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जल्द शुरू करें पत्रकार पेंशन सम्मान योजना-मुख्यमंत्री

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"प्रचार-प्रसार के कार्य में ' राजस्थान संवाद ' की महत्वपूर्ण भूमिका है इसे और अधिक प्रभावी बनाया जाए। राज्य सरकार की योजनाओं,नीतियों एवं कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रभावी प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल एवं डिजिटल मीडिया के माध्यम से सरकार की योजनाओं एवं फैसलों का व्यापक प्रसार किया जाए" मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले कार्यकाल में वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार पेंशन (सम्मान) योजना शुरू की थी। बाद में इसे बंद कर दिया गया। उन्होंने निर्देश दिए कि बजट घोषणा के अनुरूप इसे नए रूप में शीघ्र शुरू किया जाए।   गहलोत मुख्यमंत्री कार्यालय में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में हमारी सरकार ने राजस्थान पत्रकार-साहित्यकार कल्याण कोष का गठन किया था। अधिक से अधिक पत्रकारों एवं साहित्यकारो

नेहरू जयन्ती ‘‘मेरा गांव-मेरा गौरव’’ दिवस केे रूप में  मनाया जाएगा ः सचिन पायलट

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"राजस्थान न केवल देश अपितु विश्व में अपने इतिहास, गौरवशाली परम्पराओं, संस्कृति, साहित्य, संगीत, कला, स्थापत्य एवं पुरातत्व के लिए प्रसिद्व है एवं इसका साक्षात अनुभव करने बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक राज्य के भ्रमण पर आते हैं । राज्य के गांवों में अद्भुत ऎतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक धरोहर मौजूद है तथा राज्य का प्रत्येक गांव किसी न किसी धर्मस्थल, प्राकृतिक स्थल, सरोवर, बावड़ी, हस्तशिल्प, हस्तकला, खाध सामग्री इत्यादि के लिये जाना जाता है इन सबके गौरव की अनुभूति ग्रामवासियों को करवाने के लिये पण्डित नेहरू की जयन्ती के मौके पर ''मेरा गांव-मेरा गौरव'' दिवस मनाया जायेगा" जयपुर । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा 14 नवम्बर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की जयन्ती के मौके पर प्रदेश के सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ''मेरा गांव-मेरा गौरव'' दिवस समारोहपूर्वक मनाया जाएगा।  उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस को उल्लासपूर्वक मनाने के लिये राज्य के सभी जिला कलक्टर्स एवं मुख्य कार्यकारी

सम्पूर्ण राज्य में 200 खनिज भण्डारण पर एक साथ छापेमारी 176 करोड का अघोषित स्टॉक पकड़ा

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खान विभाग की ऎतिहासिक सफलता सम्पूर्ण राज्य में 200 खनिज भण्डारण पर एक साथ छापेमारी 35 करोड रूपये का फर्जी स्टॉक की प्रविष्टियां उजागर,176 करोड का अघोषित स्टॉक पकडा जयपुर , प्रदेश में खान विभाग द्वारा ऎतिहासिक कार्यवाही करते हुए 200 खनिज भण्डारण पर एक साथ कार्यवाही करते हुए 201 करोड रुपये की अनियमितताए पकड़ते हुए कार्यवाही की गई। विभाग राज्य में ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 01 फरवरी से प्रारम्भ की गयी। वक्त रजिस्ट्रेशन भण्डारणकर्ताओ द्वारा स्वप्रमाणित खनिज की जो मात्रा का इन्द्राज किया गया उसे विभाग द्वारा बिना भौतिक सत्यापन के ही सही मान लिया गया। अभिवहन पास के माध्यम से राजस्व अपवंचना होने की प्राप्त शिकायताें को मद्देनजर रखते हुए खान एवं पेट्रोलियम विभाग के सचिव दिनेश कुमार के मार्गदर्शन में निदेशक, खान एवं भूविज्ञान विभाग गौरव गोयल द्वारा अतिरिक्त निदेशक-खान (सतर्कता), उदयपुर दीपक तंवर के साथ व्युरचना कर उनके नेतृत्व में सम्पूर्ण राजस्थान में अप्रधान खनिजाें के प्रथम 200 खनिज भण्डारणाें जिनकी भण्डारण क्षमता सबसे अधिक थी को प्रथम चरण में लिया जाकर भण्डारणकर्ता द्वारा ऑनलाईन पर दर्

अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर सुनी ग्रामीणों की समस्याएं

