संदेश

दुनिया में भारत ने रचा इतिहास-चंद्रयान-2 ने भरी उड़ान

चित्र
हरिकोटा -भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 लॉन्च किया। इसे सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए प्रक्षेपित किया गया। इससे पहले भारत ने चंद्रयान-1 2008 में लॉन्च किया था। यह भी चांद पर पानी की खोज में निकला था। भारत मिशन चंद्रयान-2 की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में शामिल हो गया है। चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है, जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की। यह लागत हॉलीवुड की फिल्म 'एवेंजर्स एंडगेम' की लागत की आधी से भी कम है। इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर थी। 15 जुलाई 2019 को तकनीकी खराबी के कारण इसरो ने भारत की इस महत्वकांक्षी परियोजना की लॉन्चिंग टाल दी थी। इससे पहले जीएसएलवी-एमके3 के क्रायोजेनिक इंजन की हीलियम बॉटल में लीक के कारण भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन को रोकना पड़ा था। यान के प्रक

 लखनऊ में 05 से 08 फरवरी तक रक्षा प्रदर्शनी

चित्र
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कराए जाने वाले इस तरह के आयोजनों से न केवल वरिष्ठ विदेशी प्रतिनिधियों के साथ व्यवसाय संबंधी बातचीत को बल्कि सरकारों के बीच बैठकें आयोजित करने और समझौता ज्ञापनों को कारगर बनाने में मदद मिलती है। प्रदर्शनी में रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए उत्‍तर प्रदेश के एक आकर्षक स्‍थल के रूप में उभरने पर प्रकाश डाला जाएगा। यह प्रदर्शनी रक्षा उद्योग में गठबंधनों और संयुक्‍त उद्यमों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगी। नयी दिल्ली - रक्षा प्रदर्शनी भारत – 2020 के 11वें द्विवार्षिक संस्करण का पहली बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 05 से 08 फरवरी तक आयोजन किया जाएगा। इसमें भारतीय रक्षा उद्योग को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और अपनी निर्यात संभावनाओं को बढ़ाने का एक उत्कृष्ट अवसर मिलेगा। रक्षा प्रदर्शनी भारत - 2020 का मुख्य विषय “भारत :  उभरता हुआ रक्षा निर्माण केन्द्र” है और इसमें रक्षा के डिजिटल परिवर्तन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस उत्‍तरी राज्‍य में एक मजबूत रक्षा औद्योगिक बुनियादी ढांचा है। यहां लखनऊ, कानपुर, कोरबा और नैनी (प्रयागराज) स्थित हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स क

निगम पार्षद रेखा विनय चौहान का केजरीवाल पर हमला 

चित्र
नई दिल्ली - केजरीवाल होश में आओ डेंगू चिकनगुनिया का एमसीडी को फंड दो फंड दो के नारों के साथ डाबड़ी वार्ड की निगम पार्षद रेखा विनय चौहान ने केजरीवाल को जमकर कोसा ।उन्होंने कहा कि  डेंगु, मलेरिया, चिकनगुनिया से बचाव के लिए MCD का फंड रोक कर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली वासियों को बीमार बनाना चाहते हैं।   इसके विरोध में माननीय SDMC की महापौर सुनीता कांगड़ा, सदन नेता श्रीमती कमलजीत सहरावत , नजफगढ़ जोन के चेयरमैन इंद्रजीत सहरावत, स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष इंद्रजीत गुप्ता एवं सभी भाजपा पार्षदों ने केजरीवाल के आवास पर विशाल धरना प्रदर्शन किया  |

दिल्ली की लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन

चित्र
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन हो गया। वह 81 साल की थीं। शीला दीक्षित लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनको आज सुबह दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।  शीला दीक्षित ने नेतृत्व में कांग्रेस ने दिल्ली में लागातर तीन बार सरकार बनाई। शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उनके कार्यकाल में दिल्ली में सबसे ज्यादा विकास के कार्य हुए। दिल्ली में मेट्रो लाने से लेकर फ्लाईओवर के निर्माण में हर विकास कार्य में शीला दीक्षिता का योगदान अहम रहा। दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय उन्हें ही जाता है। नयी दिल्ली - कांग्रसे की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला मं हुआ। उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की। बाद में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से आर्टस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं। बतौर सांसद वह लोकसभा की एस्टिमेट्स कमि

