीति की पड़ताल करता है, एक कार्यकर्ता और एक राज्य प्रतिनिधि का सामना करता है, और हाशिये पर पड़े संघर्षों से जुड़ने में विशेषाधिकारों को चुनौती देता है। आदित्य और फ़िरोज़ा के दोषपूर्ण रिश्ते के माध्यम से, यह नाटक समकालीन समय की खंडित वास्तविकता को दर्शाता है। नाटक ‘डू यू नो दिस सोंग? प्रेम ,दुःख ,हानि, आवाज और संगीत की खोज के बारे में एक शक्तिशाली नाटक है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> एक ऐसी आवाज़ के बारे में कहानी जो कभी ख़ूबसूरत, अविस्मरणीय थी... और अब भुला दी गई है। यह कहानी है - बने और टूटे हुए सपनों की और उन तक पहुंचने की चाहत रखती आवाज की। 20 मार्च को कमानी सभागार में रेड कारपेट अवार्ड्स नाईट होगी जिसमें देशभर से रंगमंच और सिने जगत के मशहूर हस्तियाँ शामिल होगी ।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-51466626416328064312024-03-19T08:10:00.003+05:302024-03-19T08:10:17.071+05:30बसन्त व्याख्यानमाला में 'भारतीय भाषाओं में अंतर संवाद और अनुवाद पर विमर्श'<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhym2EkGb-6VGPn3OqAkxWAZKNEkJPDtWIgul6b5IdYfi_dZK43Ybz6PER6IoGqeiDA3-XVf_VYCbyjbvq316OV-o4VUTKVWeNVtbUUQWp8E5AYT8oSnu2F6XwIe52y6LxkdhsDeATCT8rd2ibDvB96VhfpMEdkDpsC9t8ft0dr4dQ_UPGsXj_LUtgmgS7G" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="816" data-original-width="1232" height="212" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhym2EkGb-6VGPn3OqAkxWAZKNEkJPDtWIgul6b5IdYfi_dZK43Ybz6PER6IoGqeiDA3-XVf_VYCbyjbvq316OV-o4VUTKVWeNVtbUUQWp8E5AYT8oSnu2F6XwIe52y6LxkdhsDeATCT8rd2ibDvB96VhfpMEdkDpsC9t8ft0dr4dQ_UPGsXj_LUtgmgS7G" width="320" /></a></div></b></div><b>० योगेश भट्ट ० <br />भोपाल। हम भारतीय जन्मना बहुभाषी हैं और बहुभाषिकता हमारी शक्ति है। बहुभाषिकता हमारे संस्कार में है। वे यहां मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा हिंदी भवन, भोपाल में आयोजित बसंत व्याख्यानमाला के अंतर्गत आयोजित' भारतीय भाषाओं में अंतर संवाद और अनुवाद' विषय पर आयोजित था । सत्र के अध्यक्ष रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपतिडॉ.संतोष चौबे रहे। सत्र में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.खेम सिंह डहेरिया, लेखक डा.श्रीराम परिहार, डा.रंजना अरगड़े ने अपने विचार व्यक्त किये।<br /><br /> प्रो.द्विवेदी ने कहा कि भारत जैसे बहुभाषी देश में हमारा किसी एक भाषा के सहारे काम नहीं चल सकता। यही भाषागत बहुलता हमारी भाषाई समृद्धि का बोध कराती है। बहुभाषी युवाओं के लिए अवसरों के अनेक द्वार स्वत: खुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज का समय अनुवाद का समय है। इससे भाषाई सद्भाव भी स्थापित हो रहा है। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि हमें भारत को सिर्फ बीपीओ और आऊटसोर्सिंग के जरिए तकनीकी विश्व शक्ति नहीं बनाना है, </b><div><b><br /></b></div><div><b>बल्कि उसे एक ज्ञान समाज में तब्दील करना है। तकनीक,भारत में सामाजिक परिवर्तन तथा आर्थिक विकास का जरिया बन सकती है और भाषाओं की इसमें बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि हमें भारतीय भाषाओं को रोजगारपरक और संवादपरक बनाना होगा। यह भाषाई सद्भाव और पारस्परिक आदान-प्रदान से ही संभव है।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-43553947366905084282024-03-19T08:05:00.003+05:302024-03-19T08:05:44.978+05:30ज्युडिशरी गोल्ड बाय टॉपरैंकर्स ने कोच यूपी आईएएस की ज्युडिशरी विंग का किया अधिग्रहण<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi0JnUCrt0uoK3nDiRKPzu-3OTqTJMtIAU3C9d_wUuxUgRm_BsAreyqallDkAvjgV7Sd7GOtH8WuKh8MW18gNx8QnVmsDDphp4mI58Hmhg2v9pLR3Xn8CaAj-lna16wiIx5wFIrGCQyLG3pWhsCVVTo72_PTHoRPusVOLT6ef9NeJ9qVXMMdEvqb3OmgVA4" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="477" data-original-width="671" height="227" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi0JnUCrt0uoK3nDiRKPzu-3OTqTJMtIAU3C9d_wUuxUgRm_BsAreyqallDkAvjgV7Sd7GOtH8WuKh8MW18gNx8QnVmsDDphp4mI58Hmhg2v9pLR3Xn8CaAj-lna16wiIx5wFIrGCQyLG3pWhsCVVTo72_PTHoRPusVOLT6ef9NeJ9qVXMMdEvqb3OmgVA4" width="320" /></a></div></b></div><b>० नूरुद्दीन अंसारी ० <br />नई दिल्ली : ज्युडिशरी गोल्ड बाय टॉपरैंकर्स ने हाल ही में यूपी आईएएस की ज्युडिशरी विंग के अधिग्रहण की घोषणा की है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए जाना-माना संस्थान है। इस कदम के साथ ज्युडिशरी गोल्ड बाय टॉपरैंकर्स ने लखनऊ और आस-पास के क्षेत्रों में ज्युडिशरी के महत्वाकांक्षी उम्मीदवारों की ज़रूरतों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।</b><div><b><br />इस अधिग्रहण पर गौरव गोयल, सीईओ एवं सह-संस्थापक, टॉपरैंकर्स ने कहा, ‘‘ज्युडिशरी गोल्ड के परिवार में कोच यूपी आईएएस का स्वागत करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। यह अधिग्रहण देश भर में ज्युडिशरी के महत्वाकांक्षी उम्मीदवारों को शीर्ष पायदान की शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है। हमें विश्वास है कि कोच यूपी आईएएस के साथ जुड़कर हम छात्रों के लिए लर्निंग के अनुभव को और बेहतर कर सकेंगे।”</b></div><div><b><br /> आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा स्थापित कोच यूपी आईएएस ने ज्युडिशियल सर्विसेज़ के उम्मीदवारों को कोचिंग का उत्कृष्ट अनुभव प्रदान कर विशेष प्रतिष्ठा हासिल की है। ज्युडिशरी गोल्ड के साथ जुड़कर, कोच यूपी आईएएस छात्रों के लिए विशेषज्ञ फैकल्टी और व्यापक पाठ्यक्रम लेकर आएगा और उन्हें ज्युडिशरी सेक्टर में करियर के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा। “ज्युडिशरी गोल्ड बाय टॉपरैंकर्स के साथ जुड़कर हम छात्रों के लिए नए मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे, हम बेहद उत्सुक हैं और छात्रों को बेजोड़ कोचिंग एवं सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” कोच यूपी आईएएस के संस्थापक आशुतोष श्रीवास्तव ने कहा। <br /><br />यूपी के यह अलीगंज में नए अधिग्रहीत सेंटर में 100 से अधिक छात्रों की क्षमता है, यहां सभी आधुनिक सुविधाएं जैसे आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी है जो छात्रों को लर्निंग का अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराती हैं। कोच यूपी आईएएस (ज्युडिशरी) को अब ज्युडिशरी गोल्ड बाय टॉपरैंकर्स के नाम से जाना जाएगा। ज्युडिशरी के अलावा, कोच यूपी आईएएस स्वतन्त्र संस्था के रूप में भी काम करेगा। ज्युडिशरी गोल्ड बाय टॉपरैंकर्स, ज्युडिशरी परीक्षाओं में छात्रों की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन, व्यापक अध्ययन सामग्री एवं नियमित मॉक टेस्ट उपलब्ध कराता रहेगा।