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 ‘रानी WEDS राजा’ 12 जुलाई को होगी रिलीज

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फिल्‍म बिहार – झारखंड के साथ दिल्‍ली और यूपी में भी 12 जुलाई को एक साथ रिलीज होगी। उन्‍होंने कहा कि मुंबई में अभी मानसून का समय है, इसलिए यहां हम बाद में फिल्‍म को रिलीज करेंगे इस फिल्‍म की कहानी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली है। रानी ने अपने फैंस और भोजपुरिया दर्शकों से खास तौर पर इस फिल्‍म को देखने की अपील की। रानी ने कहा कि 'रानी weds राजा' भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री साफ सुथरी और सार्थक फिल्‍म है।   नयी दिल्ली - भोजपुरिया क्‍वीन रानी चटर्जी और लोकप्रिय सिंगर – एक्‍टर रीतेश पांडेय की फिल्‍म 'रानी weds राजा' का रिलीज डेट अनाउंस कर दिया गया है। यह फिल्‍म 12 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसकी जानकारी फिल्‍म की निर्माता वंदना गिरी ने दी। उन्‍होंने बताया कि फिल्‍म बिहार – झारखंड के साथ दिल्‍ली और यूपी में भी 12 जुलाई को एक साथ रिलीज होगी। उन्‍होंने कहा कि मुंबई में अभी मानसून का समय है, इसलिए यहां हम बाद में फिल्‍म को रिलीज करेंगे। 'रानी weds राजा' एक बेहतरीन सामाजिक फिल्‍म है, जिसका इंतजार दर्शकों को बेसब्री से है।   वहीं, फिल्‍म को लेकर रानी चटर्जी बे

अमरनाथ यात्रा कार्यक्रम के लिए बालटाल पर एफएम रेडियो ट्रांसमीटर की स्थापना

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"अमरनाथ यात्रा" पर इसी प्रकार के कार्यक्रम का प्रसारण दिल्ली आकाशवाणी सेवा के माध्‍यम से किया जा रहा है और यह पूरे देश में डीटीएच सेवा के माध्यम से भी उपलब्ध है। लोग इस कार्यक्रम को डीडी नि:शुल्‍क डिश सेवा के माध्यम से भी सुन सकते हैं। नयी दिल्ली - संस्कृति मंत्रालय के अनुरोध पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा के मार्ग में स्थित बालटाल में प्रथम बार 103.7 मेगाहर्टस फ्रीक्‍वेंसी पर एक एफएम रेडियो ट्रांसमीटर स्थापित किया है। इसे संचालित करने के लिए बालटाल बेस कैंप में एक स्टूडियो व्‍यवस्‍था के साथ कार्यक्रम कार्यकारी अधिकारी को भी तैनात किया गया है। बालटाल बेस कैंप से "अमरनाथ यात्रा" के कार्यक्रम को तैयार किया जा रहा है और इसके लिए पहलगाम ट्रांसमीटर को बालटाल से जोड़ा गया है। आकाशवाणी के माध्‍यम से यात्री प्रबंधन, मौसम, स्वास्थ्य और अन्य जानकारियों के साथ-साथ किसी सी भी तरह के अलर्ट का नियमित रूप से प्रसारण किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय के द्वारा इस भक्तिपूर्ण संगीत को उपलब्‍ध कराया जा रहा है। "अमरनाथ यात्रा" पर इसी प्रकार के कार्यक्रम का प्र

जयपुर 38वें स्थल के तौर पर यूनेस्को विश्व हेरिटेज सूची में शामिल

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गोविंद देव मंदिर, सिटी पैलेस, जंतर-मंतर और हवा महल के रूप में इसके प्रतिष्ठित स्मारक अपने समय की कलात्मक और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। जयपुर खगोलीय कौशल, जीवंत परंपराओं और अद्वितीय शहर के रूप में भारत के 18वीं शताब्दी के एक कौशल और दूरदर्शितापूर्ण नगर विकास की अभिव्यक्ति भी है। जयपुर शहर योजना और वास्तुकला के मामले में एक अनुकरणीय विकास का उदाहरण है नयी दिल्ली - भारत को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि मिली जब अजरबैजान के बाकू में आयोजित यूनेस्को विश्व हेरिटेज समिति के 43वें सत्र के दौरान भारत के गुलाबी शहर जयपुर को यूनेस्‍को की विश्‍व हेरिटेज सूची में शामिल कर लिया गया। राजस्थान के जयपुर शहर के नामांकन ने 2017 के विभिन्न यूनेस्को दिशा-निर्देशों का सफलतापूर्वक अनुपालन किया। यूनेस्‍को की इस सूची में जयपुर शहर के सफल नामांकन के साथ ही अब भारत में कुल 38 विश्व विरासत स्थल हैं, जिसमें 30 सांस्कृतिक स्‍थल, 7 प्राकृतिक स्‍थल और 1 मिश्रित स्‍थल शामिल हैं। भारत के नामांकन की पहल आईसीओएमओएस (सांस्कृतिक स्थलों के लिए विश्व धरोहर (डब्ल्यूएच) केंद्र की सलाहकार संस्था) ने की थी, लेकिन 21 देशों की व

