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भारतीय रेल ने तीन नए ऑनलाइन एप जारी किए

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ऑनलाइन ई-गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म के लिए यह परियोजना रेल मंत्रालय और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है। इसके माध्‍यम से ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी)सड़क निर्माण से संबंधित सामान्य अनुबंध ड्राइंग (जीएडी) की तैयारी की अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाना है। यह प्रणाली 2014 से सफलतापूर्वक काम कर रही है। अब, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए भी आरओबी/आरयूबी के निर्माण से जुड़े मामलों को देखने के लिए अलग से एक मॉड्यूल विकसित किया गया है। भारतीय रेल ने परिचालन प्रौदयोगिकी को सशक्‍त बनाने के लिए तीन नए ऑनलाइन एप जारी किए हैं। इसके माध्‍यम से रेल परियेाजनाओं की सही निगरानी सुनिश्चित होगी और डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को बढ़ावा मिलेगा। इन तीन नए ऑनलाइन एप की विशेषताएं इस प्रकार हैं :-  सीआरएस सेंक्‍शन मैनेजमेंड सिस्‍टम :  यह प्रौद्योगिकी प्रणाली रेलवे परिसम्‍पत्तियों के निर्माण, रखरखाव और उन्‍नयन से जुड़ी है। इसके तहत लेवल क्रॉसिंग और छोटे पुलों से संबंधित कार्यों की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा इस एप्लिकेशन माध्‍यम से टर्नआउट और लूप लाइन्स में रेलगाड़ी की गति मे

PM Modi करतारपुर गलियारे की चैकपोस्ट का उद्घाटन करेंगे

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नयी दिल्ली - करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं को अपने यात्रा के विषय में prakashpurb550.mha.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा। यात्रा तिथि से 3 से 4 दिन पहले पंजीकरण की पुष्टि श्रद्धालु को एसएमएस और ई-मेल के जरिये कर दी जाएगी। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक ट्रेवल ऑथराइजेशन (ईटीए) भी तैयार हो जाएगा। श्रद्धालु को पासपोर्ट के साथ ईटीए ले जाना आवश्यक होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज  9 नवम्बर, 2019 को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे की चैकपोस्ट का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री सुल्तानपुर लोधी में बेर साहेब गुरुद्वारा में अरदास करेंगे और इसके बाद डेरा बाबा नानक में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। करतारपुर गलियारे की चैक पोस्ट के शुरू हो जाने से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहेब जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। उल्लेखनीय है कि डेरा बाबा नानक के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जीरो-प्वॉइंट पर करतारपुर साहेब गलियारा तैयार करने के लिए भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ समझौता किया था। स्मरण रहे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में

फिल्म ''बदले की आग'' की शूटिंग भोपाल में

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भोपाल - भोजपुरी स्टार राकेश मिश्रा की भोजपुरी फिल्म ''बदले की आग'' की शूटिंग इस समय भोपाल में शुरू हो चुकी है ! फिल्म का निर्देशन रवि सिन्हा कर रहे है ! राकेश मिश्रा ने बताया की इस फिल्म की कहानी बहुत अच्छी है और फिल्म के निर्देशक रवि सिन्हा भोजपुरी में कई फिल्मे सुपर हिट बना चुके है तो उन की जितनी तारीफ की जाये कम है इस फिल्म के गाने एक से बढ़कर कर एक है ! राकेश मिश्रा की आधा दर्जन से ऊपर भोजपुरी फिल्मे बनकर तैयार है जो जल्दी ही प्रदर्शित होगी ! इस फिल्म में ,अंजना सिंह ,गोलू राजा मनमोहन मिश्रा ,पूनम दुबे ,चांदनी सिंह ,आयुषी तिवारी ,संजय पांडेय ,मनोज टाइगर ,अयाज़ खान ,रजनीश पाठक ,नीरज यादव अहीर आदि है जिस के निर्माता दुर्गा प्रसाद है !

दिल्ली में व्यापारियों की राष्ट्रीय बैठक ई कामर्स कंपनियों के साथ सहभागिता अस्वीकार

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नयी दिल्ली - कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अभी तक हमें सरकार की ओर से ऐसा कोई सन्देश नहीं मिला है और न ही किसी ई-कॉमर्स इकाई के साथ हाथ मिलाने के लिए कोई बातचीत हुई है। ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी और सरकार की एफडीआई नीति का उल्लंघन करने के कारण हाल ही में दिवाली के त्योहारी सीजन में ऑफलाइन कारोबार को  लगभग 50% के व्यापार का  नुकसान झेलना पड़ा है ! इन ई कामर्स कंपनियों ने लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना ,हानि वित्तपोषणबिकने वाले माल पर नियंत्रण तथा अपने पोर्टल पर कुछ विशेष विक्रेताओं को प्रमुखता देने जैसी व्यापार पद्दति अपनाई जा रही है जो  सरकार की एफडीआई नीति का सरासर उल्लंघन हैं। एक अनुमान के अनुसार दिवाली के त्योहारी सीजन में देश भर में लगभग 6 लाख करोड़ का व्यापार होता है जबकि इस साल देश के व्यापारियों ने लगभग 3 लाख करोड़ का व्यापार ही किया है !  मीडिया में छपे विभिन्न समाचार जिसमें ई कॉमर्स कंपनियों को सरकार ने सलाह दी है की वो अपने व्यापार की वृद्धि में ऑफ़लाइन व्यापार को हिस्सा बनायें जाने के प्रस्ताव को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर

NGO समेत सामाजिक संगठनों का विज्ञान को प्रयोगशाला से जनता तक पहुंचाने में मदद देने का आह्वान

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कोलकाता -चार दिन का वार्षिक विज्ञान महोत्सव कोलकाता में 5 नवंबर से 8 नवंबर के बीच आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उन्नत समावेश की नीति बनाना है। इस वर्ष के महोत्सव का विषय है आरआईएसईएन-इण्डिया-अनुसंधान नवाचार और राष्ट्र का वैज्ञानिक सशक्तिकरण । राष्ट्रीय र्स्टाटअप सम्मेलन एवं एक्सपो को संबोधित करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने देश के युवा प्रतिभावान बुद्धिजीवियों को प्रेरित किया कि वे भारत सरकार के र्स्टाटअप इण्डिया-स्टैंडअप इण्डिया कार्यक्रमों से फायदा उठाएं। केन्द्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने एनजीओ समेत सामाजिक संगठनों का विज्ञान को प्रयोगशाला से जनता तक पहुंचाने में मदद देने का आह्वान किया। कोलकाता में पांचवें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के दौरान राष्ट्रीय सामाजिक संगठनों और संस्थाओं के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि  प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने आज अग्रणी स्थान बना लिया है। उन्होंने देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में एनजीओ की महत्वपूर्ण भूमिका को अहम बताया।  दिव्यांग

गुरु नानक देव जी पर तीन किताबों का लोकार्पण

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नयी दिल्ली - गुरु नानक बाणी नामक पुस्तक भाई जोध सिंह द्वारा संकलित की गई है और इसमें गुरु नानक देव की मूल वाणी से विभिन्न पद विषयवार संकलित किए गए हैं। नानक बाणी शीर्षक पुस्तक (मंजीत सिंह द्वारा संकलित), गुरु नानक देव के पाँच प्रमुख लेखन (पाँच बनिया) का संकलन है। जन्म साखियाँ अर्थात् जन्म कथाएँ, गुरु नानक की आत्मकथाएँ हैं। साखियाँ गुरु नानक (जगतारजीत सिंह द्वारा संकलित) पुस्तक, गुरु नानक के जीवन की कहानियों पर आधारित है। यह विशेषकर बच्चों के लिए एक सचित्र पुस्तक है। इन पुस्तकों को 15 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किया जा रहा है।  राज्य सरकारों तथा विदेशों में भारतीय नियुक्तवद के साथ मिलकर संपूर्ण देश एवं दुनियाभर में वर्ष 2019 को गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के रूप में भव्य तरीके से मनाया जाए। कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों में से एक प्रमुख निर्णय यह था कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा गुरबाणी का प्रकाशन विभिन्न भारतीय भाषाओं में किया जाएगा तथा यूनेस्को द्वारा गुरु नानक देव की लेखनी का प्रकाशन विश्व की प्रमुख भाषाओं में किया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरि

CBIC की ‘डिन’ प्रणाली आज से अमल में आएगी

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नयी दिल्ली - राजस्‍व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय ने कहा, 'अप्रत्‍यक्ष कर प्रशासन में सबसे पहले डिन का उपयोग किसी भी जांच प्रक्रिया के दौरान जारी समन, तलाशी के लिए अधिकृत करने, गिरफ्तारी पत्रक, जांच नोटिस और पत्रों के लिए किया जाएगा। अब से जीएसटी अथवा सीमा शुल्‍क अथवा केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्‍क विभाग यदि कम्‍प्‍यूटर सृजित डिन के बिना ही कोई पत्र-व्‍यवहार करता है तो वह अमान्‍य होगा। यह कानूनन गलत होगा अ‍थवा ऐसा समझा जाएगा कि इसे कभी जारी ही नहीं किया गया है।' केन्‍द्रीय अप्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) की दस्‍तावेज पहचान संख्‍या (डिन) 08 नवम्‍बर, 2019 से अमल में आ जाएगी। अप्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था से जुड़ी इस क्रांतिकारी डिन प्रणाली का सृजन केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के निर्देश पर हुआ है और अब से सीबीआईसी के किसी भी पत्र-व्‍यवहार इत्‍यादि में दस्‍तावेज पहचान संख्‍या (डिन) का उल्‍लेख करना आवश्‍यक होगा। सरकार ने प्रत्‍यक्ष कर प्रशासन या व्‍यवस्‍था में डिन प्रणाली को पहले ही अमल में ला दिया है। यह अप्रत्‍यक्ष कर प्रशासन में पारदर्शिता तथा जवाबदेही

कोयला खदान दुर्घटनाओं में मौतों के लिए अनुग्रह राशि में 300 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा

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ओडिशा '' मैं कोयला श्रमिकों के लिए खान दुर्घटना में मौत के लिए अस्थायी कर्मचारी के साथ-साथ अनुबंधित कर्मचारियों के मामले में भी अनुग्रह राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा करता हूं।” जोशी ने कहा कि भारत सरकार आम आदमी के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और युवाओं के लिए अधिक रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि महानदी कोलफील्ड्स वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अपनी भूमि गंवाने वाले 4000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध करेगी। कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ओडिशा में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में कोयला खनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कल्याणकारी उपाय देश के आठ राज्यों में कोल इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों के तहत काम करने वाले खनिकों के 3.5 लाख से अधिक परिवारों को कवर करेगा। कोयला एवं खान मंत्री ने ओडिशा में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में तालचेर कोलफील्ड्स के खनन कार्यों का एक हवाई सर्वेक्षण और निरीक्षण किया, जो राज्य में चलने वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की दूसरी

खादी भवन दिल्‍ली की छमाही बिक्री 3.44 करोड़ रुपये अधिक रही

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नयी दिल्ली - इस स्‍टोर ने 02 अक्‍टूबर, 2019 को किसी एक दिन में 1.28 करोड़ रुपये की अब तक की सर्वाधिक बिक्री दर्ज की है, जो 13 अक्‍टूबर 2018 को दर्ज 1.25 करोड़ रुपये की बिक्री के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है। वर्ष 2014 से पहले इस स्‍टोर में किसी एक दिन में सर्वाधिक बिक्री 30 लाख रुपये लेकर 44 लाख रुपये तक रही थी। हालांकि, वर्ष 2015 से ही बिक्री बढ़नी शुरू हो गई और कुल बिक्री 02 अक्‍टूबर 2015 को 91.42 लाख रुपये, 22 अक्‍टूबर 2016 को 1.16 करोड़ रुपये और 17 अक्‍टूबर 2017 को 1.17 करोड़ रुपये दर्ज की गई। ऐसे समय में जब विश्‍व भर के बाजार धराशायी हो रहे हैं,  खादी इंडिया के कनॉट प्‍लेस, नई दिल्‍ली स्थित प्रमुख स्‍टोर ने अपनी बिक्री में 3.44 करोड़ रुपये की अच्‍छी वृद्धि दर्ज की है। दरअसल, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के इस स्‍टोर ने अप्रैल-अक्‍टूबर 2018 में 33.03 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की थी, जबकि चालू वित्‍त वर्ष की समान अवधि (अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019) में इसकी कुल बिक्री 36.47 करोड़ रुपये दर्ज की गई है। उल्‍लेखनीय है कि खादी इंडिया का सीपी स्‍टोर न केवल निरंतर अच्‍छा प्रदर्शन करने में

Modern Educational "MADARSA TAJWEEDUL QURAN" in Delhi

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डाक और तार विभाग भवन निर्माण सेवा P&T-BWS समूह-ए काडर की समीक्षा को मंजूरी

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नयी दिल्ली - डाक-तार विभाग भवन निर्माण सेवा समूह-ए का गठन 1990 में एक संगठित समूह-ए सेवा के रूप में किया गया था। इसकी तीन शाखाएं - सिविल, इलेक्ट्रिक और आर्किटेक्‍चर हैं। यह दूरसंचार विभाग और डाक विभाग के लिए अपनी सेवाएं देता है। इसके कर्मचारियों और अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित संयुक्‍त इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिये किया जाता है। पी एंड टी बीडब्‍ल्‍यूएस के अधिकारी, दूरसंचार विभाग और डाक विभागदूरसंचार विभाग की सार्वजनिक इकाइयों तथा केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और राज्‍य सरकार के स्‍वायत्‍त निकायों में प्रबंधन और प्रशासनिक स्‍तर पर काम कर रहे हैं। 1990 में गठन के बाद से ही इस सेवा काडर की समीक्षा नहीं की गई थी और यह काफी समय से लंबित पड़ी थी। केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने डाक एवं तार विभाग भवन निर्माण सेवा समूह-ए की काडर समीक्षा को मंजूरी दे दी है। इस ड्यूटी के पदों की संख्‍या 105 निर्धारित की गई थी। इनकी समीक्षा से दूरसंचार विभाग और डाक विभाग के मुख्‍यालयों और क्षेत्रीय इकाइयों में काडर गठन को आवश्‍यकताओं के अनुरूप मजबूती मिलेगी। इससे पी एंड टी बीडब्‍ल्‍यूएस श्र

भारत अमेरिका, यूरोपीय संघ के साथ व्यापार अनुबंधों का पता लगा रहा है

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नयी दिल्ली - जापान, कोरिया और आसियान दे शों के साथ मुक्त व्यापार अनुबंधों (एफटीए) की समीक्षा की जा रही है। दक्षिण कोरिया के साथ एफटीए, जो तीन साल पहले शुरू हुआ था उसकी तेजी से समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत ने एफटीए की समीक्षा के लिए पहले ही आसियान से अनुबंध किया है और जापान एफटीए के संबंध में मुद्दों को निपटाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) विचार-विमर्श कर रहा है। केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेल मंत्री  पीयूष गोयल ने यह आश्वासन दिया कि भारत किसी भी व्यापार अनुबंध को जल्दबाजी में अंतिम रूप नहीं देगा। नई दिल्ली में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के बारे में भारत द्वारा लिए गए निर्णय के संबंध में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यापार समझौता वार्ता के दौरान सबसे पहले देश पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक हित और राष्ट्रीय प्राथमिकताएं सबसे पहले आती हैं। किसानों, डेयरी क्षेत्र, एमएसएमई और घरेलू विनिर्माण की चिंताओं का समाधान किया जाएगा और इन क्षेत्रों की सुरक्षा की जाएगी। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि आ

टिकाऊ और मुनाफे की खेती मौजूदा समय की जरूरत

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कोलकाता - कृषि वैज्ञानिक सम्मेलन के संयोजक डॉ जे.पी. शर्मा ने कहा कि “टिकाऊ और मुनाफे की खेती मौजूदा समय की जरूरत है। किसान खेती में उपयुक्त बीजों और खाद एवं कीटनाशकों का संतुलित उपयोग करें तो लागत को सीमित रखने में मदद मिल सकती है। इसय लक्ष्य को हासिल करने में औपचारिक अनुसंधान संगठनों के माध्यम से किसानों को मिलने वाला तकनीकी सहयोग उत्पादन और किसानों की आय वृद्धि में मददगार हो सकता है। इसके लिए कृषि शोधों का लाभ किसानों तक पहुंचाना महत्वपूर्ण है।” कृषि वैज्ञानिक सम्मेलन आईआईएसएफ का एक अभिन्न हिस्सा है। वर्ष 2015 में दिल्ली में पहली बार आयोजित किए गए आईआईएसएफ से अब तक इसका आयोजन लगातार किया जा रहा है। कृषि नवाचार, कृषि विविधीकरण एवं एकीकृत कृषि पद्धति, मूल्य संवर्द्धन, वैल्यू चेन तथा बिजनेस मॉडल्स, टिकाऊ खेती के लिए वैकल्पिक पद्धति, स्मार्ट खेती और पॉलिसी एडवोकेसी जैसे सत्र कृषि वैज्ञानिक सम्मेलन का प्रमुख हिस्सा रहे हैं। इस सम्मेलन में कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थी, छात्र और किसान मुख्य रूप से शामिल होते हैं। वैज्ञानिक तकनीकों के कुशल उपयोग की सही समझ न होने से खेती की लागत बढ़ जाती है और