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अरुणाचल प्रदेश में तीन दिवसीय खाद्य उत्सव

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भारत की अनूठी और जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयास से,आईटीडीसी अरुणाचल प्रदेश की सरकार के सहयोग से 03 दिवसीय अरुणाचल खाद्य उत्सव का आयोजन कर रहा है। अपने प्रकार का इस तरह का पहला समारोह 21 फरवरी से 23 फरवरी तक दि अशोक के सुप्रसिद्ध रेस्टोरैंट दि अवध में आयोजित किया गया है। समारोह के बारे में बात करते हुए, विजय दत्त, प्रधान प्रबंधक, दि अशोक होटल, आईटीडीसी ने कहा कि, “हम अपने प्रकार के इस तरह के पहले उत्सव के लिए अरुणाचल प्रदेश की सरकार के साथ सहयोग करके आनंदित हैं। इस उत्सव की अवधारणा अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति और परंपरा को इसके भोजन और स्थानीय अनुभवों के माध्यम से प्रदर्शित करना है। मैं अरुणाचल प्रदेश के पदाधिकारियों को दि अशोक होटल, दिल्ली में इस उत्सव में हमारे साथ भागीदारी करने हेतु धन्यवाद देना चाहता हूं। यह छोटा-सा कदम है, जो हमने एक नई दिशा की ओर बढ़ाया है और इस तरह के कई और समारोहों की मेज़बानी के लिए अन्य राज्य सरकारों के साथ जुड़ने की आशा करते हैं।” शेफ अरविंद राय, कार्यपालक शेफ, दि अशोक होटल ने कहा कि, “अरुणाचल प्रदेश अपने भोजन में बहुत समृद्ध है और जिस जैविक खाद्य का

ऊबर केयर ने 90,000 से ज्यादा ड्राईवर्स को लाभ पहुंचाया

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दुनिया की अग्रणी ऑन डिमांड, राईडशेयरिंग कंपनी, ऊबर ने घोषणा की कि ड्राईवर वैलफेयर प्रोग्राम, ऊबर केयर से पहले साल में 90,000 से ज्यादा ड्राईवर्स को लाभ पहुंचा है 2018 में लॉन्च किया गया ऊबर केयर हजारों ड्राईवर्स को जीवन बीमा, परिवार का स्वास्थ्य बीमा एवं माईक्रो लोन आदि सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराता है। वो सर्वोच्च पाँच शहर, जहां इस कार्यक्रम का लाभ सर्वाधिक संख्या में ड्राईवर्स को मिला, उनमें दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद एवं पुणे शामिल हैं। ऊबर केयर की पहली सालगिरह पर पवन वैश, हेड ऑफ सेंट्रल ऑपरेशंस, ऊबर इंडिया एसए ने कहा,‘‘ऊबर में हमारा मानना है कि हमारी जिम्मेदारी केवल ड्राईवर्स को यह प्लेटफॉर्म देकर उनके लिए अवसरों का निर्माण करके पूरी नहीं होती, बल्कि हमने लाखों ड्राईवर्स के समुदाय का भी निर्माण किया है और हम उनके साथ संलग्न होकर उनके जीवन में सुधार लाते रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे ड्राईवर वैलफेयर प्रोग्राम, ऊबर केयर द्वारा हमने हजारों ड्राईवर्स को जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा, वित्तीय सहयोग, बच्चों की शिक्षा एवं मेडिकल परामर्श उपलब्ध कराया है। भविष्य में हम ऊबर केयर को और ज्य

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : भारत विविधताओं के बीच एकता की भावना

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# डॉ शेख अब्दुल वहाब,एसोसिएट प्रोफेसर,इस्लामिया महाविद्यालय,तमिलनाडु  भारत बहु भाषी देश है। यहां अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। यहां सांस्कृतिक विविधता भी पाई जाती है। यहां के रहन सहन, रीति नीति, वेशभूषा, मौसम अलग अलग हैं। कारण जो भी हो इन विविधताओं के बीच एकता की भावना छिपी हुई है। विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य में बहनेवाली भावधारा एक है। आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है। हर वर्ष 21 फरवरी को युनेस्को के घोषणा के अनुसार यह दिवस भाषाई एवं सांस्कतिक विभिन्नता के साथ बहुभाषावाद के प्रति जागरूकता को व्याप्त करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अद्यतन परिपत्र के अनुसार 21 फरवरी को  देश प्रदेश के सभी विश्व विद्यालयों और महाविद्यालयों में मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं । इस अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। विशेषज्ञ और विद्वान मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए वक्तव्य देते हैं । आज का दिन बांग्लादेशियो द्वारा अपनी बांग्ला भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए गए सफल ऐतिहासिक आंदोलन का स्मरण कराता है।          सचमुच मातृभाषा मनुष्य की मां समान होती

अपनी कला को ऊँची उड़ान देने के लिए बहुत बड़ा मंच है Hunar Haat is the Big Project Central Govt.

