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डिजिटल कृषि-लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एग्रीबाजार पर किसानों को रजिस्ट्रेशन फी से मुक्ति

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●        यह ऐप पर किसानों के रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के लिए किए जा रहे कंपनी के प्रयासों का हिस्सा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खरीदार और विक्रेता अपने घरों से सुरक्षित लेन-देन कर सकें। ●        एग्रीबाजार का लक्ष्य अपने ऐप के माध्यम से किसानों तक पहुंचकर लॉजिस्टिक की अड़चनों को दूर करना है; ग्राउंड टीम खेत के उत्पादन के लिए लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करती है। ●        एग्रीबाजार लगभग 10,000 व्यापारियों और प्रोसेसर्स, 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 2 लाख से अधिक किसानों के नेटवर्क के साथ 100 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ता है भारत की प्रमुख ऑनलाइन एग्री-ट्रेडिंग कंपनी एग्रीबाजार ने कोविड-19 लॉकडाउन अवधि में अपने प्लेटफॉर्म पर किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन फी की छूट की घोषणा की है। यह ऑफर सीमित अवधि के लिए है। इसके जरिये यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी कृषि उपज बर्बाद न हो और एग्री-सप्लाई चेन की दिक्कतों को कम किया जा सके। ताकि किसान और खरीदार अपने घरों पर सुरक्षित रहकर शारीरिक दूरी रखते हुए व्यापार कर सके। 2016 में स्थापना के बाद से ऐप ने 14,000 करोड़ रुपए की जीएमवी

सुरक्षा एवं स्वच्छता के लिए योगदान देने की योजना बना रहा है जेएसडब्ल्यू पेंट्स

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मुंबई : जेएसडब्ल्यू पेंट्स, जो भारत के नए ज़माने की पेंट्स कंपनी है तथा 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर के जेएसडब्ल्यू ग्रुप का हिस्सा है, घरेलू बाजारों में अपने हैंड सैनिटाइज़र को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अपने उपभोक्ताओं की सुरक्षा एवं स्वच्छता के लिए विचारशील तरीकों से योगदान देना कंपनी की प्रतिबद्धता रही है, और यह उत्पाद भी इसी विचारधारा का एक हिस्सा है। जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने इस उत्पाद के निर्माण तथा देश के सभी बाजारों में विपणन के लिए आवश्यक सभी वैधानिक स्वीकृति, अनुमतियां और लाइसेंस प्राप्त किए हैं। उम्मीद है कि, मई 2020 में कंपनी का हैंड सैनिटाइज़र ब्रांड, सिक्योरऑल विपणन के लिए पूरी तरह तैयार होगा। लंबी बीमारियों एवं संक्रामक रोगों की बढ़ती घटनाओं के कारण भारत में हैंड सैनिटाइज़र की मांग लगातार बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब संक्रामक रोग भी पूरी दुनिया में होने वाली मौतों के शीर्ष 10 कारणों की सूची में शामिल हो गए हैं। घर को पेंट करने की प्रक्रिया में कई तरह की सामग्री एवं लोगों की काफी आवाजाही होती है, जिससे संक्रमण की संभावना और बढ़ जाती है। घर-परिवार के लिए पूरी तरह

गाँवों में हीं तलाशने होंगे रोजी-रोजगार के साधन- मुखिया संगम बाबा

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बिहार ,पानापुर/ इसुआपुर ( सारण ) :- पानापुर प्रखंड के बेलऊर पंचायत के पिपरा गाँव के दलित बस्ती और अति पिछङा टोलों में जरुरतमंदो के बीच मुखिया संगम बाबा ने कच्चा राशन-सब्जी-दाल के पैकेट का वितरण किया ।  पिपरा गाँव के सैकड़ों जरुरतमंदो व असहायों के बीच संगम बाबा ने राहत सामग्री बाँटा । संगम बाबा ने बताया की कोरोना को लेकर रोजी-रोजगार बंद हो जाने से मजदूरों को आर्थिक तंगी से गुजरना पङ रहा है अब इन्हें अपने परिवार को चलाने के लिये गाँवों में हीं रोजगार के साधन ढूंढ़ने होंगे । वहीं इसुआपुर प्रखंड के अचीतपुर, श्यामपुर शिवदियरी और इसुआपुर हाईस्कूल में बनाये गये क्वारंटाईन सेन्टरों पर भी मुखिया संगम बाबा ने प्रवासियों के बीच बिस्किट, साबून-मास्क बाँटे । मौके पर पिपरा गाँव में अनूप सिंह, रवि सिंह, रंजन कुमार, अजय राय, बबलू राम, दिपक सिंह, भरत राय, हीरालाल प्रसाद, राहुल सिंह, विजय साह, बिट्टू राम, सनोज राम, संतोष राम मौजूद थे ।

लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था ने कठिनाइयों को स्पष्ट रूप से जन्म दिया

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नयी दिल्ली - प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग। लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था ने कठिनाइयों को स्पष्ट रूप से जन्म दिया है और इसका नतीजा बेरोजगारी की उच्च दर के तौर पर सामने आया है। देश लॉकडाउन के उपायों को हटाने और सामान्य स्थिति में लौटने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में कोरोनावायरस की दूसरी और अधिक घातक लहर पर चिंता बन रही है। सोना अमेरिकी फेडरल रिजर्व के पूर्वानुमान की तुलना में रिकवरी अवधि अधिक होने के आकलन के आधार पर नई प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा के बाद बुधवार को स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.77 प्रतिशत बढ़कर 1715.3 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुईं।अमेरिका में बड़ी संख्या में बेरोजगार श्रमिक बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं और फेड ने इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए साधनों की एक कड़ी बनाने की घोषणा की है। अगले कुछ महीनों के लिए ब्याज दरें कम रहने की उम्मीद है और यह पीली धातु की कीमतों को आगे सपोर्ट कर सकती है। कई देशों ने व्यापक आर्थिक पैकेजों की घोषणा की है और इसके अलावा महामारी की प्रत्याशित दूसरी लहर ने सोने की कीमत को बढ़ा दिया। चांदी  स्पॉट सिल्वर की कीमतें 1.49

ऊबर ने नया सेफ्टी टेक फीचर एवं अनिवार्य ड्राईवर प्रशिक्षण शुरू करके सुरक्षा के स्तर बढ़ाए

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नयी दिल्ली । राईडर्स एवं ड्राईवर्स के सुरक्षा स्टैंडर्ड मजबतू करने के लिए ऊबर ड्राईवर्स को लाखों पीपीई किट्स का वितरण किया जा रहा है और उनके लिए एक सेफ्टी  अवेयरनेस एजुकेशन वीडियो प्रस्तुत किया गया है। ऊबर के नए इन-एपे सेफ्टी फीचर से ड्राईवर्स को एक निश्चित संख्या मे ट्रिप्स पूरी कर लेने के बाद अपनी पीपीई सप्लाई को पुनः एकत्रित करने की सुविधाजनक पिकअप प्वाईंट्स की सूची दी जाएगी तथा जब वो अपने लिए सुविधाजनक प्वाईंट चुन लेंगे, तब उन्हे एक क्यूआर कोड मिलेगा। पिकअप के स्थान पर एक ऊबर कार्यकर्ता इस क्यूआर कोड को स्कैन करेगा तथा पीपीई सप्लाई ड्राईवर को दे देगा। ऊबर ने 3 मिलियन से ज्यादा तीन-प्लाई फेस मास्क, 1.2 मिलियन शॉवर कैप, 200,000 बोतल डिसइन्फैक्टेंट एवं 200,000 बोतल सैनिटाईज़र्स मंगाए हैं, जो भारत मे ड्राईवर पार्टनर्स को निशुल्क दिए जायेंगे। यदि ड्राईवर आवश्यक पीपीई खुद मंगाना चाहते हैं, तो ऊबर उन्हें उसकी लागत लौटा देगा। पीपीई किट्स का वितरण ग्रीन एव ऑरेंज ज़ोन्स में लॉकडाऊन में रिलैक्सेशन दिए जाने के साथ ही प्रारंभ कर दिया गया था।  अपने सुरक्षा अभियानो के तहत, ऊबर ने ड्राईवर पार्टनर्स

