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ऊबर फ्रंटलाईन दिल्ली सरकार को देगा रु 75 लाख की निःशुल्क राईड्स

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ऊबर गैर-कोविड मरीज़ों के स्थानान्तरण के लिए दिल्ली सरकार को देगा निःशुल्क राईड्स। ऊबर ने 10 मिलियन निःशुल्क राईड्स उपलब्ध कराने की विश्वस्तरीय प्रतिबद्धता के साथ यह प्रस्ताव दिया है। ऊबरमेडिक कार पहले से 14 शहरों में 28 अस्पतालों के फ्रंटलाईन चिकित्सा कर्मियों को परिवहन सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं।  नई दिल्ली : ऊबर ने आज एमरजेन्सी सेवाओं के लिए दिल्ली सरकार को रु 75 लाख की निःशुल्क राईड्स का ऑफर दिया है, जिसके तहत ऊबर कोविड-19 के लिए ड्यूटी कर रहे सरकारी अधिकारियों, फ्रंटलाईन स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य ज़रूरी सेवा प्रदाताओं को परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इस ऑफर के तहत, ऊबर ने सेंट्रलाइज़्ड एम्बुलेन्स ट्रॉमा सर्विसेज़ (CATS) एम्बुलेन्स हेल्पलाईन के सहयोग से गैर-कोविड मरीज़ों के निशुल्क परिवहन के लिए 200 ऊबरमेडिक कार उपलब्ध कराने हेतु सरकार के साथ साझेदारी की है। ऊबर ने हाल ही में सीईओ दारा खोसरोशाही की घोषणा के मुताबिक निःशुल्क 10 मिलियन राईड्स और भोजन की डिलीवरी के लिए दिल्ली सरकार के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी पर बात करते हुए प्रभजीत सिंह, डायरेक्टर, ऑपरेशन्स एण्ड हैड ऑफ सिटीज़, ऊबर

घर घर जाकर राशन पंहुचा रही है टीम सौफिया : सुहैल सैफी

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नयी दिल्ली - उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके मे सौफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी व् हमदर्द लैबोरेट्रीज  मिलकर कोरोना वाइरस की महामारी से हुए लॉकडाउन के बाद देश भर में गरीबों,मज़दूर,झुग्गी झोंपड़ी वालों से लेकर रोजमर्रा के कामकाज लोगों के लिए कोरोना के अलावा भूख और राशन की समस्या भी किसी बड़ी आफत जैसी गुज़र रही है,लेकिन इस महामारी के दौर में बहुत सी स्वंयसेवी संस्थाओं ने गरीबों और ज़रूरतमन्द लोगों के लिए मदद का हाथ बढाया है। इन संस्थाओं की फेहरिस्त में हमदर्द संस्था भी शामिल है, हमदर्द लैबोरेट्रीज ने दिल्ली के अलग अलग इलाकों में तक़रीबन 500 राशन की किट्स ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया है,इस कार्य मे सौफिया ने हमदर्द संस्था के साथ मिल कर राशन की किट्स ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया है,इस राशन की किट् में तकरीबन एक महीने का राशन परिवारों तक पहुंचाया जा रहा है। इस राशन वितरण के कार्यक्रम को दिल्ली के अलग अलग इलाकों मे ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा रहा है,इन इलाकों में मुस्तफाबाद,विजय पार्क,भगीरथी विहार,चन्द्र नगर और नूर ए इलाही जैसे इलाकों में ज़रूरतमंद लोगों तक राशन पहु

कोरोना का डर हुआ रिश्ते दिये हैं तोड़

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सुषमा भंडारी भँवरे गुंजन कर रहे फूल रहे मुख मोड़ । कोरोना का डर हुआ रिश्ते दिये हैं तोड़। । बाग- बगीचे पूछते  क्यूँ धरती खामोश। टेसू और पलाश में क्यूँ फैला है रोष।। रंगों का मेला लगा फिर भी सब रंगहीन । बासन्ती खामोश है पवन हुई गमगीन।। भ्रमर न चूमे फूल को कोरोना भरमाय। संक्रमण की है घड़ी  कुछ भी समझ न आय।। मकरंद भी सूखा पडा भ्रमर पास न आय। मौसम के प्रतिकूल सब विपदा बढती जाय।। विपदा इतनी बढ़ गई  घर में हैं सब बंद। घर का राशन भी खत्म दूर हुआ आनंद। ।