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जयपुर । अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने जैसलमेर जिले के ग्रामीण क्षैत्रों का भ्रमण कर जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणजनों की समस्याएं सुनी और उनके समाधान करने का विश्वास दिलाया। उन्होंने नोख में जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों की मांग पर उपनिवेशन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे नोख में शिविर लगा कर उपनिवेशन विभाग की समस्याओं का तत्परता से निस्तारण करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि नहरी क्षेत्र के किसानों को रबी की फसल की सिचांई का पुरा पानी उपलब्ध कराया जाएगा। यहां पर ग्रामीणजनों ने अल्पसंख्यक मामलात मंत्री का नोख में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करवाने के लिये हार्दिक आभार जताया एवं उनका अभिनंदन किया। अल्पसंख्यक मंत्री ने मुख्तयार खां जिसका सड़क हादसे में हाथ कट गया था उसको मुख्यमंत्री सहायता कौष से सहायता राशि दिलवाने के अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मोहम्मद ने नाचना स्थित मुख्य बाजार में जनसुनवाई की एवं ग्रामीणों की परिवेदनाऍं सुनी। उन्हाने

नहाये खाये से शुरू हुआ लोक आस्थाा का महापर्व छठ पूजा

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छठ मईया की महिमा,जाने सकल जहान। “लाल पावे” जे  पूजे, सदा करी कल्याण।।        लेखक > लाल बिहारी लाल   सृष्टी की देवी प्रकृति नें खुद को 6 बागों में बांट रखा है। इनके छठे अंश को मातृदेवी के रुप में पूजा जाता है। ये ब्रम्हा की मानस पुत्री हैं। छठ व्रत यानी इनकी पूजा कार्तिक मास में आमवस्या के दीपावली के छठे दिन मनाया जाता है इसलिए इसका नाम छठ पर्व पड़ गया। छठ व्रत भगवान सूर्यदेव को समर्पित एक हिंदुऔं का विशेष पर्व है। भगवान सूर्यदेव के शक्तियों के मुख्य स्त्रोत उनकी पत्नी उषा औऱ प्रत्यूषा है। यह पर्व उतर भारत के कई हिस्सों में खासकर यू.पी. झारखंड और बिहार में तो महापर्व के रुप में  मानाया जाता है। शुद्धता,स्वच्छता और पवित्रता के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व आदिकाल से मनाया जा रहा है। छठ व्रत में छठी माता की पूजा होती है और उनसे संतान व परिवार की रक्षा का वर मांगा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से छठ  मैया का व्रत करता है। उसे संतान सुख के साथ-साथ मनोवांछित फल जरुर प्राप्त होता है। प्रायः हिदुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व के इस्लाम औऱ अन्य धर्मावलम्बी भी मनाते देखे गये हैं

पहली महिला प्रधानमंत्री औऱ आयरन लेडी- इंदिरा गांधी भारत में हरित क्रांति और गरीबी उन्मूलन की प्रणेता

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पुण्य तिथि पर विशेष जन्म >19 नवंबर 1917 इलाहाबाद ,मृत्यु >31 अक्टूबर 1984 लेखक >लाल बिहारी लाल   आयरन लेडी इंदिरा गांधी का जन्म देश के एक आर्थिक एंव बैध्दिक रुप से सभ्रांत परिवार में पं. जवाहर लाल नेहरु के घऱ में 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था। इनके माता का नाम कमला नेहरु तथा दादा का नाम पं. मोती लाल नेहरु था। इनके दादा एंव पिता दोनों वकालत करते थे।बचपन में इनके माता पिता का लार-दुलार ज्यादा नहीं मिला क्योंकि पिता भारतीय राजनीति में ब्यस्त थे वही माता अस्वस्थ्य रहती थी। इन्हें दादा से ज्यादा लार-दुलार मिला क्योंकि यह घर की इकलौती संतान थी। इनके दादा इन्हें लक्ष्मी एवं दूर्गा के प्रतीक मानते थे। इंदिरा की प्ररंभिक शिक्षा आनंद निवास पर ही हुई ।इन्होनें सिर्फ अंग्रैजी में दक्षता हासिल की और अन्य विषयों पर ध्यान कम दिया। फिर शांति निकेतन उसके बाद उच्च शिक्षा हेतु इंगलैंड गई वैडमिंटन स्कूल तथा आक्सपोर्ड  विश्वविद्याल  में अध्यन किया  फिर ये भारत आ गई । उन्हें विश्व भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। प्रभावशाली शैक्ष

मुसलमान पिछड़ा हुआ क्यों है Muslim's Big Problems

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