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"भारतीय चेतना की अप्रतिम ऊर्जा है- वाल्मीकि का रचना संसार "

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सुरेखा शर्मा, लेखिका /समीक्षक पुस्तक --- वाल्मीकि का रचना संसार भाग-१ व भाग-२ लेखक - डाॅ• सत्यपाल शर्मा  प्रकाशक - समाज धर्म प्रकाशन (94,औद्योगिक क्षेत्र,                                                                      महतपुर-174315  जिला ऊना,हिमाचल प्रदेश ) प्रथम संस्करण : 2019.मूल्य -450/- रुपये मात्र    वाल्मीकि नारद से पूछते हैं कि इस लोक में कौन ऐसा महामानव है जिसे मैं अपने महाकाव्य का नायक बनाऊँ।इस पर नारद कहते हैं--              बहवो दुर्लभाश्चैव येत्वया कीर्तिता गुणा:।            मुने वक्ष्याम्ह्यं बुद्धवा तैर्युक्तः  श्रूयतां नरः।। अर्थात् उन दुर्लभ गुणों की खान एक महामानव का मैं विवरण देता हूँ जिनकी परिकल्पना आपने की है । इस प्रकार एक महामानव के रूप में श्रीराम   का आदर्श चरित्र रामायण का वर्ण्य है। रामायण में निबद्ध यह रामकथा इतनी अलौकिक सिद्ध हुई कि श्रीराम को परम पुरुष, ब्रह्म, घर --घर में व्यापी परमात्मा माना जाने  लगा ।  वरिष्ठ साहित्यकार डाक्टर सत्यपाल शर्मा साहित्यकारों व लेखकों की श्रेणी में शीर्ष स्थान रखते हैं। उन्होंने अपने बहुकृतिक साहित्य - सर्जन से जो दे

इतिहास लिख रहा है वर्तमान

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साहित्यकार / कवि अशोक लव  ●अवतरित हुआ  है मानवपिपासु बजा रहा है विश्व के कोने-कोने में  शोक संगीत, सोते जा रहे हैं चिरनिद्रा में  हज़ारों-हज़ार मानव ! ●युद्ध जारी है संघर्षरत है मानवता आशान्वित है मानवता  अंत होगा मानव से मानव को  संक्रमित करने वाले दानव का  विजयी होगी मानवता ! ●आते रहे हैं धरती पर  तारकासुर, महिषासुर, बकासुर, रक्तबीज, रावण  और न जाने कितने-कितने मायावी, करते रहे हैं संहार मानवता का  उन्होंने भी सुला दिया था  असंख्य मानवों को चिरनिद्रा में और इतिहास साक्षी है  हो गया था अंत उनका भी एक दिन ! ●वर्तमान भी रच रहा है इतिहास  संघर्षरत है वर्तमान मनावपिपासु कितना ही क्रूर है  रूप बदल-बदलकर डस रहा है  कर रहा है संहार  अंत इसका भी सुनिश्चित है  विजयी होगा मानव  विजयी होगी मानवता  अवश्यम्भावी ! अवश्यम्भावी !!●

Delhi CM Kejriwal का सभी के लिए बड़ा संदेश

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स्वस्थ रहें सतर्क रहें

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ऊबर फ्रंटलाईन दिल्ली सरकार को देगा रु 75 लाख की निःशुल्क राईड्स

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ऊबर गैर-कोविड मरीज़ों के स्थानान्तरण के लिए दिल्ली सरकार को देगा निःशुल्क राईड्स। ऊबर ने 10 मिलियन निःशुल्क राईड्स उपलब्ध कराने की विश्वस्तरीय प्रतिबद्धता के साथ यह प्रस्ताव दिया है। ऊबरमेडिक कार पहले से 14 शहरों में 28 अस्पतालों के फ्रंटलाईन चिकित्सा कर्मियों को परिवहन सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं।  नई दिल्ली : ऊबर ने आज एमरजेन्सी सेवाओं के लिए दिल्ली सरकार को रु 75 लाख की निःशुल्क राईड्स का ऑफर दिया है, जिसके तहत ऊबर कोविड-19 के लिए ड्यूटी कर रहे सरकारी अधिकारियों, फ्रंटलाईन स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य ज़रूरी सेवा प्रदाताओं को परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इस ऑफर के तहत, ऊबर ने सेंट्रलाइज़्ड एम्बुलेन्स ट्रॉमा सर्विसेज़ (CATS) एम्बुलेन्स हेल्पलाईन के सहयोग से गैर-कोविड मरीज़ों के निशुल्क परिवहन के लिए 200 ऊबरमेडिक कार उपलब्ध कराने हेतु सरकार के साथ साझेदारी की है। ऊबर ने हाल ही में सीईओ दारा खोसरोशाही की घोषणा के मुताबिक निःशुल्क 10 मिलियन राईड्स और भोजन की डिलीवरी के लिए दिल्ली सरकार के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी पर बात करते हुए प्रभजीत सिंह, डायरेक्टर, ऑपरेशन्स एण्ड हैड ऑफ सिटीज़, ऊबर

घर घर जाकर राशन पंहुचा रही है टीम सौफिया : सुहैल सैफी

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नयी दिल्ली - उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके मे सौफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी व् हमदर्द लैबोरेट्रीज  मिलकर कोरोना वाइरस की महामारी से हुए लॉकडाउन के बाद देश भर में गरीबों,मज़दूर,झुग्गी झोंपड़ी वालों से लेकर रोजमर्रा के कामकाज लोगों के लिए कोरोना के अलावा भूख और राशन की समस्या भी किसी बड़ी आफत जैसी गुज़र रही है,लेकिन इस महामारी के दौर में बहुत सी स्वंयसेवी संस्थाओं ने गरीबों और ज़रूरतमन्द लोगों के लिए मदद का हाथ बढाया है। इन संस्थाओं की फेहरिस्त में हमदर्द संस्था भी शामिल है, हमदर्द लैबोरेट्रीज ने दिल्ली के अलग अलग इलाकों में तक़रीबन 500 राशन की किट्स ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया है,इस कार्य मे सौफिया ने हमदर्द संस्था के साथ मिल कर राशन की किट्स ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया है,इस राशन की किट् में तकरीबन एक महीने का राशन परिवारों तक पहुंचाया जा रहा है। इस राशन वितरण के कार्यक्रम को दिल्ली के अलग अलग इलाकों मे ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा रहा है,इन इलाकों में मुस्तफाबाद,विजय पार्क,भगीरथी विहार,चन्द्र नगर और नूर ए इलाही जैसे इलाकों में ज़रूरतमंद लोगों तक राशन पहु

कोरोना का डर हुआ रिश्ते दिये हैं तोड़

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सुषमा भंडारी भँवरे गुंजन कर रहे फूल रहे मुख मोड़ । कोरोना का डर हुआ रिश्ते दिये हैं तोड़। । बाग- बगीचे पूछते  क्यूँ धरती खामोश। टेसू और पलाश में क्यूँ फैला है रोष।। रंगों का मेला लगा फिर भी सब रंगहीन । बासन्ती खामोश है पवन हुई गमगीन।। भ्रमर न चूमे फूल को कोरोना भरमाय। संक्रमण की है घड़ी  कुछ भी समझ न आय।। मकरंद भी सूखा पडा भ्रमर पास न आय। मौसम के प्रतिकूल सब विपदा बढती जाय।। विपदा इतनी बढ़ गई  घर में हैं सब बंद। घर का राशन भी खत्म दूर हुआ आनंद। ।