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महिलाओं को Bus में Free यात्रा से Kejriwal दिल्ली की सत्ता में लौट पायेंगें

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यूनेस्को ने फिल्म क्षेत्र में मुम्बई और खानपान के क्षेत्र में हैदराबाद को UCCN के सदस्य के रूप में शामिल किया

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यूसीसीएन का गठन 2004 में हुआ था और इसमें उन शहरों के नाम शामिल हैं जो अपने-अपने देशों में संस्कृतिक गतिविधियों के सक्रिय केन्द्र हैं। यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में अब कुल 246 शहर शामिल हैं। यूनेस्को ने फिल्म के क्षेत्र में मुम्बई और पाक-कला के क्षेत्र में हैदराबाद को यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) के सदस्य के रूप में नामित किया। इस नेटवर्क का हिस्सा बनने वाले सदस्य शहर सभी महाद्वीपों और क्षेत्रों से अलग-अलग आय स्तर और आबादी के साथ आते हैं। वे एक समान मिशन की दिशा में एक साथ काम करते हैं- सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडे के अनुसार, शहरों को सुरक्षित, लचीला, समावेशी और टिकाऊ बनाने के लिए उनकी शहरी विकास योजनाओं के मूल में रचनात्मकता और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को रखना। यूसीसीएन के अतंर्गत 7 श्रेणियां को शामिल किया गया हैं- शिल्प और लोक कला डिजाइन फिल्म पाक-कला संगीत मीडिया आर्ट्स साहित्य पहले से तीन भारतीय शहरों को यूसीसीएन के सदस्यों के रूप में मान्यता मिली हुई हैं - जयपुर- शिल्प और लोक कला (2015) वाराणसी- संगीत के लिए रचनात्मक शहर (2015) चेन्नई- संगीत के ल

भारत संयुक्त शहरी भूकंप खोज एवं बचाव अभ्यास (SCOJTEX-2019)" की मेजबानी करेगा

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नयी दिल्ली - अंतर्राष्ट्रीय खोज एवं बचाव सलाहकार समूह (आईएनएसएआरएजी) की कार्यप्रणाली और दिशानिर्देशों के अनुसार,  इस चार दिवसीय अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। शंघाई सहयोग संगठन सदस्य देशों के लिए एक संयुक्त शहरी भूकंप खोज और बचाव अभ्यास के  आयोजन के पश्चात आपातकालीन स्थिति की रोकथाम और उन्मूलन हेतु उत्तरदायी मंत्रालयों के विशेषज्ञों की एक बैठक होगी। अभ्यास के दौरान, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी खोज और बचाव की भूमिका (यूएसएआर), आपातकालीन चिकित्सा दल (ईएमटी), मानतावादी प्रणाली/ द यूनाइटेड नेशंस डिजास्टर असेसमेंट एंड कोऑर्डिनेशन (यूएनडीएसी)/ आपातकाल प्रक्रिया और मूल्यांकन दल (ईआरएटी), स्थल पर अभियान सहयोग केन्द्र (ओएसओसीसी), आपातकाल संचालन केन्द्र की स्थापना (ईओसी), एकीकृत कमान पोस्ट (आईसीपी), प्रतिक्रिया समूह, स्थानीय आपातकाल प्रबंधन प्राधिकरण (एलईएमए) और समूह बैठकें, मानवतावादी नागर-सैन्य सहयोग (सीएम-कॉर्ड) जैसे विषयों पर सभी 8 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के बीच विचार-विमर्श और अभ्यास किया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 04 नवंबर को नई दिल्ली के डॉ.अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर

50th.IFFI फ्रांस की अभिनेत्री इसाबेल हूपर्ट को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार

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नयी दिल्ली - लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, आईएफएफआई समारोह का सर्वोच्च सम्मान और सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इस पुरस्कार के अंतर्गत रुपए 10,000,00/- का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। फ्रांसीसी अभिनेत्री को उनके उल्लेखनीय कलात्मक कौशल और सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 1971 में अपनी शुरुआत के बाद से, उन्होंने 120 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। 16 नामांकनों के साथ सेसर पुरस्कार के लिए उनका नाम सर्वाधिक रुप से दौड़ में शामिल रहा है। उन्होंने दो बार ला सेरेमनी और एले के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सेसर पुरस्कार जीता। 2016 में, हूपर्ट ने एले में अपने प्रदर्शन के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा हासिल की थी जिसके लिए उन्हें गोल्डन ग्लोब अवार्ड, इन्डिपेंडेंट स्प्रीट अवार्ड से नवाजा गया और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए एकेडमी अवार्ड के लिए नामित किया गया। रंगमंच की अभिनेत्री के अलावा हूपर्ट 7 बार के नामांकन के साथ मोलीयर पुरस्कार के लिए सबसे अधिक बार नामित अभिनेत्री रहीं हैं। हूपर्ट 13 मई से 24 मई 2009 के बीच आयोजित 62वें कान्स फिल्म फेस्टि