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-30245146169906897802024-03-18T10:32:00.000+05:302024-03-18T10:32:24.427+05:30सस्पेंस थ्रिलर फिल्म में नजर आएगी श्रद्धा रानी शर्मा<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg8D2Z3VHvpRTAeXofe3PAI_lzZ998uPTxlG75IMCaiX8GPCIJQwciUiotEMhuGZybh1Bh9aDBxKTI6La1LBxBFHl5haTMWTEqdeFgRMDGJKWNk5pV9i_-mGGt6eJ2vXgDmARd_9D9JbttF9iKD9yeQjEHjZLUepaMMHMgd_1uBhjxoZa-kuoUnZzprd3tE" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="850" data-original-width="720" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEg8D2Z3VHvpRTAeXofe3PAI_lzZ998uPTxlG75IMCaiX8GPCIJQwciUiotEMhuGZybh1Bh9aDBxKTI6La1LBxBFHl5haTMWTEqdeFgRMDGJKWNk5pV9i_-mGGt6eJ2vXgDmARd_9D9JbttF9iKD9yeQjEHjZLUepaMMHMgd_1uBhjxoZa-kuoUnZzprd3tE" width="203" /></a></div></b></div><div><b>० संत कुमार गोस्वामी ० </b></div><b>मुंबई - बॉलीवुड अदाकारा, एंकर, डांसर और मॉडल श्रद्धा रानी शर्मा बिग बॉस 5 की एक्स कंटेस्टेंट रह चुकी हैं। बहुत जल्द ही श्रद्धा रानी शर्मा एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म में अहम किरदार निभाने वाली हैं। इन दिनों श्रद्धा स्टेज शो में भी काफी व्यस्त हैं। श्रद्धा अच्छी डांसर है देशों और विदेशों में इनके शो होते हैं। न्यू यॉर्क, पैरिस, शिकागो, श्रीलंका, दुबई जैसे कई शहरों में इनके शो होते रहते हैं। इन्होंने बताया कि भारत के साथ साथ विदेशों में इन्हें इनके फैंस का ढ़ेर सारा प्यार और सपोर्ट मिलता रहता है। अब तक यह दो सौ से अधिक शो कर चुकी है। कई शो और इवेंट्स भी करती है साथ ही कई अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुकी हैं। बिग बॉस 5 में इन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन किया है</b><div><b><br /></b></div><div><b> जिससे इनको अलग पहचान मिली। बिग बॉस सीजन 17 को इन्होंने बहुत एंजॉय किया उनके फेवरेट कंटेस्टेंट रहे विक्की जैन। अंकिता खंडेलवाल भी इनकी प्रिय कॉन्टेस्ट रही। श्रद्धा ने बिग बॉस शो के संरक्षक अभिनेता सलमान खान के बारे में बताया कि सलमान खान बेहद सुलझे, प्यारे और अच्छे इंसान है। वह बेहद अच्छे तरीके से अपने कंटेस्टेंट को समझते हैं वह न्यूट्रल रहते हैं। बिग बॉस की सारी बारीकियों को समझाते हुए सभी को मोटिवेट करते हैं। अदाकारा श्रद्धा रानी शर्मा ने धारावाहिक 'सारथी' से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी। </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>इसके बाद कई टीवी शो और प्रादेशिक फिल्मों में अभिनय किया है। जिसमें 'जीवा' और 'जय हो' आदि है। इनका मशहूर टीवी सीरियल है स्टार टीवी पर 'हर शाख पर उल्लू बैठा है' जिसमें इन्होंने अपनी कॉमेडी से सबको हँसाया है। सहारा वन पर 'सुनो हर दिल कुछ कहता है', 'कॉमेडी क्लासेस' और 'नीली छतरी' जैसे कई सीरियल में इन्होंने काम किया है। विज्ञापन फिल्मों में कई बड़े ब्रांडों में इन्होंने काम किया जिनमें नेरोलैक, लाइजोल, डेटॉल, मॉर्टिन, फिलिप्स, फिएट टायर, ताज, कंट्री क्लब आदि हैं। </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>श्रद्धा रानी शर्मा की पसंदीदा अभिनेत्री मधुबाला है। बचपन से ही उन्हें फिल्मों से आकर्षण महसूस होता रहा और अभिनय का शौक जगा। उनकी किस्मत ने मौका दिया और उनके मुकाम तक पहुंचा ही दिया। श्रद्धा शर्मा महिला प्रधान फिल्में करना चाहती है। वह ऐसी फिल्में करना चाहती हैं जिससे उनकी छाप दर्शको के दिलों पर बनी रहे।</b><br /></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-9614982857785817892024-03-18T10:28:00.002+05:302024-03-18T10:28:14.458+05:30हेल्प केर फाउंडेशन और महात्मा गांधी सम्मान अन्न दान की तरफ़ से रमज़ान का राशन किट डोनेट किया<b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjaBSNV2bGdj0nYlhCRhV6XzsRLtfDrC1wWlpDOOzDHMesBihA-XaWLyS4z_d8-mkaYfw1t7WMgqu1px0x5oVj4WhelZIay6JTQS5vdP0fa-9zURyRcKX0w9SDaaMNqOPKu0hK5obA7zAgaXJNUspiH1LL_SwqsyKSnsVnGTzlSP7gX2A0Nqa1Z2dwve_HP" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="720" data-original-width="995" height="232" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjaBSNV2bGdj0nYlhCRhV6XzsRLtfDrC1wWlpDOOzDHMesBihA-XaWLyS4z_d8-mkaYfw1t7WMgqu1px0x5oVj4WhelZIay6JTQS5vdP0fa-9zURyRcKX0w9SDaaMNqOPKu0hK5obA7zAgaXJNUspiH1LL_SwqsyKSnsVnGTzlSP7gX2A0Nqa1Z2dwve_HP" width="320" /></a></div>० </b><b>संत कुमार गोस्वामी ० </b><b><br />मुंबई : मुंबई के बांद्रा वेस्ट में हेल्प केर फाउंडेशन और महात्मा गांधी सम्मान अन्न दान के फाउंडर अध्यक्ष शबनम शेख द्वारा जरुरतमंदों को रमज़ान का राशन डोनेट किया गया। इस मौके पर बॉलीवुड फिल्म एक्ट्रेस शेर्लिन चोपड़ा, एक्टर अजगर अली, भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के महाराष्ट्र अध्यक्ष और पत्रकार संघ वेलफेयर एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट, दिलशाद एस खान, एडवोकेट शाहबाज खान, इमरान पवार, वसीम खान, शमा शेख, फिज़ा शेख के साथ साथ कई नामी गिरामी सख्सियात मौजूद रहेl इन मेहमानों के हाथों से जरुरतमंद लोगों को राशन डोनेट किया गया।</b><div><b><br /></b></div><div><b>रमज़ान के महिने में सभी छोटे बड़े मुस्लिम लोगों के घर में अल्लाह की रहमतें नाजिल होती है और सबके घरों में बरकतें नाजिल हो जाती है लोग तो रमज़ान आने से पहले ही अपने घरों में रमज़ान का सामान ले आते हैं लेकिन जरुरतमंद लोग रोज मर्रा का काम कर के अपना और अपने घरवालों का पेट पालते हैं ऐसे लोग कहां से राशन लाएंगे ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए हेल्प केर फाउंडेशन के फाउंडर अध्यक्ष शबनम शेख ने राशन किट डोनेट करने का काम किए।