संदेश

दीक्षांत संस्था द्वारा निस्वार्थ एवं निःशुल्क कार्य अत्यन्त सराहनीय

चित्र
कानपुर - दीक्षांत सामाजिक संस्था द्वारा गोद लिए प्राथमिक विद्यालय किदवई नगर विद्या मन्दिर किदवई नगर कानपुर में स्वास्थ परीक्षण, आत्मरक्षा, शिक्षक,अभिभावक छात्र / छात्राओं ने उत्साह पूर्वक बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया साथ ही मतदाता शपथ कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक महेश त्रिवेदी ने प्राथमिक विद्यालय में अध्यनरत छात्र/छात्राओं के अभिभावकांे की समस्या को सुनकर उनके निवारण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने हेतु जन सुनवाई के माध्यम से किया।  उन्होनेे कहा कि दीक्षांत संस्था द्वारा किये जा रहे निस्वार्थ एवं निशुल्क कार्य अत्यन्त सराहनीय है। इनके द्वारा किये जा रहे कार्य मन को प्रफुल्लित करते है और इसी प्रकार से समाज की अन्य संस्थाओं को विभाग तथा संस्था से सीख लेनी चाहिए। जन सुनवाई में अधिकांश समस्याए बिजली बिल, आवास तथा व्यक्तिगत स्वास्थ से सम्बन्धित थी। इस अवसर पर समाज कार्य विभाग कानपुर विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डा0 सन्दीप कुमार सिंह ने शासन एवं शासन एवं राजभवन के निर्देशों के अनुरूप पढ़े कानपुर बढे कानपुर पर विस्तृत चर्चा की तथा बच

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के सभी स्कूलों में गणतन्त्र दिवस धूमधाम से मनाया गया

चित्र
नयी दिल्ली - दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पश्चिमी क्षेत्रों के सभी स्कूलों में गणतन्त्र दिवस धूमधाम से मनाया गया । रजापुर खुर्द नम्बर स्कूल के कार्यक्रम की कुछ झलकियां । विद्यालय में अभिभावकों ने भी अध्यापकों के साथ मतदान करने की शपथ ली । रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से नन्हे बच्चों ने सब का मन मोह लिया ।  क्षेत्रीय कार्यालय से विद्यालय निरीक्षक महेश चंद्रा ने कार्यक्रम में शिरकत की। प्रधानाचार्या व सभी  अध्यापक / अध्यापिकाओं व बच्चों ने बहुत मेहनत से कार्यक्रम को सफल बनाया।

एकता का मूलमंत्र ही गणतन्त्र है

चित्र
सुषमा भंडारी एकता का मूल मंत्र जान लो  भारती होने का तन्त्र जान लो । देश की लिये ही जीना मरना हो पूर्णतः स्वतन्त्र हो ये जान लो ।। शत्रु है वो देश का जो चाहता विनाश है ना ही उसकी धरती है ना ही आकाश है दुश्मनों से कर रहा मुकाबला जो बिन डरे गहरे अँधियारे का प्रकाश वो प्रकाश है।   एकता की' ढाल को सम्भाल लो प्यार को हृदय में तुम पाल लो। कोई कुछ बिगाड पायेगा नहीं दिल से नफरतोंं को तुम टाल लो।।

लोकतंत्र का पर्व गणतंत्र दिवस

चित्र

विश्वविद्यालयों में प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर पीठों की स्थापना की जाएगी

चित्र
नयी दिल्ली - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 10 पीठों का गठन करेगा, ताकि अनुसंधान गतिविधियों के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा सके। इस पहल को ‘विश्वविद्यालयों में पीठों की स्थापना’ का नाम दिया गया है। इसके तहत प्रशासन, कला, विज्ञान और सामाजिक सुधार में प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर पीठों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सहायता देगा। इस पहल से उच्च शिक्षा के लिए देश की बालिकाओं और महिलाओं को प्रेरित करने की योजना है।         प्रति पीठ के लिए प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये का वित्तीय प्रस्ताव किया गया है और सभी 10 पीठों की स्थापना के लिए हर वर्ष लगभग 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। आरम्भ में 5 वर्षों की अवधि के लिए पीठों की स्थापना की जाएगी।       पीठों की अकादमिक गतिविधियों में अनुसंधान को शामिल किया गया है, जिसके तहत अध्ययन के क्षेत्र में ज्ञान को बढ़ावा देना, जन-नीति बनाने में विश्वविद्यालय/अकादमिक संस्थानों की भूमिका को मजबूत करना और उच्च शिक्षा में अध्यापकों के लिए अल्पकालीन क्षमता निर्माण कार्यक्रम तैय

