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जीएसटी में सुधार के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की सलाहकार समिति गठित की

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कैट के अतिरिक्त  एसोचैम ,फिक्की, पीएचडी चैंबर, नैस्कॉम,लघु उद्योग भारती और राजस्थान टैक्स कंसल्टेंट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को सदस्यों के रूप में लिया गया है। इसके अलावा, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया एवं टैक्स विशेषज्ञों को भी समिति में प्रतिनिधित्व दिया गया है। जीएसटीएन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सेवा) समिति के सदस्य सचिव होंगे ! नयी दिल्ली - कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं अन्य संगठनों द्वारा जीएसटी कर प्रणाली में व्यापक सुधार के लिए एक संयुक्त समिति गठित करने की मांग को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर जीएसटी नेटवर्क ने कर संरचना के सरलीकरण और युक्तिकरण के लिए जीएसटी नेटवर्क में एक उच्च स्तरीय परामर्श समिति का गठन किया गया है जिसमें व्यापार और उद्योग, संस्थान, कर  विशेषज्ञ, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारी, कुछ राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और जीएसटी नेटवर्क के अधिकारी शामिल होंगे । समिति जीएसटी प्रणाली में नई कार्यक्षमता और नए आईटी टूल्स को अपनाने पर प्रत

"परिदृश्य चिन्तन के" जीवन को सकारात्मकता ऊर्जा से परिपूर्ण करने वाला लघुकथा संग्रह "

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'पुस्तक- परिदृश्य चिन्तन के   लेखिका- डाॅ• मुक्ता ,पृष्ठ संख्या -152 प्रथम संस्करण-2019,मूल्य -250/-                                                                                                              प्रकाशक- दीपज्योति ग्रुप आॅफ पब्लिकेशन ,महावीर मार्ग,अलवर-301001. समीक्षक / साहित्यकार सुरेखा शर्मा          ' देखना है ग़र  मेरी उड़ान को तो ऊँचा कर दो आसमान को ।'                                                                                                                           इस विचारधारा के साथ लेखिका की लेखनी चली है एक चिंतक के रूप में।उनका मानना है कि इनसान  चिन्ता की जगह चिन्तन को यदि जीवन का मूलमंत्र स्वीकार कर ले, तो उसके जीवन में दु:ख, अवसाद व असफलता दस्तक दे ही नहीं सकते। ज़िन्दगी के दांव-पेंचों को बहुत निकटता से देखते हुए, समझते हुए, चिन्तन करते हुए लेखिका ने अपनी लेखनी के माध्यम से महापुरुषों  के वचनों को, सूक्तियों को, कहावतों व अनुभवों को आधार बनाकर 'परिदृश्य चिन्तन के' रूप में पुस्तक रूप में लिपिबद्ध किया है। एक-एक विषय जीवन का पाठ पढ़ाता

हरिद्वार में महाकुम्भ मेला 2021 शाही स्नान को लेकर मीटिंग

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हरिद्वार - मेला नियंत्रण भवन हरिद्वार उत्तराखंड में आगामी महाकुम्भ मेला 2021 के विषय में "शाही स्नान एवं अन्य विषयों पर विचार-विमर्श हेतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ,शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई जिसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के समस्त पदाधिकारियों की उपस्थिति में बैठक हुई ,अखाड़ा परिषद की ओर मुख्यत: अध्यक्ष श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि महाराज( तपोनिधि श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा ) महामंत्री श्रीमहन्त हरि गिरि महाराज ( संरक्षक श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ) ने नेतृत्व करते हुये कुम्भ मेला से सम्बन्धित विषय अखाड़ों तक जाने का मार्ग निर्माण ,अखाड़ों स्थाई निर्माण एवं अन्य  समस्त प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे , मुख्यमंत्री ने अखाड़ा परिषद को अश्वाशन दिया कि तत्कालीन सभी कार्य मेलाधिकारी को अवगत कराके कार्य कुम्भ मेला से पूर्व ही पूर्ण हो जायेगा . जैसे प्रयागराज महाकुम्भ उत्तर प्रदेश में योगी जी के नेतृत्व में भव्य दिव्य कुम्भ मेला सम्पन्न हुआ उसी प्रकार हरिद्वार उत्तराखंड महाकुम्भ मेला 2021 बहुत भव्य रूप सम्पन्न सभी कार्य तत्तकालीन

डॉ मुक्ता कृत पुस्तकों- 'परिदृश्य चिंतन के' और 'हाशिए के उस पार' का लोकार्पण और परिचर्चा का आयोजन