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-62815551969657432682024-03-18T08:29:00.002+05:302024-03-18T08:29:39.171+05:30देश की 500 बड़ी कंपनियों पर 50% टैक्स लगाऐं सम्मेलन में लिया संकल्प - न ड्रग्स लेंगे, न लेने देंगे<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhllcVmNC87_-rYb-HsJnfoK28Lko6StiRITuH19Q6tYbff86M6YK6zky6xkEF3Pevnmt7BT-N21AaeihUuQ8gnlx4dIl0n6I788M4A1Q7DBMqTdv2htW-VDJqXKDtcPL6u9KLtdO9lg6rhRX7dioIh3Peu7t5XHUABUH3ofYMbhjDPdsFTO6PdIW85YaN_" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="720" data-original-width="1280" height="180" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhllcVmNC87_-rYb-HsJnfoK28Lko6StiRITuH19Q6tYbff86M6YK6zky6xkEF3Pevnmt7BT-N21AaeihUuQ8gnlx4dIl0n6I788M4A1Q7DBMqTdv2htW-VDJqXKDtcPL6u9KLtdO9lg6rhRX7dioIh3Peu7t5XHUABUH3ofYMbhjDPdsFTO6PdIW85YaN_" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br />अमृतसर । नशा मुक्त भारत आंदोलन की पंजाब इकाई द्वारा अमृतसर के रतन सिंह चौक, आबादी करमपुरा में नशा मुक्त भारत आंदोलन की राष्ट्रीय संयोजक, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अध्यक्षता में तथा कर्नाटक विधानसभा के पूर्व उप-सभापति एवं विधायक बी आर पाटिल, भाकियू (उग्रहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहां, मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक एवं किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीलम की विशेष उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi9duxCtrfE0Q2gC4FqBMtpih2JYpAIeC-LHkJCkqjK-oiMxwW7N-aH3jqYs8E045614UEIB2R3EHolXg-_2E6CJyfaGu4L73fuWzvKlOdPYjQ5SD9f5uBMQu9VqsaqgUt4oUDUcXnHqXa4VmgbfzoEBNIZSSDzDDtdEgCAFqmSA0PDrIIWkNlSTVsI75XW" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="976" data-original-width="720" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi9duxCtrfE0Q2gC4FqBMtpih2JYpAIeC-LHkJCkqjK-oiMxwW7N-aH3jqYs8E045614UEIB2R3EHolXg-_2E6CJyfaGu4L73fuWzvKlOdPYjQ5SD9f5uBMQu9VqsaqgUt4oUDUcXnHqXa4VmgbfzoEBNIZSSDzDDtdEgCAFqmSA0PDrIIWkNlSTVsI75XW" width="177" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><b> विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा नशा मुक्ति के संदेश के साथ हुई।</b></div></b><div><b> सभी धर्म गुरुओं ने बताया कि उनके धर्म में नशा करना निषेध है इसके बावजूद भी नशे का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सभी ने गांधी जी का उल्लेख करते हुए कहा कि शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ-साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। </b><b>नशा मुक्त भारत आंदोलन के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्र सरकार एवं पंजाब सरकार से कानूनी तौर पर नशाबंदी लागू करने, सभी तरह के नशे का उत्पादन करने वाले केंद्रों को बंद करने, सभी स्कूलों और कॉलेजों में डोप टेस्ट केंद्र खोलने, युवाओं को रोजगार ,की कानूनी गारंटी देने, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को नशा करते या नशा किए हुए पाए जाने पर तत्काल निलंबित किए जाने का कानूनी प्रावधान करने, 10 हजार की आबादी पर एक नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र खोलने, </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>नशा करने वालों को मरीज मानकर निःशुल्क इलाज करने, शराब की दुकान बंद करने के लिए 50% महिलाओं के द्वारा लिखित आपत्ति करने के प्रावधान को कानूनी तौर पर लागू करने, अवैध शराब बिक्री करने वाले को जमानत देने के कड़े प्रावधान करने, नशीले पदार्थों की तीन बार बिक्री करने पर पकड़े जाने वाले को जिला बदर करने , नशा से मरने वालों के परिजन को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> प्रस्ताव में कहा गया कि सरकारें राजस्व जुटाने की आड़ में नशा बिक्री एवं उत्पादन करने की बजाय देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों पर 50% टैक्स लगाने और स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम में नशाबंदी विषय अनिवार्य तौर पर जोड़े जाने का प्रावधान करें। सम्मेलन में लिए गए उक्त प्रस्तावों को सरकारों को भेजने का निर्णय लिया गया तथा सभी चुनाव लड़ने वाली पार्टियों से इन मुद्दों को मेनिफेस्टो में शामिल करने की मांग की गई । </b><b>नशा मुक्त भारत आंदोलन के पंजाब प्रांत के संयोजक एड.अंकुर गुप्ता ने सम्मेलन में आए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जब वे डी ए व्ही कॉलेज के अध्यक्ष थे तभी उन्होंने पंजाब को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया था।</b></div><div><b><br /> उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को षडयंत्र पूर्वक बर्बाद कर पंजाब को कमजोर किया जा रहा है।<br /> कार्यक्रम के दौरान मेधा पाटकर ने स्वयं नशा न करने तथा अपने सामने किसी को भी नशा नहीं करने देने तथा हर तरह के नशे से मुक्त रहने का संकल्प सम्मेलन में आए हजारों अमृतसर वासियों को दिलाया।<br /> सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि नशा तो कई चीजों का होता है, लेकिन जीवन को बर्बाद करने वाले और दूसरों पर खास कर महिलाओं पर हिंसा और अत्याचार करने वाला नशा शराब और ड्रग्स का होता है। उन्होंने कहा कि नशा का व्यापार और उससे कमाई करने का अधर्म सत्ताधीश कर रहे हैं।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> शराब के व्यापारी और राजनीति में गठजोड़ है इसलिए गुजरात के साथ-साथ और 5- 6 राज्यों में शराब बंदी का कानून है लेकिन पंजाब जैसे राज्यों में क्यों नहीं ? जबकि संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार शराबबंदी हर शासन की जिम्मेदारी और कर्तव्य है । इसलिए हम पंजाब को नशा मुक्त करने के साथ-साथ भारत को नशा मुक्त करना चाहते हैं। कर्नाटक के विधायक बी आर पाटिल ने कहा कि शराब माफिया अनेक राज्यों में राजनीतिक दलों और सरकारों पर हावी हो गया है। उन्होंने कहा कि शराब एवं नशीले पदार्थों की खरीद और नशीले पदार्थों की खेती और बिक्री से जो राजस्व प्राप्त हो रहा है, उसे गांधी जी ने पाप की कमाई कहा था।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब का इस्तेमाल न करें। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पूरे देशभर में नशा मुक्ति को लेकर सभी राष्ट्रीय पार्टियां अपने मेनिफेस्टो में इसे प्रमुखता से स्थान दें। प्रख्यात किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्रहां ने कहा कि देश का युवा नशा नहीं, रोजगार की कानूनी गारंटी चाहता है । उन्होंने कहा कि सोच समझकर ड्रग्स का कारोबार का जाल गांव गांव में फैलाया जा रहा है ताकि युवा पीढ़ी का करियर उनकी ऊर्जा को पूरी तरह बर्बाद किया जा सके। नशा कोई भी हो उसकी सर्वाधिक पीड़ा महिलाओं को होती है।</b></div><div><b><br />डॉ सुनीलम ने कहा कि गुजरात के मुंद्रा में अडानी का बंदरगाह ड्रग्स के कारोबार का केंद्र बन गया है। 31 जनवरी 2023 तक दो साल में मुंद्रा में अडानी के बंदरगाह से 375.50 करोड़ रुपए की 75 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई तथा सितंबर 2021 में राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI), एक केंद्रीय एजेंसी ने मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी, इसकी कीमत लगभग 21,000 करोड़ रुपए थी। लेकिन बंदरगाह के मालिक अडानी, प्रशासकों, सुरक्षा अधिकारियों को सरकार का अभयदान प्राप्त है।