लर्निंग और वर्क के लिए सुरक्षा के मामले में कारगर है

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नयी दिल्ली -कोरोना संकट के दौरान देश भर में लॉकडाउन की वजह से तकरीबन सभी कार्य ठप्‍प है। चाहे स्‍कूल हो या दफ्तर, हर जगह बंदी है। ऐसे में बच्‍चों की पढ़ाई और ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए GuruVw.com काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके एप के माध्‍यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लर्निंग से लेकर वर्क करना आसान होगा, वो भी अपने घरों में बैठकर। लॉक डाउन में स्‍कूल में सेशन लेट न हो इसके लिए ऑन लाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। ऐसे में GuruVw सेफ डिस्‍टेंसिंग के साथ बच्‍चों के बेहतर ऑप्‍शन है।  इस बारे में  विकास ने बताया कि  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर (फ्री) सीखने और पूरी सुरक्षित के साथ काम करने के लिए सक्षम है। हम शिक्षकों, व्यवसायों, परामर्शदाताओं, आर्ट वीडियो और डॉक्टरों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरण की ओर देश के तमाम राज्‍यों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। उन्‍होंने बताया‍ कि GuruVw को डाउनलोड करना आसान है। इसका उपयोग भी बेहद सरल और सहज है। इस एप के लिए GuruVw.com को क्लिक करना होगा। हमारी कोशिश है कि GuruVw लॉकडाउन संकट के बीच लोगों के आश्‍वयक कार्य को सरल बनाने का काम करें।

हर महिला के लिए देश भर में अभियान

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नई दिल्लीः जहां एक ओर दुनिया कोविद .19 से लड़ रही है, इस समय ;हाइजीन्इकद्ध प्रोडक्ट भी ज़रूरी हैं जो सुरक्षित रहने और स्वच्छता बनाए रखने में मदद करें। इस मुश्किल दौर में ज़रूरतमंद लोगों को भोजन और दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, साथ ही महिलाओं की ज़रूरतों को समझना भी ज़रूरी है। सैनिटरी नैपकिन हर महिला की मूल ज़रूरत है जो उन्हें ब्व्टप्क्.19 के दौरान साफ-सफाई रखने और इन्फेक्शन से बचने में मदद करती है, खासतौर पर इस ब्व्टप्क्.19 के दौर में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। आज पूरी दुनिया सदी के सबसे चुनौतीपूर्ण स्वास्थ्य संकट के दौर से गुज़र रही है। अधिकारी लोगों तक हर तरह की मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, ज़रूरतमंदों तक भोजन से लेकर मास्क और सैनिटाइज़र तक पहुंचाए जा रहे हैं।  महिलाओं को माहवारी के लिए हाइजीनिक प्रोडक्ट उपलब्ध कराने वाले भारतीय ब्राण्ड परी ने हर ज़रूरतमंद महिला तक सैनिटरी नैपकिन पहुंचने का फैसला लिया और अपने अभियान रुैीमथ्पतेज का लाॅन्च किया है, क्योंकि ब्राण्ड का मानना है कि सैनिटरी नैपकिन हर महिला के लिए ज़रूरी हैं रुच्ंके।तमम्ेेमदजपंस।  परी, ब्प्प्.प्ॅछ, रसोई आॅन व्हील्स, पंजाब प

शालीमार पेंट्स ने एसजीटी मेडिकल कॉलेज में पेंट दान किया

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नई दिल्ली : प्रतिष्ठित पेंट निर्माता शालीमार पेंट्स ने हाल ही में घोषणा की है कि वह गुड़गांव स्थित एक प्रमुख अस्पताल और अनुसंधान संस्थान एसजीटी मेडिकल कॉलेज को पेंट दान करेगी। यह घोषणा देश में कोरोनावायरस के प्रकोप से लड़ने में शालीमार पेंट्स की ओर से की जा रही मदद का एक हिस्सा है।  एसजीटी मेडिकल कॉलेज ने कोविड-19 रोगियों के लिए कई क्वारेंटाइन वार्ड बनाए हैं और वह मरीजों की सुरक्षा, स्वच्छता और उच्च-स्तरीय रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। एक जिम्मेदार ब्रांड के रूप में शालीमार पेंट्स ने कोरोनावायरस प्रसार के खिलाफ लड़ाई में अपने योगदान के रूप में अपने प्रोडक्ट्स दान करते हुए गुड़गांव-बेस्ड अस्पताल के लिए समर्थन का हाथ बढ़ाया है। एसजीटी मेडिकल कॉलेज के अलावा शालीमार पेंट्स ने लेमन ट्री और फर्न होटल्स को भी पेंट दान करने का वादा किया है, जो कोविड-19 रोगियों के लिए क्वारेंटाइन केंद्र के रूप में कमरे दे रहे हैं। 1902 में स्थापित शालीमार पेंट्स का इतिहास भारत में पेंट उद्योग का इतिहास भी है। कंपनी सजावटी पेंट और औद्योगिक कोटिंग्स के निर्माण और मार्केटिंग का कार्य करती है। डेकोरेटि

