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कोई भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए और न ही किसी भाषा का विरोध होना चाहिए : उपराष्‍ट्रपति

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नयी दिल्ली - छात्रों की शारीरिक दक्षता बढ़ाने के लिए उन्‍हें स्‍कूल के समय का 50 प्रतिशत हिस्‍सा कक्षाओं के बाहर बिताने की अनुमति देने पर जोर देते हुए नायडू ने छात्रों को स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक जीवनशैली और भोजन की आदतों के कारण गैर-संचारी रोगों की बढ़ती घटनाओं के बारे में आगाह किया। उन्‍होंने छात्रों को जंक फूड से परहेज करने तथा खानपान की बेहतर आदतें अपनाने का सुझाव दिया और कहा कि इस मामले में  भारतीय भोजन समय की कसौटी पर खरा उतरा है।  इसमें हर मौसम और क्षेत्र के हिसाब से खाने पीने की चीजें शामिल हैं।  उन्‍होंने स्‍कूल प्रशासन से छात्रों को एनएसएस,एनसीसी,स्‍काउट और गाईड जैसी स्‍वैच्छिक सेवाओं में हिस्‍सा लेने के लिए प्रोत्‍साहित करने  का सुझाव देते हुए कहा कि इससे उनमें दूसरों की सेवा करने की भावना पैदा होगी।   उपराष्ट्रपति, एम वेंकैया नायडू ने लोगों से अधिक से अधिक भाषाएं सीखने का आह्वान करते हुए कहा है कि कोई भी भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए और न ही किसी भाषा विशेष का विरोध होना चाहिए ।  अमेरिका में नासा और अन्य स्थानों का दौरा करने के बाद हाल ही में लौटे मनीपाल के शारदा आवासीय वि

2017-18 के दौरान मछली उत्‍पादन में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी

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नयी दिल्ली - 2017-18 के दौरान अंतर्देशीय क्षेत्र से 8.90 मिलियन मीट्रिक टन और समुद्री क्षेत्र से 3.69 मीट्रिक टन मत्‍स्‍य उत्‍पादन के साथ 12.59 मिलियन मीट्रिक टन का कुल मछली उत्पादन दर्ज किया गया था। 2016-17 की तुलना में 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन में औसत वृद्धि 10.14% (11.43 मिलियन मीट्रिक टन) रही है। यह मुख्य रूप से 2016-17 (7.80 मिलियन मीट्रिक टन) की तुलना में अंतर्देशीय मत्स्य पालन में 14.05% की वृद्धि के कारण है। भारत वर्तमान में मछली का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह जलीय कृषि उत्पादन के साथ-साथ अंतर्देशीय कैप्चर फिशरीज में भी विश्व में दूसरे नंबर पर है। वर्ष 1950-51 के दौरान कुल मछली उत्‍पादन में अंतर्देशीय मछली उत्‍पादन का प्रतिशत योगदान 29 प्रतिशत था, जो 2017-18 में बढ़कर 71 प्रतिशत हो गया है। आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक 34.50 लाख टन अंतर्देशीय मछली का उत्‍पादन किया है, जबकि गुजरात देश में समुद्री मछली का सबसे बड़ा (7.01 लाख टन) उत्‍पादक राज्‍य है। तटवर्ती राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 31 जुलाई, 2019 के अनुसार कुल पंजीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं और क्रॉफ्ट

राजनाथ सिंह ‘तेजस’ में उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री बने

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नयी दिल्ली - तेजस कई खूबियों से लैस एक बहुद्देश्‍यीय लड़ाकू विमान है। इसने देश की वायुसैनिक क्षमताओं को और मजबूत बनाया है।राजनाथ सिंह हल्‍के लड़ाकू विमान 'तेजस' में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षामंत्री बन गए हैं।  उन्‍होंने वेंगलूरु के हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड के हवाई हड्डे पर एयर वाईस मार्शल नर्मदेश्‍वर तिवारी के साथ स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित बहुद्देश्‍यीय लड़ाकू विमान 'तेजस' में आधे घंटे तक उडान भरी।   रक्षामंत्री ने तेजस की अपनी इस उड़ान को बहुत ही रोमांचकारी अनुभव बताया। उन्‍होंने तेजस जैसा विमान बनाने के लिए हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को बधाई दी। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में बने तेजस विमान की मांग कई देशों से आई है। उन्‍होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि आज भारत में बने लड़ाकू विमान तथा हथियार और गोला- बारुद दुनिया के कई देशों में निर्यात किए जा सकते हैं। रक्षामंत्री ने भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना की उनकी व्‍यावसायिक कुशलता, साहस  और पराक्रम के लिए सराहना करते हुए कहा

आरकेएस भदौरिया अगले वायुसेना प्रमुख नियुक्‍त

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नयी दिल्ली - सरकार ने वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एडीसी को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएम की सेवानिवृत्ति के बाद अगले वायु सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ 30 सितंबर को सेवा निवृत्‍त होंगे। एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने जून 1980 में भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्‍त किया था और वह विभिन्न कमान, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल पदों पर रहे हैं। एयर मार्शल भदौरिया पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम हैं और वह सर्वोच्च कमांडर के एडीसी में से एक हैं।