 किसका दिल धड़का रही हैं कनक पांडेय

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कृष्णज़ फ़िल्म प्रोडक्सन के बैनर तले अलबम 'दिलवा हमार धड़केला' का निर्माण भव्‍य पैमाने पर किया जा रहा है। इसमें कनक के साथ लखनऊ से दीपक चौबे, वैभव मिश्रा कलाकर आदि कलाकार भी नजर आये। इस अलबम के डायरेक्‍टर शहनवाज़ हैं और निर्माता अमित कृष्ण श्रीवास्तव हैं   लखनऊ - भोजपुरी सिने की बेहतरीन फनकारा कनक पांडेय इन दिनों नवाबों के शहर लखनऊ अपनी शोख अदाओं के साथ दिल की धड़कनों को तेज कर रही हैं। कनक पांडेय की उपस्थिति लखनऊ की सड़कों और खूबसूरत जगहों पर बखूबी देखी जा सकती हैं, जहां उनका स्‍वैग दर्शकों की दिल की धड़कने बढ़ रहा है। दरअसल, कनक इन दिनों लखनऊ में अपनी एक अलबम 'दिलवा हमार धड़केला' की शूटिंग कर रही हैं।   इसी बीच कनक जब लखनऊ के स्कोर्पियो क्लब में इस अलबम को शूट कर रही थी, तब उनके फैंस उनकी एक झलक को बेताब नजर आये। कृष्णज़ फ़िल्म प्रोडक्सन के बैनर तले अलबम 'दिलवा हमार धड़केला' का निर्माण भव्‍य पैमाने पर किया जा रहा है। इसमें कनक के साथ लखनऊ से दीपक चौबे, वैभव मिश्रा कलाकर आदि कलाकार भी स्‍कोर्पियो क्‍लब में नजर आये। इस अलबम के डायरेक्‍टर शहनवाज़ हैं और निर्माता अमित

बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस

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किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी तो 2 प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा डिजिटल भुगतान पर जोर देने के लिए हाल में उठाए गए अनेक कदमों से आगे बढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया गया है। नयी दिल्ली -  - केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि कंपनी कर की 25 प्रतिशत न्यूनतम दर को 400 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए लागू किया जाएगा। फिलहाल, 250 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए यह दर लागू है। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि 99.3 प्रतिशत कंपनियां इसमें शामिल होंगी। अब केवल 0.7 प्रतिशत कंपनियां ही इस दर से अलग होंगी। पैन – आधार में से एक के बदले दूसरे के इस्तेमाल का प्रस्ताव इस बजट में पैन और आधार में से किसी एक को इस्तेमाल में लाने का भी प्रस्ताव किया गया है और जिनके पास आयकर विवरणी भरने के लिए पैन न हो उन्हें अपना आधार नम्बर उल्लिखित करने की अनुमति

5 करोड़ रुपये से अधिक आय वालों के लिए टैक्स 3 से 7 प्रतिशत बढ़ा

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केन्‍द्रीय बजट में उन लोगों के लिए रिटर्न दाखिल करने को अनिवार्य बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है जिन्‍होंने किसी एक वर्ष में किसी चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमाई कराई है अथवा जिन्‍होंने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की है अथवा किसी एक वर्ष में बिजली खपत पर 1 लाख रुपये से ज्‍यादा की रकम खर्च की है। इसके तहत उन लोगों के लिए भी रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य किया गया है नयी दिल्ली - 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक और 5 करोड़ रुपये एवं उससे अधिक की कर योग्‍य आमदनी वाले उच्‍च आय वर्ग के लोगों के लिए प्रभावी कर दरों को क्रमश: 3 व 7 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया गया है। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि बढ़ते आमदनी स्‍तर को ध्‍यान में रखते हुए उच्‍च आय वर्ग के लोगों को राष्‍ट्र के विकास में और अधिक योगदान करने की जरूरत है। उन्‍होंने करदाताओं का धन्‍यवाद करते हुए कहा कि वे राष्‍ट्र निर्माण में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अपेक्षाकृत कम आय वाले छोटे एवं मझोले लोगों पर टैक्स बो

