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"Love You दुल्हिन "  पूरे बिहार में रिलीज़

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अपने काम में माहिर Amiya Kashyap और निर्देशक Manoj Shreepati की फ़िल्म "Love You दुल्हिन "  पूरे बिहार में रिलीज़ हो गई है.. मैथिलि भाषा में बनी यह फ़िल्म अपनी कथा -पटकथा को लेकर खासी चर्चा में है.. कमाल की फ़िल्म बनाई है मनोज श्रीपति ने.. अमिय कश्यप के अब तक के  फ़िल्मी सफ़र में इस फ़िल्म में निभाया गया किरदार सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट है, कमाल का अभिनय है उनका... आप तमाम लोगों से अपील की और कहा अनुरोध है कि  अपने नज़दीकी सिनेमा घरों में जाकर इस फ़िल्म को अवश्य देखें.  फिल्म. चे नवीन सिख युवाओं को मिलेगी यह फिल्म  कुशवाहा बाढ़ त्रासदी पर बनी है श्री राम जानकी फिल्म की प्रस्तुति है या फिल्म मैथिली भाषा में है इस फिल्म के निर्माता विष्णु पाठक  रजनीकांत पाठक है साफ-सुथरी फिल्म बनी है लोगों को अवश्य देखना चाहिए प्रमुख कलाकार विकास झा, प्रतिभा पांडे, आलोक, इंनुश्री, पूजा पाठ, अमित कश्यप, मुकुल लाल अनिल पतंग, भूमि पाल राय, विजय मिश्र आदि कलाकार इस फिल्म में काम किया है  

सफलता उन्हीं को मिलती है जो घुमक्कड़ जिज्ञासा की भावना में खोए रहते हैं

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संत कुमार गोस्वामी मणि भूषण अपने बारे में बताते हैं कि सफलता पूर्ण रूप से उन्हीं को मिलती है जो घुमक्कड़ जिज्ञासा जैसी भावना में खोए रहते हैं।  जगह-जगह घूमने पठन-पाठन उचित कार्य अंजाम देते हैं सफलता मिलने में कतई कोताही नहीं बस सफर में सफलता जरूर मिलते हैं।    मणि भूषण अपने गांव के बारे में बताते हैं गांव का मित्र विकास उसे दुनिया पागल बावरा आदि से जानती थी। आज दांत तले उंगलियां काटते हैं कारण है विकास आज अपने गांव में सर्वाधिक विकास कर क्षणिक समय में सफलता जो अर्जित किया है वस्तुतः अपने जमीनी अस्तर से आसमां तक का सफर तय जो किया......... इसकी लंबी उड़ान युवाओं में ख़ास चर्चा का विषय बना है युवा  दीपक के उसूलों पर चलने को उतारू है l कभी दीपक की उस गांव में लोग आंख बचाकर निकल जाया करते थे आज उसकी बहा वहीं से कतई नहीं चूकते कल दूसरे से मदद मांगने वाला आज जिस मुकाम पर खड़ा हो दूसरे की मदद में अक्सर तत्पर रहता हो बुजुर्गों युवाओं और बच्चों में अच्छा खासा पैठ जमा चुका दीपक लोगों को लघु उद्योग में जॉब देने के साथ बेरोजगारी पन दूर कर  सफलता की विशाल मिशाल पेश किया आज अपने क्षेत्र में अच्छा उद्

लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 22 मार्च को जयपुर में

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जयपुर । लोकतंत्र की सफलता में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण हें,लेकिन बदलते दौर में निष्पक्ष पत्रकारिता गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सुदृढ़ीकृत किए जाने की आवश्यकता है। यह विचार व्यक्त करते हुए एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राजस्थान राज्य शाखा इकाई के अध्यक्ष डॉ.अनन्त शर्मा ने कहा है कि ऐसे समाचार पत्रों को कठिनाई से बचाने के लिए एसोसिएशन विभिन्न कदम उठाएगा। जयपुर में आयोजित एसोसिएशन की राज्य स्तरीय संगोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए उन्होंने इसके लिए एसोसिएशन की राज्य शाखा की ओर से एक हैल्पलाइन चलाए जाने की भी घोषणा की और लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की शक्ति बढ़ाने के लिए विभिन्न समाचारों का सामूहिक नेटवर्क बनाए जाने का एलान किया। इसके तहत चयनित समाचारों को एक साथ विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा ताकि उनकी पहुंच और प्रभाव बढ़ाया जा सके।  बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार अशोक चतुर्वेदी ने केन्द्र सरकार द्वारा पीआईबी एक्ट में किए जा रहे विभिन्न बदलावों का जिक्र किया और कहा कि इसमें

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री एजोले ने लड़कियों के शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए भारत की सराहना की

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नयी दिल्ली - शिक्षा के क्षेत्र में भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की थी। पोखरियाल ने यूनेस्को की महानिदेशक को बताया कि भारत में लड़कियों का पंजीकरण औसत पहली बार लड़कों के पंजीकरण औसत से बढ़ गया है। सुश्री एजोले ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि भारत सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है। यूनेस्को की महानिदेशक सुश्री ऑड्री एजोले ने लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए भारत की सराहना की है। भारत की तीन दिवसीय सरकारी यात्रा पर आई सुश्री एजोले ने कहा कि भारत ने महात्मा गांधी की विरासत के जरिए यूनेस्को के उद्देश्यों और उसके विज़न को प्रभावित किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत और यूनेस्को इन साझा मूल्यों और उद्देश्यों के आधार पर अपने रिश्ते और मजबूत बनाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से अपनी मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि हमारी चर्चा बहुत सकारात्मक रही और यह जानकार मुझे प्रसन्नता हुई कि भारत में समाज के हर वर्ग तक बेहतर शिक्षा पहुंचाने के शानदार प्रयास किए जा रहे हैं।  निशंक ने कहा कि 2030 तक भारत सतत् विकास लक्ष्य प्राप्त करने