</b></div><div><b><br /> चुनाव में तमाम दावों के बावजूद शराब बांटने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशे में मतदान करने वाले मतदाता कभी सही उम्मीदवार का चयन नहीं कर सकता। डॉ. सुनीलम ने कहा कि अत्यधिक नशे के सेवन से हर वर्ष 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हो रही है लेकिन सरकारें राजस्व कमाने के लिए अपने ही देश के नागरिकों की संस्थागत हत्याओं का कारण बन रही है। डॉ सुनीलम ने देश के 500 सर्वाधिक अमीर पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट पर 50% टैक्स लगाकर, केंद्र सरकार से देश में शराबबंदी लागू करने की मांग की। किसान संघर्ष समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुशीला ताई मोराळे ने कहा कि देश में 37 करोड़ लोग नशे से प्रभावित है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> इसके साथ ही नशा करने वालों में शराब पीने वालों की संख्या 16 करोड़ तक पहुंच गई है। शराब पीने वालों में 19 प्रतिशत (लगभग 3 करोड़) ऐसे हैं जो शराब के बिना रह नहीं पाते। 2.26 करोड़ लोग यानी कुल आबादी का 2.1 प्रतिशत अफीम, उसके डोडे, हेरोइन, स्मैक और ब्राउन शुगर जैसी ड्रग्स के शिकंजे में फंस चुके हैं। उन्होंने कहा कि नशे से पीड़ित समाज कभी भी विश्व गुरु नहीं बन सकता। नशा मुक्त भारत आंदोलन की म.प्र. राज्य संयोजक एड. आराधना भार्गव ने कहा कि देश में नशे के चलते 80 % से ज्यादा महिला हिंसा और दुर्घटनाएं होती है। उन्होंने महिलाओं को प्रतिमाह कुछ राशि दिए जाने की जगह देश में शराबबंदी लागू करने की मांग की ताकि महिलाएं सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।</b></div><div><b><br /> ग्राम रक्षक दल की अध्यक्ष माया ताई चौरे ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं दारू बंदी करने के लिए कई दशकों से आंदोलन चला रही है लेकिन सरकारें महिलाओं की बात सुनने की बजाय शराब माफियाओं के साथ खड़ी दिखलाई देती है। सरकार रोजगार न देने की अपनी विफलता को छुपाने के लिए नशाखोरी को बढ़ावा दे रही है। खुदाई खिदमतगार के संयोजक फै़ज़ल खान ने कहा कि इस्लाम में शराब को हराम बतलाया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे समाज में नशाखोरी बढ़ने के कारण तेजी से बेरोजगारी बढ़ी है। पंजाब सहित देश भर में नशे का टारगेट युवा ही होते हैं। शराब से पूरा घर बर्बाद होता है। परिवार का हर तरह से आर्थिक, सामाजिक, मानसिक, शारीरिक नुकसान होता है। पंजाब इसका एक जीता जागता उदाहरण है।</b></div><div><b><br />डॉ सुखजोत सिंह ने कहा कि पंजाब ने खेती पर जो रास्ता दिखाया है वह नशामुक्ति को लेकर भी <br />देश को रास्ता दिखलाएगा। दिल्ली के जन जागरण सामाजिक संगठन के शशि भूषण ने कहा कि जो जितना गरीब है, उस पर शराब एवं अन्य नशे पर किए जाने वाले खर्च का उतना अधिक असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब नशाखोरी के खिलाफ थे इसलिए संविधान में नशे का व्यापार करने पर रोक लगाई गई परंतु सरकारें संविधान के खिलाफ जाकर शराब की अधिक से अधिक बिक्री कराती है।<br />दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार एवं नशा मुक्ति आंदोलन के सुशील खन्ना ने संबोधित किया। उन्होंने कहा मैंने अपने बेटे को खोया है । मैं नहीं चाहता कि किसी दूसरे का बेटा नशे का शिकार बने।<br />सम्मेलन को हसन कर्नाटक के पूर्व विधायक एच एम विश्वनाथ ने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए नशामुक्ति आवश्यक है।</b></div><div><b><br />समाज में कुंठा और निराशा बढी इस लिए नशा बढ़ा। दारू मुक्ति आंदोलन एवं दिल्ली महिला मोर्चा की अध्यक्ष विनीता, मानव एकता संवाद उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंदर भगत, ऑल इंडिया पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसायटी की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ इंदरजीत कौर, महाराष्ट्र के अकोला दारू मुक्ति आंदोलन के भाई रजनीकांत, दिल्ली से दिल्ली नशाबंदी समिति के महामंत्री राकेश कुमार, सीधी, मध्यप्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता निसार आलम अंसारी, सर्वोदय मंडल नासिक की अध्यक्ष बेबी वाइकर ने सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एड. अंकुर गुप्ता द्वारा किया गया।<br /></b><br /></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-62267601515087579632024-03-18T08:20:00.000+05:302024-03-18T08:20:03.009+05:30एवलांच' और 'गोपाल उरे एंड कंपनी' नाटक का हुआ मंचन<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjvzHxlG953hcufYDIgFRLitGD7Y1UIKw1AgQPFscRGBTmg1sN-2i3F-a2WfMZxDm30d8NRjm6MopOOKCbSI4mbsaKr45-xs8H8BqaiOsibJHyBJI17G9NYMQf9JesLYtcdIh2cWE8VLvWjQOC0UDQWsSDQlBexUo5kg6loB5fjkYIZV8u64BG6apNbWUB2/s1225/7a73e76e-82aa-427a-a8ba-34897c8fbd8c.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="817" data-original-width="1225" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjvzHxlG953hcufYDIgFRLitGD7Y1UIKw1AgQPFscRGBTmg1sN-2i3F-a2WfMZxDm30d8NRjm6MopOOKCbSI4mbsaKr45-xs8H8BqaiOsibJHyBJI17G9NYMQf9JesLYtcdIh2cWE8VLvWjQOC0UDQWsSDQlBexUo5kg6loB5fjkYIZV8u64BG6apNbWUB2/s320/7a73e76e-82aa-427a-a8ba-34897c8fbd8c.jpeg" width="320" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><b>० योगेश भट्ट ० </b></div></div></b></div><b>नई दिल्ली – राजधानी के मंडी हाउस में चल रहे 19वे महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स एवं फेस्टिवल में दो नाटकों का मंचन हुआ।श्री राम सेंटर में सुजन मुखोपाध्याय द्वारा निर्देशित और चेतना द्वारा निर्मित बंगाली नाटक ‘गोपाल उरे एंड कंपनी’ का मंचन हुआ और कमानी सभागार में गंधर्व दीवान द्वारा निर्देशित और द गैदरड द्वारा निर्मित ‘एवलांच’ नाटक मंचित किया गया। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र गंधर्व दीवान अपनी शैली में कहानी कहने के लिए जाने जाते हैं। <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiUFLj8Sk1Rs_oegZxWB9HM_4rbxOAiCK9aJdC-iswbW-jaISv8gx9R99FMi2CX3tK2ge_PpZahNI0nLg56hgsurfjwfIpT9hEqiq_fjZgHDLb9QBZXdavhLMYsunKcfMkfo6Ery0bm7LfHxKqdOlJWwa3uBTlx61p1c-DfkeTEjtKOIsRv_rhn_9JnAeRM/s1024/faee9b30-1503-400e-8206-a725d0e0497a.