हरियाणा में दिसंबर 2022 तक ग्रामीण परिवारों को 100 प्रतिशत पानी का नल कनेक्शन देने का लक्ष्य

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केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि कोविड-19 के मौजदा हालात में  प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन प्रदान किया जाए, ताकि ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक स्थलों से पानी लाने के लिए बड़ी कतार में खड़े होने की कठिनाई से न गुजरना पड़े। । सरकार चाहती है कि ग्रामीण समुदाय कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रहे और समाज के गरीब और वंचित तबकों को उनके घर परिसर के अंदर नल कनेक्शन के माध्यम से पानी की आपूर्ति उपलब्ध हो जाए जिससे सामाजिक दूरियों के नियम का पालन करते हुए उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर पानी लाने जाने से रोका जा सके।  राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल से संबंधित कार्य करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं ताकि ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो सकें। हरियाणा में दिसंबर 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पाइप लाइन के जरिए नल का पानी पहुंचाने की तैयारी हो रही है। राज्य ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत 2019-20 में 1.05 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। अब राज्य सरकार 2024-25 के लिए निर्धा

जब बात वाइब्रंट स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था विकसित करने की होती है तो सरकार के पास दृष्टिकोण की कमी साफ़ नजर आती है

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नयी दिल्ली - वे देश का गौरव हैं और $ 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सरकार फिर दोहरा सकती है कि डेमोग्राफिक डिविडेंड एनर्जी सफलता के स्तंभों में से एक है, लेकिन क्या हम यह घोषणा कर रहे हैं कि सिलिकॉन वैली और ग्रेटर बे एरिया (हांगकांग / चीन) की तरह सफल स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनाया जाए? वेंचर कैटेलिस्ट्स के सह-संस्थापक और 9यूनीकॉर्न्स एक्सीलेटर फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.अपूर्व रंजन शर्मा की ओर से इकोनॉमी फंड पर -  "प्रधानमंत्री द्वारा घोषित $ 266 बिलियन (20 लाख करोड़ रुपये) महामारी पैकेज एक प्रशंसनीय कदम है। यह भारत की जीडीपी का लगभग 10% है जो कि घातक कोविड-19 वायरस की वजह से पस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। पीएम मोदी ने स्पष्ट संकेत दिया है। इस राशि का उपयोग छोटे व्यवसायों की मदद के लिए किया जाएगा, लेकिन इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम, जिसका वायरस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, को इससे लाभ होगा।  यह समझा जाता है कि राजकोषीय प्रोत्साहन का बड़ा हिस्सा मजदूरों, मध्यम वर्ग और एसएमई को

ग्राम सभा लोदली क्षेत्र के बीरोंखाल में सुरक्षा कवच वितरण

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उत्तराखण्ड  - वेदीखाल _ग्राम सभा लोदली जनपद पौड़ी गढ़वाल में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा ग्राम सभाओं में सैनिटाइजर एवं मास्क वितरण कार्यक्रम ग्राम सभा प्रधान सुरेन्द्र सिंह बिष्ट एवं उनके सहयोगी वार्ड सदस्यों द्वारा ग्राम वासियों में वितरित किए गए कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी आवश्यक पहलुओं पर  शिशुपाल सिंह बिष्ट अध्यापक जो बाहर से आने वाले लोगों को क्वारनटाइन क्षेत्र में रहने की व्यवस्था कर रहे हैं सविस्तार समझाया, ताकि गांव में कोरोना का प्रवेषनिशेध किया जा सके। इस सराहनीय कार्य के लिए सभी जन प्रतिनिधि एवं जन सेवक बधाई के पात्र हैं। जनपद पौड़ी गढ़वाल इस कार्य में अग्रगण्य भूमिका निभा रहा है। 