स्कूल बंद होने से ब्राइट ट्यूटी ऐप में छात्रों की 225% वृद्धि

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नयी दिल्ली . COVID-19 महामारी को रोकने के प्रयासों में देशभर के सभी सार्वजनिक और निजी संस्थानों, जैसे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों की पढ़ाई पूर्णतः स्थगित की जा चुकी हैं। इस  शैक्षिक व्यवधान को सुव्यवस्थित करने और छात्रों की स्कूली शिक्षा को नियमित बनाए रखने के लिए भारत के लोकप्रिय स्टडी प्लेटफॉर्म ब्राइट ट्यूटी ने अपनी कमर कस ली है। इस मुश्किल दौर में ब्राइट ट्यूटी द्वारा सभी छात्रों के लिए अध्ययन सामग्री और परीक्षा तैयारी किट मुफ्त प्रदान की जा रही है। राजस्थान, हरियाणा और नागालैंड के राज्य शिक्षा बोर्डों की ब्राइट ट्यूटी के साथ विशेष भागीदारी है। यह शिक्षण बोर्ड अपने सभी स्कूली छात्रों को लॉकडाउन के दौरान ब्राइट ट्यूटी ऐप से पढ़ने की सलाह दे रहे हैं। इस दौर में ब्राइट ट्यूटी की पहल व कार्यों को विभिन्न शैक्षिक बोर्ड के बीच खूब सराहा जा रहा है। प्रत्येक भारतीय छात्र को किफायती दरों पर विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के अपने मिशन में ब्राइट ट्यूटी (ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल) ने अपने उपयोगक्ता छात्रों की संख्या में 225% वृद्धि दर्ज की है। साथ ही इस मुश्किल दौर में छात्रों द्वारा हमारे ऐ

ड्रूम की पहली डिजिटल सेलर मीट

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 गुरुग्राम : भारत के सबसे बड़े और अग्रणी ऑनलाइन ऑटोमोबाइल लेन-देन बाज़ार ड्रूम ने हाल ही में अपने मासिक सेलर मीट की मेजबानी की - लेकिन इस बार डिजिटल ट्विस्ट देकर। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच यह मीट ऐसा पहला कार्यक्रम है जो पूरी तरह से वर्चुअल हुआ। लॉकडाउन के बावजूद ब्रांड का फोकस बिजनेस को सामान्य रूप से जारी रखने पर है और इस पर प्रकाश डालते हुए डिजिटल सेलर मीट में दिल्ली-एनसीआर और बैंगलोर के 40 डीलर्स को ज़ूम के जरिये जोड़ा गया। इस मीट के दौरान ड्रूम के संस्थापक और सीईओ संदीप अग्रवाल ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से विक्रेताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “समूची बिजनेस कम्युनिटी महामारी के प्रभावों को महसूस कर रही है। ऐसे कठिन समय में मुझे आशा है कि आप और आपके परिवार सुरक्षित हैं और सभी सावधानियों और सुरक्षा उपायों को अपना रहे हैं। ड्रूम विक्रेताओं के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आपकी बेहतर सेवा के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। हम आपके लिए कुछ यूनिक ऑफरिंग्स और सुझाव लेकर आए हैं और उस पर हमें आपके इनपुट्स की आवश्यकता होगी। कृपया अपने विचारों या सुझावों को साझा करने के लिए इस प्लेटफ

जापानी मशीन से किया जा रहा है सेनेटाइज़

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हम धोखे में थे-अगर इंसान अपनी टांग न अड़ाए

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ऐप पर डॉक्टर और रिपोर्टर कोरोना वायरस का मुकाबला करने में मदद करते दिखे

