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मांगरोल नगर पालिका में उपाध्यक्ष पद पर एस.डी.पी.आई की कौसर परवीन चुनी गई

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जयपुर / राजस्थान प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया के प्रत्याशियों ने मांगरोल व सांगोद में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और इसी के साथ मांगरोल नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद पर एस.डी.पी.आई की प्रत्याशी कौसर परवीन निर्वाचित हुई। जिससे हाडौती सहित प्रदेशभर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मांगरोल में स्थानीय कमेटी द्वारा मिठाईयां बांटकर व पटाखें फोड़कर जश्न मनाया गया। प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद रिजवान खान ने मांगरोल नगर पालिका में उपाध्यक्ष पद पर कौसर परवीन को निर्वाचित होने पर बधाई दी और इसी के साथ पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को जीत का श्रेय देते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की।     

प्रियंका रेड्डी के साथ दुष्कर्म एवं हत्या पर एनएमसी ने की कड़ी निंदा, उठायी न्याय की मांग

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नई दिल्ली : तेलांगना राज्य के हैदराबाद में पशु चिकित्सक डॉ. प्रियंका रेड्डी के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने की वीभत्स घटना पर एनएमसी ने कड़ी निंदा की साथ ही एनएमसी की संस्थापिका एवं वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा पांड्या ने इस प्रकरण पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि हैदराबाद में डॉ. प्रियंका रेड्डी की निर्मम हत्या के बारे में सुनकर मुझे बेहद पीड़ा, गुस्सा और स्तब्ध हूं. साथ ही श्रीमती पांड्या ने कहा कि मेरा दिल उस पीड़ित परिवार और ऐसी लाखों लड़कियों के साथ है व शासन एवं प्रशासन पर खफा होते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के मामलों को समय पर न्याय नहीं देकर हमने अपने समाज को कितना अमानवीय और असुरक्षित बना दिया है जोकि वाकई में घोर निंदा का विषय है. इसी कड़ी में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान ने भी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बोले कि ऐसा कृत्य करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि लोगों को एहसास हो कि गलत काम का अंजाम क्या होता है एवं आगे उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से मांग की कि मृतक को न्याय मिलना चाहिए व उसके परिवार को भरपूर सहयोग एवं सुरक्षा भी अनिवार्य रूप से मुहैया क

प्राइवेट लेबल के माध्यम से एफडीआई नीति का उल्लंघन

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नयी दिल्ली / अमेज़ॅन ने अपने पसंदीदा उत्पादों और ब्रांडों का पक्ष लेने के लिए अपने पोर्टल पर सर्च सिस्टम को बदल दिया जिसके कारण कोई भी वास्तु खोजने पर अमेज़न के पसंदीदा विक्रेताओं का नाम पहले आता है ! अमेज़ॅन की बिक्री का 4% इसके निजी लेबल से आता है और यह एक उच्च-मात्रा, उच्च मार्जिन वाला व्यवसाय है जो अपनी सोर्सिंग ताकत और ग्राहक खरीद डेटा संकलन से अमेज़न को मनमानी करने का रास्ता देता है !चूंकि लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन अमेज़न द्वारा प्रमुख रूप अपने पसंदीदा विक्रेता क्लाउडटेल और अप्पेरियो द्वारा नियंत्रित किया कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजकर हाल ही में केन द्वारा जारी एक मीडिया स्टोरी की ओर ध्यान दिलाया है जिसमें बहुत ही स्पष्ट तरीके से अमेज़न द्वारा एफडीआई पालिसी का घोर उल्लंघन करते हुए प्राइवेट लेबल के सामान की बिक्री किये जाने का सत्य सामने लाया गया है ! कैट ने कहा है की उपरोक्त मीडिया स्टोरी कैट द्वारा अमेज़न और फ्लिपकार्ट के एफडीआई पालिसी के उल्लंघन के आरोप की पुष्टि करती है जिससे न केवल सरकार को चकमा दिया जा र

माल्या-अडानी के लिए पैसा है, किसान के लिए नहीं - पी साईनाथ

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वाराणसी । देश के जाने-माने पत्रकार पी.साईंनाथ ने इस बात पर चिंता जताई कि भारत में किसानों की आमदनी तेज़ी से कम हो रही है। किसान अपने ही खेतों में मज़दूर की तरह हो गए हैं जो कॉरपोरेट के फ़ायदे के लिए काम कर रहे हैं।  साईनाथ पराड़कर भवन में पत्रकारों पर होने वाले हमलों के खिलाफ गठित समिति काज की उत्तर प्रदेश इकाई की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में बोवल रहे थे। ग्रामीण इलाकों में पत्रकारिता के बुनियादी सवालों को उठाते हुए आंचलिक इलाकों के पत्रकारों की समस्याओं को रेखांकित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले पत्रकार सही मायने में काम कर रहे हैं। हमले भी इन्हीं पत्रकारों पर हो रहे हैं। हाल के सालों में जितने में पत्रकारों की हत्याएं हुईं उनमें सभी ग्रामीण पत्रकार थे और वो क्षेत्रीय भाषाओं में काम करते थे। अंग्रेजी अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों पर हमले होते ही नहीं। देश में ऐसा कोई भी आंकड़ा मौजूद नहीं है। सियासी दल और माफिया गिरोह अंचलों में काम करने वाले पत्रकारों को ही निशाना बनाते रहे है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने पत्रकारों को सतर्क रहने की बात क

