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राजनीति के दांव-पेंच खेलने से जनता का हित नहीं होता

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राजयोग के लिए भाग्य और कर्म दोनों की आवश्यकता होती है। शासन सत्ता में आने के लिए साम दाम और दंण्ढ भेद की जहां आवश्यकता मानी गई है। वहीं एक कुशल राजनीतिज्ञ अपनी रण नीति से साम्राज्य को भी प्राप्त कर लेता है।गुलाम वंश का प्रथम राजा इसका उदाहरण है। वह गुलाम जब सेना नायक बना उसने अपने ही राजा को मार कर राज सिंहासन प्राप्त कर दिया। दिल्ली के सिंहासन पर कांग्रेस और भाजपा के शासन को भी केजरीवाल ने इसी प्रकार से हासिल किया , तीसरी विजय का डंका बजाने में उनकी सफलता की कहानी चाहे जो भी लोग गलत या सही गिन रहे हों लेकिन उनका बहुमत से जीतकर आना भाजपा और कांग्रेस की करारी हार ही मानी जा सकती है। जितने दंश केजरीवाल को दिये गये, इतनी पीड़ा तो सतर साल राज करने वाली कांग्रेस को भी नहीं पहुंचाई गई। अलबत्ता कांग्रेस ने थोड़े बहुत शब्दों में कह भी दिया हो, किंतु भाजपा और उसके अन्य शहरों के अनर्गल सहयोगियों ने क्या क्या नहीं कहा अधिकांश बाहरी लोगों द्वारा दिल्ली के लोगों का उपहास किया जाना, दिल्ली के लोगों को बिकाऊ की संज्ञा देना, और हीन भावना से प्रताड़ित करना ठीक नहीं था। ऐसे लोग जिनका दिल्ली से लेना देना

एचसीएल फाउंडेशन ने एचसीएल ग्रांट के विजेताओं की घोषणा की

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नोएडा - एचसीएल टेक्नोलॉजीज की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा एचसीएल फाउंडेशन (एचसीएलएफ) ने क्रिकेट के महान खिलाड़ी, भारतीय क्रिकेट टीम के भूतपूर्व कप्तान और पद्म भूषण कपिल देव की उपस्थिति में एचसीएल ग्रांट के पाँचवे संस्करण के प्राप्तिकर्ताओं की घोषणा की। इस कार्यक्रम मे समाजिक कार्य से सम्बन्धित शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और पर्यावरण श्रेणियों के तीन विजेता एनजीओ को कपिल देव ने पुरस्कृत किया। प्रत्येक विजेता को 5 करोड़ रू. (2.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का अनुदान मिला।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे भारत के जाने माने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर कपिल देव के साथ एचसीएल के संस्थापक एवं चेयरमैन शिव नाडर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज की वाइस चेयरपर्सन और उसकी सीएसआर कमिटी की चेयरपर्सन सुश्री रोशनी नाडर मल्होत्रा और एचसीएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रतीक अग्रवाल के अलावा वरिष्ठ महानुभाव, अधिकारी, एनजीओ-भागीदार और एचसीएल का नेतृत्व दल उपस्थित हुए।  एचसीएल ग्रांट भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित संस्थागत सीएसआर ग्रांट्स में से एक है, जिसका लक्ष्य फिफ्थ एस्टेट- गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के उद्भ

अरविन्द केजरीवाल प्योर पॉलिटिशियन है उन्हें बीजेपी और कांग्रेस से कहीं बेहतर तरीके से सत्ता हासिल करने की कला आती है

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लेखक - आरिफ़ जमाल  खुद को कुछ बड़े राजनैतिक ज्ञानी समझने वाले लोग सोशल मीडिया पर अरविन्द केजरीवाल वाली दिल्ली सरकार को लेकर बड़ी बड़ी हांक रहे हैं कि केजरीवाल यह है वह है । 8 फ़रवरी 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले तक अरविन्द केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की माला जपने वालों को अब केजरीवाल में 72 ऐब क्यों नज़र आ रहे हैं । मेरी राय में ऐसे लोगों के पास न राजनैतिक समझ है और न ही सामाजिक सूझ बूझ ।। बस ऐसे लोगों को रायता फैलाना खूब आता है । ऐसे लोगों के लिए मेरा कहना है कि तुम लोग भेड़ हो और भेड़ ही रहोगे ।। अरविन्द केजरीवाल प्योर पॉलिटिशियन है उन्हें बीजेपी और कांग्रेस से कहीं बेहतर तरीके से सत्ता हासिल करने की कला आती है ।। अगर ऐसा नहीं है तो दिल्ली जैसे महानगर और भारत की राजधानी दिल्ली में जिस आसानी से उसने 2,2 बार पूर्ण बहुमत की सरकार कैसे बना ली ।। साल 2015 में दिल्ली विधानसभा सभा की 70 सीटों में से 67 हासिल कर ली, जबकि आम आदमी पार्टी या अरविंद केजरीवाल का कोई दिल्ली के निर्माण या विकास में कोई योगदान नहीं था । अब 2020 के विधानसभा चुनाव की बात कर लेते है । दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बीते