मशहूर अभिनेता रजनीकांत को 50th.IFFI में आइकन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

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नयी दिल्ली - कारपेंटर से कुली और कुली से बस कंडक्टर तथा बस कंडक्टर से सुपरस्टार बने रजनीकांत की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को कर्नाटक के एक मराठी भाषी परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। फिल्मों में शुरुआत करने से पूर्व उन्होंने जीवन-यापन के लिए अत्यंत संघर्ष किया। उन्होंने बैंगलोर में कर्नाटक राज्य परिवहन निगम के लिए एक बस कंडक्टर के रूप में कार्य किया। इस अवधि के दौरान, नाटकों में अभिनय के बाद एक्टिंग के प्रति उनका रुझान जगा। भारत सरकार ने प्रथम बार 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की स्वर्ण जयंती के प्रतीक' के रूप में एक विशेष पुरस्कार का गठन किया है, इस पुरस्कार को प्रख्यात फिल्म अभिनेता एस. रजनीकांत को प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की। जावड़ेकर ने कहा, “पिछले कई दशकों के दौरान भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए मुझे यह घोषणा करने में अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2019 की स्वर्ण जयंती के आइकन का पु

जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र, नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र भारत के मानचित्र में

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नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र में कारगिल तथा लेह - दो ज़िले हैं और भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का बाक़ी हिस्सा नए जम्मू और कश्मीर राज्य संघ क्षेत्र में है। 1947 में भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य में निम्न 14 जिले थे – कठुआ, जम्मू, ऊधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुँछ, मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद, लेह और लद्दाख़, गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटॉरी। 2019 तक भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार ने इन 14 ज़िलों के क्षेत्रों को पुनर्गठित करके 28 ज़िले बना दिए थे। नए जिलों के नाम निम्न प्रकार से हैं – कुपवारा, बान्दीपुर, गंडेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शूपियान, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्‍तवार, साम्बा और कारगिल ।  संविधान के अनुच्छेद 370 को प्रभावी तौर से निराकरित करने और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 जारी करने के उपरांत भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य, 31 अक्टूबर 2019 को, नए जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र तथा नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र के रूप में पुनर्गठित हो गया है। इनमे से कारगिल ज़िले को लेह और लद्दाख़ ज़िले के क्षेत्र में से अलग करके बनाया गया था। र

50th.IFFI कैलाइडोस्‍कोप उत्‍सव में दिखाई जाने वाली फिल्‍मों की घोषणा

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इस वर्ष भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव मनाया जा रहा है, जिसे एशिया महादेश के शुरूआती फिल्‍मोत्‍सवों में से एक माना जाता है। 50वें भारतीय अन्‍तर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव के दौरान भारतीय पनोरमा में 76 देशों की 200 से अधिक सर्वेश्रेष्‍ठ फिल्‍में, 26‍ फीचर फिल्‍में और 15 गैर फीचर फिल्‍में दिखाई जाएंगी। इस स्‍वर्ण जयंती आयोजन में 10,000 से अधिक लोगों और सिनेमा प्रेमियों के शामिल होने की संभावना है। 50वें भारतीय अन्‍तर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव (आईएफएफआई) ने कैलाइडोस्‍कोप उत्‍सव में दिखाई जाने वाली फिल्‍मों की सूची की घोषणा की है, जो फिल्‍मोत्‍सव का सबसे महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। प्रत्‍येक वर्ष बेजोड़ सामग्री एवं विलक्षण फिल्‍म निर्माण के बल पर विश्‍वभर से आई फिल्‍में इस महोत्‍सव के दर्शकों के दिल-दिमाग पर अपनी-अपनी छाप छोड़ती हैं। अन्‍तर्राष्‍ट्रीय परिदृश्‍य में जिन फिल्‍मों ने धूम मचाई है, उनमें पैरासाइट, पोर्ट्रेट ऑफ ए लेडी ऑन फायर, साइनोनिम्‍स आदि शामिल हैं। 50वें आईएफएफआई के कैलाइडोस्‍कोप उत्‍सव के दौरान गोवा फिल्‍मोत्‍सव में शामिल होने वाले सिनेमा प्रेमियों के लिए विश्‍वभर की अनोखी फि

Jashn-e-Urdu-2019,Urdu Academy,Delhi

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सिखों के जनसंहार के ‘गुनाहगारों को सजा देंने की मांग 