हाइड्रोपोनिक्स फल और सब्ज़ियाँ ऑनलाइन/ डिजिटल बाजार में

चित्र
नयी दिल्ली :  खाद्य पदार्थ का कारोबार करने वाली कंपनी डी एस ग्रुप ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से उत्पादित ताजे फल और सब्जियों के लिए नया ब्रांड ‘नेचर मिरेकल लाँच करने की घोषणा की है। ग्रुप ने नीदरलैंड से तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ, देश में पहले पूरी तरह से स्वचालित हाइड्रोपोनिक ग्लास ग्रीनहाउस की ग्रेटर नोएडा में स्थापना की है। हाइड्रोपोनिक्स पानी में खनिज पोषक तत्वों के समाधान का उपयोग करके पौधों को उगाने की एक कृषि प्रौद्योगिकी है यानि मिट्टी का प्रयोग किए बिना सिर्फ पानी से खेती की जाती है। डी एस ग्रुप ने  ग्रेटर नोएडा में चार हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले ग्लास ग्रीन हाउस को तापमान, आर्द्रता, ईसी / पीएच को नियंत्रित करने और अनुकूलित करने के लिए पूरी तरह से मशीनीकरण किया है, जहां पर विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। ग्रुप का द नेचर मिरेकल के उत्पाद दिल्ली एनसीआर में हाई-एंड रिटेल और आधुनिक ट्रेड स्टोर में उपलब्ध हैं। इन उत्पादों के निर्यात के उद्देश्य से एफएसएसएआई प्रमाणन भी हासिल कर लिया है। ग्रुप ने द नेचर मिरेकल नाम से स्नैकिंग रेंज उतारी है जो अभी

आओ मिलकर कदम बढ़ायें

चित्र
लेखक - विजय सिंह बिष्ट  आओ मिलकर कदम बढ़ायें। नेक कदम हों, रुकने न पायें। बढ़ते रहें,पल पल बढ़ते जायें। सत्य पथ पर से डिगने न पायें। आओ मिलकर कदम बढायें। करते रहें सुकर्म , मुड़ने न पायें। आत्म विश्वास से बढ़ते जायें। विपत्तियों को दूर भगायें। सिर कटे भले, पर पीठ न दिखायें। मातृभूमि रक्षण में जीवन लगायें। प्रगति पथ पर , बढ़ते जायें। आओ मिलकर कदम बढायें। एक एक कर जुड़ते जायें। परहित करके  दिखलायें। सद्भावना हो मन में,द्वेश मिटायें। आओ मिलकर कदम बढायें। राजनीति की चाहे पैनी हो धार। दल बलों की चाहे चले बयार। नहीं बदलेंगे हम, अपना व्यवहार। अपने मातृभाव को सदा बनायें। आओ मिलकर देश बनायें। प्यारा भारत देश हमारा इसकी रक्षा में बलि बलि जायें। आओ मिलकर कदम बढ़ायें।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से बातचीत करेंगे

चित्र
नयी दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 24 जनवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2020 के 49 बाल विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे। ये 49 पुरस्कृत बच्चे देश के विभिन्न राज्यों के हैं,जिनमें एक-एक पुरस्कृत बच्चा जम्मू एवं कश्मीर, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश का है। इन बच्चों ने कला एवं संस्कृति, नवाचार, प्रतिभा, समाज सेवा, खेल और बहादूरी जैसे क्षेत्रों में पुरस्कार प्राप्त किया है। भारत सरकार राष्ट्र निर्माण में बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करती है। उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को मान्यता देकर उनकी उपलब्धियों को पुरस्कृत किया जाता है। इनमें से कुछ बच्चों की उपलब्धियां अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों की शानदार उपलब्धियों के लिए हर वर्ष सरकार उन्हें पुरस्कार प्रदान करती है।  

