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बच्चों को दे कोरोना वायरस से बचने की टिप्स

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  नई दिल्ली : आज कल पूरा देश ख़तरनाक कोरोना वायरस से लड़ रहा है, हर कोई अपने चेहरे पर मास्क लगाकर घूम रहा है। अधिकतर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने अनुमति दी, बाजार बंद कर दिए गए, सिनेमाघर बंद हैं, साप्ताहिक बाजार बंद हैं, स्कूल और कॉलेज बंद हैं, लोग थोक में किराने का सामान खरीद रहे हैं, यहाँ तक ​​कि संसद भी कोरोना वायरस के डर से 31 मार्च, 2020 तक बंद है। भारत में कोरोना वायरस के कुल 194 मामले पाए गए हैं और इस ख़तरनाक वायरस के कारण 3 लोगों की मौत हुई है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। प्रत्येक नागरिक को कोरोना वायरस के बारे में बताया जाता है क्योंकि सरकार ने घोषणा की है कि अगर ये उपाय काम नहीं करते हैं, तो देश को लॉक डाउन स्थिति का सामना करना पड़ेगा। वायरस के खतरे से बचने लिए बड़े तथा समझदार लोग तो उससे बचने के लिए सावधानी बरतेंगे लेकिन  उन बच्चों के बारे में क्या जिन्हे ये तक नहीं पता की  वायरस से उन्हें कितना खतरा है। माँ बाप अपने बच्चो को समझानें  पहले अध्यापक होते है लेकिन क्योकि बच्चे अपना ज़्यादातर समय स्कूल में बिताते है तो स्कूल अध्याप

कोरोना वायरस के कारण अपने बिज़नेस में कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है-विनीत अग्रवाल

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सात सत्रों तक लगातार गिरने के बाद पिछले दो दिनों में शेयर बाजार ने थोड़ा ठहराव देखने को मिला है। लेकिन इस संक्रमण के विस्तार के कारण बाजार में अस्थिरता देखने को मिली है एंजेल   ब्रोकिंग   में   चीफ   फाइनेंशियल   ऑफिसर   विनीत   अग्रवाल   ने   कोरोना   वायरस   के   प्रकोप   के   कारण   उनके   बिज़नेस   पर   होने   वाले   असर   और   कंपनी   के   ग्रोथ   की   संभावनाओं   पर   चर्चा   की एंजेल ब्रोकिंग एक मुंबई हेडक्वार्टर आधारित ब्रोकरेज है, जो ब्रोकिंग व एडवाइजरी सर्विसेस, मार्जिन फंडिंग, और शेयर के बदले ऋण मुहैया कराती है। प्रश्न : कोरोना वायरस के विस्तार का आपके बिज़नेस पर क्या असर पड़ेगा? बाजार में काफी बिकवली देखने को मिली है... विनीत   अग्रवाल :  हमें अभी तक कोरोना वायरस के कारण अपने बिज़नेस में कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है। मार्केट निराशाजनक रहा है और इसके कारण अस्थिरता बढ़ी है, लेकिन हमारे लिए अब तक चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे वॉल्यूम महीने दर महीने लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि हाल ही में चिंता के कारण बिकवली जरूर देखने को मिली है, लेकिन जल्द ही मार्केट इससे उबर जाएगा। कुल मिलाकर

7 करोड़ व्यापारी अपना कारोबार बंद रख जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे

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दिल्ली के लगभग 15 लाख छोटे बड़े व्यापारी जनता कर्फ्यू के आव्हान में शामिल होकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखेंगे ! यह घोषणा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने करते हुए कहा की कोरोना वायरस के संभावित कम्युनिटी ट्रांसमिशन बढ़ते को रोकने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया यह बहुत ही प्रभावी और सकारात्मक कदम है और दिल्ली के व्यापारी इस घोषणा का पूरी तरह समर्थन करते हैं ! दिल्ली में थोक बाजार रविवार को बंद रहते हैं लेकिन अधिकांश रिटेल बाजार रविवार को खुलते हैं लेकिन इस रविवार को दिल्ली के सभी थोक एवं रिटेल बाजार पूरी तरह बंद रहेंगे और जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे ! नयी दिल्ली - देश भर में जनता कर्फ्यू के आगवन को अपना समर्थन देते हुए व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने घोषणा करते हुए कहा की देश के 7 करोड़ व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रख कर जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे और 22 मार्च को देश भर में कोई कारोबार नहीं होगा ! व्यापारियों के 40 करोड़ के लगभग कर्मचारी भी उस दिन घर में रहेंगे ! देश भर में लगभग 40 हजार से ज्यादा व

