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दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन

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रेट्रोस्पेक्टिव भाग में पहली फिल्म 'पा' दिखाई जाएगी। अन्य दिखाई जाने वाली फिल्में हैं- शोले, दीवार, ब्लैक, पीकू तथा बदला। सिनेमा को सार्वभौमिक माध्यम बताते हुए बच्चन ने कहा कि फिल्में भाषा की सीमाओं से बाहर होती हैं। 'जब हम अंधेरा हॉल में बैठते हैं, तब अपने पड़ोस में बैठे व्यक्ति से कभी भी जाति, नस्ल, रंग नहीं पूछते। हम एक समान फिल्म का आनंद लेते हैं एक तरह के व्यंग्य पर हंसते हैं और समान भावनाओं पर रोते-चिल्लाते हैं।' उन्होंने कहा कि तेजी से खंडित हो रही दुनिया में सिनेमा जैसे कुछ माध्यम ही बचे हैं, जो एकता का दावा कर सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम लोगों को जोड़ने वाली फिल्में बनाना जारी रखेंगे।  गोवा में कला अकादमी में आयोजित दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन किया गया।  इस वर्ष 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्में दिखाई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें इस वर्ष के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईएफएफआई 2019 में अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए एक अलग भाग में अमिताभ बच्चन क

ताजमहल में बेबी फीडिंग रूम स्थापित

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नयी दिल्ली - सरकार ने ताजमहल में बेबी फीडिंग रूम स्थापित किया है और महिला पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए देश के सभी प्रतिष्ठित स्थलों में इस तरह के बेबी फीडिंग रूम स्थापित किए जा रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय कुछ महत्वपूर्ण भारतीय स्मारकों में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगा रहा है। जलियांवाला बाग की घटना के 100वें वर्ष के अवसर पर, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  प्रहलाद सिंह पटेल ने अमृतसर के जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी से युक्त 'कलश' को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा। पटेल द्वारा पवित्र मिट्टी लाई गयी थी, जब उन्होंने ऐतिहासिक जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया था . कलश सौंपने के बाद पटेल ने इस कदम के पीछे के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर पटेल ने कहा कि 'कलश' को राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में रखा जाएगा, जिसे आम जनता देख सकेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत के युवाओं को प्रेरित करेगा कि उनके पूर्वजों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। उन्होंने कह

प्रदर्शनी-IFFI@50 युवाओं तथा बच्चों को शिक्षित और आकर्षित करेगा

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गोवा - प्रदर्शनी में इंटरएक्टिव डिजिटल तरीके से फिल्मों का इतिहास दिखाया गया है। 1950 और 60 के दशक से लेकर 2010 तक फिल्म यात्रा के विभिन्न पड़ावों को दिखाया गया है। यह प्रदर्शनी जनसाधारण के लिए 21 से 28 नवंबर तक सवेरे 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक चलेगी। आईएफएफआई की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शनी IFFI@50 आईएफएफआई की 1952 में स्थापना से लेकर अभी तक की यात्रा को सम्मानित करती है। प्रदर्शनी का उद्देश्य यह दिखाना है कि आईएफएफआई किस तरह विश्व को भारतीय सिनेमा दिखाने में सहायक है और भारत को विश्व सिनेमा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने कहा है कि50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में लगाई गई इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी IFFI@50 बच्चों और युवाओं को आकर्षित करेगी। खरे 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी की इंटरएक्टिव क्षमता के कारण बच्चे और युवा विभिन्न प्रयासों से स्वयं सूचना प्राप्त कर सकते हैं। प्रदर्शनी में फिल्म उद्योग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न नई तक

NFAI का 2020 का कैलेंडर लांच

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कैलेंडर में 24 चित्र शामिल किए गए हैं, जिनमें भारत की विभिन्न भाषाओं की फिल्मों में अभिनेताओं द्वारा उपयोग किए गए यंत्रों का संकलन है। कैलेंडर, दीवार और टेबल के लिए उपलब्ध है और इसे  www.nfai.gov.in पर ऑनलाइन बुकिंग के जरिए खरीदा जा सकता है। कैलेंडर पर एक क्यूआर  कोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने पर चित्र और संबंधित फिल्म की जानकारी मिल सकती है। गोवा - सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में एनएफएआई का 2020 का कैलेंडर लांच किया। उन्होंने कहा कि एनएफएआई का कैलेंडर सभी फिल्म प्रेमियों के लिए संग्रह करने योग सामग्री बनने जा रही है। इस कैलेंडर में भारतीय सिनेमा में उपयोग किए गए संगीतमय वाद्य यंत्रों को दिखाया गया है। इसमें अभिलेख से प्राप्त कुछ दुर्लभ चित्र हैं।  इस अवसर पर जाने-माने फिल्मकार सुभाष घई, शाजी करूण, राहुल रवेल, फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष किरण सांताराम, गोवा के मुख्य सचिव परिमल राय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अपर सचिव अतुल तिवारी, ब्यूरो ऑफ आउटरिच कॉम्युनिकेशन के महानिदेशक श्री सतेन्द्र प्रकाश तथा एनएफएआई के निदेशक प्र

