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फेलोशिप : नेपाली और संथाली भाषा को भी शामिल किया जाएगा

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नयी दिल्ली - केंद्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने घोषणा करते हुए कहा कि संस्‍कृति के क्षेत्र में असाधारण प्रतिभा के धनी कलाकारों को वरिष्‍ठ/कनिष्‍ठ फेलोशिप देने की योजना में भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची की शेष दो भाषाओं- नेपाली एवं संथाली को शामिल किया जाएगा। संस्‍कृति मंत्री ने यह बा नई दिल्‍ली में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कही।    संस्‍कृति मंत्रालय संस्‍कृति के क्षेत्र में श्रेष्‍ठ कलाकारों को वरिष्‍ठ/कनिष्‍ठ फेलोशिप प्रदान करती है। यह फेलोशिप शोध संबंधी परियोजनाओं के लिए दिया जाता है।    सांस्‍कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) फेलोशिप की चयन प्रक्रिया के लिए नॉडल एजेंसी है। इस योजना के तहत 'साहित्यिक कलाएं' एक विषय है, जिसके अंतर्गत शोध के लिए उम्‍मीदवार 22 भाषाओं में आवेदन दे सकते हैं। इन 22 भाषाओं में अंग्रेजी और खासी भाषाओं समेत भारतीय संविधान की धारा 344 (1) और धारा 251 की 8वीं अनुसूची में वर्णित 20 भाषाएं शामिल हैं: (1) असमी, (2) बंगाली, (3) बोडो, (4) डोगरी, (5) गुजराती, (6) हिंदी, (7) कन्नड़, (8) कश्मीरी, (9) कोंकणी, (10) मैथि

तीन तलाक विधेयक पर PM ने कहा-यह लैंगिक न्याय की जीत और इससे समाज में समानता बढ़ेगी

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नयी दिल्ली - प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के दोनों सदनों में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को पारित कराने में सहयोग देने वाले सभी राजनीतिक दलों और सांसदों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इससे उनके लिए अवसर बढ़ गए हैं और यह कदम भारत के इतिहास में हमेशा के लिए याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, 'एक पुरातन और मध्यकालीन परंपरा इतिहास में दफन हो गई ! संसद ने तीन तलाक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के प्रति हुई ऐतिहासिक गलती को सुधार दिया गया। यह लैंगिक न्याय की जीत है और इससे समाज में समानता को बढ़ावा मिलेगा। भारत आज प्रफुल्लित है!' उन्होंने ट्वीट किया, 'यह मुस्लिम महिलाओं के असाधारण साहस को सलाम करने का अवसर है, जिन्हें तीन तलाक की प्रथा के कारण भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। तीन तलाक की प्रथा खत्म होने से महिलाओं के सशक्तिकरण में इजाफा होगा और महिलाओं को समाज में वह गरिमा प्राप्त होगी, जिसकी वे हकदार हैं।'

सरकार द्वारा ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड बनाने की अधिसूचना का कैट ने किया स्वागत

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नयी दिल्ली - कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से सरकार द्वारा राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन को अधिसूचित करने के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की सराहना की है। कैट ने कहा है की केंद्र सरकार का यह एक ऐतिहासिक कदम है जिसके माध्यम से देश के 7 करोड़ व्यापारियों की भारत के आर्थिकपरिदृश्य में प्रमुख हितधारकों के रूप में अपने की भूमिका को मान्यता प्रदान की गई ! देश में किसी भी सरकार द्वारा उठाया गया यह पहला कदम है ! गजट अधिसूचना के अनुसार बोर्ड व्यापारियों और उनके कर्मचारियों के कल्याण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए नीति उपायों की पहचान करेगा, व्यापारियों के लिए लागू अधिनियमों औरनियमों में सरलीकरण का सुझाव देगा। यह व्यापारियों के अनुपालन बोझ को कम करने और व्यापारियों के लिए धन की पहुंच में सुधार के तरीके खोजने के लिए भी सिफारिश करेगा।व्यापारियों और उनके कर्मचारियों के लिए बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य सेवा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभों के बारे में भी बोर्ड सिफारिशें करेगा। बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा जो गैर सरकारी होगा और 5 गैर सरकारी सदस्य और व्यापार संघों

अक्षरा सिंह ने की बाबा भोलेनाथ के लिए अपने नए गाने की शूटिंग

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अक्षरा ने इस गाने की शूट में सेट पर मौजूद पूरी टीम का आभार जताया किया और कहा कि इस गाने के लिए सबों ने मेरा खूब साथ दिया है। इसलिए हम अपनी टीम के शुक्रगुजार हैं। खास कर अपने पापा बीपिन सिंह का जहां तक बात रही है इस गाने की तो सावन का महीना चल रहा है। आज हमारे गाने की शूटिंग भी पूरी हो गई है। तो हम उम्‍मीद करते हैं जल्‍द ही लोगों के बीच यह गाना होगा। इसमें काम करने में हमें बहुत मजा आया। राम देवन ने की कोरियोग्राफी सच में कमाल की है।   मुंबई -भोजपुरी की सुपर हॉट अदाकारा अक्षरा सिंह का काम के प्रति की डेडिकेशन का जवाब नहीं, उन्‍होंने मुंबई में हो रही झमाझम बारिश में दिन भर भींग – भींग कर बाबा भोलेनाथ के लिए अपने नए गाने की शूटिंग की। सवान के महीने में हर साल भगवान भोले के प्रति अक्षरा सिंह का प्‍यार और श्रद्धा उनके गाने में दिखता है। इस बार भी नए कंसेप्‍ट के साथ मुंबई की भारी बारिश में वे भगवान शिव के लिए यह गाना कर रही हैं, जिसका संगीत घंघरू जी ने दिया है .   मुंबई के मढ़ स्थित मिरींदा हाउस में शूटिंग चल रही इस गाने में इंडस्‍ट्री के चर्चित डांस मास्‍टर राम देवन ने अक्षरा सिंह के लिए क

