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तेल की कीमतों में गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

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ल्युशियाना लाइट और मार्स यूएस के क्रमश: 21 फीसदी और 3 फीसदी बढ़ने के कारण यूएस शेल ऊपर रहा। वहीं अन्य ऑयल मानक जैसे ओपेक बास्केट, यूरल्स, डब्ल्यूटीआई क्रूड और ब्रेंट क्रूड में 8 से 13 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इंडियन बास्केट भी करीब 14 फीसदी तक गिरा। इसी प्रकार के ट्रेंड नैचुरल गैस में भी देखने को मिला, जो शुरुआत में 2 फीसदी बढ़ोतरी के बाद ओपनिंग प्राइज से 1.5 फीसदी नीचे गिरकर 1.721 डॉलर के लेवल पर पहुंच गया। ऑयल मार्केट की मौजूदा गिरावट के पीछे कई कारण हैं। ट्रेड वॉर और कोरोना वारयस के प्रभाव के अलावा क्रूड ऑयल अपने प्राइज वार का भी सामना कर रहा है, जहां वैश्विक कंपनियां लगातार कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा रही हैं। वास्तविकता में हो क्या रहा है? पिछले कुछ समय में कच्चे तेल की जरूरत से ज्यादा सप्लाई हो रही है। ओपेक समूह इसके उत्पादन को सीमित करने में सक्षम हैं। खैर, कोरोनावायरस के विस्तार के कारण वैश्विक मांग में कमी आ गई और यह समूह आपस में बंट गया। मार्च तक किसी भी सर्वसम्मत निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका और ओपेक व नॉन ओपेक देशों ने उत्पादन बढ़ाना जारी रखा। ट्रेड वॉर की ही तरह, अब रूस और सऊद

दिल्ली में ई-काॅमर्स कंपनियां आवश्यक वस्तुओं की कर सकती हैं होम डिलीवरी -अरविंद केजरीवाल 

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नई दिल्ली , दिल्ली सरकार ने कोरोना के मद्देनजर किए गए लाॅक डाउन के दौरान लोगों तक आवश्यक सेवाओं से जुड़ी वस्तुएं आसानी से पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले ली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों की सुविधा के मद्देनजर आवश्यक सेवाओं से जुड़ी ई-कामर्स कंपनियों को होम डिलीवरी करने की अनुमति दे दी गई है। ऐसी कंपनियों के कर्मचारी अपना आईकार्ड दिखा कर सेवा दे सकते हैं। डीएम, डीसीपी, एसडीएम और एसपीपी को अपने क्षेत्र में जरूरी सामान, सब्जी, किराना, राशन, दवा की दुकानें और दवा बनाने वाली फैक्ट्रियों को खोलना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। अब आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानें 24 घंटे खोले रखने की अनुमति दे दी गई है, ताकि दिन में दुकानों पर अनावश्यक भीड़ न लगे। दिल्ली पुलिस को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले लोगों को बिना पास भी जाने की अनुमति देने के लिए निर्देशित किया गया है। दिल्ली में एक और मरीज बढ़ गया है और कुल 36 केस हो गए हैं। दिल्ली में कोरोना के प्रकोप की रोकथाम और लाॅक डाउन के दौरान लोगों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाने को लेकर एलजी  श्री अनिल बैजल, मुख्यमंत्री  श्री अरविंद के

कॉर्पोरेशन बैंक और आंध्र बैंक के यूनियन बैंक में विलय से ग्राहकों को मिलेगें कई फायदे

