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बजट 2020-21 समाज के हर वर्ग का रखा गया ख्याल

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हॉर्टिकल्चर क्षेत्र को सरकार क्लस्टर में बांटकर हर जिले में एक उत्पाद को बढ़ावा देगी। इसकी नई स्कीम लाई गई है। दूध उत्पादन क्षमता 2025 तक दोगुना से ज्यादा बढ़ाने हेतु प्रावधान किया है। नाबार्ड की रिफाइनेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा। बजट में 15 लाख करोड़ रू. एग्रीकल्चर क्रेडिट के लिए रखे हैं। कोई भी किसान परेशानी में नहीं रहे, यह ध्यान में रखते हुए ब्याज सबसिडी के लिए ज्य़ादा प्रावधान किया है। केंद्र सरकार के बजट 2020-21 आम जनता के साथ ही सानोंकि सहित देश के ग्रामीणों की भलाई को प्राथमिकता पर रखा है। नए दशक के पहले बजट से देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछेगा व चहुंमुखी विकास होगा तथा 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डालर की भारतीय अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए 16 सूत्रीय प्लान बनाया गया है। 1.60 लाख करोड़ रू. कृषि एवं किसान कल्याण के लिए तथा 1.23 लाख करोड़ रू. ग्रामीण विकास मंत्रालय हेतु बजट प्रावधान किया गया है।  सरकार गांव, गरीब व किसानों पर पहले से ही विशेष ध्यान दे रही है एवं इस बजट में इन सबके लिए और अधिक सुविधाएं जुटाने के प

हम बाहरी खूबसूरती और आडम्बर से प्रभावित होते हैं

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गुड़गाँव -शिर्डी साईं ग्लोबल फाउन्डेशन के तत्ववाधान में गुड़गाँव स्थित साईं का आँगन मंदिर में 18वें वार्षिकोत्सव के रूप में वसंत उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और भक्तों द्वारा बनाए पेपर फ़ाॅल्डिंग फूलों से पूरे मंदिर को सजाया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि,डाॅ0 चन्द्र भानु सत्पथी, शिर्डी साईं ग्लोबल फाउन्डेशन के फाउन्डर चैयरमैन, ने द्वीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। “मल्टी फैथ पेनोरमा“ के माध्यम से आँगन के भक्तों ने दर्शार्या कि ईश्वर एक है। उड़िसा प्रान्त की प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गायिका, सुश्री स्निती मिश्रा ने अपने मधुर भजनों से सबको भाव- विभोर  किया। गुड़गाँव के परिंदे स्टोरीटैलर थिएटर ग्रुप के फाउन्डर, प्रखर गौतम के निर्देशन में आँगन के भक्तों ने स्वामी विवेकानन्द और राम कृष्ण परंहंस के जीवन पर आधारित एक लघु नाटिका, ”समय की नज़रों से” का बहुत ही खूबसूरती से मंचन किया। टेलीविज़न सीरीयल महाभारत में समय की आवाज देने वाले सुप्रसिद्ध एन्कर और कलाकार, हरीश भिमानी जी ने इस नाटिका में भी समय को अपनी मध

"छोटकी ठकुराइन" नारी सशक्तिकरण पर बनी भोजपुरी फिल्म, बिहार,झारखंड के सिनेमाघरों में

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पटना के वीणा सिनेमा हॉल में  नारी सशक्तिकरण पर बनी बहुत ही सुन्दर भोजपुरी फिल्म " छोटकी ठकुरआइन " रिलीज हो गई । पूरे बिहार एवं झारखंड में 32 सिनेमा घरों में एक साथ प्रदर्शित की गई है । अगले सप्ताह करीब और  10 सिनेमा घरों में रिलीज की जाएगी। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में रानी चटर्जी, सुशील सिंह, यश मिश्रा,अंजना सिंह इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। इस फिल्म के निर्माता आशुतोष सिंह तथा निर्देशक शम्स दुर्रानी हैं । आर० एस० गिरी से बात करने पर इस फिल्म के बारे में उन्होंने बताया कि मुझे भी इस फिल्म में दर्शक एक अलग रूप में और नई भूमिका में देखेंगें । फ़िल्म काफी अच्छी बनी है तथा बिल्कुल साफ सुथरी है.। इस फिल्म को देखने के बाद आपको " नदिया के पार" गंगा किनारे मोरा गाँव " लागी नाही छूटे राम." की याद ताज़ा हो जाएगी । फ़िल्म देखने के बाद जितनी महिलाएं हौल से बाहर निकल रही थी सभी के ज़ुबान पर एक ही चर्चा थी कि  बहुत दिनों के बाद भोजपुरी में एक अच्छी और साफ सुथरी सामाजिक फ़िल्म बनी है.। आर एस गिरी पटना से खास बातचीत हुई उन्होंने कहा यह फिल्म नारी सशक्तिकरण पर बनी

