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रोहतांग दर्रे के नीचे बनी सुरंग का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया

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8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी।  साथ ही इससे परिवहन का खर्च भी कई करोड़ रूपए कम हो जाएगा। यह 10.5 मीटर चौडी दो लेन वाली सुरंग है। इसमें आग से सुरक्षा के सभी उपाय मौजूद हैं साथ ही आपात निकासी के लिए सुरंग के साथ ही बगल में एक और सुरंग बनायी गयी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान के सम्‍मान स्‍वरूप रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्‍व की सुंरग का नाम उनके नाम पर रखने को मंजूरी दे दी है। सुरंग को नया नाम 25 दिसंबर 2019 को वाजपेयी की जंयती के अवसर पर दिया गया , रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्‍व की सुरंग  बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला  3 जून 2000 को लिया गया था जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। सुंरग के दक्षिणी हिस्‍से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी।  इसके निर्माण के दौरान सीमा सड़क संगठन को कई तरह की भौगोलिक और मौसब संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खासतौर से सेरी नाला फॉल्‍ट जोन के 587 मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य का

अटल भूजल योजना 7 राज्यों के 8350 गांवों में लोगों तक पहुँचाया जाएगा

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नयी दिल्ली - अटल जल योजना पर प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि जल का विषय वाजपेयी जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उनके हृदय के बहुत निकट था। हमारी सरकार उनके विजन को कार्यान्वित करने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जल योजना या जल जीवन मिशन से संबंधित दिशा-निर्देश 2024 तक देश के प्रत्येक घर में पानी पहुंचाने के संकल्प की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि यह जल संकट एक परिवार, एक नागरिक और एक देश के रूप में हमारे लिए बहुत चिंताजनक है और यह विकास को भी प्रभावित करता है। नवीन भारत को हमें जल संकट की प्रत्येक स्थिति से निपटने में तैयार करना है। इसके लिए हम एकजुट होकर पांच स्तरों पर कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जल शक्ति मंत्रालय ने जल को वर्गीकृत दृष्टिकोण से मुक्त किया और एक व्यापक तथा समग्र दृष्टिकोण पर बल दिया। हमने देखा है कि जल शक्ति मंत्रालय से समाज की तरफ से जल संरक्षण के लिए कितने व्यापक प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ जल जीवन मिशन प्रत्येक घर में पाइप जलापूर्ति पहुंचाने की दिशा में कार्य करेगा और दूसरी ओर अटल जल योजना उन क्षेत्र

कारवां फाऊंडेशन का "नेकी की दीवार" का बढ़ता कारवां

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नयी दिल्ली - धार्मिक एकता की मिसाल बन चुकी कारवां फाऊंडेशन द्वारा पश्चिमी दिल्ली के चाणक्य प्लेस में एक और नेकी की दिवार की शुरुवात की गई है। गौरतलब है कि मधुविहर, महावीर एन्कलेव और पालम के बाद चाणक्य प्लेस में यह चौथी नेकी की दिवार की शुरुआत की गई है।  इसकी शुरुआत कारवां फाऊंडेशन व दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग सलाहकार समिति सदस्ये रईस अहमद ने समाजसेवी अख्लाक़ अहमद खान व रज़्ज़ाक खान के साथ की। इस मोक़े पर रईस अहमद ने बताया कि पिछ्ली तीन नेकी की दिवारों से एक महिने में दौ हज़ार से ज़्यादा कपड़े जरुरतमंद लोगों द्वारा ले जाये जा चुके हैं। कारवां फाऊंडेशन की तरफ से यहाँ गर्म कपड़े मुहय्या कराये जा रहे हैं। जिन्हें ज़रूरत होती है वो अपने लिए कपड़े ले जाते हैं और जिनके पास ज़रूरत से ज़्यादा हो वो लाकर रख देते हैं। जबकि रज़्ज़ाक खान ने बताया कि इस क्षेत्र में काफी गरीब जरुरतमंद लोग रहते हैं बढ़ती ठंड में इस दिवार की बहुत ज़रूरत थी, इस तरह की दिवार आने वाले वक़्त में बहुत कारगर साबित होगी।  इस मौक़े पर दीन दयाल गिरि, राकेश अग्रवाल, सुरेश सिंघल, एस. के. मुमताज, गुलाम सरवर, राशिद जमाल, सुहैल मन्सूरी, जमील त्या