पेनियरबाई की सुविधा बिना किसी व्यवधान के चल रही है

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पेनियरबाई देश का सबसे बड़ा हाइपरलोकल फिनटेक नेटवर्क है, जिसने अपनी वित्तीय सेवाओं के माध्यम से देश के ऐसे वर्ग को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके पास बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच नहीं है या बेहद कम है। मुंबई से बाहर स्थित इस कंपनी ने भारत में वित्तीय समावेशन की वास्तविक कहानी को अपने फिजिटल नेटवर्क के माध्यम से संचालित किया है, जिसमें 9 लाख से अधिक खुदरा टचपॉइंट शामिल हैं, जो 19,100 पिनकोड में से 17,000 अधिक में मौजूद हैं, और इस तरह यह वर्तमान में देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है। नयी दिल्ली - यस बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपनी निगरानी के तहत रखे जाने के कारण आए बदलाव के मद्देनजर फिनटेक कंपनी पेनियरबाई ने अपने ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि कंपनी के कामकाज में कोई बदलाव नहीं हुआ है और सभी सेवाएं अपने प्लेटफॉर्म पर आसानी से चल रही हैं। पेनियरबाई का कारोबारी मॉडल भुगतान तकनीक के एक मजबूत नेटवर्क पर चलता है जिसमें कई बैंकिंग साझेदार होते हैं, और इस प्रकार 9 लाख से अधिक खुदरा विक्रेताओं के अपने बड़े डिस्ट्रीब्यूटेड नेटवर्क पर सेवा निर्बाध रूप से जारी रहती है।

विद्यार्थी अध्ययन सामग्री और परीक्षा तैयारी से संबंधित किट्स निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं

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नयी दिल्ली - कोरोना वायरस के तेज़ी से फेलने के कारण देश के सभी विद्यालयों एवं ट्यूशन संस्थाओं को बंद कर दिया गया है। दिल्‍ली, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जेसे अधिकतर राज्यों को अपने विद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। इसके कारण छात्रों विशेषकर परीक्षार्थियों में बेचेनी व्याप्त है। ऐसी स्थिति में कुछ स्टार्टअप्स ने सी.बी.एस.ई. और आई. बी. बोर्ड के विद्यार्थियों की सहायता हेतु पहल की है। किन्तु राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए ऐसी किसी सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया है। ब्राइट ट्यूटी, दिल्ली स्थित एक शिक्षा संभंधित एप्प, ने 18 राज्य शिक्षा बोर्डों (स्टेट बोर्ड) का 1800 घंटे का वीडियो लेक्चर्स और टेस्ट ऑनलाइन निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यह सुविधा स्थिति के सामान्य होने तक जारी रहेगी। “हमारा मकसद हे कि शिक्षा केवल कुछ शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों तक ही सीमित न रहे बल्कि सभी के लिए उचित मूल्य पर उपलब्ध हो। आज हर तरफ कोरोना वायरस का कहर जारी है, अत: हम चाहते हें कि सभी विद्यार्थी घर पर सुरक्षित रहें”, ब्राइट ट्यूटी के निदेशक और संस्

एरियल ने पुरुषों से कपड़े धोने की अपील की

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नयी दिल्ली -पिछले 5 वर्षों के दौरान, एरियल इंडिया ने घरेलू कार्यो (काम) के असमान वितरण को लेकर लोगों से लगातार संवाद किया है और अधिक से अधिक पुरुषों से #ShareTheLoad के लिए आग्रह किया है। #ShareTheLoad एक नियमित कैंपेन नहीं है बल्कि सामाजिक परिवर्तन का एक आंदोलन है। इस संवाद को जारी रखने और घरों के भीतर समानता के भाव को आगे बढ़ाने की पहल करते हुए, एरियल ने #ShareTheLoad का चौथा एडिशन लॉन्च किया। एक स्वतंत्र तीसरे पक्ष(थर्ड पार्टी) द्वारा किए गए सर्वे में चौंकाने वाली और असहज करने वाली सच्चाई सामने आई - भारत में 71*% महिलाएं घर के काम की वजह से अपने पति से कम सो पाती हैं। अपने पिछले साल के संवाद को आगे बढ़ाते हुए, एरियल ने महसूस किया कि पुरुषों द्वारा काम के लोड को साझा नहीं करने का असर कहीं अधिक गहरा और मजबूत है। कपड़े धोने जैसे घरेलू काम का असमान विभाजन महिलाओं की पर्याप्त नींद और आराम करने के रास्ते में बाधक बन रहा है। वास्तव में, कई घरों में महिलाएं सबसे पहले जागने और सबसे आखिरी में सोने वाली होती हैं। इस बार की बातचीत महिलाओं के सुबह से देर रात के बीच उन बेहिसाब घंटों के बारे में ह

Shimla सरदार जी बेच रहे हैं इतना सस्ता नाश्ता कहीं नहीं मिलेगा

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Fagu,Himachal Pradesh शांत वातावरण,खूबसूरत प्रकृति

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80% भारतीय माताओं को ब्रेकफास्ट पकाना पसंद नहीं