यश कुमार की फ़िल्म 'पारो' की शूटिंग जल्द

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निर्माता उपेंद्र कुमार गिरी और लेखक - निर्देशक नीलमणि सिंह की अपकमिंग फिल्म 'पारो' इन दिनों चर्चे में है। वो इसलिए कि फ़िल्म की शूटिंग अप्रैल मे शुरू होने वाली है और इस फ़िल्म में सुपर स्टार यश कुमार लीड रोल में नज़र आने वाले हैं।  दरअसल यह फ़िल्म एक क्यूट सी लव स्टोरी है, जिसे लेकर नीलमणि सिंह आ रहे हैं।  नीलमणि सिंह कहते हैं कि 'पारो' एक बेहतरीन कॉन्सपेट है। यह एक प्रेमकथा के साथ - साथ दर्शकों को मैसेज भी देगी। कहानी का प्लॉट भोजपुरिया समाज से ही है। अभी तो इसका खुलासा करना उचित नहीं होगा। लेकिन इतना तो तय है कि 'पारो' लोगों को रोमांस की एक अलग एहसास से रूबरू करवाएगा। यह फ़िल्म सामाजिक और पारिवारिक होगी। खास कर महिलाएं इस फ़िल्म को पूरे परिवार के साथ मिलकर आनंद ले पाएंगे। हमें फ़िल्म से काफी उम्मीदें हैं और हम इसके लिए जोर शोर से काम कर रहे हैं।  आपको बता दें कि 'पारो' का निर्माण उपेंद्र फिल्म्स क्रिएशन द्वारा किया जा रहा है। फिल्म में गीत प्यारे लाल यादव के होंगे और संगीत धनंजय मिश्रा का। फ़िल्म में यश कुमार और देव सिंह हैं । 8 गानों वाली इस लव स्टोरी में डां

अक्सर बुराई तभी पनपती है जहां उम्मीदें ज्यादा हो

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संत कुमार गोस्वामी आज सुबह-सुबह वह अपने मूड का ख्याल किए बिना   चिंता के गर्त में डूबते चले गए। लगभग 2 घंटे चिंताओं का  सिलसिला उनके दिमाग को थका दिया उसके बाद एक बात उनके मन में आया। काश हमें भी सब कुछ होता  सारे जहां की खुशियां मेरे पास होती ऐसे पुला वी पकवान मन में बुनते रहे तब तक पुतुल गिरी ने आवाज लगाई सूरज ......सूरज भाई उठो सुबह के 8:00 बज गए हैं इस सारी बातें सूरज की दिमाग की गतिविधि को पुतुल समझ गई हर रोज की तरह आज भी दिमाग मन को थका रहे  हैं...... फिजूल व्यर्थ की चिंता उनको हर रोज कमजोर व चिरचिरा बना दिया है l पुतुल जानते हो सूरज किसी का परवाह नहीं करता बस उम्मीदें ज्यादा करने से किसी पर पूरा ना होने के कारण भरोसा भी टूट जाता है आदमी आदमी से दूर होते चला जाता है जानते हो ऐसा क्यों होता है समझा दो मुझे पुतुल बहन...... पुतुल गुस्से में जानती है सूरज भाई इस काम के सिवा तुम्हें कुछ सूझता नहीं बस एक ही रट लगाए रहते हो कोई मेरे काम आता नहीं आएगा भला कैसे यह बातें पुतुल सूरज को समझाती हुई बोली अक्सर हम तभी टूटते हैं जब किसी पर ज्यादा भरोसा करने लगते हैं यही कारण है आप सूरज भाई ज्याद

अचानक हृदय गति बंद होने की स्थिति में इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डेफ़ीब्रिलेटर मशीन हृदय वक्ष-स्थल में रोपित कर जान बचायी जा सकती है

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"सडेन कार्डियक अरेस्ट (अचानक हृदय गति का बंद होना) अकाल मृत्यु के पूर्व की ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति बेहोश हो जाता है। और दो या तीन मिनट के अंदर उस व्यक्ति का इलाज न शुरू किया जाए तो उसकी अकाल मौत हो जाती है, " यह कहना है डॉ कार्तिकेय भार्गव का जोकि मेदांता हार्ट इंस्टीट्यूट में ऐसोसिएट डायरेक्टर, इलेक्ट्रो-फ़िज़ियोलॉजी एवं पेसिंग के पद पर कार्यरत हैं। प्रस्तुत हैं उनके साथ किये गये साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश : प्रस्तुति – ज्ञानभद्र प्रश्न : सडेन कार्डियक अरेस्ट (अचानक हृदय गति का बंद होना) की वजह से अकाल मृत्यु की दर काफ़ी बढ़ गयी है। कृपया हमारे पाठकों को इससे बचने की इलाज-प्रक्रिया बताएं। उत्तर : सडेन कार्डियक अरेस्ट, जैसा कि नाम से विदित है, इस स्थिति में अचानक दिल काम करना बंद कर देता है। दिल की धड़कन-गति काफ़ी तेज़ हो जाती है। व्यक्ति बेहोश हो जाता है। दो या तीन मिनट के अंदर उसका इलाज न शुरू किया जाए, तो उसकी अकाल मृत्यु हो जाती है।  ऐसा आवश्यक नहीं है कि हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति ही सडेन कार्डियक अरेस्ट की गिरफ़्त में आते हैं। वस्तुतः ऐसे व्यक्ति भी, जिनके दिल की धड़