भोजपुरी बहुत मीठी भाषा है - सिनेमैटोग्राफर शिवा चौधरी

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सिनेमैटोग्राफर शिवा चौधरी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्रीज में पिछले 20 वर्षों से अपने काम के कारण एक अलग पहचान बना चुके हैं , इन्होंने 100 से ज्यादा हिंदी फिल्म,टीवी सीरियल तथा  मराठी,गुजराती,तेलुगू ,पंजाबी ,भोजपुरी ,संथाली , सिंधी, तमिल के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं की फिल्मों ,सीरियल्स को एक एक्सपर्ट सिनेमैटोग्राफर रूप में कैमरे के पीछे रह कर बेहतरीन काम को अंजाम दिया है. शिवा चौधरी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा आज कल कई डायरेक्टर भोजपुरी फिल्म बना रहे है,वह फिल्मों में जिस तरह से अश्लीलता परोस रहे हैं वह हमारे समाज के हित में नहीं है.ऐसे डॉयरेक्टर और प्रोड्यूसर भोजपुरी समाज को गलत दिशा और संदेश दे रहे हैं  इस तरह की फिल्मों पर अंकुश लगाना चाहिए। वह समय समय पर लोगों को जागरुक करते हैं इन्हें इस बात का दुख है भोजपुरी की गरिमा को जो बरसों से संस्कार मिला है इसको हम लोगों को संजोकर रखना चाहिए अपनी संस्कृति की इस धरोहर को बचाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। शिवा चौधरी कहते हैं कि भोजपुरी भाषा बहुत मीठी भाषा है, इसके बोलने वाले लगभग देश- विदेश सभी जगहों पर मिलते हैं. अश्लील फिल्में बनाने वा

फिल्म "हम तो हुए हैं तुम्हारे" 27 सितंबर को होगी रिलीज़

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हिंदी फीचर फिल्म "हम तो हुए हैं तुम्हारे" 27 सितंबर को रिलीज़ हो रही है। यह फिल्म मनोरंजन से भरपूर है, फिल्म की कहानी,गीत,संगीत दर्शकों को पसंद आएगी ऐसी आशा की जा रही है।  फिल्म के स्टार कास्ट में अजीत पंडित ,आशिमा शर्मा तथा हनी शर्मा प्रमुख भूमिका में हैं।  आयुषी नैना फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म की शूटिंग कानपुर ,उत्तर प्रदेश की है। फिल्म के डायरेक्टर दीपक ए त्रिपाठी ने कहा है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपनी एक अलग पहचान बनाएगी वह दर्शकों से कहना चाहते है कि इस फिल्म को देखे ,एक अलग तरह की स्टोरी आपको देखने को मिलेगी।  इस फिल्म में गायक कुमार शानु ,उदित नारायण और खुशबु जैन की आवाज़ में कई बेहतरीन गीत हैं साथ ही अविनाश पाठक का सुन्दर संगीत और सुशील कुमार के लिखे गीत हैं। इस फिल्म के प्रोड्यूसर सुधीर तिवारी ,सारिका मिश्रा तथा भानु त्रिवेदी। सिनेमाटोग्राफी शिवा चौधरी का है..

उत्तराखंड में पंचायती चुनाव का शंखनाद आरंभ

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायती राज का शंखनाद आरंभ हो गया है। प्रत्याशियों का प्रचार लोकलुभावन व्याख्यानों विज्ञापनों के साथ साथ डोर टु डोर अपने और अपने सहयोगियों से चरम सीमा पर है।  जनपद पौड़ी गढ़वाल के थाना क्षेत्र सतपुली में  चार सौ पेटी शराब की पकड़ी गई हैं  यह पता नहीं लगा कि यह शराब कहां परोसी जानी थी, और इस का उपभोक्ता कौन है। ये तो सारी मिली भगत का स्वरूप है।  यह भी समाचार है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से जो प्रत्याशी हैं ही छोटे बाजारों में निवासित उम्मीदवार हैं। राजनीति के पंडित वोट के लिए उन्हें वोटर लिस्ट में शामिल कर लेते हैं। इस आधार पर उनका अधिकार बनता ही है उत्तराखंडी जब पलायन कर रहा है और ये लोग धंधे के रूप में उत्तराखंड में निवासित हैं साथ ही समाज से धुल मिल रहे हैं जिन लोगों ने इन्हें बसाया सारी गलती उनकी है। स्वत्रंता के पश्चात ग्राम पंचायतों में केवल मात्र  जन्म मृत्यु का विवरण मात्र , किसानों को प्रशिक्षण दिलना तथा अधिक से अधिक सैकड़ों में देय धन पर विकास का कार्य पानी रास्तों का सुधारीकरण था।जो बर्तमान में करोड़ों और लाखों रूपयों में करवा जाता है। तब भारत के प्र