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बारिश से अजमेर एवं पुष्कर में जनजीवन अस्तव्यस्त

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अजमेर । ख्वाजा की नगरी अजमेर एवं तीर्थराज पुष्कर में बरसात का दौर जारी रहने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया और पुष्कर में बाढ़ के हालात बन गए हैं। बीसलपुर बांध भी लबालब के समाचार हैं। बीसलपुर बांध मेंं पानी का गेज 313.20 आरएल मीटर दर्ज हुआ। बांध की जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है और बांध में 38.703 टीएमसी पानी पेजयल और सिंचाई के लिए आरक्षित किया जाता है। इसके बाद बांध के गेट खोल दिए जाते हैं। पिछले करीब 24 घंटों से बरसात के जारी रहने से अजमेर एवं पुष्कर की निचली बस्तियों में पानी भर गया तथा आनासागर का पानी सड़कों तक पहुंच गया। अजमेर श​हर के निचले इलाकों में बस्तियां जलमग्न हो गई हैं तथा कई जगह सडकों पर पानी भरने से यातायात बाधित होने की स्थिति बनी हुई है। भारी बारिश के कारण पुष्कर में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। इससे पुष्कर सरोवर के पीछे बड़ा एवं छोटा पुल पूरी तरह डूब गया। पुष्कर थाना पुलिस मौके पर मौजूद हैं तथा सिविल डिफेंस की टीम यात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम कर रही है। पुष्कर के कई होटलों एवं घरों में पानी भर गया है, होटलों से विदेशी सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है।

चीन निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार व स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया

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जयपुर -भारत तिब्बत सहयोग मंच जिला जयपुर में एक आम सभा का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि सौरभ सारस्वत संयोजक उत्तर पश्चिम क्षेत्र राजस्थान सभा की अध्यक्षता कौशल किशोर शर्मा अध्यक्ष जयपुर प्रांत द्वारा की गई. मंच पर श्रीमती सुमन भटनागर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती अरूणा टाक प्रांत अध्यक्ष महिला विंग श्रीमती पूनम लाडला अध्यक्ष जिला महिला विंग अभिषेक राज अध्यक्ष जिला युवा विंग इंद्रेश अग्रवाल अध्यक्ष जिला जयपुर मंच पर विराजमान थे सभी अतिथियों ने भारत माता के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित कर सभा का शुभारंभ किया। उद्घाटन भाषण में श्रीमती सुमन भटनागर ने अपने विचार रखे अध्यक्षीय भाषण में कौशल किशोर  ने भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्य पर प्रकाश डाला मुख्य अतिथि के रूप में  सौरभ  सारस्वत ने तिब्बत और भारत के संबंधों पर प्रकाश डाला एवं चीन निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार करना व स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए जोर दिया। महिला विंग व युवा विंग नवनियुक्त सदस्यों को मनोनयन पत्र मुख्य अतिथि महोदय से दिलवा कर नवनियुक्त सदस्यों का स्वागत किया मंच का संचालन कमलेश टॉक द्वारा किया गया

गोस्वामी तुलसीदास सांस्कृतिक क्रांतिकारी माने जाते हैं

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जयपुर , गोपालपुरा बाइपास स्थित कृष्ण विहार हनुमान मंदिर में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज, राजस्थान के तत्वावधान में गोस्वामी तुलसीदास जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमे मंदिर परिसर में आम, जामुन, अशोक सहित कई छायादार और फलदार पौधे समाज के अध्यक्ष बलराम मिश्रा के निर्देश में रोपण किया गया ।   कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवस्थान के चेयरमैन आ डी शर्मा ने वरिष्ठजन  को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया तथा गोस्वामी तुलसीदास के जीवन पर प्रकाश डाला ।   समारोह में डॉ राम किशोर शुक्ल, डॉ जय प्रकाश पाण्डेय , डॉ राजेंद्र मिश्र, डॉ अशोक तिवारी को उनके क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। डॉ राजेंद्र मिश्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मानस के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से बताया कि किस तरह हम आजके भटके युवा वर्ग को सही मार्ग पर लाकर उसे सही संस्कार दे सकते हैं ।   महासचिव ओमप्रकाश तिवारी ने दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि जब से पाठ्यक्रमों से रामायण-गीता जैसे संस्कार देने वाले ग्रन्थों को धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर बाहर निकाल दिया गया तब से हमारे बालक-बालिकाएँ उन संस्कारों से

डॉ.शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर राष्ट्रपति ने पुष्पांजलि अर्पित की

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नयी दिल्ली - राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर डॉ. शंकर दयाल शर्मा के पारिवारिक सदस्यों और राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।