Delhi ओखला के लोगों ने MLA Amanatullah Khan के बारे में कहा

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वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छह ऋतुओं में से एक

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सारण - वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छह ऋतुओं में से एक ऋतु है, जो फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं I अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई हैऔर इसे ऋतुराज कहा गया है। इस ऋतुराज में सरस्वती पूजा का आयोजन धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।  इस अवसर पर बैंड बाजा और लोगों के समूह के साथ सरस्वती पूजा का धूमधाम से समापन हुआ तथा लोगों ने सरस्वती मां से विद्या देने वाली की जय जय कार की नारा लगाया । 

सुमति अपनाने मात्र से कल्याण हो जाएगा

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संत कुमार गोस्वामी एक बार किसी ने तुलसी दास जी से पूछा -- महाराज ! सम्पूर्ण रामायण का सार क्या है ? क्या कोई चौपाई ऐसी है जिसे हम सम्पूर्ण रामायण का सार कह सकते हैं ? तुलसी दास जी ने कहा -- हाँ है, और वह है। जहां सुमति तह सम्पत्ति नाना जहां कुमति तहँ विपत्ति आना जहां सुमति होती है, वहां हर प्रकार की सम्पत्ति, सुख-- सुविधाएं होती हैं और जहां कुमति होती है, वहां विपत्ति, दुःख और कष्ट पीछा नहीं छोड़ते। सुमति थी अयोध्या में। भाई-भाई में प्रेम था, पिता और पुत्र में प्रेम था, राजा-प्रजा में प्रेम था, सास-बहू में प्रेम था और मालिक-सेवक में प्रेम था, तो उजड़ी हुई अयोध्या फिर से बस गई । कुमति थी लंका में। एक भाई ने दूसरे भाई को लात मारकर निकाल दिया। कुमति और अनीति के कारण सोने की लंका राख का ढेर हो गई। गुरु वाणी में आता है। इक लख पूत सवा लख नाती ता रावण घर दीया ना बाती पाँच पाण्डवों में सुमति थी, तो उन पर कितनी विपदाएं आई, लेकिन अंत में विजय उनकी ही हुई और हस्तिनापुर में उनका राज्य हुआ। कौरवों में कुमति थी, अनीति थी, अनाचार था, अधर्म था, तो उनकी पराजय हुई और सारे भाई मारे गए। यदि जीवन को सुखी ब

एनयूजेआई की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में जुटेंगे देशभर के पत्रकार

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जयपुर । नेशनल यूनियन ऑफ  जनज़्लिस्ट्स, इंडिया (एनयूजेआई) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 1 व 2 फ रवरी, 2020 को जयपुर के परशुराम भवन विद्याधर नगर सेक्टर में होगी। इस बैठक में राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश समेत देश भर के सभी राज्यों के प्रतिष्ठित और नामी मीडिया संस्थानों के करीब तीन सौ वरिष्ठ पत्रकार शामिल होंगे। इस आयोजन की समस्त जिम्मेदारी नेशनल यूनियन ऑफ  जर्नलिस्ट्स, इंडिया (एनयूजेआई) से सम्बद्ध जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ  राजस्थान (जार) को दी गई है। जार राजस्थान के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा और प्रदेश महामंत्री संजय सैनी ने बताया कि एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आनन्द बाजार पत्रिका कोलकाता के वाणिज्य संपादक श्री प्रज्ञानंद चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव एवं चौथी दुनिया के प्रभारी श्री शिव कुमार अग्रवाल की सान्निध्य में होने वाली इस दो दिवसीय बैठक में पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया संस्थानों पर बढ़ती पाबंदी, वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट पर कुठाराघात, एनयूजेआई की आगामी द्विवार्षिक बैठक और चुनाव कार्यक्