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आज जो मुकाम मिला है मेहनत और मजबूत इरादे की देन है-अभिनेता" के के गोस्वामी

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गबरू,भूत अंकल टिंगू,और पप्पू पास हो गया,संकटमोचन महाबली हनुमान,भाभी जी घर पर हैं,शक्तिमान खली बली [ डबल रोल ],कमसिन : द अनटच्ड,ज्वाला,इश्क़ समंदर जैसे अनेक हिंदी / भोजपुरी फिल्मों में तथा टीवी सीरियल में के के गोस्वामी  का अभिनय आप लोग देख चुके हैं.साथ ही आजकल धारावाहिक "बगल वाली जान मारेली" में, के के गोस्वामी की एक्टिंग की खूब चर्चा हो रही है।  बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले के के गोस्वामी ने अपनी कॉमेडी और अभिनय के बल पर खुद की एक अलग पहचान बना रखी है। अपने जीवन के बारे में बताते हैं बहुत संघर्षशील मेरा मुकाम रहा पर रात दिन अथक प्रयास से यह मुकाम हासिल किया है भोजपुरी / हिंदी फिल्म हो या कोई टीवी सीरियल के के गोस्वामी की कॉमेडी भूमिका और इनकी कद काठी निभाए दर्शकों को अपनी एक्टिंग से लोटपोट करते रहते हैं. वह कहते हैं चाहे रोल कुछ भी बस हुनर हो तो वह पर्दे पर खूब सराही जाती है एक अच्छे कलाकार की यही प्रतिभा होती है। जो सीन, जो कॉमेडी मिले उसमें डूब कर वास्तविक जिंदगी की तरह कैमरे के सामने पेश करे।  अपने जीवन के बारे में बताते हैं कि बहुत संघर्ष और अथक प्रयास से यह मुक

मातृशक्ति का सम्मान हमारा धर्म हो

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विजय सिंह बिष्ट   या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। नवद्धाशक्ति में मां के प्रकाट्य रूपों की अनेक प्रकार से स्तुति वंदन का विधान है  सभी कालों भूत, वर्तमान और भविष्य में सर्व सम्पन्न मां को ही नतमस्तक होकर वंदना अर्पण किया गया है। आदिकाल से कुंवारी कन्याओं के वंदन पूजन और जिवाने की प्रथाएं यत्र तत्र सर्वत्र  चली आ रही हैं।         ।नारी सर्वत्र पूजियेत। यह भी इंगित करता है कि निरन्तर चलने वाली आपकी सभी शक्तियों को मै नमन करता हूं जिसकी पूजा प्रतिष्ठा नव रात्राओं में विभिन्न प्रकार से प्रतिपादित की जाती है। नारी की पूजा सृष्टि के आरंभ से की जाती है जो जननी है रत्नगर्भा है। जिसने अपने उदर से संत,महान योद्धा, और विदुषी एवं विद्वानों को जन्म दिया है।       जो सहन शीलता की धरती, ज्ञान की गरिमा, अभिमन्यु की गर्भ में संस्कार स्वरूपा, लक्ष्मी ,रौद्र रूपा महाकाली, अभिज्ञान शाकुन्तलम की रचयिता, ये सभी गौरी , शक्ति, दुर्गा,हर युग में झांसी की रानी, सीता,राधा , द्रोपदी बन कर आती हैं और आती रहेंगी। नारी भोगने की नहीं पूजा की पात्रा हैं। राधा कृष्ण, सीत

नारी का नाम नवधाभक्ति के रूप में मिल जायेंगे

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विजय सिंह बिष्ट   प्ररेणा दायक घरवाली से,धन शोहरत मान बढाई घर की लक्ष्मी से मिलती है एक कहानी आती है दो साथी कहते हैं तेरी नाक कहां है एक ने कहा मेरी नाक घर में है दूसरे ने कहा मेरी मेरे पर ही है। फिर दोनों ने परीक्षा के लिए एक दूसरे के घर को चुना।जिसकी अपने पर थी वह घर वाले के घर गया, नमस्कार आदि के बाद उसने घरवाले भाई के बारे में पूछा , उसकी घरवाली ने कहा वे दो दिन के बाहर गए हैं। आप बैठो उसने पूर्ण आवाभगत के साथ उसकी सेवा  की, कहा आ जायेंगे, आप ठहरें वे नहीं है तो मैं तो हूं, यदि आप चले गएऔर वे सुनेगे कि आप आये थे वे नाराज होंगे। आप को कोई परेशानी नहीं होगी।वह वहीं ठहर गया।  दूसरा उस के यहां गए जिसने कहा था मेरी मेरे पर ही है, वहां जाकर वह उसकी पत्नी से मिला उसने  औपचारिक रूप से सेवा अभिवादन किया , वह बोली वह घर में नहीं हैमैं आपको जानती पहचानती नहीं हूं आप कौन हैं जब वह आ जाये तब आना, मुझे बहुत सारे काम करने हैं आप जा सकते । अब दोनों मिले तो उन्होंने कहा सचमुच किसी की घर में होती है जहां प्यार से आवाभगत होती है आदर और सम्मान मिलता है। दूसरी ओर तुम अपने में ही सब कुछ हो। तुम्हारी प