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नयी दिल्ली : देश में मौजूदा स्थिति के कारण, एक छोटे वीडियो मेकिंग प्लेटफॉर्म VMate, ने अपने उपयोगकर्ताओं के बीच कोविद -19 के बारे में अधिक जागरूकता पैदा कर रहा है।मंच ने हमेशा अलग-अलग व्यवसायों वाले लोगों की अपार भागीदारी को माना है जो कभी भी अपनी मज़ेदार और विचित्र सामग्री के साथ हमारा मनोरंजन करने में सफल रहे हैं। उनमें से कुछ डॉक्टर, चिकित्सा पेशेवरों और पत्रकारों ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए उपयोगकर्ताओं को कोविद -19 के आसपास प्रामाणिक समाचार और कल्पित कथा तोड़ना का जिम्मा लिया है। ये डॉक्टर और रिपोर्टर उपयोगकर्ताओं को अधिक जागरूक बनने के लिए प्रासंगिक जानकारी प्रदान कर रहे हैं और उन सभी सेनानियों के पीछे संघर्ष का प्रदर्शन करते हैं जो अभी भी सड़कों पर हैं जो महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में मदद कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 3 मई तक घोषित किए गए लॉकडाउन के विस्तार के साथ, जनता को शिक्षित करने और उन्हें बहुमूल्य प्रामाणिक समाचार देने के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हो गया है और साथ ही लॉकडाउन की इस अवधि के दौरान उन्हें वास्तविक परिदृश्य और लोगों की कहानियों

एमजी मोटर फ्रंटलाइन वॉरियर्स की सुरक्षित यात्रा के लिए 100 हेक्टर उपलब्ध कराएगा

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नई दिल्ली : कोविड-19 संकट के समय मदद का हाथ बढ़ाते हुए एमजी मोटर इंडिया ने मई-2020 के अंत तक देशभर में सामुदायिक सेवा के लिए डॉक्टरों, चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों, पुलिस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को 100 एमजी हेक्टर प्रदान करने का फैसला किया है। एमजी मोटर यूके ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पूरे ब्रिटेन में एनएचएस एजेंसियों को 100 एमजी जेडेस ईवी प्रदान करने का वचन दिया है। भारत में, कार निर्माता कोविड-19 के संकट को दूर करने के लिए राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करते हुए100 हेक्टयर नि: शुल्क प्रदान करेगा। सभी कारों को ईंधन और ड्राइवरों के साथ उबलब्ध कराया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करने के भारत के प्रयासों में संकट से लड़ रहे फ्रंटलाइन वॉरियर्स यानी डॉक्टर, चिकित्सा विभाग के कर्मचारी, पुलिस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकें। राज्य सरकार के नियमानुसार लॉकडाउन के दौरान एमजी के नेशनल नेटवर्क से कारों की आपूर्ति की जाएगी। कार निर्माता इन 100 हेक्टर को राष्ट्रीय सेवा के लिए तैनात करने के लिए हाल ही में शुरू की

नामी पत्रकार के साथ कोई वारदात या कोई दुर्व्यवहार हो जाता है तभी एकता की चर्चा क्यों होती है

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जब भी  किसी बड़े नामी पत्रकार, विशेषतः जब वह टी वी चैनलों  या किसी बड़े समाचार पत्र समूह से सम्बद्ध हो, के साथ कोई वारदात या अन्य कोई दुर्व्यवहार हो जाता है तभी पत्रकारों की अखिल भारतीय एकता की चर्चा क्यों होती है। सभी पत्रकार संगठन व नेता एकता और आन्दोलन का आह्वान करने लगते हैं । ये सभी लोग उस समय पता नहीं किस बिल में समाये रहते हैं जब किसी लघु अथवा मध्यम श्रेणी के आंचलिक समाचार पत्र या उसके किसी पत्रकार के साथ कोई दुर्व्यवहार या अनुचित दबाव की स्थिति हो जाती है। ऐसे समय में ये लोग पीड़ित पक्ष के साथ खड़े होने की अपेक्षा विरोध में खड़े नज़र आते हैं । यही नहीं बल्कि जो सुविधाएं मूलतः लघु श्रेणी के समाचार पत्रों के पत्रकारों के लिए राज्य व केन्द्र सरकारों द्वारा, इस बात को दृष्टिगत रखते हुए दी गईं थीं कि लघु समाचार-पत्रों का प्रबन्धन देने में सक्षम नहीं होता, उन्हें भी धीरे-धीरे बड़े पत्रकारों द्वारा लिया जाने लगा है । इतना ही नहीं कालान्तर में तो लघु व आंचलिक समाचार पत्रों के पत्रकारों के लिए इन सुविधाओं का लाभ दिये जाने के औचित्य पर ही उंगली उठाई जाने लगी है । अब जबकि लघु एवं मध्यम सम