स्कूल के शिक्षकों के लिए एजुकेशनल इनिशिएटिव्स पी आई एस ए रैंकिंग में सुधार के लिए सम्मेलन आयोजित

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चंडीगढ़ / पी आई एस ए रैंकिंग में सुधार के लिए भारतीय छात्रों को कौशल और वैचारिक शिक्षा का मजबूत आधार बनाने की आवश्यकता है। इस जरूरत की पहचान के बाद भारत का पसंदीदा शैक्षणिक समाधान प्रदाता एजुकेशनल इनिशिएटिव्स चंडीगढ़ में सम्मेलन का आयोजन किया गया । स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को लक्षित करते हुए यह सम्मेलन पी आई एस ए 2021 पर केंद्रित रहा । इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि पी आई एस ए के लिए तैयार होने के लिए अच्छे प्रश्न पूछने की ताकत का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।  अपने विश्व-स्तरीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त छात्रों के मूल्यांकन और बेंचमार्किंग कार्यक्रमों- शिक्षक मूल्यांकन और जरूरतों को पहचानने के साथ ही परीक्षाओं व शैक्षणिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हुए  एजुकेशनल इनिशिएटिव्स कक्षा 6-9 के छात्रों को पी आई एस ए के लिए तैयार होने में मदद कर सकता है। एजुकेशनल इनिशिएटिव्स के ए एस एस ई टी (असेट) टेस्ट को यू ए ई के शिक्षा मंत्रालय और दुबई के ज्ञान व मानव विकास प्राधिकारी ने देश के सभी भारतीय स्कूलों के लिए अनुमोदित किया है। यह स्कूलों की बेंचमार्किंग के लिए

ऊबर ने 50,000 ड्राईवर पार्टनर्स को जेंडर-बेस्ड हिंसा के बारे में जागरुक किया

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नयी दिल्ली / उद्योग में सुरक्षा के सर्वोच्च मापदंड स्था पित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत, दुनिया की सबसे बड़ी ऑन-डिमांड राईड-शेयरिंग कंपनी, ऊबर ने दिल्ली स्थित एनजीओ मानस फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। यह एनजीओ मैंटल हेल्थ, जेंडर ईक्विटी व न्याय के क्षेत्र में पिछले 15 सालों से काम कर रही है। इस एनजीओ के साथ साझेदारी में ऊबर ने इस साल आठ शहरों में 50,000 से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर्स के लिए जेंडर सेंसिटाईज़ेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया हैं, जिनमें 14000 से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर दिल्ली में हैं।  'इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट वूमैन' के मौके पर जेंडर-बेस्ड हिंसा के खिलाफ 16 दिनों की एक्टिविज़्म शुरू हुई। ऊबर ने इस कार्यक्रम का प्रसार करने का संकल्प लिया है, जिसे काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा ड्राईवर पार्टनर्स को इस अभियान का एक्सपोज़र प्रदान करना है। ऊबर का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा सारे देश की विस्तृत समस्या है। इस समस्या का समाधान सहयोगात्मक दृष्टिकोण से करने की जरूरत है। ऊबर ऐप का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति की सु

आधार,10 वर्षों के बाद : भारत के अनूठे डिजिटल पहचान के सबसे बड़े सर्वेक्षण की 10 बातें 

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स्टेट ऑफ़ आधार 2019 की स्थिति को लेकर तैयार की गयी रिपोर्ट देश भर में किये गए अध्ययन पर आधारित है, जिसमें देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 167,000 परिवारों के अनुभवों और विचारों का लेखाजोखा है। आधार राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर का सबसे बड़ा डिजिटल पहचानपत्र   है और यह आधार के प्रयोग का सबसे बड़ा बुनियादी डाटासेट है ।  नई दिल्ली  : अग्रणी सामाजिक प्रभाव के सलाहकार समूह, डालबर्ग ने 'स्टेट ऑफ़ आधार: ए पीपुल्स पर्सपेक्टिव रिपोर्ट' (आधार की स्थिति : जनविचार) रिपोर्ट को जारी किया, जिसमें आधार के अध्ययन के डाटा आधारित विचार हैं जो इसके आंतरिक बातों को समझने में सहायक हो सकते हैं।   आधार भारतीय नागरिकों के लिए एक सार्वजनिक पहचान कार्यक्रम है और इस अध्ययन से पता चलता है की लोगों का अनुभव इसे लेकर कैसा रहा - इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है , कैसे अपडेट करते हैं और सार्वजनिक और निजी सेवाओं के लिए इसका कैसे उपयोग होता है , और साथ ही इसके इस्तेमाल से जुडी उनकी व्यापक संवेदनाएं और विश्वास क्या है। साथ ही यह डाटा बताता है कि आधार की कौन सी बातें जरूरी है