देश भर में UIDAI के 21 ‘आधार’ सेवा केन्‍द्र परिचालन में हैं

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नयी दिल्ली - आधार संबंधी नामांकन नि:शुल्‍क है, लेकिन आधार से मोबाइल नम्‍बर को जोड़ने, घर का पता अपडेट करने जैसे ब्‍यौरे को दर्ज करने के लिए 50 रुपये का नाममात्र शुल्‍क देना पड़ता है। आधार सेवा केन्‍द्र में बेहतरीन टोकन प्रबंधन प्रणाली कार्यरत होती है, जो लोगों को बिना किसी बाधा के नामांकन/अपडेट प्रक्रिया से संबंधित विभिन्‍न चरणों तक ले जाने के लिए उनका मार्गदर्शन करती है। भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने देश भर में 114 एकल (स्टैंडअलोन) आधार नामांकन एवं अद्यतन केन्‍द्रों को खोलने की अपनी योजना के तहत 21 आधार सेवा केन्‍द्रों (एएसके) को परिचालन में ला दिया है। ये केन्‍द्र बैंकों, डाकघरों और राज्‍य सरकारों द्वारा संचालित किये जा रहे 35,000 आधार नामांकन केन्‍द्रों के अलावा हैं। इन केन्‍द्रों में प्रति दिन 1000 तक नामांकन एवं अद्यतन अनुरोधों को संचालित करने की क्षमता है। ये केन्‍द्र सप्‍ताहांत सहित हफ्ते के सभी दिन प्रात: साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक परिचालन में रहेंगे। ये केन्‍द्र केवल सार्वजनिक अवकाश के दिन बंद रहेंगे। यूआईडीएआई ने देश भर में 53 शहरों में 114 आधार स

भारत के यथार्थवादी फिल्मकारों की गुणवत्ता में काफी अधिक गिरावट

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IFFI 2019 में पूरे विश्व की फिल्में दिखाई जा रही हैं। भारतीय पैनोरमा आईएफएफआई का अग्रणी भाग है, जिसमें समकालीन 26 भारतीय फिल्में तथा 15 गैर-फीचर फिल्में दिखाई जा रही हैं। गोवा - नये फिल्मकारों को सलाह देते हुए प्रियदर्शन ने कहा कि अच्छी फिल्म बनाने के तीन सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू हैं- पटकथा, सिनेमोटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन। उन्होंने कहा, 'हमारे समय में कैमरा के पीछे रहना कठिन था। आज कल प्रत्येक व्यक्ति अपनी जेब में कैमरा लेकर चलता है। प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में एक फिल्म है। लोग वही बना रहे हैं जो उनके मस्तिष्क में है, लेकिन ऐसे लोगों में प्रशिक्षण का अभाव है। फील्ड वर्क नहीं दिख रहा है। युवाओं में काफी चिनगारी पाई जा सकती है। प्रशिक्षण और फील्ड वर्क से उन्हें बेहतर फिल्में बनाने में मदद मिलेगी।' गोवा में चल रहे 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) में भारतीय पैनोरमा की फीचर फिल्मों के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष प्रियदर्शन नायर ने निर्णायक मंडल की सदस्य श्रीमती श्रीलेखा मुखर्जी, हरीश भिमानी और विनोद गनात्रा तथा गैर फीचर फिल्म भाग के निर्णायक मंडल की सदस्य श

इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र नई दिल्‍ली के 32वें स्‍थापना दिवस समारोह

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कला और संस्‍कृति की समाप्‍त हो रही शैलियों के संरक्षण में निभाई जा रही अपनी भूमिका के लिए आईजीएनसीए का अपार महत्‍व है। आईजीएनसीए अपने स्थापना दिवस के अवसर पर सप्ताह भर कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहा है जिसमें शास्त्रीय संगीत प्रदर्शन, सेमिनार, कार्यशालाएं, फिल्म समारोह, प्रदर्शनियां और पुस्तक विमोचन शामिल हैं। नयी दिल्ली - केंद्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने नई दिल्‍ली में इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के 32वें स्‍थापना दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि के तौर पर भाग लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में पटेल ने कहा कि कला और संस्‍कृति की समाप्‍त हो रही शैलियों के संरक्षण में निभाई जा रही अपनी भूमिका के लिए आईजीएनसीए का अपार महत्‍व है। उन्होंने इस अवसर पर 20 नई पुस्तकों और 6 डीवीडी का भी विमोचन किया। इस समारोह में अन्‍य लोगों के अलावा संयुक्त सचिव (संस्कृति) श्रीमती निरुपमा कोतरू, राष्‍ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक, श्री अद्वैत गडनायक और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रदर्शनियों