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क्लाउडकनेक्ट कम्युनिकेशंस का ऑडियो, वीडियो और वेब कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन

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नयी दिल्ली : रिमोट वर्किंग इकोसिस्टम के इनेबलर के रूप में नेतृत्व की स्थिति को मजबूती देते हुए भारत के पहले फुली रेगुलेटरी कम्प्लायंट मोबाइल-फर्स्ट वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर  ने वीकॉन्फ्रेंस लॉन्च किया है। अत्याधुनिक व्हाइट-लेबल सॉल्युशन वीकॉन्फ्रेंस ब्रांड्स के लिए एचडी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेबिनार को ‘कनेक्ट. कोलेबोरेट. ऑर्केस्ट्रेट.’ में सक्षम बनाता है। कोविड-19 के प्रकोप के बीच कई कंपनियों ने रिमोट वर्किंग मॉडल को अपनाया है। अपनी टीमों से जुड़ने और व्यापार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कंपनियां ज्यादा से ज्यादा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन पर निर्भर कर रही हैं। भारत में स्थापित और पोषित क्लाउडकनेक्ट कम्युनिकेशंस एक देशी सॉल्युशन प्रदान करता है जो तकनीकी रूप से मजबूत और अत्यंत सुरक्षित दोनों है। प्लेटफ़ॉर्म का वेबआरटीसी-बेस्ड ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस रूम जो डेटाग्राम ट्रांसपोर्ट लेयर सिक्योरिटी (डीटीएलएस) और सिक्योर रियल-टाइम ट्रांसपोर्ट प्रोटोकॉल (एसआरटीपी) दोनों का इस्तेमाल करता है। यह मॉडरेटर्स को ‘मॉडरेटर-ऑन्ली एक्सेस, वन-टाइम पासवर्ड और पिन, कॉन्फ्रेंस रूम लॉक और यूजर ब्लॉकिंग

ब्रिजलैब्ज ने 30-दिन का ऑनलाइन कोडिंग बूट कैम्प लॉन्च किया

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नयी दिल्ली : ब्रिजलैब्ज ने पूरे भारत के इंजीनियरों के लिए “कोडिनक्लब” नाम से 30-दिवसीय ऑनलाइन कोडिंग बूट कैम्प शुरू किया है और यह कैम्प एक से 30 अप्रैल, 2020 तक आयोजित होगा। कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण पूरे देश में लॉकडाउन के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। बूट कैंप का उद्देश्य नई इंजीनियरिंग प्रतिभाओं में मौजूद स्किल-गैप को दूर करना है और इसके लिए उन्हें उनके घरों में आराम से बैठे-बैठे ही इंडस्ट्री-रेलेवेंट कोडिंग स्किल्स से लैस करना है। ब्रिजलैब्ज ने शिक्षार्थियों को उनके घरों के आराम से बुनियादी कोडिंग में प्रवीणता स्तर तक सीखने में मदद करने के लिए बूट कैंप डिजाइन किया है। इस समय इस बूट कैंप के लिए ब्रिजलैब्ज छात्रों से बेहद मामूली शुल्क वसूल कर रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि बूट कैंप में बड़ी संख्या में छात्र भाग ले सके और ब्रिजलैब्ज की ही एल्युमनाई सदस्यों को एक्सटर्नल फेकल्टी के तौर पर जोड़ा जा सके। ब्रिजलैब्ज को भर्ती करने वाली कंपनियों से लाभ तभी हासिल होगा, जब किसी प्रतिभा को नौकरी मिलती है।  यह प्रतिभा के लिए नतीजोन्मुख होने की बेसिक फिलोसॉफी को ध्यान में रखते हुए तय

जोस्टल ने ट्रैवल और टूरिज्म बिजनेस कंपनियों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ

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नयी दिल्ली : दुनियाभर में यात्रा और पर्यटन पर कोरोनावायरस महामारी का प्रभाव बहुत अधिक है। भारत में औद्योगिक संगठन सीआईआई ने वर्तमान स्थिति को देश के पर्यटन उद्योग को प्रभावित करने वाले सबसे बड़े संकट की उपमा दी है। इसका अनुमान है कि अप्रैल-जुलाई की अवधि में भारत आने वाले और यहां से बाहर जाने वाले पर्यटन दोनों को 80-100% तक प्रभावित करेगा। सर्दियों की छुट्टियों में ट्रैवल सेंटिमेंट में 40-50% की गिरावट आने की संभावना है। वर्तमान में जब सबकुछ बाधित है, यदि यह कहा जाता है कि जो लोग आजीविका के लिए यात्रा मशीनरी पर निर्भर है वह इससे प्रभावित होगा, तो यह बहुत ही कम होगा। इस पृष्ठभूमि में कम्युनिटी-लेड, अनुभव-संचालित इकोसिस्टम जोस्टल ने संबंधित इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स तक पहुंचने की पहल की है। इनमें कैफे मालिक, एडवेंचर कंपनियां, वैकल्पिक आवास प्रदाता, प्रॉपर्टी मैनेजर, और फ्रैंचाइज़ी मालिक शामिल हैं। अपने इकोसिस्टम में शामिल होने के लिए उन्हें आमंत्रित कर जोस्टल का उद्देश्य पर्यटन पर पूरी तरह से निर्भर जमीनी स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ बिजनेस पार्टनर्स को संकट से उबारने में मदद करना है। इस

दिल्ली सरकार भूखों का रख रही है ध्यान

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मैगनेटिक एनर्जी के लिए बजाएं ताली

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कर्त्तव्य पर अडिग रहे

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  वि जय सिंह बिष्ट जीवन यात्रा के पल बृद्ध हैं हम अपंग, आंसुओं में पल रहे हैं। कंटकों में जीवन बिताया, नहीं वेदना भुला रहे हैं। सतपथ के अनुगामी रहे, अपने ही हमें, झुठला रहे हैं। कर्त्तव्य पर अडिग रहे, कर्त्तव्य च्युत बतला रहे हैं। सहायक बने मित्रता में, वे असहाय छोड़े जा रहे हैं। बदलाव की बयार है ये, जिन्हें आपात में था संभाला, वे सम्पन्न अब पीठ दिखला रहे हैं। पराये तो पराये ही रहे, अपने भी मुंह छिपा रहे हैं। स्वार्थ की बलवेदी पर, जब तक चढ़ते रहेंगे। आज हमको चढ़ा रहे हो, कल तुम भी चढ़ोगे। श्रृष्टि का ये कर्मफल है, एक हाथ से दोगे, दूजे से पाओगे। आशीष देते हैं तुम्हें, तुम न ये सफर करना। सीख कड़वी है मगर, पथ बिचलित कभी न होना।  

जहाँगीर पुरी में खाने के लिए लोगों में भगदड़

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