22 अगस्‍त को पूरे देश के 42 लाख अध्‍यापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी

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एनसीईटी की स्‍थापना 17 अगस्‍त, 1995 को की गई थी। इसका उद्देश्‍य पूरे देश में अध्‍यापक शिक्षा प्रणाली को विकसित करना तथा संबंधित मानक और नियमों को बनाना था। एनसीटीई केंद्र और राज्‍य सरकरों के लिए एक परामर्शदात्री संस्‍था के रूप में कार्य करती है।  नयी दिल्ली - केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री  रमेश पोखरियाल 'निशंक'ने अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन,'जर्नी ऑफ टीचर एजुकेशन: लोकल टू ग्‍लोबल'का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय सम्‍मेलन का आयोजन राष्‍ट्रीय अध्‍यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के रजत जयंती समारोह के अंतर्गत किया गया है। भारत और अन्‍य देशों के 40 से अधिक विशेषज्ञ, अध्‍यापक शिक्षा की वर्तमाान स्थिति, शिक्षण में नवाचार, शिक्षण में सूचना और संचार प्रौ़द्योगिकी का समावेश, अध्‍यापक शिक्षा का अंतरराष्‍ट्रीयकरण जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। स्‍कूली शिक्षा और साक्षरता के विभाग की सचिव सुश्री रीना रे, उच्‍च शिक्षा विभाग के सचिव आर. सुब्रह्मण्‍यम, नीति आयोग के विशेष सचिव यदुवेन्‍द्र माथुर, एनसीटीई के चेयरपर्सन डॉ. सतबीर बेदी, एनसीटीई के सदस्‍य सचिव संजय अवस्‍थी जैसे नीति निर्माताओं

भारत और लिथुआनिया आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमत

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दोनों राजनयिकों ने द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख आयामों पर विचार-विमर्श किया। उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में व्‍यापक सुधार पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। श्री नायडू ने कहा कि भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में एक है। लिथुआनिया को भारत में उपलब्‍ध अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। नयी दिल्ली - उपराष्‍ट्रपति एम वैंकया नायडू ने बाल्टिक क्षेत्र के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में लिथुआनिया पहुंचे। उन्‍होंने लिथुआनिया के राष्‍ट्रपति गिटानस नौसेदा को अनुच्‍छेद 370 हटाने से संबंधित सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि यह निर्णय, क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और नवगठित संघ शासित प्रदेश के लोगों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। यात्रा के पहले चरण में लिथुआनिया की राजधानी विल्‍नियस में उपराष्‍ट्रपति ने नौसेदा को बताया कि जम्‍मू-कश्‍मीर के पुनर्गठन का लक्ष्‍य क्षेत्रीय असमानता को कम करना तथा प्रशासनिक कुशलता को बेहतर बनाना है। उन्‍होंने कहा कि 100 से अधिक प्रगति‍शील अधिनियम दोनों केंद्र शा

रूस के विश्व कौशल कज़न - 2019 में शामिल होने के लिए भारत का 48 सदस्यीय दल रवाना

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रूस के कजन में 22 अगस्त से 27 अगस्त तक चलने वाले इस बड़े कार्यक्रम में 56 कौशल प्रतियोगिताएं होंगी जिसमें 60 देशों के लगभग 1500 प्रतियोगी हिस्सा लेंगे। भारत का 48 सदस्य दल 44 कौशल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेगा जिसमें मोबाइल रोबोटिक्स, प्रोटोटाइप मॉडलिंग, हैयरड्रेसिंग, बेकिंग, कन्फ्रेक्शनरी एवं पैटिस, ईंट बनाना, कार पेंटिंग इत्यादि शामिल हैं। इस दल के साथ 44 विशेषज्ञ और 14 व्याख्याकार कजन गए हैं। वर्ष 2017 में आबू धाबी में आयोजित विश्व कौशल अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का 28 सदस्य दल ने हिस्सा लिया था जिसमें दल ने एक रजत, एक कांस्य और 9 उत्कृष्टता मेडल जीते थे। नयी दिल्ली - विश्व कौशल कज़न - 2019 में शामिल होने भारत की ओर से जा रहे 48 सदस्यीय दल को एक समारोह में भव्य विदाई दी गई। दुनिया भर में अपनी कौशल का डंका बजाने के लिए भागीदारों को प्रेरित करने के उद्देश्य से इसका आयोजन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा किया गया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाला भारत छठा सबसे बड़ा दल है। भारतीय दल के सदस्यों को संबोधित करते हुए कौशल विकास एवं उद्यम