गांधी फिर से तुम आ जाते

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गांधी की 150 वीं जयंती पर गीत गांधी फिर से तुम आ जाते। हर चेहरे पर खुशियां लाते। पाठ अहिंसा भूल गए जो, उनको फिर से पाठ पढ़ाते, गांधी फिर से तुम आ जाते... बना आज उपहास तुम्हारा, मानव मानव से अब हारा, मोब्लिंचिंग के भाग जगे अब, कमजोरों का छिना सहारा। मानवता की बुझी आग को फिर से तुम इक लौ दिखलाते। गांधी फिर से तुम आ जाते.. नाथू अब फल फूल रहा है। फंदे पर सच झूल रहा है। व्यभिचारी का महिमामंडन आमजनों को शूल रहा है। बिना ढाल बिन खड्ग चलाकर हकदारों को हक़ दिलवाते। गांधी फिर से तुम आ जाते..  देश सभी का है यह अपना। यही सत्य है न एक सपना। पर कुछ का यह काम हुआ अब, देश भूल दुश्मन को जपना। ऐसे गद्दारों को फिर से अब्दुल का तुम विजन दिखाते। गांधी फिर से तुम आ जाते.. हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई। यहां सभी थे भाई भाई। आज बने बैरी आपस में, कैसी है यह विपदा आई। सब भारत माँ की संतानें। आकर फिर सबको समझाते। गांधी फिर से तुम आ जाते..

150वीं जयंती पर विशेष "महात्मा गांधी युग प्रवर्तक"

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वर्तमान युवा पीढीं पूज्य बापू के नाम को मोहन दास करमचंद गांधी के नाम से शायद नहीं  जानते होंगे।वे राष्ट्र पिता , बापू औ र महात्मा गांधी के नाम से अधिक जानें और पहिचाने जाते रहे। दो अक्टूबर को उनका जन्म दिवस गांधी जयंती के नाम से प्रतिवर्ष मनाया जाता है। सत्याग्रह के अमोघ शस्त्र से भारत मां को आजादी दिलाने और अंग्रेजों के कुटिल काल का नाश महात्मा गांधी जी था।      कभी हम गाया करते थे। देदी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल। साबर मती केसंत तूने कर दिया कमाल।। लेखक - विजय सिंह बिष्ट भले आज का युवा ये नहीं समझ पाया है कि चरखे से आजादी मिलती है। वह चक्र देश के पुरोधाओं नेता जी सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, शाहनवाज,मेजर जनरल लोकनाथन, ढिल्लन,सहगल, शत्रुनाशी लेफ्टिनेंट अब्दुलाखान,वीर हिंद कप्तान मुहम्मद आरफखान,मेजर पारसराम थापा गोरखा सैन्य इन्चार्ज,मेजर लक्ष्मी स्वामी नाथन जिन्होंने भारतीयों की स्वतंत्रता के प्रतिज्ञा की थी। स्व0रासबिहारी बोस कर्नल हौसले,डा0धर्मवीर,डा0सुनील बोस, सतीश चंद्र बोस, तथा अठ्ठारवीं गढ़वाल राइफल के सैनिक जिन्होंने पठान विद्रोहियों

भारत, "सिंगापुर भारत हैकाथन 2019’ की मेजबानी करेगा

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नयी दिल्ली - इस साल का हैकाथन तीन विषयों पर केंद्रित है- 'अच्‍छी सेहत और तंदुरुस्‍ती', 'अच्‍छी शिक्षा' तथा 'किफायती और स्‍वच्‍छ ऊर्जा'। सिंगापुर भारत हैकाथन 2019 में 20 टीमें हैं और ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्रत्‍येक प्रतिभागी टीम में तीन छात्र भारत और तीन छात्र सिंगापुर से होंगे, और इस प्रकार संस्‍कृति और विचारों के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्‍त होगा। सबसे ज्‍यादा नवाचारी समाधान प्रस्‍तुत करने वाली टीम को 10,000 डॉलर, दूसरी, तीसरी और चौथी विजेता टीमों को क्रमश: 8,000 डॉलर 6,000 डॉलर और  4,000 डॉलर दिए जाएंगे। आगे ले जाने की उच्‍च संभावना वाले समाधान प्रस्‍तुत करने वाली छह अन्‍य टीमों को 'प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार' दिए जाएंगे। इसके लिए प्रत्‍येक टीम को  2,000 डॉलर की राशि दी जाएगी।       भारत संयुक्त अंतरराष्ट्रीय हैकाथन के दूसरे संस्करण 'सिंगापुर भारत हैकाथन 2019' का आईआईटी मद्रास में 28 और 29 सितंबर, 2019 को आयोजन करेगा। उच्‍च शिक्षा विभाग के सचिव आर.सुब्रह्मण्‍यम ने एक संवाददाता सम्‍मेलन में इस बारे में बताया कि सिंगापुर भारत हैकाथन प्रधानमंत्र

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार दिए जाएंगे

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नयी दिल्ली - भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय वार्षिक रूप से भ्रमण, पर्यटन तथा आतिथ्य सत्कार वर्गों में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार देता है। यह पुरस्कार राज्य सरकारों / केन्द्रशासित प्रदेशों, वर्गीकृत होटलों, विरासत होटलों, स्वीकृत ट्रेवल एजेंटों, टूर ऑपरेटरों, पर्यटक परिवहन ऑपरेटरों, व्यक्तियों और अन्य निजी संगठनों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं। राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार भ्रमण, पर्यटन और आतिथ्य सत्कार क्षेत्र में उपलब्धियों की मान्यता के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार के रूप में उभरा है। विश्व पर्यटन दिवस में कुल 22 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उपराष्ट्रपति  एम.वेंकैया नायडू की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार 2017-18 प्रदान किए जाएंगे। इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों में कुल 76 पुरस्कार दिए जाएंगे। इस अवसर पर पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल तथा संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के महासचिव श्री जोराब पोलिलीकाशविलिविल उपस्थित रहेंगे। स