मुझे लगता है फिल्‍म करना चाहिए, तभी मैं हां क‍हता हूं-अमरीश सिंह

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अमरीश सिंह : फिल्‍म एक बगीचे की तरह होता है, जिसमें कई तरह के फूल बाग की खूबसूरती को बढ़ाती है। इसलिए मुझे लगता है कि जितने अच्‍छे कलाकार फिल्‍म में होगा, उसका उतना ही फायदा फिल्‍म को होगा। अगर फिल्‍म का स्‍टार कास्‍ट अनुभवी और प्रतिभाशाली हो, तो इसका फायदा फिल्‍म के साथ मुझे भी मिलता है।     बॉलीवुड से लेकर क्षेत्रीय सिनेमा इंडस्‍ट्री तक हर जगह छोटे शहरों से आने वाले कलाकार का जलवा खूब देखने को मिलता है। एक ऐसे ही कलाकार हैं अमरीश सिंह, जो आजमगढ़ जैसे शहर से आकर इन दिनों भोजपुरी फिल्‍म इंडस्‍ट्री में अपना खूब नाम कमा रहे हैं। रवि किशन के बाद उन्‍होंने अपने अभिनय के दम पर इंडस्‍ट्री में अपनी पहचान एक विशुद्ध अभिनेता की बनाई है। उन्‍होंने अपनी पहली ही फिल्‍म रानी चटर्जी जैसे दिग्‍गज के साथ की, और अब अक्षरा सिंह के उनकी फिल्‍म लव मैरेज आने वाली है, जो सेंसर बोर्ड के पास है। इसके अलावा काजल राघवानी और आम्रपाली दुबे के साथ भी वे फिल्‍में करने वाले हैं।  हमने उनके फिल्‍मी करियर के बारे में बातचीत की। पेश है उसके कुछ अंश :   प्रश्‍न : आपने फिल्‍म इंडस्‍ट्री में अपने सफर की शुरूआत कब और कैसे

दिल्ली में जमके बही भोजपुरी काब्यधारा

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नई दिल्ली : ऐसे में जब कि देश की राजधानी दिल्ली में उमस पूरे शबाब पर है, सावन की रिमझिम फुहार और पसीने से तर-ब-तर जनमानस का हिन्दी भवन, आई टी ओ, नई दिल्ली में सिर्फ सोशल मीडिया के बुलावे पर इतनी संख्या में समाज के हर आयु वर्ग के लोगो का इकठ्ठा होना यह बताने के लिए काफी था कि ग्लोबलाइजेशन के इस युग मे जबकि समाज पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह से अपनाने के लिए उत्सुक दिखता है, अधिसंख्य ऐसे भी लोग हैं जिनके मन में अपनी मातृभाषा के प्रति तीव्र लगाव अभी भी बरकरार है ।  मौका था 'जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार' की पाँचवी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आयोजित दूसरा भोजपुरी कवि सम्मेलन का । इस आयोजन की खासियत यह थी कि अतिथि से ले कर कवि तक, सभी  धरातल से जुड़े अपनी बोली-भाषा  के बढ़न्ती में लगे हुए आम जन एवम साधारण सच्चे सेवक थे ।  गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर एवम माँ शारदे के प्रतिमा के साथ ही साथ भोजपुरी के सिरमौर्य अंजन जी, भिखारी ठाकुर, महेन्द्र मिसिर के फोटो पर पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ ।  लव कुमार सिंह ने इस भोजपुरी कवि सम्मेलन का मंच संचालन सम्भाला जो की काबिल

"बाल यौन उत्पीड़न" पर परिचर्चा एवं "इनसे मिलिए" कार्यक्रम का रोचक आयोजन

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नयी दिल्ली - बाल यौन उत्पीड़न पर परिचर्चा हुई, फिर इनसे मिलिए में मुख्य अतिथियों लक्ष्मी शंकर वाजपेयी और ममता किरन से सवाल जवाब और अन्त में अध्यक्ष विनोद बब्बर जी का वक्तव्य। निर्णायक मंडल में सर्वश्री कीर्तिवर्धन अग्रवाल,  प्रो. (डॉ) रवि शर्मा और शिप्रा कुलश्रेष्ठ शामिल थीं। मंच संचालन किशोर श्रीवास्तव, भावना शर्मा और सुमन द्विवेदी ने संभाला।   दिल्ली में व्यंग्यकार राजीव तनेजा के संजीवनी पीजी सभागार में हम सब साथ साथ और सहयोगी संस्थाओं;  सुरभि संगोष्ठी, नव प्रभात जन सेवा संस्थान तथा केबीएस प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में  "बाल यौन उत्पीड़न, समस्या और समाधान" पर आयोजित परिचर्चा में देश के विभिन्न स्थानों से आई विद्वान प्रतिभाओं (सर्वश्री अन्नपूर्णा बाजपेयी (कानपुर, उप्र), अशोक कुमार (दिल्ली), चक्रपाणि द्विवेदी (रायबरेली, उप्र), इंदु रानी (अमरोहा, उप्र), डॉ. ज्योति लाकड़ा (दिल्ली), डॉ. मुक्ता (गुड़गांव, हरियाणा), मोती प्रसाद साहू (अल्मोड़ा, उ.खं.), मीनाक्षी भसीन (दिल्ली), परिनिता सिन्हा (गुड़गांव, हरि.), रश्मि अग्रवाल (नजीबाबाद, उप्र), रेनू राय (दिल्ली), प्रो. शरद नारायण खरे (मंड