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार 2020 की घोषणा

चित्र
वर्ष 2020 के लिए, आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र, उत्तराखंड (संस्था श्रेणी में) और कुमार मुन्नन सिंह (व्यक्तिगत श्रेणी) को आपदा प्रबंधन में उनके सराहनीय कार्य के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चुना गया है। संस्था के विजेता होने की स्थिति में, उसे एक प्रमाणपत्र और 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यह नकद पुरस्कार केवल आपदा प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों के लिए विजेता संस्था द्वारा उपयोग किया जाएगा। विजेता के व्यक्तिगत होने के मामले में, उसे प्रमाणपत्र और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। किसी भी आपदा के बाद, कई संगठन और व्यक्ति प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए चुपचाप किंतु प्रभावी तरीके से काम करते हैं। प्रारंभिक चेतावनी, रोकथाम, शमन, तैयारी, बचाव, राहत और पुनर्वास के क्षेत्र में अनुसंधान/ नवाचारों के लिए भी काफी काम किया जाता है। भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए, भारत सरकार ने एक वार्षिक पुरस्कार की स्थापना की है, जिसे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार के नाम से जान

MG मोटर इंडिया ने देश की पहली प्योर इलेक्ट्रिक इंटरनेट एसयूवी ZS EV लॉन्च की

चित्र
नई दिल्ली : एमजी (मॉरिस गैराज) मोटर इंडिया ने बहुप्रतीक्षित भारत की पहली प्योर इलेक्ट्रिक इंटरनेट एसयूवी, जेडएस ईवी, लॉन्च की है, जो 17 जनवरी 2020 की आधी रात से पहले बुक करने वाले ग्राहकों को XX लाख रुपए (एक्स-शोरूम, नई दिल्ली) की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध होगी। जेडएस ईवी एक्साइट अब XX लाख रुपए में जबकि जेडएस ईवी एक्सक्लूसिव XX लाख रुपए में उपलब्ध है। बेस्ट ऑनरशिप अनुभव प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में कार निर्माता ने एमजी ईशील्ड पेश किया है, जो निजी तौर पर रजिस्टर्ड ग्राहकों को कार पर असीमित किलोमीटर के लिए 5 साल की मैन्यूफेक्चर वारंटी और बैटरी पर 8 साल /150 हजार किमी वारंटी प्रदान करता है। यह निजी तौर पर रजिस्टर्ड कारों के लिए 5 साल की अवधि के लिए राउंड-द-क्लॉक रोडसाइड असिस्टेंस (आरएसए) प्रदान करता है, साथ ही 5 लेबर-फ्री सर्विसेस भी देता है। जेडएस ईवी एक रुपए प्रति किलोमीटर (100,000 किलोमीटर तक दिल्ली-एनसीआर में लागू बिजली दरों के साथ-साथ पार्ट्स, कंज्यूमेबल्स, लेबर और टैक्स सहित बचावात्मक रखरखाव के आधार पर) से कम की रनिंग कॉस्ट के साथ आती है। यह 3 साल के लिए 7,700 र

जयपुर बुकमार्क का शुभारम्भ :दुनिया भर से बुक इंडस्ट्री के स्टॉक होल्डर्स एकत्र

चित्र
जयपुर : प्रत्येक जनवरी, जब पूरी दुनिया जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शब्दों का जश्न मनाने आती है, तब फेस्टिवल के समानांतर चलने वाले जयपुर बुकमार्क में प्रकाशन के दिग्गज इकट्ठा होते हैं| जयपुर बुकमार्क, वेयर बुक्स मीन बिजनेस, लेखकों, साहित्यिक एजेंट्स, अनुवादकों, प्रकाशकों, डिजाइनर, मार्किट के लोगों, पब्लिसिस्ट, बुकसेलर्स और फेस्टिवल के ऑर्गनाइजर्स के साथ मिलकर प्रकाशन के नए विचारों पर अमल करता है| ये ऐसा प्लेटफार्म है, जहाँ किताबों के व्यावसायिक पहलु पर विचार किया जाता है, इस मंच पर अनुवाद के अधिकारों की भी अदला-बदली होती है, जो हमेशा से जेबीएम का फोकस रहा है| जयपुर बुकमार्क के 7वें संस्करण का आयोजन 22 से 25 जनवरी को किया जायेगा| जयपुर बुकमार्क (जेबीएम) दुनियाभर से बुक इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स को एकत्र करता है| ये संवाद को प्रेरित कर, प्रकाशन से जुड़े सत्रों के साथ ही राउंडटेबल सत्रों के साथ ऐसा मंच देता है, जहाँ आमने-सामने की मीटिंग्स, नेटवर्किंग और बिजनेस संभावनाओं पर बात की जाती है| उद्घाटन संबोधन नोर्वे के राजदूत हेंस जैकब फ्राईडेनले ने दिया| उद्घाटन के समय नीता गुप्ता, नमिता गोखल