दुर्गापुर हवाई अड्डा चालू होने वाला 40वां हवाई अड्डा बना

चित्र
भारत में छोटे शहरों को जोड़ने वाली आरसीएस उड़ान शुरू करने के लिए 106 आरसीएस हवाई अड्डों/वाटर एरोड्रोम (76 उपयोग में न आने वाले, 20 क्षमता से कम उपयोग वाले और 10 वाटरड्रोम) तथा 31 हेलिपोर्ट की पहचान की गई है नयी दिल्ली - क्षेत्रीय सम्‍पर्क योजना (या उड़े देश का आम नागरिक/उड़ान) के अंतर्गत हाल ही में 12 मार्ग चालू किये गये हैं। इसके साथ ही उड़ान के अंतर्गत स्‍वीकृत कुल 706 मार्गों में से चालू मार्गों की कुल संख्‍या बढ़कर 186 (8 पर्यटन आरसीएस मार्गों सहित) हो गई है। इसके अलावा दुर्गापुर हवाई अड्डा इस योजना के अंतर्गत चालू होने वाला 40वां हवाई अड्डा बन गया है। चालू किये गये दैनिक उड़ान वाले 12 मार्ग  :- 1. कोलकाता (पश्चिम बंगाल) - इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) 2. इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) - कोलकाता (पश्चिम बंगाल) 3. इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) – रायपुर  (छत्‍तीसगढ़) 4. रायपुर (छत्‍तीसगढ़) - इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) 5. ग्वालियर (मध्‍य प्रदेश) – बेंगलूरू (कर्नाटक) 6. बेंगलूरू (कर्नाटक) - ग्वालियर (मध्य प्रदेश) 7. कोलकाता (पश्चिम बंगाल) –ग्वालियर (मध्‍य प्रदेश) 8. ग्वालियर (मध्‍य प्रदेश) - कोलकाता (पश्चि

‘सागर मैत्री’ के लिए आईएनएस सागरध्‍वनि रवाना

चित्र
आईएनएस सागरध्‍वनि का निर्माण स्‍वदेशी तकनीक से जीआरएसई लिमिटेड, कोलकाता ने किया है। इसे 30 जुलाई, 1994 को कमिशन किया गया था। पिछले 25 वर्षों में पोत ने समुद्र में बड़े पैमाने पर अनुसंधान कार्य किए हैं। पोत 30, जुलाई, 2019 को अपनी रजत जयंती मनाएगा। सागर मैत्री ट्रैक-2 के तहत सागरध्‍वनि थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर की यात्रा करेगी और इन देशों के चयनित संस्‍थानों के सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेगी। सागर मैत्री मिशन ट्रैक-1 का आयोजन अप्रैल, 2019 में यांगून, म्‍यांमार में किया गया था। कोच्चि -आईएनएस सागरध्‍वनि, नौसेना भौतिक और समुद्री प्रयोगशाला (एनपीओएल), कोच्चि का समुद्र ध्‍वनि अनुसंधान पोत (एमएआरएस) है जिसका संचालन भारतीय नौसेना करती है। इसे 'समुद्री और संबंधित अंतरविषयी प्रशिक्षण व अनुसंधान पहल (एमएआईटीआरआई, मैत्री)'  के लिए कोच्चि से रवाना किया गया। सागरध्‍वनि को वाईस एडमिरल ए.के.चावला, एवीएसएम, एनएम, वीएसएम, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर तथा रक्षा अनुसंधान व विकास विभाग के सचिव एवं रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ.जी.सतीश रेड्डी ने संयुक

उत्तर भारतीय आम समुद्री मार्ग से पहली खेप लखनऊ से इटली भेजी गई

चित्र
आम की इस खेप को रीफर कंटेनर द्वारा गुजरात के पीपावाव बंदरगाह भेजा जाएगा, जहां से यह स्पेन के रास्ते इटली पहुंचेगा। आम की इस खेप के लगभग 20 से 22 दिन में लखनऊ से इटली पहुंचने की संभावना है। लखनऊ - उत्तर भारत से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 10 टन आम(चौसा) की पहली खेप समुद्री मार्ग से उत्तर प्रदेश मंडी परिषद पैक हाउस मलिहाबाद,लखनऊ से इटली भेजी गई। इस नौवहन को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई। आम की इस खेप को उत्तर प्रदेश मंडी परिषद के निदेशक श्री आर के पांडे तथा एपीडा के एजीएम डॉ. सी बी सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागो के अधिकारी भी उपस्थित थे।  उत्तरप्रदेश से आमो का निर्यात हवाई सेवा द्वारा किया जाता रहा है,लेकिन लखनऊ से यूरोप तक सामान भेजने की लागत बेहद अधिक है। उत्तरप्रदेश में अच्छी श्रेणी के आम होने के बाद भी लखनऊ से सीमित संख्या में हवाई सेवा होने तथा हवाई माल भाडे की दर अधिक होने के चलते आम का निर्यात आसान नहीं था। वायु सेवा के द्वारा प्रत