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नयी दिल्ली - आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के यूनियन बैंक में आगामी विलय के बाद यह भारत का 5वां सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा। ग्राहकों को बेहतरीन सर्विस मुहैया कराने की 300 वर्ष की साझा विरासत । विलय के बाद यह 75 हजार कर्मचारियों, 9600 से ज्यादा ब्रांच और 13,500 एटीएम के साथ देश का चौथा सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क होगा। 1919, 1923 और 1906 में क्रमश: स्थापित हुए यूनियन बैंक, आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक, सभी की देश को अपनी बेहतरीन सेवाएं देने की उम्दा विरासत है। तीनों बैंको ने इतने वर्षों में ग्राहकों को अच्छी सुविधाएं दी हैं और भरोसा जीता है। इस विलय से बड़े नेटवर्क और विभिन्न प्रोडक्ट और सर्विस के माध्यम से एक बेहतर आर्थिक मापदण्ड स्थापित करने, अच्छी कैपिटल क्षमता और कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर में मदद मिलेगी। भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और ग्राहकों को अच्छे प्रोडक्ट और सर्विस मुहैया कराने के उद्देश्य से तीनों बैंकों के विलय की योजना तैयार की है। इसके प्रक्रिया में के मूल में यह उद्देश्य है कि ग्राहकों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। चूंकि कॉर्पोरेशन

 कोविड-19 के बावजूद कंपनियां डिजिटल मॉल ऑफ एशिया के साथ कामकाज सुरक्षित तरीके से जारी रख सकती हैं

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नई दिल्ली : कोविड-19 ने दुनियाभर में व्यापक स्तर पर व्यापार को प्रभावित किया है। एक तरफ यह ऑफलाइन कंपनियों को वित्तीय घाटे के कारण खर्च की रणनीति बनाने और बिज़ नेस रोकने और कर्मचारियों की छटनी करने पर विवश कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस के चलते घरों मे रुकने के कारण ऑनलाइन खरीदी करने वाले ग्राहक तेजी से बढ़े हैं और इससे ऑनलाइन कंपनियों, खासकर ग्रॉसरी सेगमेंट की कंपनियां आपूर्ति बढ़ाने को विवश हैं। इस तरह के तनाव भरे माहौल में, जब कंपनियां संचालन जारी रखने के प्रयास कर रही हैं या फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का रुख कर रही हैं, डिजिटल मॉल ऑफ एशिया (डीएमए) एक उपहार के रूप में आया है। जहां कंपनियों को अपनी रणनीति को लेकर काफी मंथन करना पड़ रहा है कि उन्हें डिजिटल या टेक्नोलॉजिकल तरीकों का रुख करना चाहिए, वहीं डीएमए उनके लिए कई प्रकार के उपाय लेकर आया है, जो भारत में व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को फायदा पहुंचाएगा। डीएमए, एक इनोवेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो कंपिनियों और व्यापारियों को वर्चुअल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाता है, जहां कंपनियां या व्यापारी अपने लिए बिना किसी कमीशन के स्पेस र

सेंसेक्स,निफ्टी में आखिर दिखी तेजी 

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नयी दिल्ली -  सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने महत्वपूर्ण लेवल पर वापस लौट आए हैं। मार्केट बंद होने तक निफ्टी-50 190.80 पॉइंट ऊपर चढ़कर 7,801.05 और सेंसेक्स 692.72 पॉइंट ऊपर चढ़कर 26,674.03 पर बंद हुआ। भारतीय बाजारों में तेजी के साथ अन्य एशियाई बाजारों निकेई, हैंग सेंग, एससीआई और कोस्पी भी बढ़त में रहे। मार्केट को सरकार से एक बेहतर प्रोत्साहन पैकेज की अपेक्षा थी। निफ्टी जहां 7900 अंकों पर ट्रेड कर रहा था, वहीं सेंसेक्स 27000 के आसपास था, जब वित्तमंत्री ने 20 मिनट का संबोधन दिया और इसके तुरंत बाद मार्केट में 150 से 200 पॉइंट की तेजी देखने को मिली। खैर सरकार द्वारा किसी आर्थिक पैकेज की घोषणा न होने से निवेशकों में निराशा हुई और फिर एक राउंड की बिकवली हुई। सकारात्मक बात यह रही है कि अंतिम 30 मिनट में मार्केट अपने महत्वपूर्ण लेवल में वापस आ गया। अमेरिकी और यूरोपीय डेटा का आना बाकी: यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों का डेटा बाद में आएगा और इससे विश्व की आर्थिक स्थिति की असल तस्वीर का पता चल पाएगा। कुछ आकलन में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरोनावायरस के कारण दूसरी तिमाही में जीडीपी में भारी गिरा