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Hunar Haat दस्तकारों,शिल्पकारों को दे रहा है एक बड़ा मंच

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मार्बल आइटम बनाने वाले ने कहा सरकार का अच्छा कदम

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खरीदने और बेचने वाले दोनों खुश

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भारत में लॉन्च होगी ऐरो इन-फ्लाइट कम्युनिकेशन सर्विस

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नयी दिल्ली   : टाटा उद्यम और वीसैट सुविधाएं प्रदान करने वाली भारत की अग्रणी कंपनी नेल्को ने भारत में ऐरो इन-फ्लाइट कम्युनिकेशन (आईएफसी) सेवाओं की शुरूआत की जाने की घोषणा की। देश में यह सेवा मुहैया करने वाली नेल्को पहली भारतीय कंपनी है। नेल्को ने उठाए हुए इस महत्वपूर्ण कदम से भारतीय आसमानों में एयरक्राफ्ट्स में वाईफाई के नए युग का प्रारंभ हुआ है। इन सेवाओं के लिए नेल्को ने पैनासोनिक एवियोनिक्स कॉर्पोरेशन के साथ साझेदारी की है।  इन सेवाओं के शुरू होने से अब भारत के ऊपर उड़ान भर रहे अंतर्राष्ट्रीय एयरक्राफ्ट्स  और देशीय एयरलाइन्स अपने यात्रियों को उड़ान के दौरान ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर पाएंगे। ऐरो आईएफसी सेवाएं एयरलाइन यात्रियों के लिए आसमानों में उड़ान भरते हुए भी घर या कार्यालय में होने के अनुभव को सहज बनाएगी। साथ ही यह सेवाएं एयरलाइन्स को यात्रियों के लिए अनुभवों को और बेहतर बनाकर यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने , ऑनबोर्ड रेवेन्यू के अतिरिक्त स्त्रोत प्राप्त करने और फ्लाइट ऑपरेशंस को अनुकूल बनाने और स्वयं को दूसरी कंपनियों से बेहतर बनाने के अवसर देती हैं। विस्तारा ने भी ऐरो आ

केजरीवाल का बीजेपी प्यार क्या दिल्ली की दशा और दिशा बदलने में एक नया कदम है ?

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का बीजेपी प्यार क्या दिल्ली की दशा और दिशा बदलने में एक नया कदम है।  आज तक के सारे उल्टे सीधे विवादों को ताक पर रख कर प्रधानमंत्री का आशीर्वाद और शाह से मुलाकात कर लगता है कि केजरीवाल "बुद्धम शरणं गच्छामि, धरमं शरणं गच्छामि" की उक्ति का प्रयोग करने जा रहे हैं। अच्छा भी है ताल में रहना ,मगर से क्या बैर करना। भविष्य की समस्त योजनाओं का प्रारूप और उनकी जिम्मेदारी केंद्र तथा उपराज्यपाल महोदय की  स्वीकृति के अभाव में नहीं सम्पन्न हो सकती है। विकास की प्रगति में विगत बर्षो यदि कोई अवरोध सामने आते रहे हैं अथवा गिने जाते रहे तो इसी ताल मेल का अभाव रहा है। केजरीवाल जी जिस हटधर्मी से शासन करने का काम कर रहे थे, वह अन्ना जी के मंच का प्रभाव मात्र माना जा सकता है वह राजनीति की अल्पावस्था माना जा सकता है। अब ऐसा लगता है केजरीवाल जी राजनीति की डोर पकड़ने लगे हैं। देखना होगा वे प्रधानमंत्री जी तथा गृहमंत्री मंत्री जी के स्नेहाशीर्वाद पाने में कितने सक्षम होते हैं। विनयशीलता शत्रु को भी बस में करने में समर्थ मानी गई है।अब मन भेद और मत भेद में कितनी असमा

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : सभी लोगों,समुदायों,क्षेत्र व देशों की मातृभाषा को संरक्षण प्रदान करने के लिए

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लाल बिहारी लाल यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 को  अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस  मनाए जाने की घोषणा की थी क्योंकि  21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए अपनी मातृभाषा (बंगाली भाषा) के अस्तित्व बनाए रखने के लिए  आंदोलन शुरु किया। पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी लेकिन लगातार विरोध जारी रहा आखिर सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 से  उपर  है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है यानी विलुप्ती के  कगार पर  है । दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसद लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में-जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है। भारत में 29  भाषाएँ ऐसी है  उनको  बोलने वालों  की  संख्या दस  लाख से अधिक है। भारत  में 7 ऐसी  भाषाएँ  है जिनको  बोलने वालों  की संख्या

PM Modi ने हुनर हाट में लिया लिट्टी चोखा का स्वाद

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बनारसी साड़ी निर्माता अज़ीज़ुल हक़ ने कहा सरकार.

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राजस्थानी फुट वेयर के साथ मो०आसिफ़

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