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बिहार आज आएगी 12 और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

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पटना - भारतीय रेल एक मई से अब तक 67 श्रमिक विशेष ट्रेनें चला चुका है, जिनमें करीब 67 हजार श्रमिक यात्रा कर चुके हैं। रेलवे के अनुसार चार मई तक 55 ट्रेनें चलाई जा चुकी थीं । मंगलवार को 21 ट्रेन चलाई गई, जो मुख्य रूप से बेंगलुरू, सूरत, साबरमती, जालंधनर, कोटा, एर्णाकुलम से रवाना हुई। हर ट्रेन में औसतन एक हजार यात्री सवारी कर रह हैं। बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि बुधवार को 12 ट्रेनें पहुंच रही हैं।  कहा कि अगले कुछ दिनों में 60 ट्रेनें खुलने के तैयार हैं, जिसकी सूचना मिल चुकी है। प्रखंड स्तरीय क्वारटाइन सेंटर के लिए 2900 भवन चिह्नित कर लिये गए हैं, जहां पर बाहर से आनेवाले लोगों को रखना है। बाहर रहने वाले 19 लाख 16 हजार लोगों के खाते में मुख्यमंत्री सहायता के रूप में एक-एक हजार की राशि भेज दी गई है। राज्य के अंदर 201 आपदा राहत केंद्र अभी चल रहे हैं, जहां पर 62774  लोग रह रहे हैं। इस मौके पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले वाहनों से अभी तक 13 करोड़ की वसूली की गई है

बनियापुर कोरोना संक्रमण तथा सोशल डिस्टेंटिंग को ले कर काफी जागरूकता है

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बिहार - बनियापुर छपरा विधानसभा श्चैत्र में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लोग काफी सतर्क हैं। पूरे ब्लॉक में  बैंक या किसी भी चौराहे का नजारा देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों में कोरोना संक्रमण तथा सोशल डिस्टेंटिंग को ले कर काफी जागरूकता हैं।  बनियापुर ब्लॉक ऑफिस में भी कोरोना संक्रमण को लेकर काफी सजगता से काम लिया जा रहा है और सोशल डिस्टेंटिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। यहां ऑफिस का स्टाफ काम करने आ रहे हैं कोरोना संक्रमण को लेकर पदाधिकारियों को ब्लॉक ऑफिस स्टाफ कैसे सतर्क रहें बातों को ध्यान देने के लिए कहा गया  है।  प्रखंड विकास पदाधिकारी सुदामा प्रसाद सिंह की पहल पर जागरूकता अभियान समय-समय पर चलाया जा रहा है सैनिटाइरतथा मास्क  आदि का वितरण व यहां के लोगों को किसी प्रकार का कोई दिक्कत ना हो इसके प्रति सेमिनार का आयोजन समय-समय पर होता रहता है। मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा राशन कार्ड जिन व्यक्ति के पास नहीं है जीविका के माध्यम से उनका राशन कार्ड मुहैया कराया जाएगा ताकि इस महामारी के दौर में उन्हें भी राशन मिले बिहार सरकार के पहल पर यहां पर सैनिटाइजर आदि का छिड़काव किया जा रहा

83% छात्रों का कहना है कि ‘जलवायु परिवर्तन वास्तविक

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नयी दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म ब्रेनली ने अर्थ डे पर अपने भारतीय यूजर-बेस में सर्वेक्षण किया है। इस वर्ष कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में अर्थ डे पर इस सर्वे में छोटे व मध्यम आकार से लेकर महानगरों के 2963 प्रतिभागियों ने जवाब दिए, जिनमें ज्यादातर महानगरों से थे। कोरोनोवायरस की पृष्ठभूमि में अर्थ डे पर कराए गए सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों में से एक है- 83.9% छात्रों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक है। फिर भी केवल 40.7% ने कहा कि यदि मौका मिले तो वे पर्यावरणीय मुद्दों पर एक ऑनलाइन सेशन में भाग लेना चाहते हैं। 71.2% छात्रों ने कहा कि उनकी रुचि पहले से ही जलवायु परिवर्तन के बारे में जानने में है और उनमें से 46% ने कहा कि वे अपने दम पर पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के बारे में शोध कर रहे हैं। इसके अलावा, 38.4% का कहना है कि वे टीवी के माध्यम से जागरूक हुए, 16.9% प्रिंट मीडिया के माध्यम से और 60.4% स्कूल में जागरुक हुए। हालांकि, वे यह भी महसूस करते हैं कि स्कूल में जागरूकता में सुधार की काफी गुंजाइश है। हालांकि, सिर्फ 57.5% ने कहा उन्हें 'स्कूल में पर्

मदान फाउंडेशन जरूरतमंदों को भोजन,जरूरी सामान और हास्पिटलों में पीपीई वितरित कर रही है

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नयी दिल्ली , कोरोना वायरस के देश में बढ़ते आंकड़े जहां लोगों को डरा रहे हैं, वहीं इस बिमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी सभी को हौसला दे रही है। इससे लड़ने के लिए जहां देश की केंद्र सकरार और राज्य सरकारों द्वारा बेहतरीन कार्य किया जा रहा है वहीं सरकारी प्रयासों के अलावा भी बहुत से प्रसास किये जा रहे हैं। इसमें देश के युवा उद्यमी आगे आ रहे है और अपना अहम योगदान दे रहे हैं। ऐसे ही युवा उद्यमियों में से एक हैं, भुपिंदर मदान जो अपने मदान फाउंडेशन के जरिए इस महामारी के दौरान जरूरत की चीजें जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं।  मदान फाउंडेशन आगे कदम बढ़ाते हुए जरूरतमंदों के लिए भोजन, जरूरी सामान और विभिन्न हास्पिटलों में कोविड के योद्धाओं को पीपीई वितरित कर रही है। इसके साथ ही उन संस्थाओं को भी आर्थिक सहायता दे रही है जो सेवा भाव से लोगों की सहायता कर रहे हैं। इसके तहत दिल्ली स्थित सिख गुरुदारा प्रबंधक समीति को रुपये 1 लाख का दान और ग्लोबल केयर आर्गनाइजेशन को रुपये 5 लाख का दान दिया। तमिलनाडु के तिरुपुर में 5 लाख दैनिक मजदूर मजदूर रहते है, यहां उनकी समस्या को देखते हुए उनके लिए चादर, कंबल और 20