वक्त की इस नाव पर सवार हम

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सुषमा भंडारी मुक्तक वक्त की इस नाव पर सवार हम  मान कैसे लेंगें अपनी हार हम । यूं ही आयेंगी मुसीबतें सनम फिर भी कर ही लेंगे भव पार हम । कर्म की हो नाव और मंजिलें अपनी ही बन जायेंगे पतवार हम । है तेरा ही आसरा प्रभु जान लो केवट गर प्रभु तो क्यूं मंझधार हम । मुश्किलों की आंधियाँ भी आयेंगी है नहीं फितरत कि माने हार हम । वादियाँ खुशियों भरी हैं जान लो  कर रहे है कब से इंतजार हम । मिलन के वास्ते लहरें किनारे पर भटकती हैं  मगर ये प्रीत की बातें समन्दर को खटकती हैं  लहर के वेग से सुन लो लहर की वेदना के स्वर छनक कर कांच सी बूंदे हाय जब यूँ चटखती हैं  तमन्नओं की आँधी है मैं नन्हा सा हूं इक पत्ता मैं नन्ही सी मधुमक्खी दुनिया शहद का छत्ता निकलना चाह्ती हूं मैं धंसे हैं पांव गहरे तक जो बाजी खेलना जाने है उसके हाथ में सत्ता  

देखो न सखा यूँ प्यार से तुम,मैं राधे हूं पर श्याम हुई

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सुषमा भंडारी देखो न सखा यूँ प्यार से तुम मैं राधे हूं पर श्याम हुई तेरी छवि न्यारी औ त्रिपुरारी मैं खुश हूं कि बदनाम हुई।।।।।।।। इल्ज़ाम लगाएगी दुनिया ये उनका नजरिया मेरा नहीं ओ श्याम सखा अब सुन तो ले तेरी मेरी कहानी आम हुई मैं राधे हूं मैं श्याम हुई मैं खुश हूं कि बदनाम हुई।।।।।।।।।। मैं प्रेम के पथ पर जाउंगी मैं प्रेम गीत ही गाउँगी बाधाएँ पग- पगआयेंगी मैं गुल से अब गुलफाम हुई मैं राधे हूं मैं श्याम हुई मैं खुश हूं कि बदनाम हुई।।।।।। जीवन का हर क्षण तुमसे है सृष्टि का हर कण तुमसे है तुम बिन मेरा अस्तित्व नहीं तुझ बिन सुबह ना शाम हुई मैं राधे हूं मैं श्याम हुई मैं खुश हूँ कि बदनाम हुई

वह नीर भरी दुःख की बदली

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वह नीर भरी दुःख की बदली छोड़ अमरलोक वेदना में चली क्योंकि---- उसके पलकों में निर्झरणी मचली वह बीन भी  है वह रागिनी भी सीमा का वह भ्रम वह है स्वर संगम वह रेखा का क्रम जिसने नीहर का हार रचा अतीत के चलचित्र खींचे दीपशिखा की लौ जलाई चाहिए जिसे मिटने का स्वाद छायावाद का वह दीप स्तंभ पथ का वह साथी सच्चा  रश्मि का तड़ित विलास  वह श्रृंखला की अटूट कड़ी महान देवी महादेवी ।   # डॉ शेख अब्दुल वहाब           तमिलनाडु