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गुरूग्राम ,कादंबिनी क्लब द्वारा गुरूग्राम,राज्य शैक्षिक अनुसंधान केंद्र के अन्वेषण कक्ष में, हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक और राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित डॉ मुक्ता कृत  दो पुस्तकों- 'परिदृश्य चिंतन के'और 'हाशिए के उस पार' का लोकार्पण और परिचर्चा का आयोजन साहित्यकारों, विद्वानों और कलमकारों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आयोजन में हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर पूरणमल गौड़ मुख्य अतिथि के रुप में शोभायमान रहे। विशिष्ट अतिथि के रुप में डाॅक्टर अशोक दिवाकर (उप कुलपति ,स्टारैक्स  युनिवर्सिटी गुरूग्राम)  डाॅक्टर मुकेश गम्भीर ( निदेशक, रेडियो स्टेशन पलवल )  डाक्टर सविता चड्ढा जी (वरिष्ठ साहित्यकारा ) डॉ अमरनाथ अमर जी(उपनिदेशक दूरदर्शन) जैसी  विभूतियाँ मंचासीन थीं।  कार्यक्रम का शुभारंभ गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व विख्यात कवयित्री वीना अग्रवाल के मधुर कंठ से प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ ।इसके पश्चात  वरिष्ठ पत्रकार एवं हिंदी सेवी स्वर्गीय मुकुल शर्मा और अखिल भारतीय शिक्षाविद्  मोहनलाल 'सर' जी की स्मृति में मौन रखकर सब उपस्थ

जीत या हार का कारण किसी भी चुनाव में लोक कल्याण के लिए करना आवश्यक है

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विजय सिंह बिष्ट वर्तमान में दिल्ली के चुनाव का सही विश्लेषण यदि इस प्रकार किया जाय कि आप वाली पार्टी विकास के नाम पर चुनाव लड़ने का वादा भूतकाल वर्तमान और भविष्य को लेकर करती रही है, वह लगभग वाक्युद्ध से दूर नज़र आती रही है। उसने पानी बिजली और यात्रा को लेकर जो सुविधाएं दी है उसे भाजपा वाले मुफ्त दी जाने और लोगों को मुफ्ती की संज्ञा देती रही। इसका कारण भी लोगों में एक आक्रोष आया है। जब कि अशिक्षित और पढ़ा लिखा व्यक्ति भी जानता है कि सरकार में बैठे लोग कितने मुफ्तखोर हैं। यदि भाजपा गैस , शौचालय मुफ्त में बनवाती है या देती है तो गांव का प्रधान या विचौलिया कितना लाभ उठाता है। लाभ देने और उसका सम्यक उपयोग हुआ है नहीं इसकी जानकारी साफ और स्पष्ट छवि वाली सरकार को चाहिए। देखने आया है कि भाजपा को चाहने वाले बुद्धिमान और उच्च श्रेणी में आते हैं।वे निम्नवर्ग को उकसाने और भड़काने काम तो करते हैं किंतु वोट देने नहीं आते। क्योंकि सुविधा सम्पन्न व्यक्ति को  कोई फर्क नहीं पड़ता।वह भले किसी भी पार्टी की बैठक में भाग लेकर भरोसा दे देता है अथवा अपने साथ औरों को जोड़ने की बात करते हैं। लेकिन ऐसा करते नही

संवाददाता एवं साहित्यकार यश गोयल को 'काव्य-2020' सम्मान

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जयपुर - वरिष्ठ पत्रकार द ट्रिब्यून के विशेष संवाददाता एवं साहित्यकार यश गोयल को लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र मेंं मुख्यमंंत्री अशोक गहलोत, आर्ट-क्लचर-संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला,और अंंतर्राष्टीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार डॉ परीक्षित सिंह,मंंत्री भजन लाल जाटव ने एक विशेष कार्यक्रम में 'काव्य-2020' सम्मान प्रदान किया  ।                                                                                   कांग्रेस के कुशल राजनीतिज्ञ और काव्य संस्था के संयोजक राजीव अरोड़ा और काव्य संस्था के प्रमुख समन्वयक डॉ एस एन सिंह और अध्यक्ष वीर सक्सेना और महासचिव फारूक आफरीदी भी मंच पर साथ रहे।

तुम्हारे दु:ख दूर करने के लिए कल सुबह तुम्हारे घर आऊंगा

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संत कुमार गोस्वामी  किसी शहर में एक सेठ रहता था । किसी कारणवश उस बेचारे को अपने कारोबार में घाटा पड़ गया और वह गरीब हो गया । गरीब होने का उसे बहुत दुख हुआ था । इस दुख से तंग जाकर उसने सोचा कि इस जीवन से क्या लाभ? इससे तो मर जाना अच्छा है ।  यह सोचकर एक रात को वह सोया तो रात को उसे सपने में एक संन्यासी नजर आया जो उसे कह रहा था, 'सुनो, सेठ, तुम मरो मत, मैं तुम्हारे सारे दु:ख दूर करने के लिए कल सुबह तुम्हारे घर पर आऊंगा । तुम मेरे सिर पर डंडा मारना, मैं उसी समय सोने का बन जाऊंगा ।' संन्यासी की बात सुनकर दुःखी सेठ ने सोचा कि चलो एक बार और देख लेते है।  यही सोचकर वह सुबह से ही अपने घर पर बैठे संन्यासी की प्रतीक्षा करने लगा । उसका नौकर नाई भी उस समय उसके पास ही बैठा था । थोड़े ही क्षणों के पश्चात् जैसे ही यह संन्यासी सेठ को आता दिखाई दिया तो उसने झट से अपना डंडा उठाकर उसके सिर पर दे मारा ।  बस फिर क्या था, देखते-ही-देखते वह सोने का बनकर गिर पड़ा । उसे वहां से उठाकर खुशी से नाचता सेठ अंदर ले गया । उसने नाई को इनाम में कुछ रुपए देकर कहा, "तुम जाओ, लेकिन यह बात बाहर जाकर किसी से मत