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="763" data-original-width="1024" height="238" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiUFLj8Sk1Rs_oegZxWB9HM_4rbxOAiCK9aJdC-iswbW-jaISv8gx9R99FMi2CX3tK2ge_PpZahNI0nLg56hgsurfjwfIpT9hEqiq_fjZgHDLb9QBZXdavhLMYsunKcfMkfo6Ery0bm7LfHxKqdOlJWwa3uBTlx61p1c-DfkeTEjtKOIsRv_rhn_9JnAeRM/s320/faee9b30-1503-400e-8206-a725d0e0497a.jpeg" width="320" /></a></div></b><div><b>एवलांच कहानी एक पहाड़ी गांव पर केन्द्रित है ,जिस गावं के लोग हिमस्खलन के खतरे के तहत नौ महीने बिताते हैं । लोग प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ने के डर से, फुसफुसाते हुए संवाद करते हैं। यहां तक कि बच्चे का जन्म भी प्रकृति के चक्र के अनुसार निर्धारित एक क्लासिक 'विद्यासुंदर' से लिया गया है, जिसे कामुक प्रेम के साथ-साथ देवी मां चंडी के लिए प्रार्थना का एक प्राचीन और प्रसिद्ध पाठ माना जाता है। नाटक, नृत्य और गीत के साथ दोबारा बताई गई कहानी यह सशक्त संदेश देती है कि एक कलाकार और उसकी आत्मा को बेचा नहीं जा सकता।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTxw8lhxyKg8E73BcB2rsaLiQSQYgShz36I1JuACE62W2buQM24-dhn3EDCwVwpdperU79IKRP98B3BF0ko74eDZ7RUTaAWRpHjNAhnt82azg-LFLjofMeFKQ6Nsw3BtbXGL3_coIRt9__p2aPY6XVUQLeW6PAIGAnHW5PvFwM8crtVDc4VTcGUoyg12W2/s500/95d87ccc-d780-4a36-87ac-53b8bc95fee6.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="500" data-original-width="500" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTxw8lhxyKg8E73BcB2rsaLiQSQYgShz36I1JuACE62W2buQM24-dhn3EDCwVwpdperU79IKRP98B3BF0ko74eDZ7RUTaAWRpHjNAhnt82azg-LFLjofMeFKQ6Nsw3BtbXGL3_coIRt9__p2aPY6XVUQLeW6PAIGAnHW5PvFwM8crtVDc4VTcGUoyg12W2/s320/95d87ccc-d780-4a36-87ac-53b8bc95fee6.jpeg" width="320" /></a></div></b></div><div><b>इस बार के जूरी सदस्यों में भारतीय थिएटर अभिनेत्री, कास्टिंग निर्देशक और लेखक डॉली ठाकोर; प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता कुलभूषण खरबंदा; अनुभवी थिएटर निर्देशक और अभिनेत्री कुसुम हैदर; प्रख्यात निर्देशक, अभिनेता, प्रशंसित नाटककार और लेखक महेश दत्तानी; प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, संगीतकार, गायक और सेट डिजाइनर रघुवीर यादव; सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फाउंडेशन और सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल की निदेशक स्मृति राजगढ़िया; मशहूर थिएटर और फिल्म अभिनेता विनय पाठक शामिल हैं ।</b><br /> </div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-91223491031230531962024-03-18T08:12:00.001+05:302024-03-18T08:12:11.441+05:30दिल्ली एवं एन.सी.आर. के 850 से ज्यादा बच्चों ने ‘आओ कहानी बुने’ कार्यक्रम में लिया हिस्सा<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjA60ugdwHhAICSjRGzOUm_JTmuoHGOTHJujn9KEIKmA_IA33voakba5mE-40VjN0oBqRwO_TFtklc4Y256bmmtrbTs4YyHYoYh9iuOOfWcr9OgBvrRhC8mUpdoZXjXPQtYw1caq5tXUSKwv11ELRe_uKCw_tht53R4oaAWzzIODdFmvg4DHz-BrmR79OxH" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="853" data-original-width="1280" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjA60ugdwHhAICSjRGzOUm_JTmuoHGOTHJujn9KEIKmA_IA33voakba5mE-40VjN0oBqRwO_TFtklc4Y256bmmtrbTs4YyHYoYh9iuOOfWcr9OgBvrRhC8mUpdoZXjXPQtYw1caq5tXUSKwv11ELRe_uKCw_tht53R4oaAWzzIODdFmvg4DHz-BrmR79OxH" width="320" /></a></div></b></div><b> ० योगेश भट्ट ० <br />नई दिल्ली ; साहित्य अकादेमी द्वारा विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव के रूप में मनाए साहित्योत्सव 2024 का समापन हुआ। छह दिवसीय इस समारोह का अंतिम दिन दिव्यांग लेखकों के नाम रहा। दिव्यांग लेखकों को राष्ट्रव्यापी मंच प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय दिव्यांग लेखक सम्मिलन का आयोजन किया गया। वहीं बच्चों में साहित्य के प्रति रुचि जाग्रत करने के लिए दिल्ली एवं एन.सी.आर. के 850 से ज्यादा बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन ‘आओ कहानी बुने’ कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया।</b><div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjMi2uEzjgEgUv1RlnqMwxQVDIYNN5RShKJ7cEMu0s929XvEp2UpAXVVtous_qTqKez-Mr9GBNtsveTX9sBBEWHriFdIBR6_w9dyLzWQiqA9_TuLXf15m2Gam9kzVOXmhPigNVQ6HkJahYhosh7l522HAtrg4_3hxaboDskT93qqQlxkuotPZqJ4qbUEB0g" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="853" data-original-width="1280" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjMi2uEzjgEgUv1RlnqMwxQVDIYNN5RShKJ7cEMu0s929XvEp2UpAXVVtous_qTqKez-Mr9GBNtsveTX9sBBEWHriFdIBR6_w9dyLzWQiqA9_TuLXf15m2Gam9kzVOXmhPigNVQ6HkJahYhosh7l522HAtrg4_3hxaboDskT93qqQlxkuotPZqJ4qbUEB0g" width="320" /></a></div></b><div><b>कार्यक्रमों में गोपी चंद नारंग के जीवन और कृतित्व पर परिसंवाद, बहुभाषी, बहुसांस्कृतिक समाज में अनुवाद, भारत की भाषाओं का संरक्षण, भारतीय संदर्भ में पुनर्लेखन/पुनःसृजन के रूप में अनुवाद, भारतीय अंग्रेज़ी लेखन और अनुवाद के अतिरिक्त भारतीय वाचिक महाकाव्य एवं स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य पर चल रही राष्ट्रीय संगोष्ठियों का भी समापन हुआ।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhtOk6P72JcVWrc8mEeH3j57CxqFRBeKZMorPK7jadqKjnDxMt8-jU4Pki9k62vnlqt51mkloosSeANK8lxgdwHvq8BDTB9g6tt6BgHOhZX1CeXt2BDfy8Bqh_BhDp-Yua4r7srYvvCMqByg2oObjERS9V_Ok2YulAftr7JFMIktPfyKllos10XrcfTneE5" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="853" data-original-width="1280" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhtOk6P72JcVWrc8mEeH3j57CxqFRBeKZMorPK7jadqKjnDxMt8-jU4Pki9k62vnlqt51mkloosSeANK8lxgdwHvq8BDTB9g6tt6BgHOhZX1CeXt2BDfy8Bqh_BhDp-Yua4r7srYvvCMqByg2oObjERS9V_Ok2YulAftr7JFMIktPfyKllos10XrcfTneE5" width="320" /></a></div></b></div><div><b>इस समारोह को दुनिया का सबसे बड़ा साहित्योत्सव मानते हुए आइंस्टीन वर्ल्ड रिकार्डस, दुबई की टीम ने समारोह में इस विश्व कीर्तिमान का प्रमाण-पत्र साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा एवं सचिव के. श्रीनिवासराव को सौंपा। प्रमाण-पत्र में छह दिन चले दुनिया के इस सबसे बड़े साहित्योत्सव में 190 सत्रों में 1100 से अधिक लेखकों के भाग लेने और इसमें 175 से अधिक भाषाओं का प्रतिनिधित्व होने को प्रमाणित किया गया है।</b></div><div><b><br /></b></div><div><b> अखिल भारतीय दिव्यांग लेखक सम्मिलन में अंग्रेज़ी विद्वान जी.जे.वी. प्रसाद ने कहा कि हम उन जैसे नहीं हैं, लेकिन हमें उनके लिए सजग और स्नेह से कार्य करना होगा। दिव्यांगता जन्मजात नहीं बल्कि कई बार हमारी अपनी अज्ञानता और लापरवाही के कारण हमें प्राप्त होती है। उन्होंने सभी दिव्यांग रचनाकारों से अनुरोध किया कि वह अपनी विशेष क्षमताओं को पहचान कर उनपर काम करें, </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>उन्हें मंज़िल अवश्य प्राप्त होगी। अपने अध्यक्षीय भाषण में साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में दिव्यांगजनों द्वारा पाई गई उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को हौसले की ऊर्जा से आगे बढ़ना होगा, तभी वह अपनी मनचाही मंज़िल प्राप्त कर सकेंगे। साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि 24 भारतीय भाषाओं के दिव्यांग लेखकों को यहाँ उपस्थित पाकर साहित्य अकादेमी अपने को गर्वित महसूस कर रही है।