माँ चिन्तपूर्णी चिंता में•••

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सुरेखा शर्मा (स्वतन्त्र लेखन/समीक्षक) नारायण •••नारायण •• "माते! यह मैं क्या देख रहा हूं ••! जगत की चिंता दूर करने वाली माँ चिन्तपूर्णी  आज स्वयं चिन्तित हैं •••क्या बात है माँ ,आप किस दुविधा में हैं ?"  माँ दुर्गा कुछ विचार करते हुए बोली, 'तुम नहीं समझोगे नारद ।' "माते,जब तक आप कुछ बताएंगी नहीं तो मैं कैसे समझूंगा भला ," नारायण ••••नारायण । " तुम जानते हो नारद,  आजकल भूलोक वासी पूजा-पाठ बहुत करने लगे हैं । मेरे भक्तों  की संख्या दिन- पर -दिन बढ़ती जा रही है । तुम देखना  आने वाले इन नौ दिनों में तो चारों ओर मेरा ही गुणगान किया जाएगा । भूखे- प्यासे रहकर  उपवास कर नवरात्र अनुष्ठान संपन्न करेंगे । उपवास तो कहने मात्र के लिए होते हैं, सारा दिन फलाहार के नाम पर इतना खाते हैं कि पूछो मत।" ना••रायण••••नारायण, "पर माते,इसमें चिंता की क्या बात है, बल्कि  आप को तो प्रसन्न  होना चाहिए कि पृथ्वी  वासी आपकी भक्ति में डूबने लगे हैं। वे जानते हैंं कि आपकी पूजा से ही उनका कल्याण होगा। "   " यही तो मैं तुम्हे समझाना चाहती हूँ नारद, अब तुम देखो गली-गल

भँवरे गुंजन कर रहे,फूल रहे मुख मोड़

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लेखिका - सुषमा भंडारी भँवरे गुंजन कर रहे फूल रहे मुख मोड़ । कोरोना का डर हुआ रिश्ते दिये हैं तोड़। । बाग- बगीचे पूछते  क्यूँ धरती खामोश। टेसू और पलाश में क्यूँ फैला है रोष।। रंगों का मेला लगा फिर भी सब रंगहीन । बासन्ती खामोश है पवन हुई गमगीन।। भ्रमर ना चूमे फूल  कोरोना भरमाय। संक्रमण की है घड़ी  कुछ भी समझ न आय।। मकरंद भी सूखा पडा भ्रमर पास न आय। मौसम के प्रतिकूल सब विपदा बढती जाय।। विपदा इतनी बढ़ गई  घर में हैं सब बंद। घर का राशन भी खत्म दूर हुआ आनंद। ।

कोरोना हुआ हावी,बचो इस से

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लेखिका - सुषमा भंडारी कोरोना हुआ हावी, बचो इस से कोरोना हुआ हावी , बचो इस से 1) काँप रहा है चीन भी  विश्व- व्यापार ठप्प  लुढ़के सब बाजार ही शेयर मारें गप्प छूने से हुआ हावी बचो इस से  कोरोना हुआ हावी बचो इस से 2) भारत की सरकार भी नित- नित करे उपाय देखो क्या लिखे यहाँ  कोरोना अध्याय छूने से हुआ हावी बचो इस से छूने से हुआ हावी बचो इस से 3)घर से बाहर हो गया जाना भी दुश्वार  जाने क्यूँ लगने लगे सब के सब लाचार छूने से हुआ हावी बचो इस से छूने से हुआ हावी बचो इस से 4)बन्द सिनेमा घर हुये होटल, जिम और मॉल शादी में रौनक नहीं पड़े हैंं खाली हॉल छूने से हुआ हावी बचो इस से छूने से हुआ हावी बचो इस से 5) साबुन, नींबू बन गये अब इसके हथियार  हाथ मिलाना छोड़कर करना नमस्कार  छूने से हुआ हावी बचो इस से छूने से हुआ हावी बचो इस से 6) अब तो केवल लॉक डाउन  है इसका उपचार  आओ इसकी कडियां तोड़े  करें इसे लाचार  छूने से हुआ हावी बचो इस से छूने से हुआ हावी बचो इस से

आम जनता से लेकर मरीज़ बेहाल कोई हेल्प लाइन काम नहीं कर रही

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लोग घरों में सड़कों पर सन्नाटा

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