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नई दिल्ली के जंतर मंतर पर एकत्रित होकर, 1984 में सिखों के जनसंहार की 35वीं बरसी के अवसर पर जनसभा आयोजित की गई । सभा को आयोजित करने वालों में थे लोक राज संगठन और कई दूसरे संगठन, जो उस जनसंहार के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर और भविष्य में इस प्रकार के कांडों को रोकने के लिए जरूरी कानूनी व राजनीतिक कदमों को लागू करवाने के लिए, लम्बा तथा अडिग संघर्ष करते आये हैं।   “1984 के गुनाहगारों को सजा दें!”, “राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और बंटवारे की राजनीति के खिलाफ एकजुट हों!”, “एक पर हमला, सब पर हमला!” - एक बड़े बैनर पर लिखे हुए इन नारों में सभा में भाग लेने वालों की भावनाओं का समावेश था। “बांटो और राज करो की राजनीति मुर्दाबाद!”, “राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और राजकीय आतंकवाद को एकजुट होकर खत्म करें!”, “राजकीय आतंकवाद मुर्दाबाद!”, “हिन्दोस्तानी राज्य सांप्रदायिक है, लोग सांप्रदायिक नहीं!”, आदि जैसे नारे लिखे हुये बैनर और प्लाकार्ड कार्यकर्ताओं के हाथों में और सभा स्थल के चारों तरफ दिख रहे थे। सभा के सामूहिक रूप से आयोजक थे लोक राज संगठन, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया, हि

INDO~NEPALसंबंध रोटी और बेटी वाला है M.ZAHID

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Child Singer Mannat & Mahak छठ गीत नए अंदाज़ में

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साहित्य न केवल इतिहास का स्त्रोत है बल्कि इतिहास का निर्धारक तत्व भी है~डाॅ.अविनाश कुमार

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जयपुर - राजस्थान विश्वविद्यालय के इतिहास एवं भारतीय संस्कृति के मंच हेरोडोट्स सोसायटी द्वारा 'कहानियों के द्वारा इतिहास' विषय पर डाॅ. अविनाश कुमार के विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। डाॅ.अविनाश कुमार, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी, लन्दन विश्वविद्यालय से पोस्ट डाॅक एवं वर्धा विश्वविद्यालय में अध्यापन कर चुके हैं। वे वर्तमान में वाॅटरएड, भारत के कार्यक्रम एवं नीति निदेशक हैं। संयोजिका डाॅ.नीकी चतुर्वेदी ने विषय प्रवर्तन करते हुए रेखांकित किया कि साहित्य के सृजन में अन्तर्निहित पहचान के गठन के भाव को चिन्हित करके इतिहास को सही अर्थों में समझा जा सकता है । विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रमिला पूनिया ने साहित्य के इतिहास के स्त्रोत के रूप में महत्त्व को बताया। डाॅ.अविनाश कुमार ने अपने व्याख्यान में हिन्दी साहित्य को औपनिवेशिक चुनौती के प्रत्युत्तर रूप में समझाने का प्रयास किया। राष्ट्रीयता के सृजन में इतिहास और साहित्य के योगदान को उद्धरण सहित प्रस्तुत करते हुए डाॅ. कुमार ने बताया कि किस प्रकार साहित्य न केवल इतिहास का स्त्रोत है बल्कि इतिहास का निर्धारक तत्व भी है। अध्यक्ष डाॅ

देशभर के सभी ज़ोनल रेलवे कार्यालयों में ‘रन फॉर यूनिटी’आयोजित की गई

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नयी दिल्ली - देश की अखंडता के लिए उनके अपार योगदान की वजह से उन्‍हें 'लौह पुरुष' के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने कहा कि यदि सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने देशी रियासतों की एकजुटता के लिए पहल न की होती तो देश के मानचित्र के बारे में कल्‍पना करना संभव नहीं हो पाता। भारतीय रेल के लिए भी देश को कई रियासतों के साथ जोड़ने में कठिनाई होती, क्‍योंकि इसके लिए अनुमति की जरूरत होती। भारतीय रेल राष्‍ट्रीय एकता के लिए सरदार पटेल का ऋणी है। सरदार पटेल ने देश में 'सहकारिता आंदोलन' की आधारशिला रखी, जिससे सीधे तौर पर हज़ारों किसान लाभान्वित हुए हैं। सरदार पटेल की जयंती पर, उन्‍होंने कहा कि अपने देश की एकता, सुरक्षा और विकास को कायम रखने के लिए सरदार पटेल के विचारों को अपनाने की जरूरत है।    सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्‍ट्रीय अखंडता और राष्‍ट्र के प्रति उनकी सेवा को ध्‍यान में रखते हुए, भारतीय रेल ने आज राष्‍ट्रीय एकता दिवस मनाया, जिसमें उसके सभी ज़ोनल रेलवे कार्यालय शामिल हैं। इस अवसर पर रेल और वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सरदार वल्‍लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित