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इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र नई दिल्‍ली के 32वें स्‍थापना दिवस समारोह

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कला और संस्‍कृति की समाप्‍त हो रही शैलियों के संरक्षण में निभाई जा रही अपनी भूमिका के लिए आईजीएनसीए का अपार महत्‍व है। आईजीएनसीए अपने स्थापना दिवस के अवसर पर सप्ताह भर कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहा है जिसमें शास्त्रीय संगीत प्रदर्शन, सेमिनार, कार्यशालाएं, फिल्म समारोह, प्रदर्शनियां और पुस्तक विमोचन शामिल हैं। नयी दिल्ली - केंद्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने नई दिल्‍ली में इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के 32वें स्‍थापना दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि के तौर पर भाग लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में पटेल ने कहा कि कला और संस्‍कृति की समाप्‍त हो रही शैलियों के संरक्षण में निभाई जा रही अपनी भूमिका के लिए आईजीएनसीए का अपार महत्‍व है। उन्होंने इस अवसर पर 20 नई पुस्तकों और 6 डीवीडी का भी विमोचन किया। इस समारोह में अन्‍य लोगों के अलावा संयुक्त सचिव (संस्कृति) श्रीमती निरुपमा कोतरू, राष्‍ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक, श्री अद्वैत गडनायक और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रदर्शनियों

भारत - उज्‍बेकिस्‍तान ने आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर की

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भारत के गृह मंत्री और उज्‍बेकिस्‍तान के आंतरिक कार्य मंत्री के बीच सुरक्षा संबंधी सहयोग के करार पर दोनों मंत्रियों द्वारा हस्‍ताक्षर भी किए गए। इस करार से संगठित आतंकवाद, अपराध और मानव तस्‍करी का मुकाबला करने सहित, विविध क्षेत्रों में भारत-उज्‍बेकिस्‍तान के बीच सहयोग और मजबूत होंगे।  पुलत बोबोजोनोव 20-23 नवम्‍बर तक भारत के द्विपक्षीय दौरे पर हैं। नई दिल्‍ली - गृह मंत्री अमित शाह और भारत के दौरे पर आए उज्‍बेक के आंतरिक कार्य मंत्री पुलत बोबोजोनोव से मुलाकात हुई। इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों की ओर से आतंकवाद सहयोग, क्षमता निर्माण और भारतीय संस्‍थाओं में उज्‍बेक के सुरक्षा कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण, सीमा की रक्षा, आपदा प्रबंधन सहित पारस्‍परिक हितों के मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत-उज्‍बेकिस्‍तान सामरिक सहभागिता पर विशेष बल देते हुए, दोनों मंत्रियों ने सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच परस्‍पर सहयोग को बढ़ाए जाने  का स्‍वागत किया। दोनों पक्षों की ओर से इस बात की पुष्टि की गई कि  वर्ष 2015 में भारत के माननीय प्रधान मंत्री के उज्‍बेकिस्‍तान दौरे और अक्‍तूबर, 2018 तथा

‘ डिस्‍पाइट द फॉग’ के प्रदर्शन के साथ 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का शुभारंभ

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यह फिल्‍म उन शरणार्थियों की पीड़ा दर्शाती है जिन्‍हें सड़कों पर लाकर बेसहारा छोड़ दिया गया। फिल्‍म में एक रेस्‍टोरेंट के मैनेजर पाओलो को सड़क पर एक आठ साल का बच्‍चा मिलता है और वह उसे अपने घर ले जाने का फैसला करता है। निर्देशक इस बात की पड़ताल करते है कि समाज उस बच्‍चे की मौजूदगी पर कैसी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करता है। गोवा - इतालवी फिल्म ' डिस्पाइट द फॉग' की स्क्रीनिंग के साथ 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का गोवा में शुभारंभ हो रहा है। फिल्‍म के कलाकारों के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्देशक गोरान पास्कलजेविक ने कहा कि यह फिल्म यूरोप के नाबालिग शरणार्थियों से जुड़े  गंभीर मुद्दों पर मंथन करती है। पास्कलजेविक 44 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में जूरी प्रमुख थे। उन्‍होंने कहा, 'यह एक अंतरंग कहानी है। इस विषय पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन यह कहानी इस बारे में है कि यूरोप में लोग शरणार्थियों को स्वीकार करते हैं या नहीं करते हैं और ज्यादातर मामलों में वे शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करते हैं। यह क्षेत्र में प्रचलित भय रूपी कोहरे का

हम डिजिटल युग में रह रहे हैं और कल की जंग सूचना तथा प्रौद्योगिकी के मैदान में भी लड़ी जाएगी -राष्ट्रपति

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केरल -भारतीय नौसेना अकादमी में कैडेटों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की तटरेखा बहुत विशाल है तथा यहां कई द्वीप मौजूद हैं। इन सभी द्वीपों और हमारी तटरेखा का सामरिक महत्व बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि समुद्र के माध्यम से हमारे कारोबार और ऊर्जा की आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा पूरा होता है। इसके मद्देनजर समुद्र की सुरक्षा बहुत आवश्यक है, ताकि जमीन पर आर्थिक तथा आधारभूत विकास और जन-कल्याण सुनिश्चित हो सके। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि हम डिजिटल युग में रह रहे हैं और कल की जंग सूचना तथा प्रौद्योगिकी के मैदान में भी लड़ी जाएगी। उन्होंने आज केरल में एझीमाला स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में ध्वज प्रदान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना अकादमी के तकनीकी स्नातकों से यह उम्मीद की जाती है कि वे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सदैव आगे रहें, ताकि जरूरत पड़ने पर वे बेहतर तैयारी के साथ प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने सभी कैडेटों से आग्रह किया कि वे अकादमी के प्रशिक्षण का भरपूर इस्तेमाल करें और भविष्य की जटिलता तथा अनिश्चितता से भरी दुनिया में बेहतर काम कर सकें।  

मानव सभ्यता को नया आयाम देने का कार्य शिल्पकारों ने ही किया

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लेखक > विजय सिंह बिष्ट शिल्पज्ञान के प्रर्वतक भगवान विश्वकर्मा ने संसार के समस्त प्राणियों को अपनी तूलिका और हस्तकौशल से रचा और बसाया है " विश्वं सर्वकर्म क्रियमाणस्य स: विश्वकर्मा समर्थक " सृष्टि का सृजन जिनकी क्रिया है वह विश्व कर्मा हैं। मानव सभ्यता को नया आयाम देने का कार्य परंपरागत शिल्पकारों ने ही किया है। सभी मनुष्यों के लिए उपकरणों का निर्माण वैदिक काल से विकसित किया गया।अग्नि का अभूतपूर्व आविष्कार जीवन शैली को बदलने और सभ्य सुसंस्कृत करने में सहायक हुआ। मानवीय आवश्यकताओं की दैनिक पूर्ति के लिए शिल्पकारों द्वारा राजाओं से लेकर साधारण किसान तक के लिए उपकरणों का विकास किया। यज्ञ के लिए मिट्टी काष्ठ, तांबा,कांसाऔर सोने चांदी के यज्ञपात्रों से लेकर यज्ञमंडप का निर्माण, राजाओं के लिए अस्त्र शस्त्र,कवच रथों का निर्माण एवं किसानों के लिए हल,फाल,कुदाल,कूटने पीसने के लिए काटने फाड़ने तथा तरासने के लिए छैनी हत्थोड़ी,का निर्माण किया। आज इस को उद्योग कहा जाता है।इसी को पुराने जमाने में शिल्पशास्त्र कहा जाता था। परंपरागत शिल्पकारों ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी इतिहास के पन्न

गांधियन चैलेंज के विजेता 30 बच्‍चे पुरस्‍कृ‍त

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महात्‍मा गांधी के सिद्धांतों को पढ़ने और समझने तथा विश्‍व की नई चुनौतियों के समाधान में उन्‍हें लागू करने के लिए प्रोत्‍साहित करना इस चैलेंज का लक्ष्‍य था। छात्रों के कुछ नवाचारों में एक ऐसा कम लागत वाला उपकरण का डिजाइन शामिल था, जो बंद सीवेज पाइपों को साफ करने में मददगार है और इससे सीवेज कामगारों के काम में आसानी होगी। अन्‍य प्र‍विष्टियों में बुजुर्ग माता-पिता के स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित समाधान का इस्‍तेमाल करना शामिल है। एक मोबाइल एप्‍प के माध्‍यम से दूरस्‍थ स्‍थान से यह जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है। नयी दिल्ली - यूनिसेफ और माई गॉव की सहायता से नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) ने  गांधियन चैलेंज के शीर्ष 30 विजेताओं की घोषणा की, जिसे महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती की स्‍मृति में आयोजित किया गया था। गांधियन चैलेंज में वैश्विक तपन, बढ़ती हिंसा एवं असहिष्‍णुता आदि जैसी विश्‍व की नई चुनौतियों के संदर्भ में गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित समाधानों पर प्रश्‍न पूछे गए थे। छठी से 12वीं कक्षा के छात्रों से दो श्रेणियों – कला एवं नवाचार और विज्ञान एवं प्रौद

रशीद सैदपुरी सैफ़ी की याद में फ्री मेडिकल कैम्प

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