डी डी चैनल स्‍टार्ट-अप को प्रोत्‍साहन देने के लिए मंच उपलब्‍ध कराएगा

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भारत में स्‍टार्ट-अप अपनी जड़ें जमा रहे हैं और उनकी निरंतर वृद्धि को प्रोत्‍साहित किए जाने की जरूरत है। तथाकथित 'एंजेल टैक्‍स' मुद्दे का समाधान करने के लिए, अपेक्षित घोषणाएं पस्‍तुत करने वाले और अपनी विवरणियों में सूचना प्रदान करने वाले स्‍टार्ट-अप तथा उनके निवेशकों के शेयर प्रीमियमों के मूल्‍यांकनों के संबंध में किसी भी प्रकार की जांच नहीं की जाएगी नयी दिल्ली -  - वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार स्‍टार्ट-अप के लिए विशेष रूप से डीडी चैनल शुरू करने का प्रस्‍ताव कर रही है।  संसद में आम बजट 2019-20 पेश करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह चैनल स्‍टार्ट-अप को प्रोत्‍साहन देने के लिए मंच उपलब्‍ध कराएगा, जिसके तहत स्‍टार्ट-अप के विकास, वेंचर पूंजी और अन्‍य प्रावधानों के बारे में चर्चा की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इस चैनल को स्‍टार्ट-अप खुद तैयार करेंगे और चलाएंगे। स्‍टार्ट-अप के मामले में हानियों को आगे ले जाने और उनके संतुलन के संबंध में कुछ शर्तों को शिथिल करने का प्रस्‍ताव किया गया है। स्‍टार्ट-अप में निवेश करने के लिए आवासीय मकान की बिक्री से

केंद्रीय बजट पर व्यापारियों के संगठन "कैट" ने ख़ुशी जताई 

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सरकार ने देश में व्यापार और वाणिज्य को सुव्यवस्थित करने के लिए बहुतमहत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। घरेलू विनिर्माण और आंतरिक व्यापार, किफायती आवास, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित करने,  सोशल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना, विभिन्न क्षेत्रों केलिए ब्लू प्रिंट की स्थापना, ग्रामीण भारत को आधुनिक प्रणाली में शामिल करना, कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ना गैर बैंकिंग वित्त कंपनियां को महत्व देना बजट की महत्वपूर्ण घोषण हैं जो राष्ट्रीयअर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होंगी। देश भर में बड़े बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का ध्यान एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश के व्यवस्थित विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है। नयी दिल्ली - कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट को एक क्रांतिकारी दस्तावेज  बताया है जिसमें व्यापारी समुदाय और एसएमई क्षेत्र को प्राथमिकता में रखागया है । बजट में की गई घोषणाओं को अगर एक निश्चित समय सीमा के साथ रणनीतिक तरीके से लागू किया जाए तो निश्चित रूप से भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में  बदलने में द

समकालीन यथार्थ को अभिव्यक्त करता “ सवालों का कारखाना ”

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   समीक्षक : डॉ. शेख अब्दुल वहाब, एसोसिएट प्रोफेसर, इस्लामिया महाविद्यालय तमिलनाडु नेपाली की चर्चित प्रगतिशील वामपंथी रचनाकार  सरिता तिवारी का अद्यतन नेपाली काव्य संग्रह 'सवालों का कारखाना' का प्रमोद धिताल द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद मेरे सम्मुख है l सन् 2010 के पश्चात लिखी गयीं ये कविताएँ राजतन्त्र का अंत और गणतंत्र की स्थापना की पृष्ठभूमि में निम्न मध्यवर्गीय जनजीवन का संघर्ष और उनके विडम्बनापूर्ण जीवन का यथातथ्य दृश्य पाठकों के सामने उभारती हैं l “ सवालों का कारखाना ” (नेपाली कविताएँ) में 'पेट' से लेकर 'भागते – भागते नीली आँखों से' तक कुल 32 कवितायेँ हैं l समस्त कविताएँ सरिता की वैचारिकता के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं l कविताओं में नेपाली राजनीतिक परिदृश्य की आलोचना है, जीवन की विसंगतियों और विभीषिकाओं का चित्रण है l नारी जीवन की त्रासदी है l राजनीतिक अवसरवादिता पर प्रहार है l वैश्वीकरण के दुष्प्रभाव के चित्र अंकित हैं l स्त्री के प्रति पुरुष सत्ता की दमन नीति की भर्त्सना है l व्यवस्था के प्रति प्रतिरोध का स्वर है l आधुनिकता से आगे उत्तर आधुनिकता का विद्

