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पेनियरबाई की सुविधा बिना किसी व्यवधान के चल रही है

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पेनियरबाई देश का सबसे बड़ा हाइपरलोकल फिनटेक नेटवर्क है, जिसने अपनी वित्तीय सेवाओं के माध्यम से देश के ऐसे वर्ग को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके पास बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच नहीं है या बेहद कम है। मुंबई से बाहर स्थित इस कंपनी ने भारत में वित्तीय समावेशन की वास्तविक कहानी को अपने फिजिटल नेटवर्क के माध्यम से संचालित किया है, जिसमें 9 लाख से अधिक खुदरा टचपॉइंट शामिल हैं, जो 19,100 पिनकोड में से 17,000 अधिक में मौजूद हैं, और इस तरह यह वर्तमान में देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है। नयी दिल्ली - यस बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपनी निगरानी के तहत रखे जाने के कारण आए बदलाव के मद्देनजर फिनटेक कंपनी पेनियरबाई ने अपने ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि कंपनी के कामकाज में कोई बदलाव नहीं हुआ है और सभी सेवाएं अपने प्लेटफॉर्म पर आसानी से चल रही हैं। पेनियरबाई का कारोबारी मॉडल भुगतान तकनीक के एक मजबूत नेटवर्क पर चलता है जिसमें कई बैंकिंग साझेदार होते हैं, और इस प्रकार 9 लाख से अधिक खुदरा विक्रेताओं के अपने बड़े डिस्ट्रीब्यूटेड नेटवर्क पर सेवा निर्बाध रूप से जारी रहती है।

विद्यार्थी अध्ययन सामग्री और परीक्षा तैयारी से संबंधित किट्स निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं

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नयी दिल्ली - कोरोना वायरस के तेज़ी से फेलने के कारण देश के सभी विद्यालयों एवं ट्यूशन संस्थाओं को बंद कर दिया गया है। दिल्‍ली, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जेसे अधिकतर राज्यों को अपने विद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। इसके कारण छात्रों विशेषकर परीक्षार्थियों में बेचेनी व्याप्त है। ऐसी स्थिति में कुछ स्टार्टअप्स ने सी.बी.एस.ई. और आई. बी. बोर्ड के विद्यार्थियों की सहायता हेतु पहल की है। किन्तु राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए ऐसी किसी सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया है। ब्राइट ट्यूटी, दिल्ली स्थित एक शिक्षा संभंधित एप्प, ने 18 राज्य शिक्षा बोर्डों (स्टेट बोर्ड) का 1800 घंटे का वीडियो लेक्चर्स और टेस्ट ऑनलाइन निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यह सुविधा स्थिति के सामान्य होने तक जारी रहेगी। “हमारा मकसद हे कि शिक्षा केवल कुछ शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों तक ही सीमित न रहे बल्कि सभी के लिए उचित मूल्य पर उपलब्ध हो। आज हर तरफ कोरोना वायरस का कहर जारी है, अत: हम चाहते हें कि सभी विद्यार्थी घर पर सुरक्षित रहें”, ब्राइट ट्यूटी के निदेशक और संस्

एरियल ने पुरुषों से कपड़े धोने की अपील की

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नयी दिल्ली -पिछले 5 वर्षों के दौरान, एरियल इंडिया ने घरेलू कार्यो (काम) के असमान वितरण को लेकर लोगों से लगातार संवाद किया है और अधिक से अधिक पुरुषों से #ShareTheLoad के लिए आग्रह किया है। #ShareTheLoad एक नियमित कैंपेन नहीं है बल्कि सामाजिक परिवर्तन का एक आंदोलन है। इस संवाद को जारी रखने और घरों के भीतर समानता के भाव को आगे बढ़ाने की पहल करते हुए, एरियल ने #ShareTheLoad का चौथा एडिशन लॉन्च किया। एक स्वतंत्र तीसरे पक्ष(थर्ड पार्टी) द्वारा किए गए सर्वे में चौंकाने वाली और असहज करने वाली सच्चाई सामने आई - भारत में 71*% महिलाएं घर के काम की वजह से अपने पति से कम सो पाती हैं। अपने पिछले साल के संवाद को आगे बढ़ाते हुए, एरियल ने महसूस किया कि पुरुषों द्वारा काम के लोड को साझा नहीं करने का असर कहीं अधिक गहरा और मजबूत है। कपड़े धोने जैसे घरेलू काम का असमान विभाजन महिलाओं की पर्याप्त नींद और आराम करने के रास्ते में बाधक बन रहा है। वास्तव में, कई घरों में महिलाएं सबसे पहले जागने और सबसे आखिरी में सोने वाली होती हैं। इस बार की बातचीत महिलाओं के सुबह से देर रात के बीच उन बेहिसाब घंटों के बारे में ह

Shimla सरदार जी बेच रहे हैं इतना सस्ता नाश्ता कहीं नहीं मिलेगा

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Fagu,Himachal Pradesh शांत वातावरण,खूबसूरत प्रकृति

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80% भारतीय माताओं को ब्रेकफास्ट पकाना पसंद नहीं

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नाश्ता बनाना एक कला है और हर परिवार में मां एक कलाकार से कम नहीं होती। नाश्ते को सबसे महत्वपूर्ण नियमित आहार माना जाता है। लेकिन व्यस्त सुबह के उन्माद में क्या किसी कलाकार के लिए नाश्ता बनाने में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने का मौका मिलता है? इस बारे में सही स्थिति का पता लगाने के लिए देश के प्रमुख इलेक्ट्रिक अप्लायंस ब्रांड वी-गार्ड ने भारत के सबसे बड़े यूजर-जनरेटेड कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म मॉमस्प्रेसो.कॉम (Momspresso.com) के साथ भागीदारी की है। मॉमस्प्रेसो एक ऐसा प्लेटफार्म है जो महिलाओं को दस भाषाओं में टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो सहित विभिन्न फॉर्मेट्स में खुद को व्यक्त करने की अनुमति देता है। दोनों ने मिलकर 500 भारतीय माताओं के बीच राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। इसका उद्देश्य सुबह के नाश्ते की तैयारी के रुटीन को समझना था। सभी जानते हैं कि यह वक्त हर घरमें बहुत तनावपूर्ण होता है, क्योंकि माताओं को अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने के साथ-साथ नाश्ता तैयार करना होता है और घर-गृहस्थी व रसोई से जुड़े सभी सुबह के महत्वपूर्ण कामों को भी करना होता है। प्लेटफार्म ने खुलासा किया कि भारत में 80% मा

स्वास्थ्य,पोषण,शिक्षा और विकास में दान दें और अनाथ बच्चों के जीवन में बदलाव करें

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नयी दिल्ली : सेक्शन-25 के तहत सभी लाइसेंस प्राप्त गैर-लाभकारी संगठन मिरेकल फाउंडेशन इंडिया ने बाल आश्रमों में रहने वाले अनाथ और संवेदनशील बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और समग्र भलाई के लिए आवश्यक मदद के लिए अपनी पहल की घोषणा की है। इस पहल के माध्यम से संगठन का लक्ष्य अधिक से अधिक बच्चों को पर्याप्त भोजन और सही शैक्षणिक संसाधन प्रदान करने के लिए धन जुटाना, उनकी प्रगति और विकास के लिए आवश्यक गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना है। दानदाता टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत कर में छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, इस पहल के दो लाभ हैं: दानदाता न केवल बच्चों को पौष्टिक भोजन और शिक्षा के लिए आवश्यक समर्थन दे रहे हैं - बल्कि टैक्स लाभ के जरिये खुद की भी मदद कर रहे हैं। मिरेकल फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2000 में कैरोलीन बॉड्रिक्स ने की थी, जिन्होंने भारत यात्रा के दौरान बाल आश्रमों का दौरा किया था। अब अपने 20वें वर्ष में संगठन ने भारत के 300 से अधिक बाल आश्रमों के साथ मिलकर काम किया है, जिससे 15,000 से अधिक अनाथ और संवेदनशील बच्चों की जीवन-रक्षा हो रही है। अपनी स्थ