बाजारों ने इंट्रा-डे में कमाया लाभ आखिरी घंटे में गंवाया

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नयी दिल्ली -  कारोबारी सत्र में मुनाफावसूली से बाजार निगेटिव नोट पर बंद हुआ। इंट्रा-डे ट्रेड्स के अंतिम घंटों में बेंचमार्क सूचकांक मामूली नुकसान के साथ समाप्त हुए और उन्होंने इंट्रा-डे में कमाया लाभ गंवा दिया। सेंसेक्स 81.48 या 0.26% की गिरावट के साथ 31561.22 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 12.30 अंकों या 0.13% की गिरावट के साथ 9239.20 पर बंद हुआ। ऑटो सेक्टर में मजबूत तेजी का रुख दिखा, जिससे इंट्रा-डे ट्रेड में निफ्टी ऑटो इंडेक्स 4% चढ़ गया। कारोबारी सत्र के दौरान 1084 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि 1280 शेयरों ने नुकसान दर्ज किया और 186 शेयर अपरिवर्तित रहे। अमर देव सिंह, हेड एडवायजरी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड ऑटोमोबाइल क्षेत्र में, हीरो मोटोकॉर्प निफ्टी-50 इंडेक्स में 6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,082 रुपये पर बंद होकर टॉप पर रहा, जबकि टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो और मारुति सुजुकी भी पॉजीटिव नोट पर बंद हुए। अन्य शेयर जिन्होंने लाभ कमाया उनमें भारती इंफ्राटेल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और वेदांता शामिल थे। बैंकिंग क्षेत्र और निफ्टी बैंक के लिए बुरी खबरें जारी रहीं और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेस 1.5 प्रतिशत

बिचौलिए जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुँचने नहीं दे रहे

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लाखों करोड़ के पैकेज में मज़दूरों के लिए क्या है

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‘लोकल उत्पादों’ का प्रचार करने और उन्हें ‘वैश्विक’ बनाने का समय है: प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने महामारी से जूझते हुए अपनी जान गंवा देने वाले लोगों को स्‍मरण करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण जो संकट उभर कर सामने आया है, वह अप्रत्‍याशित है, लेकिन इस लड़ाई में हमें न केवल अपनी रक्षा करने की जरूरत है, बल्कि निरंतर आगे भी बढ़ते रहना होगा। कोविड काल से पहले और बाद की दुनिया का उल्‍लेख करते हुए कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के सपने को पूरा करने के लिए यह सुनिश्चित करते हुए आगे बढ़ना है कि देश आत्मनिर्भर हो जाए। संकट को एक अवसर में बदलने की बात कहते हुए उन्होंने पीपीई किट और एन-95 मास्क का उदाहरण दिया, जिनका भारत में उत्पादन लगभग नगण्य से बढ़कर 2-2 लाख पीस प्रतिदिन के उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमंडलीकृत दुनिया में आत्मनिर्भरता के मायने बदल गए हैं। जब भारत आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो वह आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया को एक परिवार के रूप में मानती है, और भारत की प्रगति में हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया को भरोसा है कि संपूर्ण

निहार शांति आंवला ने भारत के ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए नि:शुल्‍क शैक्षणिक पाठ्यक्रम उपलब्‍ध कराया

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नयी दिल्ली :  बच्‍चों की शिक्षा हमारे देश की प्रगति की आधारशिला है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए - इस धारणा को ध्‍यान में रखते हुए , निहार शांति आंवला ने कोविड-19 विशेष अभियान की घोषणा की है। इस अभियान को ' पढ़ाई पर लॉकडाउन नहीं ' का नाम दिया गया है।  इस पहल के तहत , निहार शांति आंवला द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनके ' फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ ' प्रोग्राम के जरिए छात्र अपने घरों पर रहते हुए भी अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रख सकें। उक्‍त प्रोग्राम पिछले वर्ष शुरू किया गया था। ब्रांड ने पाठशालाफनवाला एप्‍प के जरिए वर्चुअल क्‍लासेज भी उपलब्‍ध कराया है। इस एप्‍प को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।  ' फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ ' प्रोग्राम के जरिए , ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्‍चे अंग्रेजी बोलना सीखते हैं और इसका अभ्‍यास करते हैं। छात्र , टोलफ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं और शहर में रहने वाले किसी बड़े व्‍यक्ति (वालंटियर) की मदद से फोन पर बातचीत के जरिए अपने अंग्रेजी मॉड्युल्‍स जारी रख सकते हैं। मौजूदा स्थिति में जहां लोग घर