ऊबरमेडिक कारे 19 शहरों में 30 अस्पतालों के फ्रंटलाईन चिकित्सा कर्मियों को फ्री परिवहन सेवाएं

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नई दिल्ली :ऊबर ने नई दिल्ली के दो और सार्वजनिक अस्पतालों, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और कलावती सरन चिल्ड्रन हॉस्पिटल के फ्रंटलाईन स्वास्थ्यसेवा कर्मियों के परिवहन के लिए अपनी निःशुल्क ऊबरमेडिक सेवा का विस्तार किया है। यह प्रस्ताव सरकार द्वारा राजधानी में प्रतिबंधित परिवहन के आदेश के ठीक बाद दिया गया है, गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली को रैड ज़ोन में रखा गया है। नई दिल्ली के कई अग्रणी सार्वजनिक अस्पताल जैसे सर गंगा राम अस्पताल, डॉ राम मनोहर लोहिया अस्प्ताल, सफदरजंग अस्पताल पहले से ऊबरमेडिक सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। सेवाओं के बारे में बात करते प्रभजीत सिंह, डायरेक्टर, ऑपरेशन्स एवं हैड ऑफ सिटीज़, ऊबर इण्डिया एण्ड साउथ एशिया ने कहा, ‘‘सरकार कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अथक प्रयास कर रही है, ऐसे में यह साझेदारी भारत को महामारी से जीत हासिल करने की दिशा में हमारी ओर से एक योगदान है। ऊबर में हम स्वास्थ्यसेवा कर्मियों को सलाम करते हैं, जो अपने जीवन को जोखिम में डालर कर दूसरों का जीवन बचा रहे हैं। हम ऊबरमेडिक ड्राइवरों के प्रति भी आभारी हैं जो इन फ्रंटलाईन स्वस्थ्य कर्मियों को अस्पताल आ

वोल्टास हमेशा राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहा है

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नयी दिल्ली - अपने विशेष प्रयासों के तहत वोल्टास ने आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करना जारी रखते हुए कर्मचारियों के विकास और उन्हें कोविड-19 में सुरक्षित और स्वस्थ रहते हुए काम कर पाने के लिए मेडिकल सुविधाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है।  विभिन्न अस्पतालों, डेरी और ब्लड बैंकों के कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स, ऊर्जा वितरण केंद्रों आदि की एचवीएसी प्रणालियों की रखरखाव में यह कंपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वोल्टास द्वारा स्मार्ट वेंटिलेशन सुविधाओं को इस्तेमाल करते हुए वर्तमान मेडिकल सुविधाओं जैसे एम्स, भटिंडा और गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सामान्य वार्डस को कोविड-19 आइसोलेशन वार्डस में परिवर्तित करने में मदद की जा रही है। इसमें टेस्ट्स सेंटर्स निर्माण करने से लेकर अस्पतालों और जीवन-रक्षक दवाइयां बनाने वाली फार्मास्युटिकल कंपनियों में चिलर्स के भविष्यसूचक रखरखाव तक कई काम शामिल हैं जो करोड़ों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं। कोयंबटूर में वोल्टास ने कोविड-19 के प्रकोप को रोकने में राज्य की मदद के लिए कोवई मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक टेस्ट सेंटर बनाया है। पहले यह सेंटर

रोज़ा रख कर भी की जा रही है राशन की होम डिलीवरी

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नयी दिल्ली -उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके मे सौफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी व् हमदर्द नेशनल फाउंडेशन  मिलकर कोरोना वाइरस की महामारी से हुए लॉकडाउन के बाद देश भर में गरीबों,मज़दूर,झुग्गी झोंपड़ी वालों से लेकर रोजमर्रा के कामकाज लोगों के लिए कोरोना के अलावा भूख और राशन की समस्या भी किसी बड़ी आफत जैसी गुज़र रही है,लेकिन इस महामारी के दौर में बहुत सी स्वंयसेवी संस्थाओं ने गरीबों और ज़रूरतमन्द लोगों के लिए मदद का हाथ बढाया है। इन संस्थाओं की फेहरिस्त में हमदर्द नेशनल फाउंडेशन भी शामिल है, हमदर्द नेशनल फाउंडेशन ने सौफिया  संस्था के साथ मिलकर  उत्तर पूर्वी   दिल्ली के अलग अलग इलाकों में तक़रीबन 200 राशन की किट्स ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया है ,इस राशन की किट् में तकरीबन एक महीने का राशन परिवारों तक पहुंचाया जा रहा है। सौफिया  के द्वारा अभी तक तक़रीबन 6500 परिवारों तक राशन पहुंचाया जा चुका है इस लॉकडाउन ने न सिर्फ उनके रोज़गार को उनसे छीन कर राशन और खाने तक की समस्या को भी बढ़ा दिया है,लेकिन इन हालात में भी सामाजिक संस्थाओं ने अपना भरपूर सहयोग देते हुए गरीब मज़दूरों की समस्याओं