</b></div><div><b><br />साहित्य अकादेमी के पूर्व अध्यक्ष एवं महत्तर सदस्य गोपीचंद नारंग को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक परिसंवाद का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि गुलज़ार और नारंग की धर्मपत्नी मनोरमा नारंग थी। गुलजार ने अपने वक्तव्य में कहा कि गोपी चंद नारंग का व्यक्तित्व और कृतिव उनके हुनर और आलिमियत का खूबसूरत मुजस्समा है।</b></div></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-86990185756461187062024-03-18T08:01:00.001+05:302024-03-18T08:01:06.617+05:30कवि लक्ष्मी कांत कमल नयन का मनाया गया जन्मदिन<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhoWUfMSS5jdSPiS8uYSV8durjNW2AOLNEfHx735Al1jOovkXudwQdLVOjVUAYkchvQLL-eSyunkLbHC77HwdlYQSCfj7Gmm-9m25ZA9EPrbjy9pdTc5iAV8KIxQT-CUWoIG9NLfcyjBDy43KbaHStVdKAHjllloNQpzaHPdlZtOCwnSMhshrGSBAQ99nlr" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="520" data-original-width="851" height="196" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEhoWUfMSS5jdSPiS8uYSV8durjNW2AOLNEfHx735Al1jOovkXudwQdLVOjVUAYkchvQLL-eSyunkLbHC77HwdlYQSCfj7Gmm-9m25ZA9EPrbjy9pdTc5iAV8KIxQT-CUWoIG9NLfcyjBDy43KbaHStVdKAHjllloNQpzaHPdlZtOCwnSMhshrGSBAQ99nlr" width="320" /></a></div></b></div><b>० योगेश भट्ट ० <br />सुल्तानपुर जिले के ग्राम मल्हीपुर के रहने वाले कवि लक्ष्मीकांत "कमल नयन" के जन्मदिवस पर लोगों ने उन्हें अपनी बधाई दी। कमल नयन कवि एवं श्रेष्ठ कवि सम्मेलन कार्यक्रम के संयोजक हैं। उन्हें बधाई देने वाले व्यक्तियों में कवयित्री डॉ नीलिमा पांडे ,कवयित्री प्रो.कुसुम तिवारी , कवयित्री सुमन दूबे, सायर सागर त्रिपाठी जी ,प्रो.अंजनी कुमार द्विवेदी मिडिया प्रभारी बिकास मिश्रा </b><div><b><br /></b></div><div><b>भाजपा किसान मोर्चा कानपुर मण्डल उपाध्यक्ष राजेश तिवारी ,सुनील तिवारी गायक, नीलेश ज्वाला,अनूप त्रिपाठी पत्रकार, निशा सिंह ,विपुल मिश्र, राहुल सिंह भारतीय सैनिक कवि,नीरज पांडे,अशोक बेशर्म, सम्राट पाल,विभा सिंह ,सुनील सौम्या ,विपिन शर्मा ,शिवोम शुक्ला,समिक्छा शर्मा, सुमित्रा, रानी मिश्रा, किरन मिश्रा, नीतू पांडे ,आंनद पांडे ,सुनिता चतुर्वेदी ,सरला शर्मा,अनूप सिंह, सिध्येस्वर,अखिलेश पांडे ,डा.सपना मिश्रा, राकेश पांडे आदि ने "कमल नयन" को पुष्प गुच्छ दे कर बधाई दिए और लक्ष्मी कांत "कमल नयन" ने सभी महानुभावों का तहे हृदय आभार किया।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-8597587382120921092024-03-18T07:55:00.003+05:302024-03-18T07:55:17.795+05:30MASSH और जवाहर फाउंडेशन सवेरा रन फॉर गुड को अपना समर्थन दिया <b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjGmRAMi9XyhZISfN4dsddd0C89iorO_7e9zT2F0-eL0tpxHixAjYaOnfG-4WvzXIOxrxeQeiwlWmycj3inlyX4cLVqN9QNS2NfBy8NJ-eufaPYrDesvY6JWR3hoYi58hVkplXeg-18ypnNpwGbZkHKJv3TYqe-EbRfcoFkZUE0bPMdTmtV3VYozym7DmqC" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="945" data-original-width="1600" height="189" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjGmRAMi9XyhZISfN4dsddd0C89iorO_7e9zT2F0-eL0tpxHixAjYaOnfG-4WvzXIOxrxeQeiwlWmycj3inlyX4cLVqN9QNS2NfBy8NJ-eufaPYrDesvY6JWR3hoYi58hVkplXeg-18ypnNpwGbZkHKJv3TYqe-EbRfcoFkZUE0bPMdTmtV3VYozym7DmqC" width="320" /></a></div>० नूरुद्दीन अंसारी ० <br />नई दिल्ली : MASSH (मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल) और जवाहर फाउंडेशन ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित सवेरा रन फॉर गुड 2.0 को अपना समर्थन दिया, सभी एक साझा समर्पण के साथ एक साथ आए। इवेंट के मेडिकल पार्टनर के रूप में MASSH ने सभी प्रतिभागियों को व्यापक आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान की, जिससे इवेंट के दौरान उनकी भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित हुई। टीम ने दो अत्याधुनिक एम्बुलेंस तैनात कीं,<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi0BJE3qW0tUneD3mKAQ9uGNFsPVJQsQRhZLzPKXarWAGOsGapiir-n6TmO8Nd3e-lzgwG30gF6_9Q94HmXZnYAdplAgmgLoyGJhqE-ISl7j3reSrckWDVOmzU_paTN__89aofmVR7qOnhnVjywmL7wLAzsXyH-BaXOZ4ZqzO2sc6uErTh8TMzudX2dFVr2" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1600" data-original-width="1307" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEi0BJE3qW0tUneD3mKAQ9uGNFsPVJQsQRhZLzPKXarWAGOsGapiir-n6TmO8Nd3e-lzgwG30gF6_9Q94HmXZnYAdplAgmgLoyGJhqE-ISl7j3reSrckWDVOmzU_paTN__89aofmVR7qOnhnVjywmL7wLAzsXyH-BaXOZ4ZqzO2sc6uErTh8TMzudX2dFVr2" width="196" /></a></div></b><div><b>जिनमें से प्रत्येक में अनुभवी डॉक्टर तैनात थे। एक एम्बुलेंस को आपात स्थिति पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए रणनीतिक रूप से कार्यक्रम स्थल पर तैनात किया गया था, जबकि दूसरी आपात स्थिति पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए प्रतिभागियों का बारीकी से अनुसरण कर रही थी। मोच और अन्य प्राथमिक चोटों से तुरंत निपटने के लिए फिजियोथेरेपी टेंट, महत्वपूर्ण जांच कोने और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए गए थे।</b><b> मानसी बंसल झुनझुनवाला, जो वर्तमान में संस्था के सीईओ के रूप में कार्यरत हैं, ने 30 अप्रैल तक पंजीकृत प्रतिभागियों को मानार्थ स्वास्थ्य जांच भी प्रदान की।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgYRZG5qGiHPmzEsC1IuK-7PCFB8QXcyUyE_SDaU8wY6w9s4MHiCYjBsPG-R29sw8q2WgxO_VvGIlbvhrpLZvbQ1PO07s3GBDiLY3ilDCmndSzewsQkbcdjDanj3D_IqnINFuNsGhZO0Pjzj4ZfBjR87wXdU7OEzCh0vsd33FVVDtKak4sGWeVodSOE-1oP" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="747" data-original-width="1600" height="149" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgYRZG5qGiHPmzEsC1IuK-7PCFB8QXcyUyE_SDaU8wY6w9s4MHiCYjBsPG-R29sw8q2WgxO_VvGIlbvhrpLZvbQ1PO07s3GBDiLY3ilDCmndSzewsQkbcdjDanj3D_IqnINFuNsGhZO0Pjzj4ZfBjR87wXdU7OEzCh0vsd33FVVDtKak4sGWeVodSOE-1oP" width="320" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><b>इसके अलावा, एक फाउंडेशन पार्टनर के रूप में जवाहर फाउंडेशन ने दौड़ की सफलता के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों और समर्थन का योगदान दिया। यह साझेदारी विविधता, एकता और समावेशिता का जश्न मनाने के लिए फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो इस कार्यक्रम के मूल मूल्य भी थे। प्रसिद्ध उद्योगपति, परोपकारी और जवाहर फाउंडेशन के संस्थापक रिजु झुनझुनवाला ने भी नियमित जांच के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और उन्हें समाज में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करने के लिए इस अवसर की शोभा बढ़ाई।