पांच में से एक ट्रक चालक ने माना कि वह ड्रग्स लेकर वाहन चलाता है

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दिल्ली में तकरीबन 58 फीसदी जवाब देने वालों ने बताया कि पिछले 10 सालों में उनके जीवन की गुणवत्ता गिरी है, दिल्ली में 73 फीसदी जवाब देने वालों ने कहा कि उनके काम की स्थिति बुरी है। स्वास्थ्य संबधी परेशानियों के बारे में 96 फीसदी ने कहा कि वे पीठ दर्द से परेशान हैं जबकि 64 फीसदी सिर दर्द/ चक्कर आना जैसी परेशानियों में हैं। दिल्ली में आधे से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा  िकवे वाहन चलाते समय ड्रग्स का सेवन करते हैं। दिल्ली एनसीआर में 84 फीसदी जवाब देने वालों ने यातायाता पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने की बात की, जबकि देश में यह आंकड़ा 67 फीसदी है।  नई दिल्ली - सेव लाईफ फाउन्डेशन ने  भारत मां ट्रक ड्राइवरों के काम करने और उनकी सुरक्षा की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में ट्रक ड्राइवरों और सड़क के अन्य उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करने वाले कारकों पर भी रोशनी डाली गई। अध्ययन का संचालन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के साथ साझेदारी में किया गया था, जिसमें 1200 से अधिक ट्रक ड्राइवरों और 100 फ्लीट ओनर्स ने हिस्सा लिया। इसका संचालन भारत के 10 परिवहन केन्द्रों- दिल्ली एनसीआर, मुंबई, चुन्नई, कोलकाता, बैंगल

"मिर्गी लाइलाज रोग नहीं है; झाड़-फूंक और टोना टोटका-संबंधित इलाज में व्यर्थ समय न गंवाएं।"

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" मिर्गी लाइलाज रोग नहीं है; यह ऊपरी हवा का चक्कर नहीं है। लोगों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। इसका इलाज संभव है , " यह कहना है डॉ आत्माराम बंसल का जोकि मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंसेज़ विभाग में सीनियर कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी ऐंड ऐपिलेप्सी के पद पर कार्यरत हैं। प्रस्तुत हैं उनके साथ किये गये साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश :  प्रश्न : आपका मानना है कि मिर्गी लाइलाज बीमारी नहीं है। लेकिन यह रोग क्यों होता है? इसके पीछे मूलभूत कारण क्या हैं? उत्तर : मैं आपको इस तथ्य से अवगत कराना चाहता हूं कि मिर्गी कोई मानसिक रोग नहीं है।  वस्तुतः हमारे ब्रेन के अंदर विद्युतीय परिपथ (इलेक्ट्रिक सर्किट) होता है। अगर रक्त में विद्युतीय धारा (करंट) ज़्यादा है, तो ऐसी स्थिति में लोगों को दौरा आता है।  प्रश्न : प्रश्न यह उठता है कि यह रोग कब लोगों को अपनी गिरफ़्त में लेता है ?  उत्तर : यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। यह जन्मजात रोग भी हो सकता है। छोटे छोटे बच्चों में भी यह रोग अवलोकित किया जा सकता है। और यह रोग बुढ़ापे में भी हो सकता है। लेकिन गौरतलब है कि हर उम्र में रोग होने के पीछे कार

जिस देश की GDP हमसे अच्छी होगी,वहां का आदमी भारत क्यों आएगा

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कैट ने दिल्ली के व्यापारियों की विशेष सुरक्षा किए जाने की मांग की 

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इस प्रकार की घटनाओं ने दिल्ली के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है और दिल्ली का व्यापार बेहद कम  हुआ है । दिल्ली में प्रति दिन अन्य राज्यों से लगभग 5 लाख व्यापारी सामान ख़रीदने आते हैं लेकिन वर्तमान हालात के चलते और सोशल मीडिया पर चल रहे ग़ैर ज़िम्मेदारन खबरों ने अन्य राज्य के व्यापारियों को दिल्ली आने आशंकित कर दिया है जिसके चलते अन्य राज्यों के व्यापारी फ़िलहाल दिल्ली नहीं आ रहे और दिल्ली के व्यापार का बड़ा  हिस्सा दैनिक व्यापार से महरूम हो गया है । नयी दिल्ली - कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में दंगाइयों तत्वों द्वारा दिल्ली की फ़िज़ा को ख़राब करने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं दिल्ली पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करते हुए कहा की अब सरकार को और अधिक प्रतीक्षा न करते हुए दिल्ली में क़ानून का शासन स्थापित करने में कड़े से कड़े कदम उठाए जाने चाहिए और कुछ मुट्ठी भर लोगों द्वारा दिल्ली को बंधक बनाने के मंसूबों पर अविलम्ब पानी फेरना चाहिए ।  कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल एवं कैट दिल्ली प्रद