देश के सामाजिक क्षेत्रों और गरीबों की बेहतरी के लिए डाटा तैयार किया जाना चाहिए

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विभिन्न मंत्रालयों में बिखरे पड़े डाटाबेस को एक जगह एकत्रित करके नागरिकों को बेहतर सेवाओं का अनुभव कराया जा सकता है, यानी सरकार इसके जरिये अपने नागरिकों को बेहतर सेवा मुहैया करा सकती है। इससे कल्याणकारी योजनाओं में त्रुटि की आशंका भी कम होगी। विभिन्न क्षेत्रों में एकत्रित किए गए डाटा का अब तक इस्तेमाल नहीं हो पाया है। सरकार को चाहिए कि सामाजिक रूप से जरूरी डाटा का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सरकार को इस क्षेत्र में कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों की बेहतरी के लिए डाटा को एकत्रित करने के दौरान निजता की जटिलता को ध्यान रखा जाना चाहिए और इनके उपयोग में पारदर्शिता बरतनी होगी। नयी दिल्ली - केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आर्थिक समीक्षा 2018-19  संसद में पेश की। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि जहां लाभ नहीं होता है वहां निजी क्षेत्र निवेश नहीं करता है, इसलिए सरकार को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप करना चाहिए और लोगों के कल्याण के लिए देश के सामाजिक क्षेत्र और गरीबों की बेहतरी के लिए डाटा तैयार किया जाना चाहिए। सरकारों के पास पहले से ही नागरिकों के प्रशासनिक,

वर्ष 2018-19 में 10.6 मिलियन विदेशी पर्यटक भारत आए

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2017-18 में 10.4 मिलियन की तुलना में, 2018-19 में विदेशी पर्यटन आगमन (एफटीए) 10.6 मिलियन रहा है। वृद्धि के संबंध में, एफटीए की वृद्धि दर 2017-18 में 14.2 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 2.1 प्रतिशत हो गई है। पर्यटन से प्राप्‍त होने वाली विदेशी मुद्रा आय (एफईई) 2017-18 में 28.7 अरब अमरीकी डॉलर से 2018-19 में घटकर 27.7 अरब अमरीकी डॉलर रह गई है। वृद्धि के संबंस में एफईई 2017-18 में 20.6 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में -3.3 प्रतिशत हो गया है नयी दिल्ली - केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने संसद में वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश की। सेवा क्षेत्र का भारत के सकल संवर्धित मूल्‍य (जीवीए) में 54 प्रतिशत का योगदान है। इसकी वृद्धि दर 2017-18 के 8.1 प्रतिशत से कम होकर 2018-19 में 7.5 प्रतिशत रह गई। जिन क्षेत्रों में मंदी देखी गई, वे हैं - पर्यटन, व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाएं, लोक प्रशासन और रक्षा। वित्‍तीय, रियल एस्‍टेट और व्‍यावसायिक सेवाओं की श्रेणी में तेजी देखी गई। 2017-18 के 10.4 मिलियन की तुलना में 2018-19 में 10.6 मिलियन पर्यटक भारत

आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी

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देश में गर्भधारण क्षमता दर में आई गिरावट के कारण 0-19 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों की जनसंख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है। देश में टीएफआर दर 2021 तक भरपाई नहीं किए जाने के स्तर तक गिर जाएगी। जनसंख्या में 0-19 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 2011 के उच्चतम स्तर 41 प्रतिशत से घटकर 2041 में 25 प्रतिशत रह जाएगी। दूसरी ओर आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। कामगार आबादी की संख्या 2021-31 के बीच 9.7 मिलियन प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी और 2031-41 के बीच यह घटकर 4.2 मिलियन प्रति वर्ष रह जाएगी। नयी दिल्ली - केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश की गई 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में भारत की जनसंख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी। हालांकि बड़ी संख्या में युवा आबादी की वजह से देश को जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा मिलता रहेगा, लेकिन 2030 की शुरूआत से कुछ राज्यों में जनसंख्या स्वरूप में बदलाव से अधि

सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी

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किसानों को लाभ का कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने तथा किसानों के कल्याण में ठोस सुधार करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में एक है नयी दिल्ली - किसानों की आमदनी को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2019-20 सत्र के लिए सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। इस कदम से निवेश में वृद्धि होगी और किसानों को निश्चित लाभ प्राप्त होने के माध्यम से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। 2018-19 के खरीफ मौसम में सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार बढ़ाया गया हैः- सरकार ने 2019-20 के लिए खरीफ फसल के तौर पर सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 311 रुपये प्रति क्विंटल,सूरजमुखी में 262 रुपये प्रति क्विंटल और तिल में 236 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है। किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। सरकार ने तूर दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 125 रुपये और उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि की है। इससे