</b></div></b></div><div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div></b></div><div><b>झुनझुनवाला MASSH के प्रमोटर और निदेशक भी हैं। दक्षिण दिल्ली स्थित अस्पताल विश्व स्तरीय रोगी देखभाल प्रदान करने के लिए नैतिक प्रथाओं के साथ उन्नत तकनीक का मिश्रण करता है। झुनझुनवाला के साथ MASSH और जवाहर फाउंडेशन के अन्य सदस्य भी थे। </b><b>इस आयोजन को प्रायोजित करके, और जवाहर फाउंडेशन ने सामाजिक कल्याण, समुदायों के उत्थान और समाज में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देने के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया। </b></div><div><b><br /></b></div><div><b>अजमेर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, गंगापुर, माडलगढ़ और जयपुर में संचालित, जवाहर फाउंडेशन समावेशी विकास और विकास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करता है। पिछले कुछ वर्षों में, फाउंडेशन ने स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, जल, पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में कई परियोजनाएं लागू की हैं।</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-83481861518842389242024-03-17T08:42:00.002+05:302024-03-17T08:42:23.470+05:30जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल द्वारा नई दिल्ली फिल्म फेस्टीवल 28 मार्च को दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में <div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiP_iiRyXD6yz-jnSe1hKewBtHQy8qblLlGCEbaxOYwm8f8Hn4pU0kY2lg0JVBJRc9sJTUJp_cp0X4q6gZwwvbb6oLvqlj2mW8UK-mHyCTvjw4zNy6dMbbr-9MiRQMPg39HMg5KU9vd9bPrCVop6HLMgeO6okMszXuX_-n4IpETdYXkbncD_uDFUiln2PBF/s800/Fehujali%20A%20new%20dawn.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="327" data-original-width="800" height="131" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiP_iiRyXD6yz-jnSe1hKewBtHQy8qblLlGCEbaxOYwm8f8Hn4pU0kY2lg0JVBJRc9sJTUJp_cp0X4q6gZwwvbb6oLvqlj2mW8UK-mHyCTvjw4zNy6dMbbr-9MiRQMPg39HMg5KU9vd9bPrCVop6HLMgeO6okMszXuX_-n4IpETdYXkbncD_uDFUiln2PBF/s320/Fehujali%20A%20new%20dawn.jpg" width="320" /></a></div><b>० संवाददाता द्वारा ० </b></div><b>नई दिल्ली : जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल ट्रस्ट द्वारा आयोजित नई दिल्ली फिल्म फेस्टीवल के 7वें संस्करण का आयोजन 28 मार्च को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया जाएगा. फेस्टीवल के फाउंडर डायरेक्टर हनु रोज ने बताया की फेस्टीवल को 52 देशों की 655 फ़िल्में प्राप्त हुई थी. इनमें से 20 देशों की 102 फिल्मों का चयन हुआ है. भारत से 73 और विदेश से 29 फ़िल्में हैं. <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgcAjxvB49WkPiCYEuSD0Zw9FOff_xcxKKTNd1jZHxEiLw2k_yNeQwp3S4UQ9iBSkc0DcI-k6pnkl09njovYofEjqEZM_i0L3s903ftXBN__g0qF4ZufMfx31ZMMns9LCds_fdEVKbI8G1y0B3jbpGvztYJ-1ONMVMF9mTLSt_KZ2Le1e0FSr3LlJBJNgs2/s800/The%20Apple.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="597" data-original-width="800" height="239" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgcAjxvB49WkPiCYEuSD0Zw9FOff_xcxKKTNd1jZHxEiLw2k_yNeQwp3S4UQ9iBSkc0DcI-k6pnkl09njovYofEjqEZM_i0L3s903ftXBN__g0qF4ZufMfx31ZMMns9LCds_fdEVKbI8G1y0B3jbpGvztYJ-1ONMVMF9mTLSt_KZ2Le1e0FSr3LlJBJNgs2/s320/The%20Apple.jpg" width="320" /></a></div></b><div><b>चयनित फिल्मों में 37 फूल लैंथ फीचर फिक्शन, 10 फूल लैंथ डाक्यूमेंट्री फीचर, एक फूल लैंथ एनिमेशन फीचर, 35 शॉर्ट फिक्शन, 7 शॉर्ट डाक्यूमेंट्री, 2 मोबाइल शार्ट, एक सॉन्ग, और 9 स्टूडेंट फ़िल्में शामिल हैं. समारोह में 28 मार्च को टॉप अवार्डेड फिल्मों की स्क्रीनिंग सी. डी. देशमुख ऑडिटोरियम, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में जाएगी. इसी दिन अवार्ड सेरेमनी आयोजित होगी. समारोह में भाग लेने के लिए फेस्टिवल की वेबसाइट पर डेलीगेट रजिस्ट्रेशन ओपन है www.jiffindia.org/delhi</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-53258712394185615772024-03-17T08:33:00.001+05:302024-03-17T08:33:32.764+05:30राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का जताया आभार<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgCrNIeqpai5CcHCJsuKLvRmqFlNAFsxgn_Xs9QgrHdjz1H99Bt7dL_cf8IMn-pby5kYq_2SG7C5AUE2gGZLP2nyfkx2sUnZYNIl7fBbU6rV6nK6JkibAZjL2AdFn8gXm_tXWTC5nNYCXKIFHVfAyrnwF6GbV6CTdj2kuucIxKU0Ua-PXkcVlCQHrbrdSfo" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="1055" data-original-width="1600" height="211" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgCrNIeqpai5CcHCJsuKLvRmqFlNAFsxgn_Xs9QgrHdjz1H99Bt7dL_cf8IMn-pby5kYq_2SG7C5AUE2gGZLP2nyfkx2sUnZYNIl7fBbU6rV6nK6JkibAZjL2AdFn8gXm_tXWTC5nNYCXKIFHVfAyrnwF6GbV6CTdj2kuucIxKU0Ua-PXkcVlCQHrbrdSfo" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br /> जयपुर | राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने -पेट्रोल, डीजल पर राजस्थान में “एक राज्य, एक कीमत” प्रभावी होने को बताया ऐतिहासिक,मुख्यमंत्री का जताया आभार | वैट दरों में कमी से मिलेगी सभी प्रदेशवासियों को राहत, अलग-अलग दरों की विसंगति दूर होने से सीमावर्ती जिलों को मिलेगा लाभ |<br /> मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर आभार जताया। एसोसिएशन के सदस्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने और “एक राज्य, एक कीमत” को लागू करने को बहुप्रतीक्षित एवं ऐतिहासिक कदम बताया। सदस्यों ने मुख्यमंत्री को साफा पहना कर तथा मुंह मीठा करवा कर उनका स्वागत अभिनंदन किया।</b><div><b><br />इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन का कल्याण सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है तथा हमारी डबल इंजन सरकार डबल स्पीड से काम कर आम जन को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में पेट्रोल व डीजल पर वैट में कमी की गई है, जिसका फायदा सभी प्रदेशवासियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जिलों में पेट्रोल व डीजल की दरों में विसंगति दूर करने के निर्णय से सीमावर्ती जिलों के लोगों तथा पेट्रोल पंप डीलर्स को लाभ मिलेगा।