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नाश्ता बनाना एक कला है और हर परिवार में मां एक कलाकार से कम नहीं होती। नाश्ते को सबसे महत्वपूर्ण नियमित आहार माना जाता है। लेकिन व्यस्त सुबह के उन्माद में क्या किसी कलाकार के लिए नाश्ता बनाने में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने का मौका मिलता है? इस बारे में सही स्थिति का पता लगाने के लिए देश के प्रमुख इलेक्ट्रिक अप्लायंस ब्रांड वी-गार्ड ने भारत के सबसे बड़े यूजर-जनरेटेड कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म मॉमस्प्रेसो.कॉम (Momspresso.com) के साथ भागीदारी की है। मॉमस्प्रेसो एक ऐसा प्लेटफार्म है जो महिलाओं को दस भाषाओं में टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो सहित विभिन्न फॉर्मेट्स में खुद को व्यक्त करने की अनुमति देता है। दोनों ने मिलकर 500 भारतीय माताओं के बीच राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। इसका उद्देश्य सुबह के नाश्ते की तैयारी के रुटीन को समझना था। सभी जानते हैं कि यह वक्त हर घरमें बहुत तनावपूर्ण होता है, क्योंकि माताओं को अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने के साथ-साथ नाश्ता तैयार करना होता है और घर-गृहस्थी व रसोई से जुड़े सभी सुबह के महत्वपूर्ण कामों को भी करना होता है। प्लेटफार्म ने खुलासा किया कि भारत में 80% मा

स्वास्थ्य,पोषण,शिक्षा और विकास में दान दें और अनाथ बच्चों के जीवन में बदलाव करें

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नयी दिल्ली : सेक्शन-25 के तहत सभी लाइसेंस प्राप्त गैर-लाभकारी संगठन मिरेकल फाउंडेशन इंडिया ने बाल आश्रमों में रहने वाले अनाथ और संवेदनशील बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और समग्र भलाई के लिए आवश्यक मदद के लिए अपनी पहल की घोषणा की है। इस पहल के माध्यम से संगठन का लक्ष्य अधिक से अधिक बच्चों को पर्याप्त भोजन और सही शैक्षणिक संसाधन प्रदान करने के लिए धन जुटाना, उनकी प्रगति और विकास के लिए आवश्यक गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना है। दानदाता टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत कर में छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, इस पहल के दो लाभ हैं: दानदाता न केवल बच्चों को पौष्टिक भोजन और शिक्षा के लिए आवश्यक समर्थन दे रहे हैं - बल्कि टैक्स लाभ के जरिये खुद की भी मदद कर रहे हैं। मिरेकल फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2000 में कैरोलीन बॉड्रिक्स ने की थी, जिन्होंने भारत यात्रा के दौरान बाल आश्रमों का दौरा किया था। अब अपने 20वें वर्ष में संगठन ने भारत के 300 से अधिक बाल आश्रमों के साथ मिलकर काम किया है, जिससे 15,000 से अधिक अनाथ और संवेदनशील बच्चों की जीवन-रक्षा हो रही है। अपनी स्थ

निर्भया के हत्यारे चारों बलात्कारियों के संरक्षक कौन लोग हैं.? 

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निर्भया के हत्यारे चारों बलात्कारियों के बचाव के लिए  उठाए गए कदम ने चौंकाया है और गम्भीर सवाल को जन्म दिया है. अतः सरकार इस तथ्य की जांच CBI, IB या NIA से करवाए कि निर्भया के हत्यारे चारों बलात्कारियों के संरक्षक कौन लोग हैं, उनका एजेंडा क्या है...?  ज्ञात रहे कि पूरा देश इस तथ्य से भलीभांति परिचित है कि निर्भया के हत्यारे चारों बलात्कारी एक निजी बस के ड्राईवर कंडक्टर खलासी क्लीनर का काम करते थे. अतः उनकी अर्थिक पृष्ठभूमि/स्थिति का आंकलन आसानी से किया जा सकता है. पूरा देश इस कटु सत्य से भी भलीभांति परिचित हैं कि भारतीय अदालतों में मुकदमेबाजी कितनी महंगी है, विशेषकर जब यह मुक़दमेबाजी हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचती है तो खर्च की सारी सीमाएं तोड़ देती है. यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों से निर्भया के हत्यारे चारों बलात्कारियों के बचाव के लिए की जा रहीं अभूतपूर्व कोशिशों के कारण एक गम्भीर सवाल पिछले कई महीनों से मेरे मन को मथ रहा था. लेकिन उन घृणित हत्यारों के बचाव के लिए आज उठाए गए कदम ने तो मुझे बुरी तरह चौंकाया है. आज मैं तब स्तब्ध हो गया जब यह समाचार मैंने पढ़ा कि निर्भया के हत्

क्षेत्रीय शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह

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शिमला से फागु और कुफरी का खूबसूरत नज़ारा

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