"रेत होते रिश्ते" दरकते रिश्तों की,सामाजिक,पारिवारिक जीवन की झलक

चित्र
पुस्तक - रेत होते रिश्ते   (माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत ) लेखिका -- डॉक्टर मुक्ता ,प्रकाशक -पेसिफिक बुक्स इन्टरनेशनल  पृष्ठ -128,मूल्य - ₹ 220/- समीक्षक - सुरेखा शर्मा मैं यहाँ कैसे आ गई ? शायद मेरे पति ने मुझे मृत समझ कर यहां फेंक दिया होगा ताकि उसे क्रिया-कर्म करने से छुटकारा मिल जाए।परन्तु मैं अभागिन बच गई ।शायद मेरे कर्मों का लेखा-जोखा पूरा नहीं हुआ ।न जाने कितने दिन तक दुख सहने हैं ?' ये कुछ अंश हैं लघुकथा संग्रह की कहानी 'सुक़ून की तलाश ' के जो पुस्तक पढ़ने के बाद भी मन मस्तिष्क को कुरेदते रहते हैं। रेत होते रिश्ते की रचनाएँ भाव-भूमि पर रची गई हैं।जो सहज व सरल होने के साथ -साथ वैचारिक रूप से प्रखर और उद्वेलित करती हैं।    ' रेत होते रिश्ते 'संग्रह में 127 लघु भावकथा हैं।जिनमें दरकते रिश्तों की, सामाजिक, पारिवारिक जनजीवन की झलक स्पष्ट मिलती है। ये भावकथाएँ हर वर्ग के  मानव को उसके अस्तित्व से परिचित करवाने में सफल हुई हैं। लेखिका ने अपने लेखन में जीवन में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटनाओं को बहुत ही सहज व सार्थक भावाभिव्यक्ति के बाद हमारे समक्ष यह भावकथा संग

संस्कार :

चित्र
संत कुमार गोस्वामी एक गांव में एक बहुत समझदार और संस्कारी औरत रहती थी।एक बार वह अपने बेटे के साथ सुबह-सुबह कहीं जा रही थी तभी एक पागल औरत उन दोनों मां-बेटे के रास्ते में आ गई और उस लड़के की मां को बहुत बुरा-भला कहने लगी।इस पागल औरत ने लड़के की मां को बहुत सारे अपशब्द कहे लेकिन फिर भी उस औरत की बातों का मां पर कोई असर नहीं हुआ और वह मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गई।* जब उस पागल औरत ने देखा कि इस औरत पर तो उसकी बातों का कोई असर ही नहीं हो रहा है, तो वह और भी गुस्सा हो गई और उसने सोचा कि मैं और ज्यादा बुरा बोलती हूं।अब वो पागल औरत उस लड़के की मां,उसके पति और परिवार के लिए भला-बुरा कहने लगी।लड़के की मां फिर भी बिना कुछ बोले आगे बढ़ते रही।काफी देर भला-बुरा कहने के बाद भी जब सामने से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो पागल औरत थककर लड़के की मां के रास्ते से हट गई और दूसरे रास्ते पर चली गई। उस औरत के जाते ही बेटे ने अपनी मां से पूछा कि मां उस औरत ने आपको इतना बुरा-भला कहा,पिताजी और घर के अन्य लोगों तक के लिए बुरी बातें कही, आपने उस दुष्ट की बातों का कोई जवाब क्यों नहीं दिया?वो औरत कुछ भी जो मन में आया बोलती