इतिहास बनते नहीं बनाये जाते हैं

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लेखक > विजय सिंह बिष्ट  महाभारत और रामायण की रचना वेद व्यास और तुलसीदास जी की एक अमूल्य रचनाएं हैं। जो हमारे देश ही नहीं विश्व में अपनी प्रसिद्ध को बनाए रखती हैं। रामचंद्र जी सतयुग में और कृष्ण त्रेता में पैदा हुए थे। लेकिन तुलसी की रामचरितमानस पंद्रहवीं शताब्दी में लिखी गई। रामायण के समस्त पात्रों का चित्रण तुलसीदास जी अपनी अभिव्यक्ति है। जिसको उन्होंने अपनी लेखनी से सादृश्य रूप में संजीव चित्रित किया है।वह पाठक और श्रोता पर आज भी राम लीला मंचन की तरह  चित्रों को उकेर देता है। इसी प्रकार महाभारत में समस्त पात्रों और योद्धाओं का चित्रण  चित्रपट और टीवी पर चित्रित किया जाता है। सूरदास जी रचित सूरसागर के पात्र भी कृष्ण लीलाओं का वर्णन उनकी दिव्य चक्षुहीन कल्पनाओं का अंकन करता है। उनके उद्भव भी गोपियों की विरह लीला कल्पना की उत्प्रेष्ठा को ही आमंत्रित करती हैं। पृथ्वीराज रासो चंद्र बरदाई भाट , मृगनयनी की कथा वस्तु लेखक की अपनी कल्पना और उनके कृतित्व को उल्लेखित करता है।आधुनिक हिंदी साहित्य के सृजन में मुंशी प्रेमचंद की कहानियां अपना अमूल्य छाप ही नहीं छोड़ती वरन तात्कालिक समय का जीता ज

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS के लिए मोदी सरकार ने दी मंज़ूरी

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4 स्टार जनरल के रैंक का होगा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ का पद

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15 अगस्‍त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था, 'भारत में खंडित दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए। हमारी पूरी सैन्य शक्ति को एकजुट होकर काम करना होगा और आगे बढ़ना होगा। सभी तीनों सेवाओं को एक साथ एक ही गति से आगे बढ़ना चाहिए। अच्छा सामंजस्‍य होना चाहिए और यह देशवासियों की आशा एवं आकांक्षाओं के लिए प्रासंगिक होना चाहिए। यह विश्‍व भर में बदलते युद्ध और सुरक्षा परिदृश्‍य के अनुरूप होना चाहिए। इस पद (सीडीएस) के सृजन के बाद तीनों ही सेनाओं को शीर्ष स्तर पर प्रभावशाली नेतृत्व सुनिश्चित होगा।' केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए देश में उच्च रक्षा प्रबंधन में जबरदस्त सुधार के साथ 4 स्टार जनरल के रैंक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ का पद सृजित करने की मंजूरी दे दी है, जिनका वेतन और अतिरिक्त सुविधाएँ सर्विस चीफ के बराबर होंगी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ सैनिक मामलों के विभाग (डीएमए) का भी प्रमुख होगा, जिसका गठन रक्षा मंत्रालय के भीतर किया जाएगा और वह उसके सचिव के रूप में कार्य करेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के नेतृत्व में सैन्य मामलों का विभाग इन क्षेत्रों

भारत की पहली ‘सीएनजी बस’ का अनावरण :1000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है

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नयी दिल्ली - कई अन्‍य देशों की तुलना में भारत प्रदूषण फैलाने वाला देश नहीं है, बल्कि एक जवाबदेह राष्‍ट्र है। प्रधान ने कहा कि सरकार गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में ऊर्जा से जुड़ी अवसंरचना में 100 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल, सीएनजी और एलएनजी की घर-घर डिलीवरी शुरू करना चाहती है, जैसा कि मोबाइल डिस्पेंसर द्वारा डीजल के लिए किया जा रहा है। भारत को गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था बनाने और सीएनजी को देश में लंबी दूरी के आवागमन का पर्यावरण-अनुकूल विकल्‍प बनाने की दिशा में एक प्रमुख कदम उठाते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व इस्‍पात मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत की लंबी दूरी तय करने वाली प्रथम सीएनजी बस का अनावरण किया। इसमें संयोजित (कंपोजिट) सीएनजी सिलेंडर लगाए गए हैं, जो एक बार पूरी तरह सीएनजी से भर जाने पर लगभग 1000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर सकती है। इस परियोजना को इन्‍द्रप्रस्‍थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने कार्यान्वित किया है और यह उपलब्‍धि‍ बसों में उत्‍कृष्‍ट डिजाइन वाले टाइप-IV  संयोजित सिलेंडरों के