</b></div><div><b><br />राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र सिंह भाटी ने राज्य सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि वैट दरों में 2 प्रतिशत कमी लाने का राज्य सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। साथ ही, अलग-अलग जिलों में दरों की विसंगति दूर होने के बाद राजस्थान अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां एक राज्य-एक कीमत प्रभावी हो गई है।</b></div><div><b><br /> राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा पेट्रोल तथा डीजल पर वैट में 2 प्रतिशत की कमी की गई थी साथ ही, पेट्रोलियम विपणन कम्पनियों द्वारा सेकेण्डरी फ्रेट को युक्तिसंगत किया गया है। इन निर्णयों से आमजन को बड़ी राहत मिली है और प्रदेश में पेट्रोल पर 1 रुपए 40 पैसे से लेकर 5 रुपए 30 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल पर 1 रुपए 34 पैसे से लेकर 4 रुपए 85 पैसे प्रति लीटर तक कमी हुई है।</b></div><div><b><br />इस अवसर पर आरपीडीएफ के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सिंह भाटी के साथ पूर्व अध्यक्ष सुनीत बगई, प्रकाश ग्वालेरा ,शशांक कोरानी ,संदीप भगेरिया ,संदीप भारद्वाज,विजय सिंह मीणा,रोनक पाल सिंह ,अशोक जयसिंघानी सरदार बलजिंदर सिंह गिल मोजूद थे |</b></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2690141690215392603.post-38933845316647358982024-03-17T08:28:00.005+05:302024-03-17T08:28:34.525+05:30नाटक भंवरया कालेट में मोईन के अभिनय ने सभी को लुभाया<div><b><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjP6bEhpcnlb6IrwzHeNyykLF5tD2Wfs6XXK7S2_Ydsx2IEli9IIDTRmG8uuJPbU52kgz5szky8V3byvqrNmtRdsC7EDD2LA7vmZwS815bJ-JU24ueuTwsCkl86uejcTD2d-I49PoZzSBI8YRKvYPFXeRLeSYiRKg05iw_vHsKm7F3KDb6NNLQavN2rbav6" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="612" data-original-width="960" height="204" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjP6bEhpcnlb6IrwzHeNyykLF5tD2Wfs6XXK7S2_Ydsx2IEli9IIDTRmG8uuJPbU52kgz5szky8V3byvqrNmtRdsC7EDD2LA7vmZwS815bJ-JU24ueuTwsCkl86uejcTD2d-I49PoZzSBI8YRKvYPFXeRLeSYiRKg05iw_vHsKm7F3KDb6NNLQavN2rbav6" width="320" /></a></div></b></div><b>० आशा पटेल ० <br /> जयपुर | रविन्द्र मंच प्रशासन के द्वारा आयोजित त्रि दिवसीय हीरक जयंती रंग महोत्सव में शहर के युवा रंग निर्देशकों को मंच प्रदान किया गया। रविन्द्र मंच मुख्य सभागार में आयोजित नाटक भँवरया कालेट यथार्थवादी शैली के लिए नया उदाहरण प्रस्तुत करता है। राजस्थानी भाषा का यह नाटक राजस्थान की लोक संस्कृतियों की भी बात करता है। समाज से विलुप्त होते गायन वादन से जुड़े मिरासी समाज पर आधारित दो भाई भँवरया -जफरया की<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgibqN_V4rmQHNavw-kjRLbMNQ1tMOnVb5aZJirwqP8iIWSLS4mb230AKW7CtK11qYSfzy53Mpy6YbiS01mwKHKlpQc8-g9XLUBrhqiov8LbpUWz5hgomve0eqOUhHrhxerjvsZPsGLvIUHu5415psOaHS866c06g3zYq3by90NugW7IWgr4MmIRb9UDkPm" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="638" data-original-width="960" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEgibqN_V4rmQHNavw-kjRLbMNQ1tMOnVb5aZJirwqP8iIWSLS4mb230AKW7CtK11qYSfzy53Mpy6YbiS01mwKHKlpQc8-g9XLUBrhqiov8LbpUWz5hgomve0eqOUhHrhxerjvsZPsGLvIUHu5415psOaHS866c06g3zYq3by90NugW7IWgr4MmIRb9UDkPm" width="320" /></a></div></b><div><b>इस कहानी में समाज का दोगलापन, अपराध की दुनिया में गड़ता हुआ गरीब, उम्मीद में कटती हुई ज़िंदगी, बच्चों की बेवकूफी, बेगानों का मिलाप, प्यार, झगड़ा, रोना, खोना, गाना, बजाना, नाचना सब देखने को मिला। इस नाटक के कई मंचन राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय नाट्य फेस्टिवल्स में हो चुके हैं। राजस्थान के यही रंग कलाकार वैश्विक स्तर के कई रंग महोत्सवों में जयपुर रंगमंच का परचम लहरा चुके हैं।<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEj4D4rVqL5Eehy8ElmMWoHtWbci28VquBzWL7-JcHYpjShxDJljECWClp4tIotXVLKJYpB-vOPXMAN_wxHI3vkW8_lOCoCwju_O2Ol5SAXmGoiU1VIRJZE7awwv7-U7s3UksU3G8s1KvDZPBUAGqRd2NgquBoPmvB1llVs91NAynMzsw7dvhN1qtO-KQV4F" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="" data-original-height="782" data-original-width="960" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEj4D4rVqL5Eehy8ElmMWoHtWbci28VquBzWL7-JcHYpjShxDJljECWClp4tIotXVLKJYpB-vOPXMAN_wxHI3vkW8_lOCoCwju_O2Ol5SAXmGoiU1VIRJZE7awwv7-U7s3UksU3G8s1KvDZPBUAGqRd2NgquBoPmvB1llVs91NAynMzsw7dvhN1qtO-KQV4F" width="295" /></a></div></b></div><div><b>वर्ष 2018 में नाटक भंवरिया कालेट को पूरे 1 साल की प्रोसेस से तैयार किया गया। प्रोसेस के दौरान किरदार को महसूस करने के लिए कई दिनों बिना नहाए रहे। बिना ब्रश किये। जो दुर्गंध थी माहौल की जब तक की वो किरदारो को सुगंध न लगी तब तक उस माहौल में जिये। एक नाटक की कहानी में बाड़ा तैयार किया गया वहीं रहना, खाना, सोना किया गया। गर्मी, बरसात, सर्दी को जिया गया और इस तरह यह नाट्य प्रयोग जयपुर रंगमंच के समक्ष प्रस्तुत हुआ और इस ने दर्शकों के मध्य यादगार नाट्य प्रस्तुति के तौर पर अपनी जगह बनाई है|</b></div><div><b><br /> निर्देशक सिकंदर खान के अनुसार इसे कई वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार, बुद्धिजीवी व साहित्यकारों के द्वारा सराहा गया है और कई अच्छे समीक्षकों व आलोचकों के द्वारा नाटक में और अधिक निखार लाने के लिए मार्गदर्शन किया गया। लेखक व निर्देशक सिकंदर खान द्वारा अपने दम पर रंगमंच के बड़े समुद्र में से एक छोटी सी अपनी लाइन निर्मित की गयी। नाटक ने राजस्थान रंगमंच के इतिहास में अपनी अमिट पहचान बना ली ।</b></div><div><b><br />मोईन अयान के द्वारा मुख्य भूमिका निभाई गयी जो कि जयपुर रंगमंच में अपनी समीक्षाओ की वजह से चर्चाओं का कारण रहते हैं व स्वंय निर्देशक सिकंदर खान खान द्वारा भी अभिनय किया गया। महबूब, मनीषा शेखावत, महेश, अनिल, जितेंद्र, दाऊद, राजकुमार, कुणाल ने भी महत्वपूर्ण किरदार निभाए। प्रकाश परिकल्पना विमल मीना, रिकॉर्डेड संगीत पर अपूर्वा चतुर्वेदी व प्रोडक्शन इंचार्च शिल्पी माथुर रही। वहीं मंच के पीछे की भूमिका निभाने वाले कलाकार नाटक का आधार होते हैं। किरण चौहान, सादिक, विशेष व चिराग ने मंच के पीछे रह कर नाटक को बेहतरीन तरीके से मंचित करने की ज़िम्मेदारी उठाई।<br /></b><br /></div>Qutub Mail http://www.blogger.com/profile/14343648600819625563noreply@blogger.com0